बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 6 जून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने जगदलपुर में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार बस्तर में पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून व ग्रामसभा में उल्लेखित प्रावधानों की धज्जियां उड़ा रही है। सिलगेर में तीन आदिवासियों की पुलिस गोलीबारी में मौत सहित भगदड़ में घायल गर्भवती महिला की भी मौत हो गई। इस तरह सिलगेर मामले में चार आदिवासियों की मौत हुई है जिस पर सरकार गम्भीर नहीं है। पीडि़त परिवारों को घटना के बीस दिन बाद भी सरकार न्याय नहीं कर पा रही है।
आम आदमी पार्टी सिलगेर मामले की निष्पक्ष जांच कर प्रदेश की जनता के सामने रखना चाहती है, ताकि घटना की सच्चाई से जनता वाकिफ हो। बस्तर में शांति व्यवस्था कायम हो, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा गठित जांच दल में बस्तर सांसद सहित कांग्रेस के आठ विधायकों को शामिल किया गया। सरकार द्वारा गठित जांच दल में सामाजिक कार्यकर्ता अथवा किसी विपक्षी दल के नेता को शामिल नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार मामले की लीपापोती करना चाहती है और इसीलिए वास्तविकता छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी को सिलगेर जाने से रोकना चाहती है। कोमल हुपेण्डी ने सरकार से मांग की है कि सिलगेर के मृत आदिवासियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा तथा उनके परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे। बस्तर में शांति व्यवस्था कायम हो।संवैधानिक प्रावधान पांचवीं अनुसूची,पेसा कानून,वनाधिकार कानून व ग्रामसभा के प्रावधानों का सही क्रियान्वयन हो।उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी आठ जून से राजधानी रायपुर में आंदोलन शुरू करेगी, फिर भी यदि मांगें पूरी नहीं होती तो प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आंदोलन की रणनीति बनाएगी।
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व दक्षिण जोन प्रभारी घनश्याम चन्द्राकर ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में उपयोग कर रही है। लगातार उनके साथ शोषण हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सिलगेर जाने की विधिवत सूचना प्रशासन को दी है, लेकिन सरकार आम आदमी पार्टी की जांच दल को सिलगेर जाने से रोकना चाहती है,जो कि सन्देह को जन्म देता है। कानून व्यवस्था और बस्तर में नरसंहार रोकने में विफल प्रदेश के विफल प्रदेश गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को तत्काल बर्खास्त करनी चाहिए।
पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से बस्तर जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर, काँकेर जिला अध्यक्ष हरेश चक्रधारी,गीतेश सिंगाड़े,शुभम सिंह,मनोज नागवंशी, खिरपति भारती, प्रेमचंद मण्डावी,मनोज नागरची आदि उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि सुकमा व बीजापुर जिले की सीमा पर 17 मई को गोलीबारी व भगदड़ में घायल गर्भवती महिला सहित चार आदिवासियों की मौत हो गई, जिसकी जांच हेतु आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी के नेतृत्व में जांच दल चार जून को सिलगेर के लिए रवाना हुई थी।
लेकिन सिलगेर पहुंचने के पहले ही पुलिस ने तर्रेम थाने पर रोक लिया। जहां आम आदमी पार्टी की जांच दल थाने के सामने ही चौबीस घंटे तक खुले आसमान में धरने पर बैठ गई थी। पार्टी द्वारा गठित जांच दल में प्रदेश उपाध्यक्ष एवं दक्षिण जोन प्रभारी घनश्याम चन्द्राकर,सह संगठन मंत्री देवलाल नरेटी यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष तेजेन्द्र तोड़ेकर,वरिष्ठ नेता एवं दल्ली राजहरा के नगरपालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन,चित्रकोट विधानसभा के प्रभारी समीर खान व पूर्व प्रत्याशी दंती पोयाम शामिल थे।