बेमेतरा
बेमेतरा की शिक्षिका शीतल बैस का प्रभावी प्रतिनिधित्व
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 दिसंबर। राज्य स्तरीय बाल साहित्य सेमिनार का आयोजन खैरागढ़ में हुआ। समग्र शिक्षा राज्य परियोजना, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और रूम टू रीड के संयुक्त तत्वावधान में यह सेमिनार खैरागढ़ विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ। आयोजन में बाल साहित्य रचनाकार एवं छत्तीसगढ़ के 16 आंचलिक भाषाओं के जानकार शिक्षक शामिल हुए। छत्तीसगढ़ी भाषा के अनुवादकर्ता के रूप में बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला मगरघटा की प्रतिभावान और नवाचारी शिक्षिका शीतल बैस ने जिले का प्रतिनिधित्व किया।
बाल साहित्य का राज्य स्तरीय संगोष्ठी में प्रदर्शन
सेमिनार में 51 शिक्षकों ने बाल कहानी लेखन एवं उनका स्थानीय भाषाओं में अनुवादक के रूप में भाग लिया। इन्हीं बाल साहित्यों का खैरागढ़ विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय संगोष्ठी के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। इस संगोष्ठी का मुख्य विषय बाल साहित्य में दृश्य चित्रों का महत्व था।
इस अवसर पर कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा ममता चंद्राकर, रजिस्ट्रार प्रो. नीता गहरवाल, कला संकाय के विभाग प्रमुख प्रो. राजन यादव, समग्र शिक्षा से एम. सुधीश, ताराचंद जायसवाल, एससीईआरटी रायपुर से डिकेश्वर वर्मा, यूएसआईडी से शिखा जैन, बालका डे, रूम टू रीड से शक्तिव्रता सेन, पुरोहिती, सुमेधा, भावना शिंदे उपस्थित थीं।
11 बाल कहानी कार्डों के चिन्हांकन में दिया सहयोग
रूम टू रीड संस्था और राज्य स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित ग्यारह बाल कहानी कार्डों के चित्रांकन में सहयोग दिया। इन बाल कहानी कार्डों का चित्रांकन छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए किया गया, जिससे बाल पाठकों को विषय वस्तु और पाठ्य सामग्री उनके जीवन से जुड़ती हुई दिखाई दे। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्वानों तथा विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की बालसाहित्य से संबंधित आवश्यकताओं से जोड़ पाना और शैक्षिक परिदृश्य को समृद्ध करने के लिए स्थानीय प्रतिभाओं, संसाधनों, शिक्षकों, नीति निर्माताओं, गैर सरकारी संगठनों और कलाकारों के बीच सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देना है।


