बेमेतरा

बीते वर्ष में आपूर्ति की, मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित नहीं, फिर भी 90 लाख की खरीदी
28-Aug-2023 3:17 PM
बीते वर्ष में आपूर्ति की, मशीनों की उपयोगिता  सुनिश्चित नहीं, फिर भी 90 लाख की खरीदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 अगस्त।
जिला खनिज न्यास निधि के अंतर्गत हुई खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। आलम यह है कि बाजार मूल्य से 3 से 4 गुना अधिक दामों पर सामग्री क्रय किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2021-22 में आपूर्ति की गई मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित किए बिना फिर से 90 लाख रुपए की खरीदी की गई है ।

उल्लेखनीय है कि जिला खनिज न्यास निधि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 90 लाख रुपए से दाल मिल, मिनी आइल मिल, मिनी राइस मिल, पैकेजिंग मशीन समेत अन्य मशीनों की खरीदी हुई है।जानकारी के अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी की क्रय समिति द्वारा प्रत्येक मिनी दाल मिल 1 हजार 73 हजार, मिनी ऑयल मिल 1 लाख 90 हजार, पैकेजिंग मशीन 1 लाख 30 हजार, मिनी आटा चक्की 1 लाख 72 हजार में खरीदी गई है। इन मशीनों की खरीदी संबंधित जनपद पंचायत के माध्यम से हुई है। जहां चैंप्स से जारी दरों पर भुगतान किया गया है। 

मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित किए बिना फिर से 90 लाख की खरीदी 
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में दर्जन भर पंचायत में मिनी आइल मिल, दाल मिल समेत अन्य मशीनों की सप्लाई की गई थी। इन पंचायतों में मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित किए बिना वर्ष 2022-23 में फिर से 90 लाख रुपए से मशीनों की खरीदी की गई है। जिला खनिज न्यास निधि के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 27 ग्राम पंचायतों में मशीनों की सप्लाई की गई है। कई ग्राम पंचायत में 2021-22 सप्लाई की गई मशीनों का उपयोग अब तक शुरू नहीं हो पाया है।

कार्रवाई से बचने जानबूझकर की गई संस्थागत खरीदी 
क्रियान्वयन एजेंसी को ऑयल मिल, दाल मिल, मिनी राइस मिल की खरीदी करने के लिए निविदा आमंत्रित किया जाना था, जो नहीं किया गया। निविदा आमंत्रित किए जाने की स्थिति में सरकारी कोष की बचत होती, लेकिन बीज निगम से तीन से चार गुना दाम पर खरीदी किए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस संबंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि इस गड़बड़ी को जिला स्तर पर अंजाम दिया गया है। जहां अधिकारी सीधे निर्माता अथवा चैंप्स पोर्टल में पंजीकृत विक्रेता से संपर्क साध कर गड़बड़ी को अंजाम दिया है। इस खरीदी में बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला उजागर होने की स्थिति में किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए जानबूझकर मशीनों की संस्थागत खरीदी की गई।

3 से 4 गुना दामों पर मशीनों की खरीदी 
क्रियान्वयन एजेंसी की ओर से प्रत्येक मिनी ऑयल मिल की खरीदी 1 लाख 90 हजार व मिनी दाल मिल 1 लाख 71 हजार रुपए में खरीदी गई है, जबकि समान क्षमता की मिनी दाल मिल व आइल मिल का बाजार मूल्य 50 से 65 हजार रुपए है। ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि जनपद पंचायतों की ओर से बाजार मूल्य से तीन से चार गुना दाम पर खरीदी की गई है । जिस पर कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

कही मशीन खराब , तो कहीं मशीनों का उपयोग शुरू नहीं 
साजा विधानसभा के ग्राम पंचायत राखी जोबा में जिला प्रशासन की ओर से सप्लाई की गई मिनी दाल, चना मुर्रा मशीन एवं आटा चक्की तीनों मशीन खराब पड़ी हैं। सरपंच प्रकाश चौबे के अनुसार प्रशासन को गांव में आपूर्ति की गई मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित करनी चाहिए।

इसी प्रकार नवागढ़ विधानसभा के ग्राम ढोलिया में वर्ष 2021-22 में मिनी आटा चक्की की आपूर्ति कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से की गई थी। जानकारी के अनुसार इस मशीन की अब तक उपयोगिता शुरू नहीं हो पाई है। मशीन अभी भी सरपंच के घर में पड़ी हुई है। सरपंच ने बताया कि गांव की कोई भी महिला समूह मशीन का संचालन नहीं करना चाह रही है।
इसी तरह ग्राम पंचायत झालम व भनसुली में मिनी दाल का उपयोग नहीं हो पा रहा है। 

झालम पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार महिला समूह मशीन के संचालन के लिए आगे नहीं आ रही है। ग्राम भनसुली में मशीन के एक से दो बार उपयोग के बाद बंद पड़ी है।
कलेक्टर पदुम सिह एल्मा ने कहा कि महिला समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने गांव में मशीनों की सप्लाई की गई है। मशीनों की उपयोगिता सुनिश्चित की जाएगी। मशीनों की अधिक दर पर खरीदी की जानकारी नहीं है।
 


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