काबुल, 15 सितंबर (आईएएनएस)| पहली बार, अफगानिस्तान ने चार साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र में सीएसडब्ल्यू (महिला स्थिति पर आयोग) सीट जीती है। टोलो न्यूज के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि अदेला राज ने यह घोषणा की।
उन्होंने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, "अफगानिस्तान आज प्रतिस्पर्धी सीएसडब्ल्यू चुनावों में सबसे ज्यादा वोटों के साथ जीता है, हमारे अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ 19 साल पहले शुरू की गई प्रक्रिया की जीत का प्रतिनिधित्व करता है। हम अपनी महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह नए अफगानिस्तान को दर्शाने के लिए हमारी शांति वार्ता के दौरान काफी महत्वपूर्ण है।"
भारत, अफगानिस्तान और चीन सीट जीतने के प्रमुख दावेदारों में थे।
यहां तक जहां भारत और अफगानिस्तान ने 54 सदस्यों के बीच मतदान में जीत हासिल की, चीन आधा वोट भी हासिल नहीं कर सका।
सीएसडब्ल्यू एक प्रमुख वैश्विक अंतर सरकारी निकाय है जो विशेष रूप से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए समर्पित है।
आर्थिक और सामाजिक परिषद का एक कार्यात्मक आयोग है, इसकी स्थापना 21 जून 1946 को की गई थी।
इस्लामाबाद, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में मंगलवार को शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए। कोविड-19 महामारी के कारण ये छह महीने से बंद थे। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा किया कि फिर से खोलने के पहले चरण में, सभी हायर एडुकेशन इंस्टीट्यूशन - कक्षा नौ से 12 तक और उससे ऊपर - मंगलवार से कक्षाएं फिर से शुरू करेंगे।
दूसरे चरण में, माध्यमिक विद्यालय फिर से खुलेंगे और तीसरे चरण में, प्राथमिक विद्यालय फिर से शुरू होंगे।
सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार, सभी छात्रों और शिक्षकों के लिए मास्क अनिवार्य है, जबकि स्कूल प्रशासन को गेट पर सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
सरकार के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोई मॉर्निग असेंबली नहीं होगी और कक्षाओं में प्रवेश करने से पहले छात्रों के शरीर के तापमान की जांच की जाएगी।
इसके अलावा, छात्रों को कक्षाओं में कुर्सियों के बीच एक सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करनी होगी, जबकि सभी संस्थानों के मुख्य गेट पर फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की गई।
गौरतलब है कि 7 सितंबर को, संघीय और प्रांतीय सरकारों के एक संयुक्त निर्णय के अनुसार, अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने का फैसला किया था।
सैन फ्रांसिस्को, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| गेमिंग हार्डवेयर विक्रेता रेजर द्वारा दुर्घटनावश एक लाख से अधिक गेमर्स की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई है, जो हैकर्स के द्वारा शोषण के लिए लगभग एक महीने से उपलब्ध था। सुरक्षा शोधकर्ता वोलिडिमिर डियाचेंको की नजर में पहली बार यह बात सामने आई कि 18 अगस्त को रेजर के वेबसाइट पर ग्राहकों की डेटा का सार्वजनिक तौर पर खुलासा किया गया था, हालांकि ऐसा सर्वर मिस कॉन्फिगरेशन के चलते हुआ था।
लीक हुए इस डेटा में पूरा नाम, ईमेल, फोन नंबर, कस्टमर इंटरनल आईडी, ऑर्डर नंबर, ऑर्डर डिटेल्स, बिलिंग और शिपिंग एड्रेस सभी शामिल रहे थे।
इस ऑनलाइन मिस कॉन्फिगरेशन के बारे में पता लगने के तुरंत बाद डियाचेंको ने तीन हफ्ते के दरमियान रेजर संग कई बार संपर्क करने की कोशिश की।
लिंक्डइन पर अपने एक पोस्ट में डियाचेंको ने कहा, "मेरा संदेश कंपनी के अंदर सही लोगों तक कभी नहीं पहुंचा और सार्वजनिक तौर पर इसकी पहुंच न हो पाए, यह सुनिश्चित कराने तक गैर-तकनीकी सहायता प्रबंधकों द्वारा तीन सप्ताह से अधिक समय तक निरंतर संपर्क साधा गया।"
रेजर एक वैश्विक गेमिंग हार्डवेयर निर्माण कंपनी, एस्पोर्ट्स और वित्तीय सेवा प्रदाता है।
अपने एक बयान में, कंपनी ने सर्वर मिस कॉन्फिगरेशन होने की बात को स्वीकारा।
कंपनी ने कहा, "हमें वलोडिमिर द्वारा एक सर्वर मिस कॉन्फिगरेशन के बारे में अवगत कराया गया था, जिसके माध्यम से संभवत: ऑर्डर डिटेल्स, ग्राहक और शिपिंग जानकारी से संबंधित जानकारियों का खुलासा हुआ है। हालांकि क्रेडिट कार्ड नंबर या पासवर्ड जैसे किसी अन्य जरूरी डेटा का खुलासा इसमें नहीं हुआ है।"
कंपनी ने आगे कहा, "हालांकि आंकड़ों के सार्वजनिक होने से पहले ही सर्वर मिस कॉन्फिगरेशन की समस्या को 9 सितंबर ठीक कर लिया गया।"
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच खुलासा हुआ है कि चीन अपनी एक कंपनी के जरिए भारत के करीब 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी कर रहा है। इतना ही नहीं, वह दुनियाभर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के 24 लाख लोगों की जासूसी कर रहा था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने सोमवार को खुलासा किया था कि चीन की जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सीजेआई बोबडे जैसी हस्तियां शामिल हैं। अखबार ने मंगलवार को अपने खुलासे की दूसरी कड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था के भीतर चीन के गहरे जमे जासूसी त्रंत्र के बारे में बताया है। ड्रैगन भारतीय अर्थव्यवस्था की किस कदर जासूसी कर रहा है, इसका अंदाजा इसी ले लगा सकते हैं कि उसकी निगरानी लिस्ट में इंडियन रेलवे में इंटर्नशिप कर रहे इंजीनियरिंग स्टूडेंट से लेकर अजीम प्रेमजी की वेंचर कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर तक शामिल हैं।
चीन की सेना और खुफिया एजेंसी से जुड़ी कंपनी झेन्हुआ डेटा इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी लिमिटेड ने जो ओवरसीज की इंडिविजुअल डेटाबेस (OKIDB) तैयार किया है, उसमें भारत के अर्थ जगत से कम से कम 1,400 लोग, संगठन या कंपनियां शामिल हैं। जिन लोगों की चीन निगरानी कर रहा है उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स, एंजेल इन्वेस्टर्स, देश के जाने-माने स्टार्टअप और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स तक शामिल हैं। इसके अलावा इंडिया में बेस्ड फॉरेन इन्वेस्टर्स की भी चीन जासूसी कर रहा है।
OKIDB के जरिए भारत के अर्थ जगत की जिन हस्तियों की जासूसी की जा रही है, उनमें महिंद्रा ग्रुप के ग्रुप सीएफओ अनीश शाह, रिलायंस ब्रैंड्स के सीटीओ पीके थॉमस, अजीम प्रेमजी की बनाई हुई वेंचर कैपिटल कंपनी प्रेमजी इन्वेस्ट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर टी. के. कुरियन, रिलायंस रिटेल के चीफ एग्जिक्यूटिव ब्रायन बेड और मॉर्गन स्टैनली के कंट्री हेड विनीत सेखसारिया जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं।
ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जौमैटो और स्विगी के शीर्ष अधिकारियों की भी चीन निगरानी कर रहा है। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल, ऊबर इंडिया के ड्राइवर ऑपरेशंस के हेड पवन वैश, पेयू के बिजनस हेड नमीत पोटनीस, नाइका की को-फाउंडर और सीईओ फाल्गुनी नायर, जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपींदर गोयल और स्विगी के को-फाउंडर और सीईओ नंदन रेड्डी की भी जासूसी हो रही है।
इतना ही नहीं, आईआईटी जैसे शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के डायरेक्टरों तक की चीन जासूसी कर रहा है। इनमें आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रफेसर अभय करांडिकर और आईआईटी बॉम्बे के प्रफेसर दीपक बी. पाठक भी शामिल हैं। भारतीय अर्थ जगत में जिन्हें सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया है, उनमें वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजेल इन्वेस्टर्स शामिल हैं। इसके अलावा कंपनियों/स्टार्टअप्स के संस्थापकों, सीईओ, सीएफओ, सीटीओ और सीओओ को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया है।
भारत में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल हेल्थ सेक्टर और डिजिटल एजुकेशन सेक्टर की चीन निगरानी और जासूसी कर रहा है। भारत के प्रमुख डिजिटल पेमेंट ऐप्स भी OKIDB के डेटा बेस में शामिल हैं।
सिप्ला के सहयोग से चल रही डिजिटल थेरेपी चलाने वाला स्टार्टअप वेल्थी थेरप्यूटिक्स. बेंगलुरु बेस्ड हेल्थकेयर स्टार्टअप स्ट्रैंड लाइफ साइंस, ग्रामीण भारत में हेल्थकेयर सर्विस उपलब्ध कराने वाले ग्रामीण हेल्थकेयर चीनी जासूसी का निशाना बने हैं। इसी तरह मैट्रिक्स पार्टनर इंडिया, कलारी कैपिटल, सीड फंड, फायरसाइड वेंचर्स जैसे एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स की भी जासूसी की जा रही है। मैट्रिक्स पार्टनर का ओला, प्रैक्टो और रेजर पे में ठीक-ठाक शेयर है। इसी तरह कलारी केपिटन के पोर्टफोलियो में स्नैपडील, माइंत्रा और अर्बन लैडर जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां शामिल हैं।
पेटीएम, रेजरपे और फोन पे जैसी भारत की शीर्ष डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी चीनी जासूसी के जाल से अछूती नहीं है। इसके अलावा पाइन लैब्स, एवेन्यूज पेमेंट्स, एफएसएस जैसी पेमेंट्स कंपनियों की भी चीन जासूसी कर रहा है। एफएसएस पेमेंट्स का आईआरसीटीसी जैसे दिग्गजों के साथ पार्टनरशिप है। इसी तरह बायजु, अड्डा247, ओलाइवबोर्ड जैसे टॉप लर्निंग ऐप्स की भी जासूसी हो रही है।(navbharattimes)
कोरोना वायरस के प्रकोप ने पूरी दुनिया को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले रखा है और लोगों को बड़ी बेसब्री से इस बीमारी के वैक्सीन का इंतजार है। दुनिया के सभी प्रमुख देशों की दवा कंपनियां वैक्सीन के निर्माण में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं और इनमें से कई तीसरी फेज के ट्रायल में भी पहुंच चुकी हैं। अभी तक सारे वैक्सीन ट्रायल फेज में ही हैं और आम आदमी इसके उपलब्ध होने का इंतजार कर रहा है। मीडिया में इसके उपलब्ध होने की संभावित महीने की खबरें आती रहती हैं। पहले अगस्त महीना बताया गया था। फिर सितंबर और अब दिसंबर बताया जा रहा है। वहीं कुछ रिपोटर््स में जनवरी तो कुछ में आगामी मई-जून का जिक्र है। ऐसे में यह वैक्सीन कब आएगी, इसका रहस्य गहराता जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने गत रविवार को कहा था कि वैक्सीन अगले साल के शुरू में आ जाएगी। वहीं अमेरिकी वायरस विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा कि अगले साल के आखिर तक वायरस के साथ ही जिंदगी बितानी पड़ेगी। ऐसे में लोगों का कन्फ्यूज होना स्वाभाविक है। अब दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि २०२४ तक भी इतनी वैक्सीन तैयार नहीं हो पाएगी कि संसार के सभी लोगों को खुराक मिल जाए। दुनिया की आबादी इस समय करीब ७५० करोड़ है। उन्होंने हिंदुस्थान के सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचने को लेकर भी चिंता जताई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदार पूनावाला का कहना है कि दवा कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता इतनी अधिक नहीं कर पाई हैं, जिससे कम समय में पूरी दुनिया को वैक्सीन दी जा सके।
कोरोना वायरस की वैक्सीन के अगले साल तक आने की पूरी उम्मीद है। मगर २०२४ तक दुनिया की पूरी आबादी को यह वैक्सीन नहीं मिल पाएगी। क्योंकि आबादी ज्यादा है और निर्माता कंपनियों की उतनी क्षमता नहीं है कि वे एक साथ इतनी वैक्सीन तैयार कर लें। इसलिए दुनिया की पूरी आबादी के लिए वैक्सीन उत्पादन करने में २०२४ से आगे तक का वक्त लग जाएगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि धरती पर मौजूद सभी लोगों को वैक्सीन देने में ४ से ५ साल का वक्त लगेगा।’ उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति के लिए कोरोना वैक्सीन की दो खुराक की जरूरत होती है तो पूरी दुनिया के लिए १५ अरब खुराक की जरूरत पड़ेगी।
अदार पूनावाला ने हिंदुस्थान के १.४ अरब लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने को लेकर चिंता भी जताई क्योंकि यहां वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए कोल्ड चेन सिस्टम नहीं है। बता दें कि वैक्सीन को तैयार होने के बाद प्रâीजर में रखना होता है और एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए कोल्ड चेन सिस्टम की जरूरत होती है। अदार पूनावाला ने कहा, ‘मैं अब भी ऐसी कोई ठोस योजना नहीं देख पा रहा हूं जिससे कि ४० करोड़ (हिंदुस्थान के) से अधिक लोगों को वैक्सीन मिल पाएगी। आप ऐसी कोई स्थिति नहीं चाहते कि आपके पास अपने देश के लिए वैक्सीन उत्पादन की क्षमता हो, लेकिन आप इसे कंज्यूम नहीं कर सकते।’ पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिए पांच अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ समझौता किया है। इनमें एस्ट्रेजेनेका व नोवावैक्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। सीरम इंस्टीट्यूट का लक्ष्य एक अरब वैक्सीन की खुराक का उत्पादन करना है, जिनमें से आधी वैक्सीन हिंदुस्थान को मिलेगी। अदार पूनावाला ने कहा कि वह वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सऊदी अरब के पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड, अबु धाबी इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी और अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म से ६०० मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।(hindisaamana)
अमरीका ने सीमा पर तैनात अधिकारियों को आदेश दिया है कि चीन के शिनजियांग प्रांत की कुछ चुनिंदा जगहों पर बनने वाले कपड़ों, कंप्यूटर के पुर्ज़ों और दूसरे सामानों के आने से रोक दिया जाए.
शिनजियांग के वीगर मुसलमानों के साथ कथित सलूक को लेकर चीन पर दबाव बनाने के क्रम में ट्रंप प्रशासन का ये ताज़ा कदम है.
अमरीका का कहना है कि इन जगहों पर मज़दूरों से जबरन काम कराया जाता है.
माना जाता है कि चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर शिनजियांग में दस लाख से ज़्यादा लोगों को हिरासत में रखा हुआ है.
लेकिन चीन का कहना है कि अपने इस कार्यक्रम के तहत वो हिरासत में लिए गए लोगों को मैन्युफेक्चरिंग साइट्स पर भेजता है, जहां उन्हें काम करना सिखाया जाता है और पढ़ाया जाता है.
ट्रंप प्रशासन
चीन का कहना है कि चरमपंथ और अलगाववाद के ख़तरों से निपटने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है.
इस मसले पर अमरीका और चीन बार-बार आमने-सामने आते रहे हैं. अमरीका चीन पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाता है.
सोमवार को दिए आदेश में कहा गया, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ संदेश दीजिए कि हम अमरीका की सप्लाई चेन में जबरन मज़दूरी कराने के ग़ैर-कानूनी, अमानवीय और शोषणकारी व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे."
"ट्रंप प्रशासन खड़ा देखता नहीं रहेगा और उन विदेशी कंपनियों को अपने यहां आने की अनुमति देगा जो सताए हुए कामगारों से जबरन काम कराती हैं और साथ ही उन अमरीकी कारोबारों को भी नुक़सान पहुंचाती हैं जो मानवाधिकारों और क़ानून के राज का सम्मान करते हैं."
कपास का उत्पादन
अमरीका पूरे प्रांत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा था, लेकिन सोमवार को जारी किए आदेश में अमरीका ने सिर्फ कुछ हिस्सों की बात की. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वो उस संभावना पर भी क़ानूनी रूप से विचार कर रहे हैं.
चीन दुनिया के लगभग 20 प्रतिशत कपास का उत्पादन करता है, जो ज़्यादातर शिनजियांग से आता है. ये क्षेत्र पेट्रोकेमिकल और चीनी फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने वाले दूसरे सामानों का भी बड़ा स्त्रोत है.
इसी महीने, अमरीका की दिग्गज मनोरंजन कंपनी डिज़्नी ने भी अपनी एक नई फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग शिनजियांग में करने को लेकर आलोचना का सामना किया था.
इस प्रांत से किसी ना किसी तरह से जुड़ी दूसरी कंपनियों को भी ग्राहकों ने बहिष्कार करने की बात कही थी.
सोमवार को जारी हुआ आदेश इनपर लागू होगा:
लोप काउंटी नंबर 4 व्यावसायिक कौशल शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र में बनाए गए उत्पादों पर.
लोप काउंडी हेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्रियल पार्क में बने उत्पादों पर.
यिली झुओवान गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड और बाओटिंग एलवाईएसज़ेडडी ट्रेड और बिज़नेस कंपनी के बनाए कपड़ों पर.
शिनजियांग जुंगर कॉटन एंड लिनन कंपनी लिमिटेड की ओर से उत्पादित और प्रोसेस्ड कपास पर.
चीन के एन्हुई में हेफ़ेई बिटलैंड सूचना प्रौद्योगिकी कं. लिमिटेड के बने कंप्यूटर भागों पर.(bbc)
जापान, 14 सितंबर | जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने शिंजो आबे के बाद योशिहिदे सुगा को अपना नया नेता चुन लिया है.
अब ये लगभग तय हो गया है कि योशिहिदे ही जापान के नए प्रधानमंत्री होंगे. पिछले महीने ही शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दे दिया था.
71 साल के योशिहिदे सुगा शिंजो आबे के भी क़रीबी माने जाते हैं और ये माना जा रहा है कि वे उन्हीं की नीतियों को आगे बढ़ाएंगे.
उन्हें नेता चुने जाने के लिए अपनी पार्टी के सांसदों और क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के 534 में से 377 वोट मिले.
अब बुधवार को संसद में वोटिंग होगी जहां पार्टी के बहुमत को देखते हुए उनका प्रधानमंत्री बनना तय है.
जापान में अगले संसदीय चुनाव सितंबर 2021 में होंगे.
कौन हैं योशिहिदे सुगा
एक स्ट्रॉबरी किसान के परिवार में पैदा हुए योशिहिदे सुगा की शीर्ष तक पहुँचने की कहानी उन्हें उस राजनीतिक अभिजात्य वर्ग से अलग करती है जिसका लंबे समय से जापान की राजनीति में दबदबा रहा है.
उनका राजनीतिक सफ़र उस समय शुरू हुआ जब उन्होंने टोक्यो के होसेई यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने के तुरंत बाद संसदीय चुनाव अभियान के लिए काम किया.
बाद में उन्होंने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक सांसद के सेक्रेटरी के रूप में काम किया. इसके बाद उन्होंने ख़ुद के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की.
वर्ष 1987 में वे योकोहामा सिटी काउंसिल के लिए चुने गए और 1996 में वे पहली बार जापान की संसद के लिए चुने गए.
वर्ष 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी ने उन्हें आंतरिक मामलों और संचार विभाग का वरिष्ठ उप मंत्री बनाया.
इसके बाद पीएम पद संभालने वाले शिंजो आबे ने सुगा को तीन कैबिनेट पोस्ट देकर वरिष्ठ मंत्री का दर्जा दिया और वे 2007 तक ये ज़िम्मेदारी निभाते रहे.
प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ उनके अच्छे रिश्ते बने रहे. जब 2012 में आबे फिर से पीएम बने तो उन्होंने सुगा को मुख्य कैबिनेट सेक्रेटरी का प्रभावी पद सौंपा.
पिछले आठ साल से शिंजो आबे के दाहिने हाथ माने जाने वाले सुगा सुर्ख़ियों में बने रहे. उन्हें हर दिन दो बार मीडिया ब्रीफ़िंग करनी पड़ती थी. ये भी माना जाता था कि जापान की जटिल नौकरशाही का प्रबंधन भी उनके ही ज़िम्मे था.
जापान में प्रशासन का सार्वजनिक चेहरा माने जाने वाले सुगा के सामने ये भी ज़िम्मेदारी थी कि सम्राट अकिहितो के हटने के बाद 2019 में नए शाही युग का नाम क्या हो. नए सम्राट नरुहितो के अधीन शाही युग का नाम रखा गया- रिवा, जिसका मतलब था सुंदर सदभाव.
सुगा ने इसकी घोषणा की थी और इसके कारण प्यार से उन्हें अंकल रिवा कहा जाने लगा.
जब इस साल 28 अगस्त को पीएम शिंजो आबे ने ख़राब स्वास्थ्य के कारण पद छोड़ने की घोषणा की तो उसी समय से ये माना जा रहा था कि आबे के उत्तराधिकारी सुगा ही होंगे.
दो सितंबर को सुगा ने औपचारिक रूप से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, लेकिन उस पहले ही पार्टी के ज़्यादातर लोगों ने सुगा को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी थी.
इस समर्थन के कारण ही 14 सितंबर को उन्हें पार्टी का नेता चुन लिया गया. वे पहले ऐसा नेता हैं, जो किसी पार्टी के गुट से नहीं आते और न ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. अब वे जापान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
जापान के सबसे लंबे समय तक नेता रहे शिंजो आबे के कार्यकाल के बाद योशिहिदे सुगा ही देश में निरंतरता और स्थायित्व का प्रतिनिधित्व करते नज़र आते हैं.
जब उन्होंने नेता पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी तो कहा था कि वे शिंजो आबे की आर्थिक नीति जारी रखेंगे, जिसे आबेनॉमिक्स कहा जाता है. आबे ने ये नीति मौद्रिक रूप से सहज माहौल, राजकोषीय प्रोत्साहन और संरचनात्मक सुधारों के आधार पर बनाई थी.
सुगा का लक्ष्य जापान के युद्ध के बाद वाले शांतिवादी संविधान में संशोधन का भी है, ताकि सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्स को वैध बनाया जा सके. ये शिंजो आबे का भी अहम एजेंडा रहा है.
लेकिन फ़िलहाल उनकी चुनौती कोरोना महामारी और इसके कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटना है.
सुगा टेस्टिंग बढ़ाना चाहते हैं और उनका लक्ष्य अगले साल के पहले छह महीनों में उपयुक्त वैक्सीन प्राप्त करना भी है.
वे न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाकर, कृषि सुधारों को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना चाहते हैं.
विदेश नीति के मोर्चे पर वे अमरीका और जापान के लंबे समय से चल रहे गठबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं और वे स्वतंत्र इंडो-पैसिफ़िक भी चाहते हैं.
सुगा का लक्ष्य चीन के साथ स्थिर रिश्ता क़ायम रखना भी है.
उनका लक्ष्य 1970 और 1980 के दशक में उत्तर कोरिया द्वारा जापानी नागरिकों के अपहरण का मामला हल करने की कोशिश जारी रखना है. इनमें उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन के साथ बिना शर्त बैठक का भी प्रस्ताव शामिल है.(bbc)
वाशिंगटन, 14 सितंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में कोरोनावायरस परीक्षण के लिए उनकी प्रशंसा की है। अमेरिका इस समय दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अमेरिका में फिलहाल चुनाव की तैयारी चल रही है और ट्रंप ने नेवादा में शनिवार रात एक चुनावी रैली में यह टिप्पणी की।
ट्रंप ने कहा, "अभी तक हमनें भारत समेत अन्य कई बड़े देशों से अधिक जांच (कोविड-19) की है। अमेरिका के बाद भारत ने सबसे अधिक जांच की है। हमने भारत से 4.4 करोड़ अधिक जांच की है। उनके पास 1.5 अरब लोग हैं।"
ट्रंप ने कहा, "प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी ने मुझे फोन करके कहा कि आपने जांच के मामले में बेहतरीन काम किया है। मैंने कहा कि आप इन बेईमानों को समझाइए।"
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति का इससे मतलब था कि अमेरिका द्वारा की जा रही जांच पर मोदी की टिप्पणी को मीडिया और ऐसे अन्य लोगों को समझाने की जरूरत है, जो कि कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर उन पर निशाना साध रहे हैं।
ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर चीनी वायरस (कोरोना) उनके प्रशासन के दौरान आता तो लाखों से अधिक और भी अमेरिकी लोगों की मौत होती।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, सोमवार तक अमेरिका में कोविड-19 मामलों की संख्या 6,520,234 तक पहुंच चुकी है, जबकि संक्रमण की चपेट में आकर अभी तक यहां 194,081 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
अमेरिका के बाद 4,846,427 मामलों के साथ भारत वर्तमान में दूसरे स्थान पर है। भारत में संक्रमण की वजह से 79,722 लोगों की मौत हो चुकी है।
टोक्यो, 14 सितंबर (आईएएनएस)| जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा को सोमवार को सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नया नेता चुना गया। उन्होंने निवर्तमान प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जगह ली, जिन्होंने पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। देश के राष्ट्रीय प्रसारक एनएचके के मुताबिक, 71 वर्षीय सुगा के अब बुधवार को प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में होने वालं मतदान में जीतने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सुगा को डायट (संसद) के दोनों सदनों से पार्टी सदस्यों और स्थानीय प्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक में चुना गया। बैठक में मौजूद 394 डायट सदस्यों ने वोट डाला।
देश के 47 प्रीफेक्चरल चैप्टर में से प्रत्येक के तीन प्रतिनिधियों द्वारा कुल 141 वोट दिए गए।
सुगा के अलावा, दो अन्य उम्मीदवारों में पूर्व रक्षा मंत्री शीगेरू इशिबा (63) और एलडीपी के नीति प्रमुख फुमियो किशिदा (63) थे।
सामान्य परिस्थितियों में, एलडीपी के शीर्ष नेता को पार्टी से संबंधित डायट सदस्यों और रैंक-फाइल सदस्यों द्वारा चुना जाता है।
हालांकि, कोरोना महामारी और आबे के कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने के कारण एलडीपी ने प्रक्रिया को सरल बनाने का फैसला किया।
28 अगस्त को जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे आबे ने अपनी पुरानी बीमारी का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह तब तक सत्ता में रहेंगे, जब तक कि उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता।
सुमी खान
ढाका, 14 सितंबर (आईएएनएस) । बांग्लादेश सरकार ने सद्भभावना का संदेश देते हुए दुर्गा पूजा के अवसर पर भारत को 1,450 टन हिल्सा मछली के निर्यात की मंजूरी दी है।
भारत के पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी हिल्सा को स्वाद के लिए जाना जाता है और लोग इसके लिए अधिक मूल्य देने को भी तैयार रहते हैं। 'पद्मार इलिश' (बांग्लादेश में पद्मा नदी की हिल्सा) को स्वाद में बेहतर गुणवत्ता वाला माना जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय ने नौ स्थानीय कंपनियों को हिल्सा निर्यात करने की अनुमति दी है।
फिश इम्पोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने रविवार शाम को आईएएनएस को बताया, "करीब 200 निर्यातकों ने मछली निर्यात करने की अनुमति मांगी। सरकार ने सिर्फ नौ निर्यातकों को अगले सप्ताह 1,450 टन हिल्सा निर्यात करने की विशेष अनुमति दी है।"
उन्होंने कहा, "इसे अगले सप्ताह तक बेनापोल-पेट्रापोल सीमा के माध्यम से कोलकाता के लिए भेजा जाएगा।"
गौरतलब है कि बांग्लादेश ने साल 2012 में हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और अब उसने इसके निर्यात के लिए विशेष अनुमति जारी की है।
मकसूद ने कहा, "विशेष अनुमति पर गुरुवार रात को हस्ताक्षर किए गए और हमें इसके बारे में सूचित किया गया।"
साल 2019 में शेख हसीना के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार ने 28 सितंबर से 10 अक्टूबर तक अस्थायी अवधि के लिए हिल्सा पर निर्यात प्रतिबंध को हटा दिया था और दुर्गा पूजा के उपहार के रूप में 500 टन मछली भेजी थी।
हालांकि फिर 10 अक्टूबर के बाद भारत को निर्यात पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
व्यापारियों को उम्मीद है कि भविष्य में इसके लिए ऑर्डर जारी रहेगा, क्योंकि हिल्सा का उत्पादन बहुत अधिक होता है।
तेल अवीव, 14 सितंबर (आईएएनएस)| सुपरमॉडल बार रेफेली को टैक्स चोरी करने के मामले में एक इजरायली अदालत ने 9 महीने तक सामुदायिक सेवा करने की सजा सुनाई है। वहीं उसकी मां और एजेंट जिपी रेफेली को 16 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। बार रेफेली (35) और उसकी मां को जुलाई में 10 मिलियन डॉलर की आय पर टैक्स चोरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था।
एनवायडेलीन्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक बार और जिप्पी ने जून में उस याचिका पर बहस की थी जिसके तहत उन्हें 1.5 मिलियन डॉलर जुर्माना देना था और वह टैक्स देना था, जिसकी उन्होंने चोरी की थी।
फोटो में अदालत में मॉडल और उसकी मां कोविड -19 महामारी के बीच मास्क पहने नजर आईं। उनके साथ बार के पिता रफी और उनके वकील भी थे।
तेल अवीव, 14 सितंबर (आईएएनएस)| सुपरमॉडल बार रेफेली को टैक्स चोरी करने के मामले में एक इजरायली अदालत ने 9 महीने तक सामुदायिक सेवा करने की सजा सुनाई है। वहीं उसकी मां और एजेंट जिपी रेफेली को 16 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। बार रेफेली (35) और उसकी मां को जुलाई में 10 मिलियन डॉलर की आय पर टैक्स चोरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था।
एनवायडेलीन्यूज डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक बार और जिप्पी ने जून में उस याचिका पर बहस की थी जिसके तहत उन्हें 1.5 मिलियन डॉलर जुर्माना देना था और वह टैक्स देना था, जिसकी उन्होंने चोरी की थी।
फोटो में अदालत में मॉडल और उसकी मां कोविड -19 महामारी के बीच मास्क पहने नजर आईं। उनके साथ बार के पिता रफी और उनके वकील भी थे।
कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए इसराइल एक बार फिर देशभर में लॉकडाउन लगाने जा रहा है. इसके तहत यहूदी नव वर्ष से कड़े प्रतिबंध लागू होंगे.
इसराइल में दूसरा लॉकडाउन शुक्रवार से शुरू होगा और तीन हफ़्तों तक चलेगा.
प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस कदम की "हमें भारी क़ीमत चुकानी होगी", लेकिन इसराइल में अब रोज़ाना संक्रमण के 4,000 मामले सामने आ रहे हैं.
लॉकडाउन ऐसे वक़्त में लगाया जा रहा है कि जब अहम यहूदी त्योहार आ रहे हैं. इस लॉकडाउन के विरोध में एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है और सत्ताधारी गठबंधन से अपनी पार्टी का समर्थन वापस लेने की धमकी दी है.
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक़, क़रीब 90 लाख की आबादी वाले इसराइल में कोविड-19 से 1,108 मौतें हो चुकी हैं और संक्रमण के 153,000 से ज़्यादा पुष्ट मामले हैं. हाल के हफ़्तों में वहां मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
नए प्रतिबंध क्या होंगे?
रविवार को एक टीवी संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि रोज़ाना संक्रमण के चार हज़ार मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
माना जा रहा है कि ये दूसरा लॉकडाउन इसराइल के लिए महंगा साबित होगा. इससे पहले मार्च के अंत से लेकर मई की शुरुआत तक पहला लॉकडाउन लगाया गया था.
नए प्रतिबंधों के तहत:
10 से ज़्यादा लोग अंदर नहीं मिल सकते, वहीं 20 से ज़्यादा लोग बाहर नहीं मिल सकते.
स्कूल और शॉपिंग सेंटर बंद कर दिए जाएंगे, और लोगों को अपने घर के 500 मीटर के दायरे के अंदर ही रहना होगा. काम पर जाने वालों को विशेष छूट दी जाएगी.
ग़ैर-सरकारी कार्यालय और कारोबार खुले रह सकते हैं लेकिन ग्राहक वहां नहीं जा सकते.
हालांकि सुपरमार्केट और दवा की दुकानें लोगों के लिए खुली रहेंगी.
नेतन्याहू ने माना कि धार्मिक त्योहारों की छुट्टियां मना रहे यहूदी समुदायों को लॉकडाउन से परेशानी होगी. लोग आम तौर पर इन त्योहारों को अपने रिश्तेदारों के साथ मिल-जुलकर मनाते हैं.
उन्होंने कहा, "इस बार ये त्योहार पहले की तरह नहीं होंगे. और हो सकता है कि हम अपने रिश्तेदारों के साथ इन्हें ना मना पाएं."
दूसरे लॉकडाउन से इसराइल की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जो पहले से ही महामारी की वजह से मंदी झेल रही है. वित्त मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि इससे 1.88 अरब डॉलर का नुक़सान होगा.
लेकिन प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू का कहना है कि हमें ये करना होगा, क्योंकि ये फैसला महामारी के इस दौर में इसराइल के लिए ज़रूरी है.
नेतन्याहू के कोरोना महामारी से निपटने के तरीक़ों की आलोचना होती रही है. आलोचकों का कहना है कि उनकी वायरस से निपटने की नाकामी की वजह से दूसरा देशव्यापी लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है.(bbc)
चीन के यांगझोउ में एक जल पार्क में बोट में घूमते सैलानी. और आसमान से नज़ारा !
पणजी, 13 सितंबर (आईएएनएस)| गोवा में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रविवार को कहा कि राज्य में सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 50 लाख तक का जीवन बीमा मुहैया कराया जाएगा। सावंत ने ट्वीट किया, "यह योजना कोरोनावायरस से मरने वाले प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को 50 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा, वहीं कर्तव्यों का निवाहन करते वक्त हुई मौत को भी जीवन बीमा कवर दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "गोवा में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा कवर दिया गया है।"
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि गोवा में शनिवार को कोरोना के 740 नए मामले पाए गए हैं, जिससे यहां वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 24,185 हो गई है, वहीं यहां सक्रिय मामलों की संख्या 5,323 हो गई है।
इस्लामाबाद, 13 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में हाल के दिनों में हुई मूसलाधार बारिश और उसके बाद बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 310 हो गई है, जबकि 239 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने दी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शनिवार को अपने नए अपडेट में जानकारी दी कि पीड़ितों में 135 पुरुष, 107 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं।
सिंध सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, यहां 136 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 116, पंजाब में 16, बलूचिस्तान में 21, पीओके में 12 और गिलगित-बाल्टिस्तान में 11 लोगों की जान गई है।
एनडीएमए ने कहा कि घायलों में छह महिलाएं, 142 पुरुष और 41 बच्चे शामिल हैं, जबकि इस आपदा में 78,521 घर ध्वस्त हो गए हैं और 139,102 क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
भारी बारिश से 13 सड़कों, 10 पुलों, तीन होटलों, तीन दुकानों, पांच मस्जिदों और सात बिजलीघरों को भी नुकसान पहुंचा है।
फेडरल फ्लड कमीशन (एफएफसी) ने शनिवार को कहा कि सिंधु का जलस्तर मध्यम बाढ़ स्तर पर है, वहीं इसे छोड़कर सभी मुख्य नदियां, झेलम, चिनाब, रावी और सतलज का जलस्तर सामान्य है।
काबुल, 13 सितंबर (आईएएनएस)| कतर की राजधानी दोहा में तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शुरू होने के बीच आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान के 18 प्रांतों में हमले किए। युद्धग्रस्त देश में दशकों पुराने संघर्ष के समाधान के लिए दोहा में दोनों पक्षों के प्रतिनिधि वार्ता कर रहे हैं। लेकिन, इन हमलों ने वार्ता के सफल होने को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है।
टोलो न्यूज के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अधिकांश हमले कुंदुज, हेलमंद, बल्ख, जौजान, फारयाब, घोर, बादगीस, हेरात, गजनी और उरुजगन प्रांत में हुए।
मंत्रालय के प्रवक्ता रोहुल्लाह अहमदजा ने कहा, "पिछले 24 घंटों में, तालिबान समूह ने 18 प्रांतों में अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों पर हमले शुरू किए। लेकिन सेना ने हमलों को नाकाम कर दिया और समूह को भारी नुकसान पहुंचाया।"
इस बीच, तालिबान ने एक बयान में कहा कि सद्भावना के तौर पर समूह ने शनिवार को हेलमंद प्रांत में 22 अफगान सैनिकों को रिहा कर दिया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शनिवार को दोहा में अंतर-अफगान वार्ता शुरू हुई, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित विभिन्न देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
वार्ता कार्यक्रम का उद्घाटन अफगानिस्तान में राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला द्वारा किया गया।
दुबई, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| एक भारतीय नागरिक को 14 हजार डॉलर कैश और 2 लाख दिरहम कीमत के सोने से भरा बैग मिला लेकिन उसने उसे पुलिस को लौटा दिया। दुबई पुलिस ने इसके लिए भारतीय नागरिक को पुरस्कृत किया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करते हुए भारतीय ने बैग वापस कर दिया।
शनिवार को अल कुसैस पुलिस स्टेशन के निदेशक ब्रिगेडियर यूसुफ अब्दुल्लाह सलीम अली अदीदी ने रेतेश जेम्स गुप्ता को पुरस्कृत किया और कम्यूनिटी और पुलिसिंग के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी बनने पर उनकी प्रशंसा की।
पुलिस ने बैग उसके मालिक को लौटा दिया या नहीं, इसका अभी पता नहीं चला है। बैग मालिक की खोज की जा रही है।
काबुल, 13 सितंबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान ने दोहा में काबुल सरकार और तालिबान के बीच बहुप्रतीक्षित आमने-सामने की वार्ता का बड़े पैमाने पर स्वागत किया है। हालांकि वह दशकों के संघर्ष के बाद युद्धग्रस्त देश में स्थायी शांति लाने के लिए इस जटिल प्रक्रिया के परिणाम को लेकर सतर्क है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दोहा में शनिवार को अंतर-अफगान वार्ता हुई, जिसमें विभिन्न देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोपिंयो और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल थे।
समारोह का उद्घाटन अफगानिस्तान के उच्च परिषद के राष्ट्रीय पुनर्गठन के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने किया।
पूर्व खुफिया प्रमुख मोहम्मद मासूम स्टेनकेजई के नेतृत्व में 21 सदस्यीय अफगान टीम अफगानिस्तान के लंबे समय से चल रहे युद्ध का हल निकालने के लिए तालिबान प्रतिनिधिमंडल से मिल रही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक विश्लेषक और राज्य में दैनिक अनीस के प्रधान संपादक मोहम्मद शाकिर जरीबी ने कहा, "दोहा में अंतर-अफगान वार्ता का उद्घाटन समारोह आज अफगानिस्तान के लोगों के लिए देश में युद्ध को समाप्त करने के लिए एक सुनहरा अवसर और ऐतिहासिक दिन है।"
वार्ता को जटिल प्रक्रिया बताते हुए विश्लेषक ने कहा, "वार्ता की शुरुआत एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन पिछले 19 वर्षों में देश ने जिन मूल्यों और उपलब्धियों को हासिल किया है, उन्हें स्वीकार करना तालिबान के लिए मुश्किल है।"
एक अन्य स्थानीय पर्यवेक्षक खान मोहम्मद दानेशो ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा, "साल 2001 में क्षेत्र में तालिबान के शासनकाल के खात्मे के बाद से सरकार को मान्यता देने और महिलाओं के अधिकारों, मानवाधिकारों, प्रेस की स्वतंत्रता और अफगानिस्तान में हुई प्रगति का समर्थन करने के लिए तालिबान समूह को समझाना मुश्किल है।"
हालांकि अबदी दैनिक के प्रधान संपादक दानेशजो ने वार्ता को एक 'सुनहरा अवसर' बताते हुए कहा, "हमें देश के भविष्य के बारे में आशावादी होना चाहिए, क्योंकि युद्ध समाधान नहीं है और सरकार के साथ शांति वार्ता में तेजी लाने के लिए तालिबान अंतत: संघर्ष विराम को स्वीकार करेगा।"
उन्होंने आगे कहा, "तालिबान द्वारा 'संघर्ष विराम या हिंसा में कमी करने' को अपनाना राजनीतिक साधनों के माध्यम से देश की समस्याओं को हल करने की दिशा में इस सशस्त्र समूह की ईमानदारी के लिए एक परीक्षा हो सकती है।"
वहीं एक फेरीवाला मोहम्मद अशर ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा, "मैं युद्ध में पैदा हुआ था, युद्ध में पला हूं, अभी भी युद्ध में जी रहा हूं और अब मुझे अपने देश में शांति लाने के लिए अफगानों के बीच वार्ता की सफलता को देखने की उम्मीद है।"
अंतर-अफगान वार्ता अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को कतर की राजधानी में हुए ऐतिहासिक समझौते का हिस्सा थी।
सैन फ्रांसिस्को, 13 सितम्बर (आईएएनएस)| तकनीकि क्षेत्र के दिग्गज बिल गेट्स ने कुछ वक्त पहले टेस्ला के इलेक्ट्रिक ट्रक के बारे में कहा था कि ये ज्यादा लंबी दूरी तय करने के मामले में सक्षम नहीं हैं और अब इसी को लेकर टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने गेट्स पर निशाना साधा है। ट्विटर पर एक फॉलोअर ने मस्क से जब इलेक्ट्रिक ट्रक की व्यवहारिकता को लेकर गेट्स के दिए राय पर उनकी प्रतिक्रिया को लेकर सवाल पूछा, तो मस्क ने इस पर अपना जवाब देते हुए कहा, "उन्हें इसकी कोई समझ नहीं है।"
अगस्त के महीने में गेट्स ने अपने ब्लॉग पोस्ट पर जिक्र किया था कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों में यह दिक्कत है कि इनकी बैटरी काफी बड़ी और भारी होती है।
उन्होंने कहा था, "बैटरी के क्षेत्र में काफी प्रगति होने के बावजूद 18-पहियों वाली गाड़ियों, कार्गो शिप्स और पैसेंजर जेट्स के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर समाधान नहीं साबित होंगे। कम दूरी तय करने के लिए तो ये सही हैं, लेकिन लंबी दूरी तय करने वाले वाहनों के लिए हमें कुछ और सोचने की आवश्यकता है।"
इस बात से गेट्स का इशारा जैव ईंधन की ओर था, जिनका उपयोग बैटरी की जगह किया जा सकता है।
दूसरी ओर, मस्क इलेक्ट्रिक ट्रक को लेकर काफी उत्साहित रहे हैं और बताया जा रहा है कि उन्होंने टेस्ला को आने वाले समय में 800 किलोमीटर की रेंज वाले सेमी कमर्शियल वाहनों को बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
कराची, 13 सितंबर (एएनआई)। कराची में शुक्रवार को शिया विरोधी प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए जिससे सांप्रदायिक दंगा भडक़ने की आशंका है। देश में सोशल मीडिया पर लिखे गए पोस्ट, प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियोज सांप्रदायिक दंगे को भडक़ाने की संभावना को प्रबल कर रहे हैं। इन वीडियोज में आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान का बैनर हाथ में लिए प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है, ‘शिया काफिर हैं’। सालों से शियाओं की हत्या से यह आतंकी संगठन जुड़ा है। पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर शिया जनसंहार हैशटैग ट्रेंड करने लगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पिछले माह मुहर्ररम पर आशूरा जुलूस के ब्रॉडकास्ट के दौरान देश में कुछ मुख्य शिया नेताओं ने इस्लाम विरोधी अपमानजनक बयान दिए थे जिसके बाद कराची में यह प्रदर्शन हुआ। एक्टिविस्ट आफरीन ने बताया कि अनेकों शिया मुस्लिमों पर धार्मिक आलेखों को पढऩे और आशूरा जुलूस में हिस्सा लेने के लिए हमला किया गया। अभी इराक में स्थित करबला में 680 एडी में हुए जंग के दौरान मोहम्मद की शहादत की याद में आशुरा जुलूस निकाली जाती है।
प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह शियाओं का नरसंहार ही है। पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और लोगों को इसका दोषी पाए जाने पर मौत की सजा होती है। आफरीन ने आरोप लगाया है कि कुछ साल पहले शियाओं को मारने के लिए अंजान नंबर से मैसेज किए जा रहे थे। कभी उन पर ग्रेनेड भी फेंके जाते हैं।
आफरीन ने ट्वीट कर कहा, मुहर्रम की शुरुआत से हमने देखा है कि अनेकों शियाओं को निशाना बनाया गया।, इस प्रदर्शन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए जब हमारे भाइयों और बहनों का अपहरण किया जाता है और उनकी मान्यताओं के कारण उनकी हत्या की जा रही है। आफरीन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को इसकी जिम्मेवारी लेनी होगी क्योंकि उनकी सरकार शिया मुस्लिमों के विरोध में हेट स्पीच को समर्थन दे रही है।
लाहौर, 12 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक महिला के साथ उसके दो नाबालिग बच्चों के सामने सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर लोगों का व्यापक रोष देखने को मिल रहा है। महिलाओं ने पाकिस्तान में अपनी सुरक्षा के पर्याप्त उपायों की मांग की है और साथ ही देश में दोषियों की सार्वजनिक फांसी की मांग भी उठ रही है।
यह घटना बुधवार को गुज्जरपुर इलाके के पास घटित हुई। महिला की कार बंद हो गई थी और वह सड़क पर मदद का इंतजार कर रही थी। उसी वक्त वहां दो लोग पहुंचे और उन्होंने बंदूक की नोक पर महिला के के साथ दुष्कर्म किया।
महिला ने लाहौर-सियालकोट मार्ग पर टोल प्लाजा को पार कर लिया था कि तभी ईंधन की कमी के कारण उनकी कार रुक गई।
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने गुजरांवाला में अपने रिश्तेदार को फोन किया था, जिसने उसे मदद के लिए पुलिस को फोन करने के लिए कहा और वह खुद भी उस तक पहुंचने के लिए घर से चल दिया था।
हालांकि जब तक वह घटनास्थल पर पहुंचा तो उसने पाया कि महिला खून से लथपथ हालत में थी।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कम से कम दो हथियारबंद लोगों ने महिला को अकेले पाया तो वह उसे और बच्चों को बंदूक की नोक पर पास के खेत में ले गए और महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पंजाब सरकार के प्रवक्ता मुसरत चीमा ने कहा, "अब तक 12 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और अभी भी तलाश जारी है।"
पंजाब पुलिस ने कहा, "पीड़िता और उसके परिवार को तत्काल न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।"
पंजाब पुलिस ने बयान में कहा, "पुलिस की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। आरोपी की पहचान के लिए डीएनए सबूत, जियो-फेंसिंग, सीसीटीवी फुटेज और एनएडीआरए रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।"
हालिया जानकारी के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को सूचित किया है कि मामले में संदिग्ध में से एक की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने कहा, "संदिग्ध में से एक का नाम आबिद अली है। उसके पास 2013 से ही लूट और दुष्कर्म के मामलों का आपराधिक रिकॉर्ड है। महिला की कार से लिए गए नमूनों के आधार पर डीएनए परीक्षण के जरिए उसकी पहचान की गई है।"
इस घटना के बाद से पूरे पाकिस्तान में महिला अधिकार कार्यकर्ता और सिविल सोसायटी की बीच गुस्सा उत्पन्न हुआ है। लोगों ने क्रूर घटना के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है, जो उनके गुस्से और निंदा को व्यक्त करता है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता आमना अमीर ने कहा कि यह राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह अपने लोगों के जीवन की रक्षा और सुरक्षा करे।
लाहौर के लिबर्टी स्क्वायर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान आमना आमिर ने कहा, "हमारे जीवन की रक्षा और सुरक्षा के लिए राष्ट्र की जिम्मेदारी है। मैं आज पूछती हूं कि राज्य कहां है? अपने दो मासूम छोटे बच्चों के साथ खड़ी एक महिला के साथ क्रूरता से दुष्कर्म किया जाता है और राज्य उसके सम्मान की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "हमें महिलाओं की सुरक्षा की जरूरत है और जब तक राष्ट्र पीड़ितों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं करता है, तब तक हम इस अन्याय के खिलाफ विरोध करने के लिए हर रोज यहां आते रहेंगे।"
प्रधानमंत्री इमरान खान ने महिलाओं, लड़कियों और छोटे बच्चों पर यौन उत्पीड़न की चल रही घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं हमारे सामाजिक मूल्यों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता और जिम्मेदारी है। किसी भी सभ्य समाज में इस तरह की बर्बरता की इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसी घटनाएं हमारे सामाजिक मूल्यों और हमारे समाज पर एक बदसूरत दाग हैं।"
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध करने वाला चाहे कोई भी हो उसे पीड़िता को यातना देने के लिए सख्त सजा भुगतनी होगी।
--आईएएनएस
कराची, 12 सितंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक अखबार से जुड़े एक वरिष्ठ पत्रकार को कराची में गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देश की सेना के खिलाफ 'अत्यधिक उत्तेजक पोस्ट' साझा करने का आरोप लगाया गया है। कराची के पुलिस प्रमुख गुलामनबी मेमन ने डॉन समाचार को पुष्टि की कि द ट्रिब्यून के बिलाल फारूकी को रक्षा पुलिस के स्टेशन जांच अधिकारी (एसआईओ) ने शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया था। फारूकी अखबार के दफ्तर में समाचार संपादक के रूप में काम करते हैं।
डॉन समाचार ने एफआईआर के हवाले से लिखा कि फारूकी के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट्स पर पाकिस्तान सेना के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री मिली।
फारूकी के खिलाफ शिकायतकर्ता ने कहा है कि उनकी पोस्ट में धार्मिक घृणा से संबंधित सामग्री भी थी। आगे आरोप लगाया गया कि फारूकी ने पाकिस्तान सेना को 'बदनाम' किया है, लिहाजा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
मामले को लेकर कराची यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (केयूजे) ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा कि यह गिरफ्तारी 'स्वतंत्र आवाजों को दबाने के अभियान' का हिस्सा है। केयूजे ने यह भी कहा कि फारूकी ने 'कभी भी पाकिस्तानी कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है'।
हमजा अमीर
कराची, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के कराची में हजारों लोग शिया-विरोधी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। कराची में शिया समुदाय से संबंध रखने वालों को धर्म के प्रति विश्वास व्यक्त न करने वाला करार दिया जा रहा है। लोगों द्वारा 'शिया काफिर हैं' के नारे बुलंद किए जा रहे हैं। ऐसे नारों के बुलंद होने के बाद देश में चल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के पाकिस्तान के इरादों पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान (एसएसपी) की अगुवाई में निकाली गई रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। यह रैली मुख्य एम. ए. जिन्ना मार्ग पर दिन के उजाले में निकाली गई। एसएसपी पाकिस्तान में शिया अल्पसंख्यकों की हत्या में शामिल रहा है।
रैली के दौरान 'शिया काफिर हैं' के नारे बुलंद किए जा रहे हैं, और लोगों द्वारा आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान के बैनर लहराए जा रहे हैं। इसके साथ ही देश में दंगों की आशंका पैदा होने लगी है।
पाकिस्तान के आर्थिक के आर्थिक केंद्र कराची में एक आतंकी संगठन के बैनर तले एक समुदाय विशेष के खिलाफ हुई इस बड़ी रैली को देख आम जनता को भी झटका लगा है। यही नहीं रैली में शिया विरोधी नारे लगाने वाले लोगों को किसी प्रशासन या अधिकारियों का भी डर नहीं लग रहा था, जो कि इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार की ओर से देश में आतंकी संगठनों को जड़ से उखाड़ने के इरादों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस शिया विरोधी रैली का मंचन मुहर्रम पर आशूरा जुलूस के प्रसारण के दौरान शिया नेता द्वारा कथित तौर पर एक टेलीविजन शो में इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी देने के बाद किया गया था।
शिया अधिकार कार्यकर्ता गुल जहरा रिजवी ने कहा, "जब कराची में खुलेआम शिया-विरोधी रैली निकाली जा सकती है, तो यह दर्शाता है कि सांप्रदायिक हिंसा जारी रहेगी। यह रैली एक आतंकी संगठन द्वारा निकाली गई थी, जो पाकिस्तान में गैर-कानूनी संगठनों की आधिकारिक सूची में सूचीबद्ध है।"
रिजवी ने कहा, "फिर भी, वे रैली करने में सक्षम थे। यह चिंताजनक है।"
उन्होंने कहा, "मुहर्रम की शुरूआत के बाद से, हम कई शिया समुदाय के लोगों को धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने और आशूरा स्मरणोत्सव में भाग लेने के लिए लक्षित के तौर पर देखते रहे हैं।"
एक अन्य शिया अधिकार कार्यकर्ता अरफीन ने कहा, "इस प्रदर्शन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। खासकर तब, जब हमारे भाइयों और बहनों का अपहरण करने और उनकी मान्यताओं के लिए उन्हें मार दिया जाता है।"
शिया नेताओं ने शिया मुसलमानों के खिलाफ घृणा फैलाने वाले कृत्यों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री की सख्त जवाबदेही का आह्वान किया है।
अरफीन ने कहा, "कुछ साल पहले पाकिस्तान में शियाओं को गुमनाम संदेश मिल रहे थे, जिसमें कहा गया था कि 'शियाओं को मार डालो'। जहां अशूरा जुलूस हो रहे थे, वहां पर आतंकवादियों ने हथगोले फेंके।"
उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि क्या पाकिस्तान सरकार ने ज्ञात आतंकवादियों को दूर-दूर तक शिया विरोधी बयानबाजी फैलाने की अनुमति दी है। इमरान खान को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
शिया विरोधी रैली पर एक और ट्विटर यूजर ने लिखा, "कल मेरा शहर काफिर-काफिर, शिया काफिर के नारों से गूंज उठा। कुछ घंटे बाद ही हिंसा को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह शियाओं का नरसंहार नहीं तो और क्या है?"
बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और अक्सर इसी मुद्दे पर शिया समुदाय और अल्पसंख्यकों को इसका दोषी करार देते हुए प्रताड़ित किया जाता है।
लॉस एंजेलिस, 12 सितंबर (आईएएनएस)| लॉस एंजेलिस काउंटी में वैन नुय्स हवाई अड्डे के पास एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लॉस एंजेलिस अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को हुई घटना में किसी प्रत्यक्ष संरचना को क्षति नहीं पहुंची है।
विभाग के एक अधिकारी के बयान का हवाला देते हुए सिटी न्यूज सर्विस ने कहा, "प्रारंभिक जानकारी से संकेत मिला है कि एकल इंजन वाली नेवी बी विमान ने वान नुय्स हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी और वह सांता बारबरा काउंटी में सांता यनेज हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी।"
घटना के गवाह रहे जमीन पर मौजूद एक सूत्र ने सीबीएस लॉस एंजेलिस को बताया कि विमान टेक ऑफ करने के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
उन्होंने आगे कहा कि विमान ने खड़ी उड़ानभरी थी और पाकिर्ंग स्थल में नाक के बल पर गिरा।
दुर्घटना के कारणों की जांच चल रही है।