बेमेतरा

निजी फर्म से पंचायतों में सोलर पैनल, लाखों का कारोबार
30-Jan-2024 2:38 PM
निजी फर्म से पंचायतों में सोलर पैनल, लाखों का कारोबार

कमीशनखोरी का आरोप 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 जनवरी।
नवागढ़ ब्लाक सहित पूरे जिले के ग्राम पंचायतों में दो साल के भीतर सोलर सिस्टम लगाने के नाम से ग्राम पंचायतों ने करोड़ों खपा दिए। जिम्मेदार अधिकारी जनपद पंचायत, जिला पंचायत की चुप्पी साधे हुए है। इसका भुगतान एवं इसमें हुई कमीशनखोरी की यदि जांच हुई तो सोलर से ज्यादा अनियमितता की उजाला नजर आएगा।

ग्राम पंचायत तेंदुआ के पूर्व सरपंच रोशन सिंह वर्मा ने 24 जनवरी को कलेक्टर बेमेतरा सीईओ जिला पंचायत, जनपद पंचायत को लिखित शिकायत दी है की सरपंच द्वारा राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित फर्म से राजधानी के फर्म से उच्च दर पर 32 सोलर पैनल 14 वे वित्त की राशि से पांच लाख बारह हजार का क्रय किया गया। जून 2022 में लगा सोलर लाइट अगस्त  नवंबर 2022 से बंद है,  इसकी शिकायत कोई सुनने वाला नहीं है।

क्रेडा का पत्र रद्दी में 
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण रायपुर ने पत्र क्रमांक 1682 दिनांक 27 अक्टूबर 2021 को राज्य भर के सभी विभागीय अधिकारियों को एवं 3 जून 2022 को सहायक अभियंता क्रेड़ा ने बेमेतरा जिले के सभी 4 जनपद पंचायत के सीईओ को पत्र लिखकर यह सूचना दी की डीएमएफ फंड, विधायक निधि से  एवं 14 वे वित्त की राशि से अनधिकृत ठेकेदारों से जो क्रेड़ा में पंजीकृत नहीं है। उनसे सोलर लाइट, सोलर ड्यूल पंप स्थापना का कार्य कराया जा रहा है। निकट भविष्य में इनके रखरखाव सहित कई समस्या आ सकती है। इसके लिए क्रेड़ा जिम्मेदार नहीं होगा। अपने क्षेत्र स्थापित सौर संयंत्रों की जानकारी सात दिवस के भीतर देवे। पत्र की कापी कलेक्टर सहित जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को दी गई थीं।

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो 
समाज सेविका भारती गंधर्व ने कहा की पूरे जिले में सोलर सिस्टम जो लगा है इसके लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत के अधिकारियों को जिम्मेदारी लेना चाहिए। ग्राम पंचायत के खर्च का आडिट किसने किया जनहित की जगह खुद का हित करने वालों पर कार्रवाई होना चाहिए। गंधर्व ने कहा कि जिले में लाखों रुपए के इस दुरुपयोग के लिए जांच होना चाहिए। सोलर पैनल के गुणवत्ता जांच के लिए टीम गठित हो जिसके सलाह पर कार्य किया गया उसका नाम सार्वजनिक हो था जिले में तीनों मद से कुल खर्च जनता को बताया जाए।

बिना स्वीकृति खरीदी क्रेडा जिम्मेदार नहीं 
बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायतों में नगरीय निकायों में जब सोलर सिस्टम बड़े पैमाने पर मनमानी दाम पर खपाया जा रहा था। उस समय पदस्थ क्रेडा के सहायक यंत्री डीएस सिदार से जब पूछा गया की जिले में लाखों के लगे सोलर सिस्टम बेकार हो गए विभाग ने क्या किया। तब उन्होंने बताया कि समय-समय पर सभी संस्था प्रमुखों को पत्र लिखकर आगाह किया गया। क्रेडा से बिना तकनीकी स्वीकृत के खरीदी की गई। यदि क्रेडा कार्य करती तो पांच साल की वारंटी रहती। समय समय पर निगरानी होती। सिदार ने कहा की क्रेडा ऐसे सोलर सिस्टम के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। किस गुणवत्ता की सामग्री लगी भुगतान कैसे हुआ मूल्यांकन किसने किया खरीदने वाले ही जाने।
 


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