बेमेतरा
बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़ से 60 शिक्षकों ने सहभागिता निभाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 नवंबर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में छत्तीसगढ़ी भाषा एवं संस्कृति के विकास पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़ से कुल 60 शिक्षकों ने अपनी सहभागिता निभाएं।
जिला नोडल अधिकारी थलज कुमार साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति हमारी आत्मा है जिसको हम स्कूली बच्चों को स्थानीय बोलचाल की भाषा व संस्कृति के प्रति जागरूक करना है। जिसमे छत्तीसगढ़ी बोली ,भाषा लोक गीत, लोक कला, चित्रकला, लोकनाट्य, लोक नृत्य ,छत्तीसगढ़ की संस्कृति रहन-सहन, वेशभूषा, पहनावा खानपान, गहना, खेलकूद छत्तीसगढ़ के व्यंजन खुरमी, ठेठरी, चीला अईरसा, गुलगुल भजिया, के बारे में स्कूली बच्चों को बताया गया साथ ही सप्ताह में एक दिन स्कूली छात्रों के बीच गतिविधि कराया जायेगा जिससे बच्चों को खुला मंच मिल सके और स्थानीय बोली भाषा व संस्कृति को समझ सके।
छत्तीसगढ़ी भाषा एवं संस्कृति के विकास के ऊपर डाइट व्याख्याता डॉ दीवान सर ,श्री जीएल कुटियारे सर,और डाइट प्रभारी प्राचार्य श्री हेमंत भुवाल ने छत्तीसगढ़ी भाषा बोली संस्कृति के विकास और उसकी महत्ता, उपयोगिता को स्कूली बच्चों तक कैसे पहुंचाएं इस पर अपने विचार रखें। इस प्रशिक्षण को सफल संचालन करने के लिए जिला नोडल थलज कुमार साहू व्याख्याता डाइट बेमेतरा।
मास्टर ट्रेनर ईश्वर लाल साहू व्याख्याता परसबोड़ साजा ,भुवन लाल साहू लावातारा बेरला। जयप्रकाश अजीम प्रेमजी फाउंडेशन बेमेतरा, उषा किरण पांडे व्याख्याता डाइट बेमेतरा , श्रद्धा शुक्ला सहायक शिक्षक गांगपुर, शांत कुमार पटेल सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला लालपुर वि.ख.नवागढ़ उपस्थित रहे।


