बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 मई। चाइल्ड हेल्पलाइन, जिला बाल संरक्षण इकाई व महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रुकवाने की कार्रवाई की। दरअसल ग्राम कठिया, तहसील बेरला के एक बालक का बाल विवाह कराए जाने की जानकारी पर मुस्तैदी के साथ कार्रवाई की गई। परिजनों को कानून के अनुसार विवाह योग्य उम्र होने पर शादी करने की समझाइश दी गई, जिस पर परिवार ने अपनी सहमति दी।
ज्ञात हो कि चाइल्ड हेल्प लाइन, जिला बाल संरक्षण इर्का व महिाल एवं बाल विकास विभाग की टीम को ग्राम कठिया में यदु परिवार में बालक का बाल विवाह कराने की जानकारी मिली। इस पर तत्परता दिखाते हुए पुलिस के साथ मिलकर शादी रुकवाई गई। बालक का विवाह ग्राम झुलना में यदु परिवार की लडक़ी से होने जा रहा था। टीम ने बालक के परिजनों को कानून के मुताबिक निर्धारित आयु पूर्ण होने के बाद ही विवाह करने की समझाइश दी, जिस पर परिवार ने अफनी सहमति दी और विवाह कार्यक्रम स्थगित कर दिया। परिजनों ने कहा कि उन्हें मालूम नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत 18 वर्ष से कम आयु की बालिका व 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।
बाल विवाह करना अपराध, हो सकती है सजा
टीम ने परिजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है। बाल विवाह कराने वाले सभी सेवा प्रदाताओं पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है तो उसे भी 2 वर्ष तक का कठोर कारावास या एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है।


