बस्तर

कहा केंद्र के समक्ष छत्तीसगढ़ के हित में बात रखने का साहस जुटाएं
जगदलपुर, 27 जून। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार केंद्र की राशि से नहीं बल्कि स्वयं के संसाधनों से चल रही है। केंद्र की मोदी सरकार विगत ढाई सालों से लगातार छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार से सौतेला व्यवहार कर रही है। जब राज्य केंद्र सरकार से खुद के हिस्से का पैसा मांगती है तो केंद्र सलाह देती है कि 5 प्रतिशत ब्याज में कर्ज ले ले, यह न्याय संगत नहीं है।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने भाजपा नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले ढाई सालों में एक बार भी छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर कोई बात कही, क्या भाजपा के नेता केंद्र सरकार को एक पत्र भी भेजा कि छत्तीसगढ़ के हिस्से का पैसा दे दें, क्या आपने छत्तीसगढ़ के लोगों को हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं की एक बार भी तारीफ की, और न ही किसानों का कर्जा माफ से लेकर बिजली बिल हाफ और पहली बार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर काम कर रही भूपेश सरकार की तारीफ की। भाजपा पक्षकारों के पास इसका कोई जवाब नहीं।
उन्होंने जारी बयान में कहा कि सरकार के ढाई साल में किए गए कार्यों का नतीजा है जो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस कदर डरा हुआ है कि अभी से केंद्रीय नेता रायपुर के दौड़ लगाने को मजबूर हैं। भाजपा के नेता आखिर किस बात को लेकर जनता के बीच जाएंगे, यह समझ से परे है। रमन सिंह प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करके झूठी अफवाह फैलाते हैं, जबकि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने हितग्राहियों के लिए मकान बनाने का कार्ययोजना तय कर मूर्त रूप देने का कार्य कर रही है।
श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख 20 हजार आवास बनाने का निर्णय लिया जा चुका है, वैसे भी छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा तो मिला नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार की हर योजना में प्रदेश का हिस्सेदारी तय होता है जैसे कि आवास योजना में 40 प्रतिशत छत्तीसगढ़ सरकार खर्च वहन करती है केंद्र सरकार जिस दिन छत्तीसगढ़ सरकार को जीएसटी और कोयले की रॉयल्टी का पैसा शत-प्रतिशत वापस कर देगी तो निश्चित रूप से राज्य सरकार की सारी योजनाएं आगामी वर्षों में पूर्ण हो जाएगी, केंद्र की सरकार ने 60 लाख टन चावल लेने की बात कही थी मगर मात्र 24 लाख टन चावल लेकर राज्य सरकार पर कुठाराघात किया इसकी वजह से आज कई जगहों में सरकार द्वारा खरीदे गए धान खराब होने की स्थिति में है, जिसके लिए पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है।