बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अक्टूबर। मानसून की बिदाई को 15 अक्टूबर को मान लिया जाता है, लेकिन इस वर्ष यह बिदाई अभी तक बाकी ही लग रहा है, अब तक जो तस्वीर नवागढ़ ब्लाक की बारिश के लिहाज से आई है यह इस सदी का सबसे बेहतर तस्वीर हैं।
नवागढ़ ब्लाक में अस्सी के दशक में राहत मद से बने जलाशय बेजान थे। खरपतवारों से अटे पड़े थे। सूखे की इतनी मार की ग्राम गिधवा के जलाशय में स्थायी डेरा जमाने वाले परिंदे भी ठिकाना छोड़ दिए। इस बार अभी तक नवागढ़ ब्लाक में 688 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इससे 25 में 19 जलाशय लबालब है।
15 हजार एकड़ में सिंचाई
नवागढ़ ब्लाक की जीवनदायिनी हाफ नदी से एलबीसी से 4555 हेक्टेयर रकबा, आर बीसी से 1405 हेक्टेयर रकबा, कुरदा टैंक से 150 हेक्टेयर रकबे की सिंचाई हुई है। प्रतापपुर से देवरी तक केनाल जीर्णोद्धार के चलते टेल तक भरपूर पानी आया है।
किसान नेता संतोष साहू ने कहा कि व्यक्ति गत स्वार्थ के लिए कुछ स्थानों में जलाशय खाली कर या जलदोहन कर किसान खेती करते है उस पर रोक लगाई जाए। नवागढ़ विधानसभा में जलसंरक्षण के लिए ठोस योजना बने तथा बरसाती पानी के भंडारण के लिए मास्टर प्लान बने तभी जनकल्याण होगा।
जल है तो कल है
नवागढ़ ब्लॉक के धनोरा, मोहलाइन ,कामता, पुटपुरा, झाल,सल्हेघोरी, खैरा, खेड़ा, वन खेडा टू, मोतिमपुर, गोढ़ी कला, गनियारी,गिधवा , पेंड्री, परसदा, गोढ़ी,गिधवा तालाब, कुरदा व बेलदहरा जलाशय शत प्रतिशत लबालब है। इनके शत-प्रतिशत भराव से गांव के लोगों मे खुशी है। दो दशक बाद भूजल स्तर में व्यापक सुधार आया है। यह भी माना जा रहा है कि अब गैर सिंचित रकबे में रवि फसल उसी तरह होंगे जैसे पुरानी पीढ़ी लेती थी।