बेमेतरा
कहीं काम बंद, तो कहीं नहीं आ रहा पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 जनवरी। जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिले के 688 गांव में योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार की ओर से 600 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। योजना के अंतर्गत जिले के सैकड़ो गांव में करोड़ों रुपए खर्च होने के साथ कार्य पूर्ण होने का दावा विभाग की ओर से किया जा रहा है, लेकिन ‘छत्तीसगढ़’ की पड़ताल में जिन गांवों में कार्य पूर्ण होने की बात विभाग की ओर से कही गई है। वहां ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है। वहीं कई गांवों में महीनों से काम बंद है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण योजना के औचित्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ‘छत्तीसगढ़’ ने ग्राम अमोरा, करचुवा, ढोलिया, खुरूसबोड़, सैगोना समेत अन्य गांव में पड़ताल के लिए पहुंची। यहां ग्रामीणों को पानी नहीं मिलने की शिकायत है। गांव में योजना को लेकर सत्यापन कराए जाने पर बड़े खुलासे होंगे और विभाग के दावों की सत्यता सामने आ जाएगी।
2025 तक जिले के हर घर में कनेक्शन देने का लक्ष्य
केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के अंतर्गत वर्ष 2025 तक जिले के सभी गांव में घर-घर नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की पड़ताल में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां मिली। आलम यह है कि तीन स्तर पर मॉनिटरिंग के बावजूद कार्य की गुणवत्ता और योजना का प्रयोजन पूरा नहीं होने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कार्य पूर्ण होने के बावजूद ग्रामीणों को नहीं मिल रहा पानी
गौरतलब है की ‘छत्तीसगढ़’ की ओर से जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर हो रही गड़बडिय़ों को उजागर किया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य पूर्ण होने के बावजूद ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है। कई गांव में महीनो से कार्य बंद पड़ा है। वहीं ठेकेदार कार्य पूर्णता के संबंध में संबंधित सरपंचों को जानकारी नहीं दे रहे हैं। यहां पर डीपीआर, टेंडर धरातल पर काम हर स्तर पर गड़बड़ी हो रही है। तय मानकों को ताक पर रखा जा रहा है। गांव की सडक़ों को खोदकर छोड़ दिया गया है, जहां गलियां कीचड़ से सराबोर है। ग्रामीण परेशान है, लगातार शिकायत के बावजूद अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन सिर्फ औपचारिकता तक सीमित
थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन यानी टीपीआई पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इनकी सहमति के बिना ठेकेदार को भुगतान नहीं किया जाता। टीपीआई के अंतर्गत नियुक्त एजेंसी के पदाधिकारी जो तकनीकी जानकार है। फील्ड पर जाकर कार्य की गुणवत्ता समेत अन्य कार्यों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करते हैं। इसके बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। यहां इन अधिकारियों के द्वारा घर में बैठकर ठेकेदार के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर सहमति दी जा रही है। गौरतलब हो कि थर्ड पार्टी इन्फेक्शन के लिए संबंधित संस्थान को एक तय भुगतान किया जाता है।
चयनित स्थल विवाद पर चर्चा कर लिया जाएगा निर्णय
30 सितंबर के उपरांत प्राप्त आंबटन एवं किए गए भुगतान की अनुमोदन पर चर्चा। नलजल योजना, नलकूप खनन कार्य के लिए निविदाकारों के पूर्व योग्यता, पीक्यू में पात्रता, अपात्रता एवं न्यूनतम दरों की स्वीकृति व अनुमोदन पर चर्चा, उच्चस्तरीय जलागार निर्माण कार्यों के लिए चयनित स्थल विवाद पर चर्चा।
योजना से संबंधित कार्यों की होनी चाहिए समीक्षा
जल जीवन मिशन अंतर्गत अनुबंधित सिंगल विलेज योजना, रेट्रोफिटिंग योजना, सोलर आधारित हर घर नल, हर घर जल योजना में कार्य कर रहे समस्त ठेकेदारों एवं टीपीआई प्रतिनिधियों के साथ प्रगतिरत कार्यों जैसे क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन, पाईपलाईन, पानी टंकी, विद्युत कनेक्शन, बाउंड्रीवॉल, ग्रामों में हर घर नल हर घर जल प्रमाणीकरण पत्र, दीवार लेखन की समीक्षा की जानी चाहिए।


