बस्तर

जगदलपुर, 27 जून। भाजपा नेताओं के द्वारा जगह-जगह पर पत्रकारवार्ता आयोजित कर आपातकाल का विश्लेषण करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छ. ग. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा है कि देश में बार-बार आपातकाल लगाने वाली भाजपा को, आपातकाल पर बात करना शोभा नहीं देता है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 के रात 8 बजे नोटबंदी के रूप पहला आर्थिक आपातकाल लागू किया गया। जिससे छोटे फुटकर व्यापारी, रेहड़ी, पटरी से जुड़े कामगारों के ऊपर ऐसी गाज गिरी कि उनकी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। इसी तरह 1 जुलाई 2017 को एक नई आजादी बताकर गब्बर सिंह टैक्स यानी जीएसटी लागू किया गया। यह भारत देश के मध्यम और निम्न वर्ग के लिए दूसरा आर्थिक आपातकाल था। जिसमें देश के मध्यमऔर निम्न वर्गीय लाखों लोगों की नौकरियां चली गई वहीं दूसरी ओर सभी टैक्स को एक करने से रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के दाम कम होने के बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी पर है। 24 मार्च 2020 को देश की आर्थिक रीढ़ को तोडऩे के लिए 54 दिन का लॉकडाउन रूपी तीसरा आपातकाल लगाया गया, जिसमें देश की जनता को कोरोना से बचने के लिए अपने घरों में रहने और संक्रमण चैन तोडऩे को कहा गया, खाने पीने और घर चलाने के लिए उन्हें क्या दिक्कतें हो रही है इसकी सुध केंद्र की मोदी सरकार ने नहीं ली थी। बावजूद इसके कोरोना का संक्रमण देश के हर राज्य में फैला हुआ है और इस बीमारी से लाखों लोगों की जान चली गई।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि वर्ष 2020 में ही किसानों के ऊपर कृषि संशोधन अधिनियम 2020 लागू कर खेती और खेती से जुड़े किसान परिवार और उसमें आजीविका पाने वाले 26.3 करोड़ लोगों के अधिकार को छीनने के लिए चौथा कृषि आपातकाल लागू कर दिया गया है, जिस कानून के वापसी के लिए देश भर के किसान संगठन आंदोलनरत हैं, जिनकी बात मानने के लिए सरकार राजी नहीं हो रही है और उन्हें आंदोलन जीवी की संज्ञा दे रही है। वर्तमान में देश में निजीकरण रूपी आपातकाल भी लागू है, जिसके तहत देश की चुनिंदा और उत्कृष्ट सेवा देने वाली संस्थाओं को बेचने का सिलसिला चल पड़ा है जिसमें बस्तर अंचल का बहुचर्चित नगरनार स्टील प्लांट भी शामिल है। भाजपा के नेता प्रेसवार्ता आयोजित कर स्वयं के द्वारा लागू की गई नोटबंदी, जी एस टी, लॉक डॉउन, कृषि संशोधन बिल, निजीकरण जैसे आपातकाल पर क्यों बात नहीं करते हैं? जिसने जनता को कंगाल, बेरोजगार, असहाय कर देश की अर्थ व्यवस्था को चौपट कर दिया है।