बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 फरवरी। जिले में इस बार पहली दफा मिलेटस मिशन के सपोर्ट में किसानो ने रागी का पैदावारी करना प्रारंभ किया है। जिले में इस फसल को लेकर किसानों ने रूचि नहीं दिखाया था पर बाजार में मिलेटस की मांग व सरकारी तौर पर रागी की बीज उपलब्ध कराये जाने के कारण किसानों का रूख इस तरफ दिखाई दिया है।
जिले में रागी का लक्ष्य 550 हेक्टेयर में किये जाने का लक्ष्य सरकारी तौर पर किया गया था जिसके ऐवज में 480 हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है।
जानकारी हो कि सरकारी तौर पर मोटे अनाज की पैदावारी को बढ़ावा देने के लिए मिलेटस मिशन को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी तरफ मिलेटस फसलो की मांग अब आनलाईन बाजार में होने लगी है जिससे किसानों का रूख इस फसल को लेकर दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डॉ. श्याम लाल साहू ने बताया कि किसानों की रूचि इस बार मिलटस फसल को लेकर बढ़ी है जिसके लिए किसानों को खेती करने, सुरक्षा उपचार सभी तरह की जानकारी से अवगत कराया जा रहा है।
जाने क्या लाभ होगा किसानों को इसकी खेती से
जानकारों के अनुसार मिलेटस की मांग अब अधिक होने लगी हैै। सरकार द्वारा रागी फसल के लिए समर्थन की दर 3578 तय कर चुकी है। खरीदी वनोपज समितियों के माध्यम से किया जाएगा। दूसरी तरफ स्टेट के प्रस्ताव पर अब मीडडे मिल में भी मिलेटस की उपयोग की स्वीकृति जारी किया जा चुका है। कुपोषण मुक्ति के लिए रागी को बेहतर अनाज माना गया है। जिसकी पैदावारी कम पानी में भी किया जा सकता है। लाभ के लिहाज से देखा जाए, तो प्रति हेक्टेयर फसल लागत करीब 28 हजार रूपये का आता है, और प्रति हेक्टेयर में 25 क्विंटल का उत्पादन होता है। ऐसे में लागत कम करे तो प्रति हेक्टेयर 65 हजार के करीब लाभ इस फसल की पैदावारी से हो सकता है। चूंकि फसल अवधि करीब 100 दिन का होता है। ऐसे में दीगर फसलों की अपेक्षा इस फसल से अधिक लाभ पाने की गणित किसान इन दिनों लगाने लगे हैं। इसी तरह जिले में 650 हेक्टेयर में मक्का की खेती हो रहा है, जिससे भी किसानों का आय बढऩे की संभावना बनी है। किसानों को इस बार विभाग द्वारा बीज के अलावा दवा, बन नाशक व वर्मी कम्पोष्ट मुफ्त में दी जा रही है।


