राजनीति
कोलकाता, 26 दिसंबर | तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को कहा कि वह 21 साल तक तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बने रहने पर शर्म महसूस कर रहे हैं। हेस्टिंग्स में भाजपा पार्टी कार्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अधिकारी ने कहा, "मुझे वास्तव में शर्म आती है कि मैं 21 साल तक उस राजनीतिक पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) का हिस्सा था। यह बिल्कुल भी अनुशासन का पालन नहीं करती है। यह एक कंपनी की तरह हो गई है। हम उस कंपनी से बाहर आ गए और एक उचित राजनीतिक पार्टी में सदस्यता प्राप्त कर ली।"
उन्होंने कहा कि दो दशकों से बंगाल 'फॉर द पार्टी, बाय द पार्टी और ऑफ द पार्टी' की संस्कृति का पालन कर रहा है। सुवेंदु ने कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार ने 34 साल तक ऐसा किया और उसके बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने इन्हीं कदम चिन्हों पर चलते हुए ऐसा ही किया।
प्रदेश के पूर्व मंत्री ने कहा, "केवल भाजपा बंगाल में 'फॉर द पीपल, बाय द पीपल, ऑफ द पीपल' संस्कृति स्थापित कर सकती है। अगर हम वास्तव में आर्थिक सुधार चाहते हैं और बंगाल में रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं, तो हमें भाजपा की ओर बढ़ना चाहिए, जो केंद्र में शासन कर रही है।"
उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी को बंगाल में भी सत्ता में आना चाहिए।
सुवेंदु ने राज्य में 135 भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत का भी जिक्र किया। अधिकारी ने कहा कि पहले से ही भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बंगाल में अपना आधार मजबूत कर लिया है। (आईएएनएस)
जयपुर, 26 दिसम्बर | भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी(आरएलपी) ने कृषि कानून को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) से नाता तोड़ लिया है। इससे पहले भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल ने भी कृषि कानूनों को लेकर एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | अटल जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए पंजाब में एकत्र किसानों पर लाठियां बरसाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आक्रोश व्यक्त किया है। भाजपा ने कहा है कि जब 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ता और किसान जुटे थे, उसी वक्त पंजाब की कांग्रेस सरकार ने पुलिस से किसानों पर लोहे की राड और डंडों से आक्रमण करवा दिया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "पंजाब की कांग्रेस सरकार के संरक्षण में पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन सुनने के लिए बैठे किसानों और कार्यकर्ताओं पर लोहे की रॉड और डंडों से आक्रमण कराया। जिससे हमारे कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमारे एक कार्यकर्ता को तो 22-23 टांके आये, किसी के हाथ में फ्रैक्चर हुआ तो किसी के पैर में फ्रैक्चर है। कई जगहों पर किसानों के साथ इसी निर्दयता से आक्रमण किया गया।"
भाजपा के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि, "पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह व्यवहार किया और किसानों पर हुए हमले को रोकने की कोई कोशिश नहीं की, उलटे शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हुए किसानों से ही पीछे के रास्ते से निकलने और जगह छोड़ने को कहा। हर तरह से पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से किसानों को दूर रखने की कोशिश की और किसानों को हतोत्साहित किया। किसानों द्वारा लगाए टेंट को भी उखाड़ दिया गया और किसानों को उन जगहों से हटा दिया गया।"
भाजपा महासचिव ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के सवाल पर कहा, "बॉर्डर जाम कर बैठे लोग बार बार हम पर आरोप लगाते हैं कि हम अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। मैं जानना चाहता हूं कि 2014 से पहले अडानी और अंबानी क्या भीख मांगते थे? अडानी और अंबानी की फोटो तो इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे कई कांग्रेसी नेताओं और शरद पवार के साथ भी मिलेंगी।"
भाजपा महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा, "कांग्रेस के एक सांसद का भी बयान मीडिया में आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि एक जनवरी 2020 के बाद देखिएगा कि किस तरह खून-खराबा होगा, कत्लेआम होगा और लाशें बिछेंगी। कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों के परिप्रेक्ष्य में मैं इस स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आने वाले समय में किसी भी तरह का खून - खराबा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी केवल और केवल कांग्रेस की होगी, क्योंकि कांग्रेस को खून खराबा करके शासन चलाने की आदत पड़ गई है।"
भाजपा के राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने आरोप लगाय कि किसान आंदोलन में बैठे वामपंथी सुलह नहीं होने दे रहे हैं। जबकि मोदी सरकार ने लगातार पांच से छह बैठकें कर के किसानों की हर बात को ध्यान से सुना है। सरकार ने खुले मन से बात की है और संशोधन का लिखित आश्वासन दिया है, लेकिन आंदोलनकारी बोल रहे हैं कि सरकार अड़ियल है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 25 दिसंबर | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 15 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष मायावती का 65 वां जन्मदिन 'जन कल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाएगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सादगी से उनका जन्मदिन मनाया जाएगा। बसपा, पहले इस अवसर पर भव्य तरीके से जश्न मनाती थी। हालांकि इस मुद्दे पर तीखी आलोचना का सामना करने के बाद पार्टी ने इस दिन को 'जन कल्याणकारी दिवस' के रूप में मनाने का फैसला लिया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, मायावती ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रवासियों, किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है जो आर्थिक मंदी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
जन कल्याणकारी दिवस कार्यक्रम के तहत, बसपा नेता जरूरतमंदों, गरीबों और विकलांगों की सहायता करेंगे।
बसपा नेता ने कहा, "हम मिठाई और फल वितरित करने के लिए गांवों और अस्पतालों का दौरा करेंगे।"
उन्होंने पार्टी नेताओं को अपने जन्मदिन के जश्न के दौरान सरकार द्वारा घोषित कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी कहा है। पार्टी ने कहा कि कार्यकर्ताओं का कोई जमावड़ा या सभा नहीं होगी।
मायावती दिल्ली में महामारी शुरू होने के समय से ही हैं और उनके जन्मदिन पर लखनऊ आने का अभी तक कोई कार्यक्रम नहीं है।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कैडर को तैयार करने के लिए नियमित समीक्षा बैठकें कर रही है।
उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने और ब्राह्मणों, पिछड़े वर्गों और मुसलमानों के समर्थन को जीतने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी फंड के वित्तीय योगदान के बारे में पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है।
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती थी। वहीं 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 19 सीट पर और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के साथ चुनाव लड़ने पर 10 सीटों पर जीत मिली थी, हालांकि परिणाम घोषित होते ही बसपा ने सपा से रास्ते अलग कर लिए थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 दिसंबर | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असम की विधायक अजंता नियोग को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शुक्रवार को निष्कासित कर दिया। कांग्रेस की ओर से विधायक को निष्कासित करने को लेकर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि असम की पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री नियोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की योजना बनाई है।
कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से नियोग के निष्कासन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
अगर नियोग भाजपा में शामिल होती हैं, तो यह असम में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा।
राज्य में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे हेमंत बिस्वा सरमा भी अपने कई पार्टी सहयोगियों के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। (आईएएनएस)
ग्वालियर, 25 दिसंबर | मध्य प्रदेश कांग्रेस में नगरीय निकाय के चुनाव के लिए उम्मीदवारी तय करने के लिए चल रही रायशुमारी के दौरान ही आरोपों का दौर शुरु हो गया है। ग्वालियर में तो पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने पूर्व में विधानसभा के चुनाव के लिए उम्मीदवारी चयन के लिए अपनाई गई सर्वे प्रणाली पर ही सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ पर हमला बोला। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य में सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। इन सह प्रभारियों को अलग-अलग हिस्से की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यह सह प्रभारी अन्य नेताओं के साथ अपने-अपने क्षेत्र में बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में नगरीय निकाय चुनाव के उम्मीदवारों पर भी चर्चा हो रही है। शुक्रवार को ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई, इसमें सह प्रभारी सुधांशु और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर मौजूद रहे।
इस बैठक में पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने पार्टी की उम्मीदवारी चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, "विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों का ठीक तरह से चयन होता, टिकट सही तरीके से बांटे जाते तो और भी स्थानों पर जीत मिलती। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई तो यही कहा गया कि सर्वे-सर्वे, मिलेंगे टिकट, रखे रहे गए सर्वे। जब ऊपर बात ही नहीं सुनी जाए तो प्रभारी का क्या मतलब है।"
विधानसभा के उप-चुनाव का जिक्र करते हुए लाखन सिंह यादव ने कहा कि, "चुनाव के मतदान के बाद कमल नाथ से पूछा था कि कितनी सीटें जीत रहे हैं, तो उन्होंने कहा था कि सर्वे के अनुसार 26-27 सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। हुआ क्या, सिर्फ नौ सीटें ही जीत पाए।" (आईएएनएस)
शिमला, 25 दिसंबर | हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को राज्य की राजधानी में ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती के अवसर पर उनकी 18 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया। 'सुशासन दिवस' के अवसर पर 'अटल स्मृति समरोह' को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। ठाकुर ने कहा कि वाजपेयी एक ऐसे राजनेता और महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने सिद्धांत की राजनीति की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी एक महान और दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने नेतृत्व के उच्चतम मूल्यों को परिभाषित किया और देश के विकास में उनके योगदान को वर्षो तक याद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि संसद में कुछ सबसे तनावपूर्ण क्षणों के दौरान भी वाजपेयी स्थिति को अत्यंत सहजता से संभालने में सफल रहे।
ठाकुर ने कहा कि एक दशक से अधिक समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद उनके निधन के समय लाखों युवा वाजपेयी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जिसने लोगों के जीवन पर उनका गहरे प्रभाव को दर्शाया।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी के लिए देश हमेशा पहले था और इसलिए देश के लोगों की ओर से उन्हें एक सच्चे राजनेता के रूप में माना जाता है।
ठाकुर ने कहा कि रिज में वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भारत माता के महान पुत्र को श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि 1.08 करोड़ रुपये खर्च करके बनाई गई यह प्रतिमा राज्य के लोगों की ओर से महान राजनेता के प्रति प्रेम और स्नेह का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री के रूप में वाजपेयी, जो हमेशा मूल्य-आधारित राजनीति में विश्वास करते थे, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के साथ एक विशेष संबंध साझा किया है, जिसे उन्होंने अपने 'दूसरा घर' भी कहा था।
अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, वाजपेयी ने कभी भी हिमाचल आने का मौका नहीं गंवाया। वह अक्सर मनाली के पास प्रीणी गांव में अपने घर पर कुछ दिनों का समय बिताने के लिए जाते रहते थे।
ठाकुर ने कहा कि अपनी सादगी और मानवता के साथ वाजपेयी ने लाखों लोगों के दिलों पर राज किया। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 25 दिसंबर | पंजाब भर के विभिन्न मोबाइल टावरों को बिजली की आपूर्ति बंद करने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को किसानों से अपील की कि वे इस तरह की कार्रवाइयों से जनता को असुविधा न पहुंचाएं। इसके साथ ही सिंह ने किसानों से संयम बरतने को भी कहा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि उसी संयम को जारी रखें, जैसा कि वह पिछले कई महीनों से अपने आंदोलन में दिखा रहे हैं।
यह बताते हुए कि कोविड महामारी के बीच लोगों के लिए दूरसंचार कनेक्टिविटी और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, सिंह ने किसानों से दिल्ली सीमा पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान वही अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह किया, जो वे इससे पहले भी राज्य में उनके आंदोलन के दौरान दिखाते आ रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि दूरसंचार कनेक्टिविटी को बाधित करने और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के तकनीशियनों के साथ अभ्रदता जैसे काम करके आप कानून को अपने हाथ में न लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कार्रवाई पंजाब और उसके भविष्य के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग 'काले' कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में किसानों के साथ खड़े हैं और वह आगे भी खड़े रहेंगे। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे सुनिश्चित करें कि न्याय के लिए उनकी यह लड़ाई राज्य के लोगों को होने वाली किसी भी समस्या का कारण न बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई हिस्सों में किसानों द्वारा मोबाइल टावरों के लिए बिजली की आपूर्ति को रोकने के कारण दूरसंचार सेवाओं का जबरदस्त व्यवधान न केवल छात्रों की पढ़ाई और भविष्य की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा पर निर्भर हैं, बल्कि महामारी के कारण घर से काम करने वाले लोगों के दैनिक जीवन में भी बाधा डाल रहा है।
सिंह ने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि दूरसंचार सेवाओं के बाधित होने से राज्य में पहले से ही बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर और भी गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने पंजाब के नागरिकों को कोई असुविधा न पहुंचाते हुए किसानों को उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि लंबे समय तक आर्थिक संकट, जो राज्य में दूरसंचार सेवा व्यवधान के परिणामस्वरूप बढ़ेगा, उसका कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव सभी वर्गों के लिए हानिकारक होगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 25 दिसम्बर | उत्तरप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ब्राम्हण महासभा के समन्वयक पंडित विनोद मिश्रा ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मिश्रा उत्तरप्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव रह चुके हैं और वह राज बब्बर के कार्यकाल में लखनऊ जिला के प्रभारी थे।
बयान में, मिश्रा ने अपने इस्तीफा के लिए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा, "यूपी कांग्रेस को पहले ही वामपंथी नेताओं को सौंप दिया गया है और अब वे सब कुछ प्रबंधित कर रहे हैं जो कि उस सदियों पुरानी पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है जो देश के स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था।"
किसी अन्य राजनीतिक संगठन में शामिल होने से इनकार करते हुए, मिश्रा ने कहा कि अब वह अपना सारा समय ब्राह्मण महासभा को मजबूत करने में लगाएंगे। (आईएएनएस)
जम्मू, 24 दिसम्बर | जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हाल ही में पहला लोकतांत्रिक चुनाव संपन्न हुआ है। जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के सफल समापन के बारे में आईएएनएस से बात की। जम्मू के मेयर गुप्ता से बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :
प्रश्न : जम्मू-कश्मीर का डीडीसी चुनाव, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विशेष रूप से पहला लोकतांत्रिक अभ्यास होने के नाते आपको कितना महत्वपूर्ण लगता है?
उत्तर : वैसे तो हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है। देश में पिछले 72 वर्षो में 14 आम चुनाव हुए हैं। हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर एक ऐसा राज्य रहा है, जहां इस दौरान केवल चार स्थानीय निकाय चुनाव हुए। पिछली राज्य सरकारें स्थानीय निकाय चुनाव और स्थानीय नेतृत्व का संचालन नहीं चाहती थीं। हालांकि यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण ही है कि ये चुनाव आयोजित किए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के लाल किले में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय परिषदों के लिए चुनाव होंगे। उन्होंने जो कहा था, वह किया। अगर ये चुनाव अतीत में आयोजित किए गए होते तो जम्मू-कश्मीर कम बेरोजगारी के साथ उग्रवाद-मुक्त होता। महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी 370 के बहाल होने तक चुनाव नहीं लड़ेगी, फिर उनकी पार्टी ने चुनाव क्यों लड़ा? उन्हें कम से कम इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए था। अगर आज जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल हुआ है तो इसकी वजह प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह हैं।
प्रश्न : आपने महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बारे में बात की, जो केवल 27 सीटों तक सीमित रही। जबकि 50 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए। क्या आपको लगता है कि यह पीडीपी के लिए एक संदेश है कि आम जनता पुराने र्ढे पर चलने के बजाय निर्दलीय नेताओं को मौका दे रही है?
उत्तर : आज के समय में लोग अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करना पसंद करते हैं। अगर लोगों को पता चलता है कि नए नेता योग्य हैं, तो वे निश्चित रूप से उन्हें वह मौका देंगे, जिसके वे हकदार हैं। पीडीपी जैसी पार्टियां पाकिस्तान का एजेंडा चला रही हैं और यही वजह है कि लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया, खासकर कश्मीर डिवीजन (संभाग) में।
प्रश्न : भाजपा चुनावों में एकल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, हालांकि इसे चेनाब घाटी और जम्मू संभाग में सीटें गंवानी भी पड़ी हैं। क्या आपको लगता है कि जम्मू संभाग में भाजपा ने अपनी पकड़ खो दी है?
उत्तर : मेरे पास आंकड़े हैं और हमारे पास पूरे राज्य में 75 सीटें हैं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीडीपी जैसी पार्टियां, जो दशकों से सत्ताधारी दल रहीं हैं, उनके पास भाजपा से कम सीटें हैं। इसके अलावा हमारा मतदान प्रतिशत फारूक अब्दुल्ला की नेकां से अधिक है। हमने कुछ क्षेत्रों में थोड़ा वोट शेयर जरूर खोया है, लेकिन कुल मिलाकर हम नेकां जैसी पार्टियों की तुलना में वोट शेयर के मामले में आगे हैं।
प्रश्न : गुपकार गठबंधन, जिसने अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक जनमत संग्रह पर विचार करते हुए यह चुनाव लड़े, यह गठबंधन भी 140 के आधे अंक तक भी नहीं पहुंच सका। इसलिए एक गठबंधन के रूप में क्या आपको लगता है कि गुपकार घोषणा विफल रही है?
उत्तर : मैंने अपने राजनीतिक जीवन के 20 वर्षो में कई गठबंधन देखे हैं, लगभग हर गठबंधन, जो मैंने देखे हैं, मैंने उन्हें समय के साथ घटते देखा है। जैसे ही डीडीसी की अध्यक्षता की वार्ता शुरू होगी, आप देखेंगे कि पीएजीडी में एक-दूसरे से लड़ाई शुरू हो जाएगी। इसके बाद मुझे यकीन है कि भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ अधिक चेयरमैनशिप बनाएगी या इसके लिए अन्य उम्मीदवार भी हो सकते हैं।
प्रश्न : क्या आपको लगता है कि भारत सरकार और राज्यपाल मनोज सिन्हा के वर्तमान प्रशासन को कश्मीर में जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए?
उत्तर : मुझे यकीन है कि सरकार न केवल कश्मीर में, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी जहां उम्मीदवारों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, उन सभी विजेता उम्मीदवारों को उचित सुरक्षा और सम्मान देगी।
प्रश्न : क्या भारतीय जनता पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से श्रीनगर डीडीसी के लिए सफल हो पाएगी?
उत्तर : कुछ उम्मीदवारों ने कई कारणों से भाजपा के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ा। यह हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कश्मीर में अपने जीवन को खतरे में डालने के प्रयासों और मेहनत का ही परिणाम है कि कश्मीर घाटी में कमल खिल गया है। निकट भविष्य में आप निर्दलीय उम्मीदवारों को भाजपा में आते देख सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 दिसंबर | पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हुए भाजपा शुक्रवार को देश में 19 हजार से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम करेगी। केंद्रों पर एक करोड़ किसानों को जुटाने के साथ पांच करोड़ किसानों तक प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पहुंचाने की तैयारी है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 9 करोड़ किसानों को 18,000 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करेंगे। राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, "देश के 19,000 से ज्यादा स्थानों पर भाजपा ये कार्यक्रम करेगी। इन कार्यक्रमों में देश के 1 करोड़ से ज्यादा किसान प्रत्यक्ष हिस्सा लेंगे, जबकि 5 करोड़ किसान प्रधानमंत्री मोदी का भाषण सुनकर लाभ उठाएंगे। ये कार्यक्रम सभी विकास खंडों, पंचायतों, सहकारी संस्थानों और मंडियों पर आयोजित होंगे।"
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि, "यदि सिर्फ उत्तर प्रदेश राज्य की बात की जाय तो 822 ब्लॉक, 435 मंडलों, 10 हजार से अधिक आबादी वाली 585 ग्राम पंचायतों और 1225 सहकारी संस्थाओं पर ये कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।"
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को 12 बजे सभी किसान भाइयों और आम नागरिकों को संबोधित करेंगे। इससे पूर्व, 11 बजे सुबह प्रमुख नेताओं एवं किसान नेताओं का संबोधन होगा इस कार्यक्रम में सभी केंद्रीय मंत्री, सांसद, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री, विधायक, मेयर आदि प्रतिनिधि भाग लेंगे। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 24 दिसंबर | हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी वाम मोर्चा के प्रभावशाली प्रदर्शन से बौखलाए केरल के भाजपा नेताओं ने गुरुवार को 2021 का विधानसभा चुनाव जीतने की योजना बनाई। पार्टी दक्षिणी राज्य में अपना आधार व्यापक बनाने के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग मोड' में चली गई है। भाजपा की कोर कमेटी ने गुरुवार सुबह से शाम तक कोच्चि में बैठक की। केरल राज्य भाजपा इकाई के प्रभारी सी.पी. राधाकृष्णन ने मीडिया को बताया कि बैठक में भाग लेने वाले 2021 की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट योजना के साथ सामने आए थे।
उन्होंने कहा, "केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा-खासा वोट हासिल करने वाली भाजपा एकमात्र पार्टी है। हमारी पार्टी ने 25 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में 30,000 से अधिक वोट प्राप्त किए। भाजपा अब मुख्य रूप से इन 25 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी, इसके अलावा अन्य 40 निर्वाचन क्षेत्रों में भी।"
भाजपा नेताओं ने जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केरल के ईसाई संप्रदाय के विशिष्टजनों के साथ बातचीत की व्यवस्था करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की हालिया रणनीति पर भी चर्चा की।
पूर्व केरल भाजपा अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, जो इस समय मिजोरम के राज्यपाल हैं, फिलहाल केरल के ईसाई संप्रदाय के विशिष्टजनों से बातचीत कर रहे हैं। ईसाई मतदाताओं का समर्थन भाजपा के लिए महत्वपूर्ण होगा, विशेष रूप से मध्य केरल में।
पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख पिल्लई ने कहा, "भाजपा अब सोशल इंजीनियरिंग मोड में है। पार्टी नेतृत्व विभिन्न सामाजिक समूहों और समुदायों के साथ बैठक करेगा, जिसमें शक्तिशाली नायर सर्विस सोसायटी और श्रीनारायण धर्म परपलाना (एसएनडीपी) नेतृत्व, और विभिन्न संगठन शामिल हैं। मध्य जनवरी से पहले एससी/एसटी और ओबीसी समूहों के साथ बातचीत की जाएगी। अगर जरूरत हुई तो प्रधानमंत्री इन संगठनों के नेताओं से सीधे संवाद करेंगे।"
भाजपा अब गंभीरता से ईसाई समुदाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है और मुस्लिम यूथ लीग के नेता मुनव्वर अली शिहाब थंगल के साथ पार्टी के मुखपत्र 'चंद्रिका' में एक लेख में हागिया सोफिया मस्जिद मुद्दे पर समर्थन व्यक्त किया है। ईसाई समुदाय कथित रूप से संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) से अलग हो रहा है।
कोर कमेटी की बैठक में भाग लेने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हमने केरल में ईसाई समुदाय का यूडीएफ के साथ मतभेद की बातें सामने रखी है। यह भाजपा के लिए समर्थन की बाढ़ खोल देगा। हम पार्टी को जीतने की स्थिति में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"
इस बीच, स्थानीय निकाय चुनावों से दूर रहने वाली शोभा सुरेंद्रन जैसी नेताओं को कोर कमेटी की बैठक में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके आलोचकों ने कहा, "शोभा सुरेंद्रन एक वरिष्ठ पार्टी नेता हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी और स्थानीय चुनावों में सक्रिय रूप से खुद को शामिल करना चाहिए था।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 दिसंबर | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए गुरुवार को कहा कि "उनकी बातों को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती।" नए कृषि और किसान आंदोलन को लेकर राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने के संबंध में यहां संवाददाताओं एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "राहुल गांधी जो कुछ बोलते हैं, उसको कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती। देश का तो सवाल ही नहीं उठता है।"
उन्होंने यह बात यहां कृषि भवन में उनसे मिलने आए किसानों के एक संगठन से मिलने के बाद कही। उत्तर प्रदेश के बागपत से किसान मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से मिला और केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों का समर्थन किया।
तोमर ने संवाददाताओं के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा, "आज जब वह (राहुल गांधी) राष्ट्रपति के पास विरोध व्यक्त करने गए, तब मैंने इन किसानों से पूछा तो इन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई आदमी इनसे दस्तखत कराने नहीं आया और किसी किसान ने दस्तखत नहीं की है।"
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "अगर राहुल गांधी को किसानों की इतनी चिंता थी तो जब उनकी सरकार थी, तब वह सरकार के माध्यम से कुछ न कुछ कर सकते थे। कांग्रेस का हमेशा से चरित्र किसान विरोधी रहा है।"
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "ये तीनों बिलों (केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून) के बारे में 2019 के घोषणापत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि हम सरकार में आएंगे तो एपीएमसी को खत्म करेंगे और बिना टैक्स के किसानों की फसलों की खरीद हो यह सुनिश्चित करेंगे। कांट्रैक्ट फार्मिग को बढ़ावा दिया जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करके उसको नया बनाया जाएगा।"
तोमर ने सवालिया लहजे में कहा, "अब मैं राहुल गांधी को कहना चाहता हूं कि 2019 में आपने जब अपना घोषणापत्र जारी किया उस समय आप झूठ बोल रहे थे या आप आज झूठ बोल रहे हैं। यह कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए।"
इससे पहले, राहुल गांधी ने किसानों के मसले को लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी भी थे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया किसान विरोधी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों को किसान के लिए नुकसानदेह करार देते हुए उन्होंने कहा, "भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।" (आईएएनएस)
भागलपुर, 24 दिसंबर | बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने गुरुवार को हाल के दिनों के केंद्र सरकार के बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून देश के अन्नदाताओं का हक छीनकर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए हैं। बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और हाल में हुए विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज से महागठबंधन के प्रत्याशी ललन कुमार ने सुल्तानगंज में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की राजग सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ करोड़ों किसान कंपकंपाती ठंड में जीविका बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के साथ हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन अन्नदाता किसानों के साथ चट्टानी एकता के साथ खड़ा है।
ललन कुमार ने कहा कि, "सरकार कह रही है कि निजी क्षेत्र के आने से किसानों को लंबे समय में फायदा होगा। यह दीर्घकालिक नीति है तो सबसे बड़ा उदाहरण तो हमारा राज्य बिहार है, जहां की सरकार ने मंडी व्यवस्था को 2006 में ही खत्म कर दिया था।"
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आज बिहार को इससे क्या लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि बिहार में कितना निवेश आया? किसानों को क्यों आज सबसे कम दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है ?
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में बिहार में गेहूं के कुल उत्पादन का मात्र एक प्रतिशत ही सरकारी खरीद हो पाई। पंजाब में धान की एमएसपी 1883 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि बिहार में कोई धान को 1200 क्विंटल तक में खरीदने को तैयार नहीं है।
उन्होंने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन के साथ महागठबंधन के नेता अंतिम समय तक हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन के कई नेता उपस्थित रहे। (आईएएनएस)
भोपाल, 24 दिसंबर | मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चाओं ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है, इसकी वजह भी है क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का अचानक दिल्ली दौरा हुआ है, वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा हो रहा है। राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले विष्णु दत्त शर्मा को लगभग 10 माह का वक्त गुजर गया है, मगर वे अब तक अपनी कार्यकारिणी का विस्तार नहीं कर पाए हैं, हां पांच महामंत्रियों की नियुक्ति जरुर कर दी है। विस्तार न होने की बड़ी वजह राज्य की सत्ता में बदलाव होना यानि कि भाजपा का फिर सत्ता में लौटना, कोरोना का खतरा बढ़ा और उपचुनाव रहे हैं।
राज्य में उप चुनाव हो चुके हैं और प्रदेश की सरकार पूर्ण बहुमत में आ चुकी है, उसके बाद से कार्यकारिणी के विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं। कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है। बुधवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का अचानक दिल्ली दौरा हुआ और इस दौरे को कार्यकारिणी विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।
एक तरफ जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का दिल्ली दौरा हुआ और उनकी प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव सहित कई अन्य नेताओं से मुलाकात हुई, तो वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 और 27 दिसंबर को राज्य के प्रवास पर आ रहे हैं। इस प्रवास के दौरान सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल में रहेंगे। वे पार्टी के जिलाध्यक्षों के सीहोर में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में हिस्सा लेंगे, वहीं अन्य कार्यक्रमों में भी शरीक होंगे। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि सिंधिया की इस प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के पदाधिकारियों से अलग बैठक भी हो सकती है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी समय में प्रदेश कार्यकारिणी के होने वाले विस्तार को लेकर सिंधिया के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। सिंधिया अपने कुछ लोगों को प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिलाना चाहते हैं, वही संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों की नियुक्ति में भी अपने समर्थकों को स्थान दिलाने के प्रयासरत हैं। (आईएएनएस)
लखनऊ, 24 दिसंबर | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को सभी पार्टी पदाधिकारियों को एक जिले में 20 दिन बिताने और पार्टी संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया। प्रियंका ने कहा कि पार्टी संगठन का निर्माण करना हर पदाधिकारी की प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने 3 जनवरी से पदाधिकारियों को जिलों में समय बिताने के लिए कहा।
वस्तुत: उन्होंने यूपी कांग्रेस कार्यकारी समिति को संबोधित करते हुए पार्टी संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पदाधिकारी को एक जिले का प्रभार दिया जाएगा।
हाल के वर्षो में यह संभवत: पहली बार है जब कांग्रेस नेताओं को किसी जिले में 20 दिन बिताने और रिमोट कंट्रोल के माध्यम से ड्यूटी नहीं करने के लिए कहा गया है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि एक जिले में एक यूपीसीसी पदाधिकारी की उपस्थिति पार्टी के मनोबल को बढ़ाने का काम कर सकती है।
नेता ने कहा, "मुझे याद नहीं है कि चुनावों को छोड़कर कब कांग्रेस के नेताओं ने देवरिया, मऊ और बस्ती जैसे छोटे जिलों में दो दिन बिताए हों।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 24 दिसंबर | पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के अवसर पर विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया। पश्चिम बंगाल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि बनर्जी को शताब्दी समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया था।
बसु ने कहा, "ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और इस अवसर पर उन्हें आधिकारिक प्रोटोकॉल के तहत आमंत्रित किया जाता है। हमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कोई आधिकारिक निमंत्रण प्राप्त नहीं हुआ है। क्या राज्य के मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है?"
कुलपति द्वारा हस्ताक्षरित और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, "क्या उनके पास पत्र की रसीद की प्रति है? कुलपति ने पत्र पर हस्ताक्षर किए और उसे सिर्फ अपने पास रखा।"
इस बीच मुख्यमंत्री ने सुबह विश्व भारती में शताब्दी समारोह के अवसर पर ट्वीट किया और कहा कि शांतिनिकेतन में टैगोर के दर्शन और विचारों को संरक्षित किया जाना चाहिए।
बनर्जी ने कहा, "विश्व भारती विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे हो गए हैं। शिक्षा का यह मंदिर रवींद्रनाथ टैगोर का आदर्श मानव बनाने का सबसे बड़ा प्रयोग था। हमें इस महान दूरदर्शी की दृष्टि और दर्शन को संरक्षित करना चाहिए।"
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में स्थित विश्व भारती की स्थापना 1921 में हुई थी और इसे 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 23 दिसंबर | मध्यप्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा में नया नेता प्रतिपक्ष जल्दी ही मिल सकता है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इस पद से मुक्ति चाह रहे हैं। इतना जरूर है कि जो नया नेता प्रतिपक्ष बनेगा वह कमल नाथ की पसंद का ही होगा।
राज्य विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है, इससे पहले कांग्रेस में नए नेता प्रतिपक्ष की चर्चाएं जोर पकड़े हुए हैं। पार्टी के अंदर तो यह कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन होने के बाद कमलनाथ की कांग्रेस की केंद्र की राजनीति में भूमिका बढ़ सकती है और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी पार्टी हाईकमान सौंप सकता है। बीते दिनों कमलनाथ की सोनिया गांधी से हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष के दावेदारों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग के नेता पर दाव लगा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग से नाता रखने वाले विक्रांत भूरिया चुनाव जीत गए हैं। इससे अनुसूचित जनजाति के वर्ग के नेता बाला बच्चन और डॉ. विजय लक्ष्मी साधो का दावा नेता प्रतिपक्ष के लिए कमजोर पड़ रहा है। इस पद के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के सज्जन वर्मा के अलावा डॉ. गोविंद सिंह, हर्ष यादव, बृजेंद्र सिंह राठौर जैसे नेताओं के भी नाम लिए जा रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का मानना है कि कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष ऐसा होना चाहिए जो जमीन पर लड़ाई लड़ सके।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विधानसभा के सत्र से एक दिन पहले यानि 27 दिसंबर को विधायक दल की नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने बैठक बुलाई है। इस बैठक में संभव है कि बड़ा फैसला हो जाए।
वहीं राजनीतिक के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक कोई पद छोड़ें, ताकि एक पद पर किसी दूसरे नेता को मौका मिल सके। वहीं कमल नाथ भी नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने का मन बना चुके हैं, इसकी वजह है क्योंकि कमल नाथ प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी अपने पास रखते हुए वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी निभाने के इच्छुक हैं। इसलिए इस बात की संभावना ज्यादा है कि कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे और नेता प्रतिपक्ष वहीं बनेगा जिसे कमल नाथ चाहेंगे। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 23 दिसम्बर | भारत में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से किसानों के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। ढेसी ने जॉनसन के अगले महीने निर्धारित भारत दौरे के दौरान अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाने के लिए भी कहा है।
ब्रिटेन के साउथॉल से सिख सांसद ने प्रधानमंत्री जॉनसन से उनकी जनवरी महीने में निर्धारित भारत यात्रा के दौरान किसानों के विरोध पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने की अपील की है। इसके साथ ही सिख सांसद ने भारतीय प्रधानमंत्री के समक्ष इस बड़े मुद्दे को उठाने और इसके शीघ्र समाधान का आग्रह भी किया।
इससे पहले ढेसी ने संसद में जॉनसन को किसानों के विरोध पर टिप्पणी करने के लिए कहा और उनके खिलाफ कथित बल प्रयोग और मोदी के लिए मौजूदा गतिरोध को शीघ्र हल करने के बारे में अपनी चिंता जाहिर की।
आंदोलित किसान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं और उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी और वे बड़े कॉर्पोरेट घरानों पर निर्भर होकर रह जाएंगे।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। सरकार ने विपक्षी दलों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है। (आईएएनएस)
पटना, 23 दिसंबर | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय का दौरा करने के बाद कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति में और सुधार होगा, उन्हें इसका भरोसा है। उन्होंने कहा कि एक-एक बिंदु पर डिटेल सर्वेक्षण कर रहे हैं, एक-एक चीज को देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय का दौरा करने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, "जिसे जो कहना है कहे, कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर पूरी मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है। गृह विभाग एवं पुलिस अधिकारी से इस पर विस्तृत बातचीत हुई है।"
उन्होंने कहा, "पुलिस मुख्यालय रोज आना संभव नहीं हैं, हम कोशिश करेंगे की यहां आते रहें। कई विषयों पर चर्चा की है। हम एकबार विधि व्यवस्था पर पूरी बात कर चुके हैं। हमलोग एक-एक बिंदु पर डिटेल सर्वेक्षण कर रहे हैं और एक-एक चीज को देख रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, विधि व्यवस्था की स्थिति और इम्प्रूव होगी, ऐसा हमें भरोसा है।
इससे पहले पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से इस मद में प्राप्त होने वाली राशि के अलावा राज्य सरकार भी अपने कोष से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे जल्द से जल्द लगाए जाएं जिससे विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो।
बैठक में अपर मुख्य सचिव (गृह) आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस के सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित पुलिस के कई आला अधिकारी उपस्थित थे। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 23 दिसंबर | पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) और भाजपा की समन्वय समिति की महत्वपूर्ण बैठक गुजरात के अहमदाबाद में होने जा रही है। पांच से सात जनवरी के बीच तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े तीन दर्जन से अधिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में भाजपा संगठन और उसके नेतृत्व में केंद्र से लेकर राज्यों में चल रहे सरकारों के कार्यो की समीक्षा होगी। पश्चिम बंगाल चुनाव की तैयारियों पर भी मंथन होगा। संघ से जुड़े सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों के सुझावों को भी भाजपा नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा।
कोरोना काल में आरएसएस की यह बड़ी बैठक होने जा रही है। चूंकि इस बैठक में संघ परिवार से जुड़े सहयोगी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी ही शामिल होते हैं, ऐसे में इसका आयोजन वर्चुअल नहीं बल्कि पहले की तरह होगा। भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष इसमें भाग लेंगे। वहीं केंद्र सरकार के शीर्ष मंत्री भी बैठक में उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अहमबाद में समन्वय समिति की बैठक के कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें संघ परिवार के सभी प्रमुख संगठनों के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में भाजपा की ओर से संगठनात्मक कार्यो की रिपोर्ट पेश होगी। सरकार की भी उपलब्धियां संघ की समन्वय समिति में बताई जाएंगी। संघ के सभी 36 प्रमुख संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी भाजपा के संगठन और सरकार के कामकाज पर अपनी राय रखते हुए सुझाव भी देंगे। मोदी सरकार के लंबित चल रहे मंत्रिमंडल विस्तार पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। एक पदाधिकारी के अनुसार, "संघ अपने सभी सहयोगी संगठनों के बीच परस्पर समन्वय पर जोर देता है। इसलिए हर वर्ष समन्वय समिति की बैठक के माध्यम से सभी संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों की मीटिंग होती है। संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में जरूरी मुद्दों पर चर्चा होती है। संघ के पदाधिकारी विभिन्न बिंदुओं पर मार्गदर्शन करते हैं।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 दिसंबर | आम आदमी पार्टी का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों पर कई झूठे आरोप लगाए गए हैं। आंदोलनकारी किसानों के लिए अश्लील भाषा का इस्तेमाल हो रहा है। आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ कोर्ट में जाने वाले किसानों की कानूनी लड़ाई में मदद करेगी। आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, "इन तीन काले कानूनों की वजह से किसान परेशान हैं, पीड़ा में हैं, आहत हैं। जब देश का किसान अपनी बात रखने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ा, तो उसके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार किया गया। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, पानी की बौछारें मारी गईं, लाठी-डंडे बरसाए, सड़कें खोद दी गईं। इसके बाद भी हमारे देश के बहादुर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आए। किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन शुरू किया, तो किसानों को अपमानित करना शुरू कर दिया गया, उनके लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे।"
राघव चड्ढा ने कहा, "कई नेता किसानों पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें कनाडा, पाकिस्तान से फंडिंग हो रही है, किसान खलिस्तानी हैं, किसान आतंकवादी हैं, देश के किसान गुंडे हैं। यहां तक कि बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्र्दशन कर रहे किसान को दलाल करार दे दिया।"
राघव चड्ढा ने आगे कहा, "बहुत सारे किसानों ने भाजपा के इन नेताओं के बयान सुने, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं और अब किसान इंसाफ चाहते हैं, अब वो इस लड़ाई को सड़क से कोर्ट तक ले जाना चाहते हैं। देश के अलग अलग हिस्सों से किसानों ने हमें संपर्क किया और बताया कि वो इन अपमानों के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं।"
आम आदमी पार्टी की तरफ से एक अहम घोषणा करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि देश के किसानों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से उनका सहयोग करेगी। आम आदमी पार्टी देश के किसानों को इंसाफ दिलाने के लिए किसानों को मुकदमे करने से लेकर, मुकदमें को अंजाम तक पहुंचाने में पूरी तरह से मदद करेगी। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 22 दिसंबर | पीपुल्स एलाएंस गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) उम्मीदवार और पीडीपी नेता वहीद पारा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में पुलवामा-ए निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सज्जाद अहमद रैना को हराया। पारा को जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व उप-अधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में एनआईए ने 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था। दविंदर को हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों का साथ देने के लिए पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू को इस साल जनवरी में श्रीनगर से जम्मू ले जाते समय गिरफ्तार किया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि पारा की जीत लोगों का उनके प्रति प्यार और विश्वास का संकेत है।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "पीडीपी उम्मीदवार वहीद पारा पर हम गर्व क्यों न करें, जिन्होंने अपने पहले चुनाव में वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की हो। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्हें आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के बावजूद लोगों ने उनके प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है।" (आईएएनएस)
जयपुर, 22 दिसंबर | राजस्थान में मंगलवार को कोविड -19 मामलों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने नए साल के जश्न को धूमधाम से मनाने या आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश में, गहलोत ने सलाह दी कि दीवाली की तरह, राज्य के लोगों को अपने घरों के अंदर रहकर, कोविड -19 संक्रमण से खुद को बचाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ नए साल का जश्न मनाना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि, "किसी के परिवार और आम लोगों के जीवन की रक्षा करना आवश्यक है।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि राज्यों को बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ की जांच करने और धार्मिक-सामाजिक आयोजनों को यथासंभव नहीं करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
गहलोत ने घोषणा की कि इन सभी को देखते हुए, आगामी कुछ हफ्तों के लिए राज्य में सभाओं, सामूहिक कार्यक्रमों और आतिशबाजी आदि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
"रात का कर्फ्यू जारी रहेगा और सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की गश्त और कार्रवाई अधिक सख्त होगी। लोगों के बीच संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरूकता के उद्देश्य से, हमारे अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। "
मंगलवार को राजस्थान में कोरोना 807 नए मामले दर्ज किए गए। इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 3,00,716 पहुंच गई। (आईएएनएस)
अमरवती, 22 दिसंबर | तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय महासचिव और विपक्ष के नेता नारा लोकेश ने कुछ पुलिस वाहनों पर कथित तौर पर युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसएमसीपी) के रंगों से सजी होने पर आपत्ति जताई। लोकेश ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्तारूढ़ पार्टी के रंग वाले वाहनों से दिशा अधिनियम के नाम पर लोगों के साथ एक और विश्वासघात किया है, जिनका इस्तेमाल अब तक महिलाओं को अत्याचारों से बचाने के लिए नहीं किया जा सका है।
उन्होंने दावा किया कि कुछ अति उत्साही पुलिसकर्मी अपनी सीमा पार कर रहे हैं। इसके साथ ही तेदेपा नेता ने कहा कि भविष्य में तो पुलिस की वर्दी को भी वाईएसआरसीपी के रंगों में तब्दील किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "इस तरह की अनचाही गतिविधियों पर अपना समय और ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय, पुलिस को लोगों की सुरक्षा के लिए अपने मूल कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
तेदेपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी जनता से कथित तौर पर पीछे हटने के बावजूद अरुचिकर गतिविधियों का सहारा ले रही है और याद दिलाया कि उसे पंचायत कार्यालयों पर पार्टी के रंगों को लेकर झटका लगा है।
लगभग दो दशक पहले 2002 के आसपास पूर्ववर्ती संयुक्त राज्य में सभी स्कूल और कॉलेज बसों के रंगों को पीले रंग में बदल दिया गया था। इनमें कई बसों को नीले से पीले रंग में तब्दील कर दिया गया था।
प्रकाशम जिले में एक दिव्यांग पीड़ित महिला की मौत का जिक्र करते हुए लोकेश ने इसे एक हत्या करार दिया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने इस मामले पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उन्होंने कहा, "जब से वाईएसआरसीपी समाज के सभी वर्गो के लिए खोखले वादे करके सत्ता में आई है, तब से महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।"
लोकेश ने दावा किया कि रेड्डी के शासन में महिलाओं पर 310 से अधिक अत्याचार के मामले सामने आ चुके हैं। (आईएएनएस)