पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी महागठबंधन, पाकिस्तान के नेताओं के पुलवामा और भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन के बारे में दिए गए बयान से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में थीं.
उर्दू अख़बारों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर विपक्ष के हमले से जुड़ी ख़बरें पिछले क़रीब चार हफ़्तों से सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रही हैं, लेकिन इस हफ़्ते पाकिस्तान के कुछ नेताओं के बयान से जुड़ी ख़बरें अख़बारों में ज़्यादा प्रमुखता से छपीं.
सबसे पहले बात पाकिस्तानी नेताओं के बयान की.
पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) के एक सांसद अयाज़ सादिक़ ने संसद में कह दिया कि भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने रिहा करने का फ़ैसला डर कर किया था.
अयाज़ सादिक़ ने कहा कि जिस बैठक में विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने की बात हुई थी उसमें प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को ख़ुद आना था, लेकिन वो नहीं आए. बैठक में विपक्षी नेताओं के अलावा विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी और सेना प्रमुख मौजूद थे.
अयाज़ सादिक़ ने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को नहीं रिहा किया तो भारत उन पर हमला कर देगा. अयाज़ सादिक़ के मुताबिक़ विदेश मंत्री जब यह कह रहे थे, उस समय उनके पैर काँप रहे थे और उनके माथे पर पसीना था.
एक और मंत्री का विवादित बयान
अयाज़ सादिक़ के बयान के कारण पाकिस्तान में काफी विवाद हुआ. लेकिन मामला इतने पर थमा नहीं.
इसके बाद इमरान ख़ान के एक मंत्री का विवादित बयान आ गया. केंद्रीय मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा कि विपक्षी सांसद की बात बकवास है और पाकिस्तान ने तो पुलवामा में घुसकर मारा है.
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में 14 फ़रवरी 2019 को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) के क़ाफ़िले पर एक चरमपंथी हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 जवान मारे गए थे. भारत का आरोप है कि इस हमले में पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है.
पुलवामा हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल एयर स्ट्राइक का दावा किया था. इस हमले के जवाब में पाकिस्तान ने भी 27 फ़रवरी को भारत पर हवाई कार्रवाई की थी.
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी. इस दौरान ही विंग कमांडर अभिनंदन मिग 21 लेकर उड़े थे, लेकिन पाकिस्तानी एयरफ़ोर्स के हमले में उनका विमान पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में गिर गया. अभिनंदन ख़ुद तो बच गए लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने क़ब्ज़े में ले लिया था.
बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने संसद में अभिनंदन को छोड़े जाने की घोषणा की थी.

बाद में मुकरे नेता
ज़ाहिर है यह दोनों बयान ऐसे थे जिनसे पाकिस्तान की ख़ासी किरकिरी हुई और भारत में सरकार और मीडिया दोनों ने इसे जमकर उछाला.
फिर क्या था, दोनों ही नेता अपने बयान से यह कहते हुए मुकर गए कि उनकी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी ने कहा कि जब तक भारतीय मीडिया ने अयाज़ सादिक़ के बयान को तोड़मरोड़ कर नहीं दिखाया था, तब तक पाकिस्तान में भी यह कोई मुद्दा नहीं था.
उनके अनुसार सांसद अयाज़ सादिक़ ने जज़्बात में आकर यह बातें कहीं जो आधिकारिक मीटिंग का हिस्सा नहीं थीं. यह उनके और विदेश मंत्री के बीच निजी बातचीत थी जिसे संसद में नहीं कहना चाहिए था.
अपने पार्टी सहयोगी का बचाव करते हुए अब्बासी ने कहा, "जब संसद में एक मंत्री किसी सांसद को ग़द्दार कहे, भारतीय एजेंट कहे तो उस सांसद को भी तो अपना बचाव करना होता है.
अयाज़ सादिक़ ने सदन में जो कुछ भी कहा वो पार्टी की राय नहीं है, यह एक सांसद की हैसियत से उनका निजी बयान था."
उन्होंने कहा कि अगर इमरान ख़ान सदन में आकर अपने मंत्रियों के बयानों के लिए माफ़ी मांगें तो अयाज़ सादिक़ भी माफ़ी मांग लेंगे और वो ख़ुद भी माफ़ी मांग लेंगे.
लेकिन ख़ुद मुस्लिम लीग (नवाज़) के कई नेताओं ने अयाज़ सादिक़ के बयान को ग़लत क़रार देते हुए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
अख़बार जंग के अनुसार मुस्लिम लीग के ही एक विधायक अशरफ़ अंसारी ने तो यहां तक कह दिया कि मुस्लिम लीग का शीर्ष नेतृत्व देश के ख़ुफ़िया राज़ को योजनाबद्ध तरीक़े से फ़ाश कर रहा है.
बयान को लेकर सेना में नाराज़गी
अख़बार दुनिया के अनुसार एक सांसद और एक मंत्री के विवादित बयानों से पाकिस्तानी सेना में बहुत नाराज़गी है.
अख़बार के मुताबिक़ इन्हीं बयानों के मद्देनज़र सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने इमरान ख़ान से मुलाक़ात की और बातचीत की.
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ान ने कहा कि "हालिया राजनीतिक बयानबाज़ी से सेना के शीर्ष नेतृत्व से लेकर एक सिपाही तक तमाम रैंक्स में बहुत दुख और ग़ुस्सा है.
विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करके एक ज़िम्मेदार देश होने का सबूत दिया गया था."
उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देकर इतिहास को झुठलाने की कोशिश की जा रही है.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार सेना प्रमुख से मुलाक़ात के दौरान इमरान ख़ान ने कहा कि 'दुश्मन के ख़िलाफ़ पूरी क़ौम एक है.'
अख़बार के अनुसार पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के चेयरमैन हाफ़िज़ मोहम्मद ताहिर महमूद अशरफ़ी ने कहा कि "राजनीतिक विरोध में पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा के इदारों को निशाना बनाना अफ़सोसनाक है. पाकिस्तानी क़ौम और सेना की योग्यता को दुश्मन जानता है. अयाज़ सादिक़ का बयान अफ़सोसनाक़ है."
वहीं पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री शिब्ली फ़राज़ ने कहा कि अगर अयाज़ सादिक़ ने माफ़ी नहीं मांगी तो क़ानून अपना काम करेगा.
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अयाज़ सादिक़ ने दुश्मन को ख़ुश करने के लिए अपना बयान दिया. उनकी बातों से लगता है वो पाकिस्तान को दुनिया में शर्मिंदा करना चाहते हैं. अयाज़ सादिक़ को संसद में खड़े होकर माफ़ी मांगनी होगी नहीं तो क़ानून अपना काम करेगा."
विपक्षी एकजुटता के बीच पीएमएलएन में पड़ती दरार
इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ एकजुट विपक्ष पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले ज़ोरदार आंदोलन कर रहा है.
पीडीएम ने सरकार के ख़िलाफ़ अब तक तीन बड़ी रैलियां की हैं जिनमें हज़ारों लोग शरीक हुए हैं. लेकिन पीडीएम की तीसरी रैली के बाद पीडीएम के सबसे प्रमुख घटक मुस्लिम लीग (नवाज़) में ही मतभेद पैदा हो गए हैं.
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार मुस्लिम लीग (नवाज़) के बलूचिस्तान प्रदेश अध्यक्ष लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अब्दुल क़ादिर बलोच ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है.
उन्होंने पीडीएम की क्वेटा रैली में बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री सनाउल्लाह ज़हरी को दावत नहीं दिए जाने के विरोध में यह क़दम उठाया है.
अब्दुल क़ादिर बलोच केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और इस समय बलूचिस्तान के प्रदेश अध्यक्ष थे.
पीडीएम के सेक्रेटरी जनरल और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी का कहना है कि पार्टी में इस बारे में विचार करने के बाद ही उन्हें नहीं बुलाया गया था क्योंकि वो ढाई साल से देश में नहीं थे और इस आंदोलन के भी वो हिस्सा नहीं थे.(https://www.bbc.com/hindi)