बेमेतरा

सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं, मुलाहिजा कराने बेमेतरा जाने की मजबूरी
01-Jan-2024 3:03 PM
सरकारी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं, मुलाहिजा कराने बेमेतरा जाने की मजबूरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 1 जनवरी। नगर पंचायत दाढ़ी में स्थित पुलिस थाना में गत वर्ष की तुलना में अपराध में कमी आई है। 2020 में 189, 2021 में 151, 2022 में 142 और इस वर्ष 2023 में 122 अपराध पंजीबद्ध हुए हैं। इन चारों वर्षों में अपराध में कमी तो आई है परंतु जुआ-5,सट्टा- 7, नकबजनी- 2, आबकारी अधिनियम 1915 के 54 इस प्रकार क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री, जुआ व सट्टा के मामले सामने आ रहे हैं।

विशेष कर इन सभी अपराधों में स्कूली बच्चों के साथ-साथ युवा वर्ग सबसे ज्यादा लिप्त हो रहा है। पुलिस विभाग की सबसे बड़ी समस्या डॉक्टरी मुलाहिजा शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं हो पाने की है। दरअसल स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस डॉक्टर का पद सालों से खाली है। ऐसे में डॉक्टरी मुलाहिजा नहीं होने के कारण पीडि़त पक्ष को 30 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल बेमेतरा ले जाना पड़ता है। जिसका खामिया जब पीडि़त पक्ष को उठाना पड़ता है। अधिकांश अपराधों में डॉक्टरी मुलाहिजा अत्यंत आवश्यक है तभी अपराध पंजीबद्ध हो पता है।

थाने में पुलिस कर्मियों के पद रिक्त

थाने में निरीक्षक का एक पद ,उपनिरीक्षक तीन पद, सहायक उप निरीक्षक के दो पद, प्रधान आरक्षक के आठ पद, और आरक्षक 43 पदों में से 22 पद रिक्त है। इस थाने में प्रधान रक्षा के 6 कार्यरत है। वही दो अटैच है। महिला आरक्षक का पद है परंतु वह भी अटैच है। वही 21आरक्षक में 10 आरक्षण अटैच है। इसप्रकार 65 की स्वीकृति तैनाती बोल के स्थान पर 14 तैनाती बाल कार्यरत है, जिनके ऊपर 67 गांव में सुरक्षा का जिम्मा है। ऐसे में नियमित पेट्रोलियम एवं रात्रि कालीन अगस्त का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

थाने में स्टाफ की कमी, नियमित रूप से नहीं हो पाती पेट्रोलिंग 

जनपद पंचायत सदस्य अर्पित गुप्ता ने बताया कि वास्तव में पुलिस थाना में दाढ़ी में स्टाफ की कमी के कारण नियमित रूप से 67 गांवों में पेट्रोलिंग नहीं हो पाती, जिसके कारण आपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं। शराब की बिक्री, जुआ व सट्टा अपनी चरम सीमा पर है। विभाग द्वारा केवल खानापूर्ति की जाती रही है। चोरी के कई ऐसे प्रकरण हैं, जिसे आज तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है। मोबाइल की चोरी, साइबर क्राइम के ऐसे प्रकरण हैं, जो केवल थाना के रिकॉर्ड में ही है। मोबाइल से धोखाधड़ी बैंक खाते से हजारों रुपए पार हो गए, जिसकी सूचना तुरंत थाने में दर्ज करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रम की सूचना नहीं दी जाती

इस पुलिस थाना के अंतर्गत सबसे बड़ी समस्या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजन करने के पहले थाना में सूचना नहीं दी जाती। थाना के अंतर्गत 67 गांव हैं, जहां पक्की सडक़ें हैं, जिनमें अधिकांश जर्जर हो गए हैं, जिसके कारण आवागमन में काफ ी दिक्कतें होती हैं। 67 गांव के जनप्रतिनिधियों को पुलिस का सहयोग करने एवं पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इस विषय पर चर्चा करने बुलाया भी जाता है, परंतु वे लोग इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहे और ना ही चर्चा करने थाना पहुंच रहे हैं। ऐसे में सामाजिक अपराधों पर अंकुश लगाने मे दिक्कतें आती हैं।

डॉक्टर नहीं होना सबसे बड़ी समस्या

 प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक बृज किशोर यादव ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यहां नगर पंचायत एवं तहसील मुख्यालय होने के बावजूद भी शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है, जिसके कारण पीडि़तों को समुचित रूप से प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता है। डॉक्टरी मुलाहिजा के लिए उन्हें 30 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल ले जाया जाता है।


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