बेमेतरा
ओलावृष्टि भी हुई, किसानों को सता रही कटी हुई फसलों की चिंता
बेमेतरा, 12 मई। जिले में शनिवार की शाम तेज आंधी-तूफान के बाद मौसम का मिजाज बदला। ओलावृष्टि बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। किसानों को धान की कटी फसल की चिंता हो गई। दूसरी तरफ शहर पूरी तरह 2 घंटे तक ब्लैक आउट की स्थिति में रहा। बिजली बंद होने के कारण लोगों का कामकाज प्रभावित हुआ।
शनिवार शाम 6 बजे के बाद मौसम के तेवर में अचानक बदलाव के बाद भारी हवाओं के साथ बारिश के साथ ओला वृष्टि हुई। करीब 10 मिनट तक हुई बारिश व ओलावृष्टि की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। सडक़ों पर चल रहे लोगों ने बचने के लिए आसपास जगह पर ठिकाना बना लिया। इसके बाद मौसम का रूप शांत होने के बाद ही लोग रवाना हुए। बिगड़े मौसम की वजह से जिला मुख्यालय व अंचल में जनजीवन प्रभावित हुआ। तेज आंधी तूफान के कारण शहर में विभिन्न स्थानों पर विद्युत तार व खंबे टूटने की जानकारी सामने आई है।
इन स्थानों पर रही बिजली बंद
वार्ड 14 दुर्ग रोड पुराना नाका के आगे, वार्ड 6, मानपुर, पिकरी, किसान पारा, जहाजपुर रोड, वार्ड 12 से 21 में पूरी तरह ब्लैक आउट की स्थिति रही। नगर पालिका उपाध्यक्ष पंचूराम साहू ने बताया कि बार-बार बिजली बंद होने से लोग परेशान हो गए। विद्युत विभाग द्वारा आंधी-तूफान के समय लाइट बंद कर दी जाती है।
2 महीने में बार-बार दे चुका है मौसम धोखा
जानकारी हो कि मौसम की वजह से सबसे अधिक परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही है। फरवरी के बाद से मौसम का मिजाज बार-बार बिगड़ता गया है। मार्च अप्रैल महीने में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। खरीफ फसल खराब हुई है, जिसका सर्वे भी किया जा चुका है। उसके बाद भी अभी तक किसानों को उसका मुआवजा नहीं मिला है। इसके बाद एक बार फिर फसल नुकसान होने की स्थिति में है। हालांकि पूर्व की अपेक्षा इस बार धान के कट चुके करपा को नुकसान होगा। बावजूद इसके किसान फसल को लेकर निश्चिंत नहीं हो पा रहे हैं।
सात स्थानों पर पेड़ व चार जगहों पर तार टूटे
तेज आंधी तूफान की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में विद्युत तार टूट गए। शहर के पिकरी व मानपुर वार्ड में मोहभ_ा, पंजाबी पारा, सुंदर नगर में सडक़ किनारे के पेड़ टूट गए। ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य सडक़ पर भी पेड़ गिर गए।
20 मार्च को मौसम की वजह से हुए नुकसान का अभी तक नहीं मिल पाया मुआवजा
जानकारी हो कि बीते 20 मार्च के दौरान ओलावृष्टि व बारिश ने कहर बरपाया था, जिससे जिले के कई गांवों में खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हुई थीं। बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान होने के साथ उद्यानिकी फसलें केला और पपीता को भी नुकसान हुआ था। जिला प्रशासन ने नुकसान व मुआवजा देने के लिए राज्य शासन को लगभग 62.50 करोड़ का स्टीमेट बनाकर भेजा है। जिन किसानों का फसल बीमा है, उन्हें 37 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर मिलेगा। इसके अलावा कुछ किसानों को प्रकरण आरबीसी 6 (4) के तहत राहत राशि दी जानी थी। बावजूद इसके अभी तक इस दिशा में काम पूर्ण नहीं पाया है। किसानों को अभी भी नुकसान की भरपाई का इंतजार है। दूसरी तरफ एक बार फिर मौसम ने किसानों व आम लोगों को धोखा दिया है।


