बेमेतरा
जिला कार्यालय ग्रामीणों ने स्थल परिवर्तन करने की मांग रखी
बेमेतरा, 2 अगस्त। जिले के ग्राम चंदनु में उद्योग विभाग द्वारा प्रस्तावित फूड पार्क का विरोध तेज हो गया है। वहां के ग्रामीण भारी संख्या में जिला कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे सभी लगभग 30 साल से गांव में रह रहे हैं। यदि फूड पार्क बनता है तो वे सडक़ पर आ जाएंगे। बता दें कि चंदनु में फूड पार्क केे लिए 27 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है।
118.41 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन राजस्व अमले द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। फूड पार्क बनने से गांव की आधी बस्ती प्रभावित होगी, जिसके जद में करीब 70 घर आ रहे हैं। ग्रामीणों ने पार्क के लिए स्थल परिवर्तन करने की मांग रखी है।
खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाई जाएगी
महाप्रबंधक ने बताया कि फूड पार्क में विभिन्न वन आधारित अथवा कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाए जाएंगे। जैसे टमाटर प्यूरी, केचप, च्वयनप्राश, गुड़ उद्योग, मसाला उद्योग, औषधीय आयुर्वेदिक दवाइयां, हर्बल उद्योग, पपीता उत्पाद, बिस्किट, दुग्ध उत्पाद निर्माण जैसी इकाइयां स्थापित होंगी। उन्होंने बताया कि बेमेतरा जिले के सभी चार विकासखण्डों में फूड पार्क के लिए 118.41 हेक्टेयर भूमि उद्योग विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है।
एसटी, एसटी को एक रुपए
प्रीमियम पर मिलेगी भूमि
फूड पार्क में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमियों को एक रुपए प्रीमियम पर भूमि आबंटित की जाती है। विकासखण्ड बेमेतरा ब्लॉक के के ग्राम चंदनु मे 82.76, विकासखंड बेरला के ग्राम सिंगारडीह मे 16 हेक्टेयर, विकासखंड साजा के ग्राम राखी मे 7.65 एवं विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम अकोली मे 12 हेक्टेयर भूमि आबंटित की गई है। चंदनु में 82 हेक्टेयर में सेे 28 हेक्टेयर में जिले के पहले फूड पार्क का विकास किया जा रहा है।
जहां हो रहा नाप-जोख वहां है हमारा घर
जिला कार्यालय में विरोध दर्ज कराने आए हेमलाल ध्रुव, अभय, बंशी लाल, गंगा प्रसाद समेत कई किसानों ने प्रस्तावित स्थल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जहां अधिकारी नाप-जोख कर रहे हैं। वहां उनका घर मौजूद है। अगर निर्माण किया जाता है तो प्रभावित सभी व्यक्ति सडक़ पर आ जाएंगे। पूर्व में भी प्रशासन को आवेदन सौंप कर जगह बदलने के लिए आवेदन दिया था।
87 हेक्टेयर का चयन, बाकी पर लगेंगी औद्योगिक इकाइयां
उद्योग विभाग के अनुसार जिले के ग्राम चंदनु में उद्योग के लिए कुल 87 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। इसमें से 27 एकड फूड पार्क के लिए आरक्षित है। बचत भूखंड औद्योगिक इकाई व लैंडयूज के लिए है। विभाग के महाप्रबंधक रवीश कुमार ने बताया कि उक्त स्थल पर विकास कार्य सीआईडीसी द्वारा किया जा रहा है। जहां तक विरोध की बात है तो उसके निराकरण के लिए राजस्व विभाग कदम उठा रहा है। चंदुन में 27 हेक्टेयर में फूड पार्क बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है।
फूड पार्क में मौजूद होगी
सभी बुनियादी सुविधाएं
फूड पार्क में उद्योगों की स्थापना के लिए सर्वसुविधायुक्त डायवर्टेड भूमि, जिसमें सडक़, पानी, बिजली आदि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होगी। इसके साथ ही यहां उद्योग स्थापना के लिए विभिन्न विभागों की अनुज्ञाएं भी प्राप्त होंगी। यहां नॉन कोर सेक्टर के तहत विकास होगा। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। औद्योगिक नीति 2019-24 अंतर्गत स्थापित उद्योगों को ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, नेट एस.जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति, विद्युत शुल्क से छूट, स्टाम्प शुल्क से छूट, मण्डी शुल्क से छूट तथा अन्य अनुदान, छूट, रियायतें विभाग द्वारा प्रदान की जाती है।
परीक्षण के बाद कार्रवाई की
जाएगी -कलेक्टर
कलेक्टर पीएस एल्मा ने कहा कि किसानों ने आवेदन सौंपा है, जिसमे उनकी जमीन फूड पार्क की जद में आने की जानकारी दी गई है, जिसका परीक्षण कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।



