बेमेतरा

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर फोकस
01-Feb-2024 3:15 PM
मातृ-शिशु मृत्यु दर में  कमी लाने पर फोकस

बेमेतरा, 1 फरवरी। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गर्भवती माताओं के संस्थागत प्रसव और नियमित जांच सहित उनके एवं बच्चों के टीकाकरण का बढ़ावा हेतु व्यक्ति रूचि लेकर कार्य करें। स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी समय पर पहुंचे और अपने कार्य को जिम्मेदारी के साथ पूरा करें। लोगों को समय पर बेहतर स्वास्थ्य  सुविधाएं मिले ।

कलेक्टर ने जिले में स्वास्थ्य संबंधी अधोसंरचना एवं व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में  चिकित्सकों और स्टाफ की जानकारी ली। कलेक्टर शर्मा ने कहा कि लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचना हमारी प्राथमिकता है।

बैठक में वर्तमान में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, आमजनों तक सेवाओं की पहुंच, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति, चिकित्सकों की उपलब्धता, चिकित्सकीय उपकरणों, दवाइयों की उपलब्धता सहित अन्य महत्वपूर्ण मानकों के सम्बंध में विस्तृत जानकारी ली गई। स्वास्थ्य कार्यक्रमों में जिले के परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने तथा स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य  संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रमों का लक्ष्य पूरा करने, कमियां दूर करने के निर्देश दिये।

शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड कार्य योजना बना कर पूरा करने कहा।

मैदानी क्षेत्र होने के कारण यहां नहीं है उतनी चुनौती

कलेक्टर ने कहा कि हमारा मुख्य फोकस संस्थागत प्रसव को बढ़ावा व जिले में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम करना है। उन्होंने कहा कि यह  मैदानी क्षेत्र होने के कारण प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा  चुनौतीपूर्ण नहीं है। बेहतर कार्ययोजना एवं शासकीय योजनाओं के अच्छे क्रियान्वयन से सफलता मिल सकती है, और जिले में बेहतर प्रगति दर्ज की जा सकती है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुलता ने पॉवर प्रजेंटेशन के जरिए स्वास्थ्य संबंधी गई प्रगति बताई।

उन्होंने कहा कि एनीमिक महिलाओं को चिन्हांकित कर पोषण आहार उपलब्ध कराने के साथ, गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच, आवश्यक दवाइयों, टीकाकरण आदि सुनिश्चित करें। हमें मुख्य रूप से शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा, इसमें मितानिन की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से पंचायत स्तर पर उनका चिन्हांकन करें।


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