बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 25 मई । भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसिंह मंडावी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि बस्तर विश्वविद्यालय का नाम बदलना कांग्रेस की बस्तर विरोधी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस बस्तर की पहचान मिटाने की साजिश रच रही है।कांग्रेस प्रारंभ से ही बस्तर के प्रति दुराग्रह से ग्रस्त रही है। खनिज संपदा से भरपूर आदिवासी बाहुल्य बस्तर कांग्रेसियों के लिए सदैव चारागाह और सजा देने के लिए कालापानी के समतुल्य रहा है। बस्तर के नाम से कांग्रेस को आपत्ति है। यही कारण है कि बस्तर संभाग के एकमात्र विश्वविद्यालय, जिसके निर्माण व प्रगति मे कांग्रेस का कोई योगदान नही है, उसका नाम बदलने का निंदनीय प्रयास किया जा रहा है ।यह बस्तरवासियों व उनकी भावना का अपमान है।
अपने जारी बयान में भाजपा बस्तर जिलाध्यक्ष श्री मण्डावी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से बस्तर से छलावा ही करती आयी है। कांग्रेस के दशकों के लंबे शासन काल के बाद भी बस्तर हमेशा विकास की दौड़ में पिछड़ा रहा।
रूपसिंह मण्डावी ने कहा बस्तर विश्वविद्यालय अपने आप में बस्तर की प्रकृति,संस्कृति व बस्तर से जुड़े अनेक विषयों को समाहित करके रखता है।जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने प्रारंभ किया था। स्व.महेंद्र कर्मा का योगदान अविस्मरणीय है। वे स्वयं होते तो बस्तर नाम को मिटाकर किसी और नाम पर विश्वविद्यालय का रखने का पुरजोर विरोध अवश्य करते।
श्री मंडावी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा बस्तर की मूल भावना और जनाकांक्षाओं के विरुद्घ ही रही है।कांग्रेस ने बस्तर को पिछड़ापन,नक्सलवाद ही दिया है।भाजपा ने विश्वविद्यालय का निर्माण व स्थापना की और बस्तरिया पहचान को प्राथमिकता में रखा।
इसके उलट कांग्रेस बस्तर विश्वविद्यालय से बस्तर का नाम हटाने का कृत्य कर रही है।यह कांग्रेस की ओझी व बस्तर विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।