बलौदा बाजार

असिंचित फसलों की हालत खराब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 9 सितंबर। कसडोल क्षेत्र के बलार जलाशय से सम्बद्ध गांवों की खरीफ फसल धान को लगातार पानी मिल रहा है, जिससे यहां की फसल अच्छी है, पर असिंचित खेतों के हालात बिगडऩे लगे हैं।
कसडोल विकास खण्ड क्षेत्र के 230 ग्रामों में इस साल जून तथा जुलाई के प्रथम सप्ताह में अत्यधिक वर्षा के कारण खुर्रा बोनी धान जो पूरे रकबा 42500 हेक्टेयर में महज 25 फीसदी में ही हो पाई है, शेष 75 फीसदी में 50 फीसदी करीब 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में लेईहरा और शेष में रोपा पद्धति से बोनी होने का अनुमान है।
पिछले 20 दिनों से बारिश नहीं होने से असिंचित रकबा जो इस क्षेत्र में 75 प्रतिशत है, फसल की स्थिति बिगड़ी हुई है। खेतों में खरपतवार की अधिकता है। खेतों में दरारें व पौधे पीले पडक़र बैठ गए हैं। धान के पौधों की बाढ़ रुक गयी है। किसान फसल की दुर्दशा देख अकाल की आशंका से हताश हो गए हैं।
जल संसाधन विभाग सम्भाग कसडोल टीसी वर्मा से मिली जानकारी के अनुसार बलार जलाशय में 13 अगस्त को जब गेट खोले गए थे, 25 फीट पानी था, जो आज भी लगातार जारी है।
बताया गया है कि कमांड क्षेत्र के गांव असनीद, कुररहा, बिलारी, हटौद, बैगनडबरी, खरहा, सेमरिया, खरवे, नगर कसडोल छरछेद, पीसीद, छाँछी, सेल, सरवा, सरवानी, साबर, सिनोधा, खैर बैजनाथ आदि 20-25 ग्रामों को पानी मिल रहा है। बलार जलाशय से 16 हजार एकड़ की आवपसी होती है। फिलहाल सिंचाई की वजह से इन ग्रामों की फसल ठीक है। नहर नाली में अभी भी खेतों को पानी मिल रहा है ।
कृषि विकास खण्ड वरिष्ठ अधिकारी बी एस ठाकुर के अनुसार कुल रकबा 42500 हजार हेक्टेयर धान फसल में असिंचित खेतों की फसल बारिश के अभाव में हालात बिगड़ी हुई है। विकासखण्ड कसडोल के अंतर्गत टूण्डरा तथा आसपास के गिरौद, मानकोनी, अमोदी, हसुवा, बलौदा, गिधौरी, कुम्हारी आदि 25 गांव कसडोल तथा आसपास के 25-30 गांव तथा राजादेवरी क्षेत्र के 42 गांव जहां निजी बोर की अधिकता है , फिलहाल फसल अच्छी है ।