- बल्ला सतीश
ऐश्वर्या रेड्डी दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से गणित में स्नातक कर रहीं थीं
'मेरी मौत के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं है. मैं अपने घर में कई ख़र्चों की वजह हूं. मैं उन पर बोझ बन गई हूं. मेरी शिक्षा एक बोझ है. मैं पढ़ाई के बिना ज़िंदा नहीं रह सकती.'
ये अंतिम शब्द हैं जो अपने शहर की टॉपर रही ऐश्वर्या रेड्डी ने सुसाइड नोट में लिखे हैं.
हैदराबाद के पास शाद नगर की रहने वाली ऐश्वर्या ने बारहवीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल कर अपना शहर टॉप किया था और वो दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में गणित में स्नातक कर रहीं थीं.
लॉकडाउन के दौरान उन्हें वापस अपने घर जाना पड़ा जहां आर्थिक परिस्थितियों की वजह से उनके लिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया.
ऐश्वर्या ने दो नवंबर को आत्महत्या कर ली थी. वो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए एक लैपटॉप ख़रीदना चाहती थीं लेकिन उनका परिवार कोशिशों के बाद भी ये ज़रूरत पूरी नहीं कर सका था.
अब ऐश्वर्या के घर के बाहर भीड़ है और उनकी तस्वीर के साथ बैनर लगे हैं. लोग और नेता उनके घर पहुंचकर अफ़सोस ज़ाहिर कर रहे हैं. उनके परिवार की आर्थिक मदद की अपील भी की जा रही है.
ऐश्वर्या के पिता एक मैकेनिक हैं और उनकी मां घर पर ही सिलाई करके गुज़र-बसर के लिए जितना हो सकता है कमाने की कोशिश करती हैं.
ये परिवार एक दो कमरों के घर में रहता है जिसके एक कमरे में ऐश्वर्या रहतीं थीं और अपनी पढ़ाई करती थीं. रसोई और सिलाई मशीन दूसरे कमरे में है जहां उनकी मां काम करती है.
परिवार क़र्ज़ में है. ऐश्वर्या की ज़रूरत पूरी करने के लिए उन्होंने घर गिरवी रखने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा.

ऐश्वर्या ने हर ओर से निराश होने के बाद मुख्यमंत्री केसी रामाराव के बेटे और आईटी मंत्री केटी रामाराव को ट्वीट भी किया था. उन्होंने मदद के लिए सोनू सूद को भी ट्वीट किया था.
ऐश्वर्या ने भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से दी जाने वाली इंस्पायर स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन किया था.
अपने सुसाइड नोट में ऐश्वर्या ने लिखा है, 'कृपया देखिएगा कि कम से कम एक साल के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप जारी कर दी जाए.'
बीबीसी से बात करते हुए उनकी मां सुमांथी ने बताया कि वो उनके बहुत क़रीब थी और हर छोटी-छोटी बात उनसे बताती थी.
ऐश्वर्या रेड्डी बारहवीं की परीक्षा में अपने शहर के टॉपरों में शामिल थीं.
सुमांथी कहती हैं, 'हमें कुछ आर्थिक दिक्कतें थीं लेकिन हमने उससे कहा था कि उसकी शिक्षा से जुड़ी हर ज़रूरत को पूरा किया जाएगा.'
ऐश्वर्या के परिवार ने उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए सोना गिरवी रखकर भी क़र्ज़ लिया था. उनकी छोटी बहन ने सातवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि बड़ी बहन की पढ़ाई चलती रहे.
दसवीं में टॉप करने के बाद शहर के एक निजी स्कूल में उनकी इंटरमीडिएट की पढ़ाई मुफ़्त हुई थी.
ऐश्वर्या के परिजनों का कहना है कि वो बाकी बचे दो सालों की पढ़ाई पर होने वाले ख़र्च को लेकर चिंतित थीं. पहले साल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे हॉस्टल भी खाली करना था.
ऐश्वर्या की मौत की ख़बर के बाद अब राजनीतिक और सामाजिक संगठकों के कार्यकर्ता और नेता उनके घर पहुंच रहे हैं.

सोमवार को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया के पत्रकार भी उनके घर जुटे रहे.
दिल्ली में कांग्रेस के छात्र संगठन ने केंद्रीय मानव संशाधन मंत्री डॉ. आरपी निशंक के घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया है.
आरोप है कि ऐश्वर्या को इंस्पायर स्कॉलरशिप के लिए चुन लिया गया था लेकिन फंड जारी नहीं हुआ था.
कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने ट्विटर पर सवाल किया, "ऐश्वर्या को इंस्पायर स्कालरशिप क्यों नहीं दी गई? ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर सरकार की नीति क्या है? लैपटॉप और इंटरनेट के लिए ग़रीब बच्चे क्या करें?"(bbc)