बलौदा बाजार
जांच में 4 एकड़ 25 डिसमिल पाई गई पड़त भूमि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 जनवरी। एक कोटवार द्वारा सरकारी जमीन का दुरूपयोग कर पत्थर खदान व डबरी बनवाने का मामला सामने आया है। अफसरों ंकी जांच में 4 एकड़ 25 डिसमिल जमीन पड़त भूमि पाई गयी।
ताजा मामला ग्राम पंचायत चितावर का है, जहां ग्राम कोटवार चितराम के द्वारा शासन से मिले हुए सरकारी घास भूमि का भी पंजीयन करा लिया गया है। कोटवार चितराम द्वारा पड़ती भूमि का पंजीयन करा लेने के संबंध में जानकारी होने पर नारायण पटेल व ग्रामवासियों के द्वारा 17 दिसम्बर 2020 को कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के पास शिकायत दर्ज किये थे।
नायब तहसीलदार प्रियंका बंजारा के आदेश पर आरआई, हल्का पटवारी की टीम बनाकर जांच के लिए भेजे थे। जहां पर हल्का पटवारी व राजस्व निरीक्षक द्वारा पटवारी अभिलेख एवं नक्शे के आधार पर मौके का निरीक्षण किया गया। ग्राम कोटवार चितराम के निजी खाते में दर्ज खसरा नं. 234 रकबा 0.364 हे. पर धनहा पाया गया तथा ख.नं. 273 एवं 275 रकबा क्रमश: 0.089 हे. एवं 0.547 हे. पड़ती भूमि पाया गयां सेवा भूमि में दर्ज खसरा नं. 423/4 रकबा 0.607 हे. पर धान बोना पाया गया तथा 35/4 रकबा 2.238 हे. में त्रुटिपूर्ण बटांकन पाया गया। जिसमें डबरी, खदान एवं खेत शामिल है। कोटवार को दिए हुए कुल जमीन में से 4 एकड़ 25 डिसमिल पड़त भूमि तथा 5 एकड़ 25 डिसमिल में धान बोना पाया गया। मौका निरीक्षण में पाया गया कि कोटवार चितराम गाड़ा शासन से मिली हुई भूमि का दुरूपयोग कर पत्थर खदान व तालाब बना दिया है।
हल्का पटवारी 37 तुलसी राम बर्मन का कहना है कि शासन के निर्देश के आधार पर पुराने पंजीकृत किसानों का रकबा में बदलाव नहीं करना है, पिछले वर्ष के हिसाब से कोटवार चितराम का पंजीयन यथावत रखी गई है।
राजेश चंदेल, राजस्व निरीक्षक उप तहसील परिक्षेत्र लवन का कहना है कि नायब तहसीलदार के आदेशानुसार ग्राम चितावर में निरीक्षण कर शिकायत की जांच की गई। जिसकी रिपोर्ट संबंधित न्यायालय में जमा कर दिया गया है।


