बलरामपुर

कच्चे तेल के दाम में कमी आने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमत कम नहीं कर रही केंद्र सरकार-सुनील
22-Jul-2021 8:27 PM
कच्चे तेल के दाम में कमी आने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमत कम नहीं कर रही केंद्र सरकार-सुनील

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजपुर, 22 जुलाई। कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने के बाद भी केंद्र सरकार की मनमानी के चलते आम उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने जारी बयान में आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 9 डॉलर की कमी आई है। कच्चे तेल की दाम घटने से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कम से कम 10 रू. प्रति लीटर कमी आना चाहिए। बावजूद इसके देश की जनता महंगे दरों पर डीजल-पेट्रोल खरीदने मजबूर है। मोदी सरकार ने कच्चे तेल के कीमतों में आंशिक वृद्धि पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हंै तो फिर कच्चे तेल के दामों में आई कमी के चलते डीजल-पेट्रोल के दाम घटाने क्यों इंतजार किया जा रहा है। जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढऩे पर प्रतिदिन पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि की जाती है उस तरह से कच्चे तेल के दाम में कमी होने या गिरावट होने पर भी देशभर में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य कम होने चाहिए।

जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2014 के पहले के मुकाबले आधे दर पर है, ऐसे में आम उपभोक्ता सिर्फ मोदी सरकार के वसूली नीति के चलते महंगाई की मार झेल रही है। पेट्रोल-डीजल में लगाई गई बेतहाशा एक्साइज ड्यूटी ने देश में पेट्रोल-डीजल को महंगा करने का काम किया है। बीते सात सालों में केंद्र की सरकार पेट्रोल-डीजल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर लगभग 25 लाख करोड़ रुपए की वसूली आम जनता से की है। बीते जून माह में ही 90 हजार करोड़ की कमाई पेट्रोल-डीजल से की गई है। महामारी की मार झेल रही जनता के ऊपर पेट्रोल-डीजल की महंगी कीमतों ने कुठाराघात किया है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के चलते खाद्यान्न सामग्री, दवाइयां, ट्रांसपोर्टिंग सभी के दाम बढ़ गए हैं। देश में महंगाई प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि केंद्र सरकार के गलत नीतियों मुनाफाखोरी और टैक्स के जरिए जनता से वसूली की नीति के चलते बढ़ रही है।आजादी के बाद पहली बार जनता को राहत देने के बजाय केंद्र में बैठी सरकार आफत पैदा कर रही है। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं जिसकी वजह से आम आदमी मध्यमवर्गीय लोग उनके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। आवश्यक जरूरी सामानों के भी मूल्य में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे गरीब के घर में पौष्टिक भोजन बनना मुश्किल सा हो गया है।


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