राष्ट्रीय
चेन्नई, 4 सितंबर । तमिलनाडु के तिरुपुर में रविवार शाम एक चौंकाने वाली घटना में दो महिलाओं समेत एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई।
पुलिस के मुताबिक, स्थानीय व्यापारी सेंथिल कुमार ने अपने खाली प्लॉट पर शराब पीने वाले एक गिरोह के लोगों से पूछताछ की थी। इसके बाद झगड़ा शुरू हो गया और जो लोग नशे में थे, उन्होंने सेंथिल कुमार पर छुरी और दरांती से हमला कर दिया। उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन गिरोह ने उन सभी पर बेरहमी से हमला किया और चारों की मौत हो गई।
अन्य मृतकों की पहचान मोहनकुमार, रथिनम्बल और पुष्पावती के रूप में हुई।
पल्लदम पुलिस मौके पर पहुंची और सेंथिल कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि ग्रामीणों ने अन्य के शवों को मौके से हटाने नहीं दिया।
पुलिस ने कहा कि वे क्रूर हत्याओं के पीछे के मकसद की जांच कर रहे हैं और संदेह है कि इस क्रूर कृत्य के पीछे सेंथिल कुमार के एक पुराने कर्मचारी वेंकिट्सन और उसका गिरोह था। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 4 सितंबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो 7 से 11 सितंबर तक तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए तैयार हैं, 10 सितंबर को नीदरलैंड के लीडेन विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, राहुल गांधी 'दुनिया में भारत' विषय पर एक व्याख्यान कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहां राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के बीच बातचीत होगी।
नीदरलैंड के विजनहेवन में कांग्रेस नेताओं के अलावा प्रोफेसर जीन मिफसूद बोनीसी भी मौजूद रहेंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष 6 सितंबर को तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा शुरू करेंगे और कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिसमें यूरोपीय संघ संसद का दौरा और भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत शामिल है।
एक सूत्र ने कहा, "राहुल गांधी 6 सितंबर को बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स पहुंचेंगे और 7 और 8 सितंबर को वह कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें यूरोपीय संसद का दौरा और भारतीय प्रवासियों के साथ उनकी मुलाकात शामिल है।"
राहुल गांधी फ्रांस, बेल्जियम के ब्रुसेल्स और नॉर्वे के ओस्लो का दौरा करेंगे।
9 सितंबर को राहुल गांधी दोपहर 3 बजे पेरिस पहुंचेंगे और शाम को 5 बजे शाम वह यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
उसी दिन कांग्रेस नेता एक रात्रिभोज कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
राहुल गांधी 9 सितंबर को नाश्ते में भी शामिल होंगे, जिसके बाद फ्रांस की संसद के अंदर या बाहर फ्रांस के सांसदों, दोस्तों के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि फ्रांस के श्रमिक संघ के साथ बैठक के लिए आगे बढ़ने से पहले वह दोपहर में एशियाई देशों के लोगों के साथ दोपहर का भोजन भी करेंगे।
फ्रांस में व्यस्त कार्यक्रम के अलावा, राहुल गांधी पेरिस में 300 से 400 भारतीय प्रवासियों के साथ बैठक में भाग लेंगे और फिर अगले दिन ओस्लो के लिए रवाना होंगे।
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2019 मोदी उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक के बाद लोकसभा द्वारा उनकी सदस्यता बहाल किए जाने के बाद राहुल गांधी की भारत के बाहर यह पहली यात्रा है।
इस साल की शुरुआत में वह अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया और सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में भी गए।
इसी साल मार्च में उन्होंने यूके का दौरा भी किया था और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था।
अमेरिका और ब्रिटेन में उनके बयानों पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। (आईएएनएस)।
बेंगलुरु, 4 सितंबर । कर्नाटक में यह कोई रहस्य नहीं है कि कांग्रेस सरकार आगामी लोकसभा और बेंगलुरु निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए विपक्षी दलों भाजपा और जद (एस) के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस पार्टी के सूत्र पूरे विश्वास के साथ दावा करते हैं कि भाजपा और जद-एस के 20 से ज्यादा विधायकों से संपर्क किया जा रहा है, और "चर्चा अंतिम चरण में पहुंच रही है"।
इस बीच, विपक्षी भाजपा और जद-एस नेता अपने सदस्यों के पलायन को रोकने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ कांग्रेस नेतृत्व आश्वस्त दिख रहा है, क्योंकि नेता खुले तौर पर दावा कर रहे हैं कि "केवल उन लोगों का मनोरंजन किया जाएगा जो पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करते हैं"।
कांग्रेस कर्नाटक से 20 से अधिक लोकसभा सीटें हासिल करने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
कर्नाटक में भाजपा ने 25 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की थी।
कांग्रेस एक, जद-एस एक सीट जीतने में सफल रही और भाजपा समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक और सीट जीती थी।
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि उन्हें या तो भाजपा में शामिल होने या जेल जाने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने दूसरा विकल्प चुना।
उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी नेताओं को जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए आह्वान करने को कहा गया है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी कैडरों को विधायकों और भाजपा और जद-एस के प्रमुख नेताओं के अनुयायियों को तोड़ने और उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए कहा गया है।
भाजपा के पूर्व मंत्रियों बी.सी. पाटिल और राजू पाटिल का हाल ही में बेंगलुरु में कन्नड़ सुपरस्टार किच्चा सुदीप की जन्मदिन पार्टी में शिवकुमार से मिलना और उनसे काफी देर तक बातचीत करना राज्य के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है।
पूर्व मंत्री एम.पी. रेणुकाचार्य ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से मुलाकात की है और भाजपा नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा है।
हाल ही में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष की आलोचना की। इस मामले पर भाजपा ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सूत्र बताते हैं कि इससे भगवा पार्टी की कमजोर स्थिति का पता चलता है।
जद-एस, जो दक्षिण कर्नाटक में कांग्रेस से हार गई और विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीतने में कामयाब रही, ऑपरेशन हस्त से चिंतित है।
कांग्रेस 10 से अधिक विधायकों को तोड़ने के लिए तैयार है और पार्टी को झटका देने की योजना बना रही है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने यह ''कार्यभार'' जद-एस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी और बी.जेड. ज़मीर अहमद खान को दिया है। दोनों पूर्व सीएम एच.डी. कुमारस्वामी के करीबी थे।
एक सूत्र ने कहा, अगर जद-एस को कमजोर किया जाता है, तो इससे शिवकुमार को वोक्कालिगा समुदाय का चेहरा बनकर उभरने में मदद मिलेगी। (आईएएनएस)।
पटना, 3 सितंबर । बिहार में गोपालगंज जिले की एक नाबालिग सामूहिक बलात्कार पीड़िता 1 सितंबर की रात अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भागने में सफल रही।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया, ''नाबालिग का तीन लोगों ने अपहरण किया था। अपहरणकर्ताओं से बचकर भागी नाबिलग सदर अस्पताल पहुंच गई।''
पीड़िता जिले में बैकुंठपुर पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत आने वाले एक गांव की मूल निवासी है। उसके साथ 14 अप्रैल को दो लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। इस संबंध में पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और एक आरोपी को गिरफ्तार कर गया था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी के परिजन केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। शुक्रवार शाम को जब वह अपने घर के बाहर गई थी, तब चार पहिया वाहन में नाबालिग लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया।
पीड़िता के बयान के मुताबिक, कुछ दूरी तय करने के बाद आरोपी ने पानी की बोतलें खरीदने के लिए कार रोकी। पीड़िता मौका देख कर कार से कूद गई। वह किसी तरह सदर अस्पताल पहुंची और बेहोश हो गयी। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे देखा और आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया। अस्पताल प्रशासन ने घटना की जानकारी पीड़ित परिवार और स्थानीय पुलिस को दी।
सदर थाने के प्रभारी धनंजय कुमार राय ने कहा, ''नाबालिग का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। पीड़िता के लिखित बयान पर हमने तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
उसकी मां ने बताया कि 14 अप्रैल को दो लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था और उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया था और दूसरा फरार है। पीड़िता की मां ने यह भी दावा किया कि आरोपी उन पर सामूहिक बलात्कार का मामला वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 3 सितंबर । कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में हेल्थ चेक अप किया गया। पार्टी सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि पूर्व कांग्रेस प्रमुख हल्के बुखार के बाद शुक्रवार शाम और फिर शनिवार सुबह जांच के लिए अस्पताल पहुंची।
हालांकि, अस्पताल ने इस संबंध में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
इस साल की शुरुआत में, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को एक वायरल सांस से संबंधित संक्रमण के इलाज के लिए सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 3 सितंबर । दिल्ली आ रही लोकल ट्रेन का एक डिब्बा रविवार को यहां हजरत निजामुद्दीन (एनजेडएम) रेलवे स्टेशन और तिलक ब्रिज (टीकेजे) रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गया।
हालांकि, घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, "सुबह 9:47 बजे 04921 पीडब्ल्यूएल (पलवल) -एनडीएलएस (नई दिल्ली) ईएमयू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) के गार्ड द्वारा जानकारी दी गई कि ट्रेन का पांचवां डिब्बा एनजेडएम-टीकेजे के बीच पटरी से उतर गया है।"
उन्होंने कहा, "सभी यात्री सुरक्षित हैं।" (आईएएनएस)।
मुंबई, 3 सितंबर । महा विकास अघाड़ी ने रविवार को यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग हुए नेता प्रफुल्ल पटेल पर उनके इस दावे के लिए निशाना साधा कि उनकी पार्टी ने सेना नेता उद्धव ठाकरे से सीएम पद साझा करने के लिए कहा था।
पटेल ने शनिवार को नागपुर में कहा कि जब 2019 में एमवीए सरकार बन रही थी, तब राकांपा ने ठाकरे के साथ सीएम का पद साझा करने की मांग की थी, लेकिन "उन्होंने इसे हल्के में लिया और जवाब नहीं दिया।"
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिवसेना (यूबीटी) की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी पार्टियों को तोड़ दिया है, वे अब अपने कार्यों को सही ठहराने, अपनी स्थिति बचाने और अपने वर्तमान आकाओं को खुश करने के लिए कुछ भी कहेंगे।
अंधारे ने तीखे स्वर में कहा, “हम ऐसे व्यक्तियों पर कैसे विश्वास कर सकते हैं? क्या वे इस बात से भी इनकार करेंगे कि पटेल और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने जांच नहीं की थी? अब वे दूसरों पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं।''
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने आश्चर्य जताया कि अब ऐसे मुद्दों को उठाने का क्या मतलब है जिनके बारे में किसी ने नहीं सुना है।
एनसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार पर बिना नाम लिए परोक्ष हमला करते हुए, पटेल ने कहा कि 2004 में भी, एनसीपी ने सीएम पद का त्याग किया था, हालांकि उसके पास कांग्रेस (69) की तुलना में अधिक सीटें (71) थीं।
क्रैस्टो ने कहा,“अब यह सब क्यों उछालेंं, वे सरकार के साथ अपने रास्ते चले गए हैं, शिवसेना (यूबीटी) भी आगे बढ़ गई है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि (पटेल एंड कंपनी) को भविष्य में और अधिक मुखर होना चाहिए और अपने नए सहयोगियों से जो भी पद वे चाहते हैं, मांगना चाहिए।''
यह दावा करते हुए कि उन्होंने अपनी मांग को लेकर ठाकरे, आदित्य ठाकरे और संजय राउत से मुलाकात की, पटेल ने कहा कि जब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, तो वह बहुत निराश हुए।
पटेल ने दावा किया, "शिवसेना की 56 की तुलना में हमारे पास 54 सीटें थीं, इसलिए हमारी मांग वास्तविक थी और हम दो साल के सीएम पद के लिए भी तैयार थे, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला।"
इस बार, उन्होंने आश्वासन दिया कि डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा किसी के सामने नहीं झुकेगी और राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों के दौरान सभी जिलों में सीटों की मांग करेगी।
पटेल ने कहा कि अगर उनके नेता सीएम बनते तो एनसीपी बहुत समृद्ध हो सकती थी, लेकिन पार्टी ने अतीत में 'हमेशा आत्मसमर्पण' करके ऐसे अवसर खो दिए हैं, जैसा कि सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना के कई नेताओं ने दावा किया है। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 3 सितंबर । लखनऊ के 17 वर्षीय ईशान वसंतकुमार ने एक एआई-आधारित एप 'रोशिनी' डेवलप किया है जो शुरुआत में ही मोतियाबिंद का पता लगाएगा।
इस एप को शनिवार को उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट और स्टडी हॉल द्वारा आयोजित नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर के दौरान पेश किया गया। स्टडी हॉल स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र ईशान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और इंडिया हेल्थ एक्शन ट्रस्ट के साथ मिलकर इस एप को बनाने के लिए एक साल तक काम किया।
यह यूजर-फ्रेंडली है, सार्वजनिक तथा फ्रंटलाइन के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं दोनों के लिए सुलभ है जो शुरुआती मोतियाबिंद जांच में ग्रामीण समुदायों की सहायता करेगा। इसका टारगेट अनुपचारित मोतियाबिंद के कारण होने वाले अंधेपन और दृष्टि संबंधित समस्याओं को खत्म करना है। प्रारंभ में एप का उपयोग वाराणसी, फतेहपुर और हापुड में किया जाएगा।
ईशान ने दावा किया है कि फिलहाल भारत में ऐसा कोई एप उपलब्ध नहीं है। ईशान का कहना है कि मेरे नाना-नानी दोनों मोतियाबिंद से पीड़ित थे, जिसने मुझे इस संबंध में काम करने के लिए प्रेरित किया।
यूपीटीएसयू के एक डेटा वैज्ञानिक सत्य स्वरूप ने कहा, "इस एप के माध्यम से हम ग्रामीण भारत में मोतियाबिंद जांच में क्रांति लाना चाहते हैं।" शिविर की शुरुआत एप के प्रदर्शन और प्रतिभागियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग के साथ हुई। (आईएएनएस)।
हैदराबाद, 3 सितंबर । तेलंगाना के मनचेरियल जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। चोरी के संदेह में एक दलित सहित दो युवकों को उल्टा लटका कर पीटा गया।
यह घटना शुक्रवार को हैदराबाद से लगभग 300 किलोमीटर दूर मनचेरियल जिले के मंदामरि में हुई।
पीड़ितों को न सिर्फ उल्टा बांधा गया बल्कि उनके नीचे आग भी जलाई गई और दोनों की पिटाई की गई। प्रताड़ना का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर सामने आया।
भेड़ फार्म में काम कर रहे तेजा (19) और उसके दलित दोस्त किरण (30) को मालिक और उसके परिवार के सदस्यों ने पकड़ लिया और शेड में उल्टा बांध दिया।
करीब 20 दिन पहले शेड से एक बकरी और कुछ लोहे की छड़ें चोरी हो गई थी। मालिक कोमुराजुला रामुलु और उनके परिवार के सदस्यों को तेजा और उसके दोस्त पर संदेह था। दोनों को पकड़कर छप्पर में ले आये और उल्टा बांध कर पिटाई की। वह इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने धुएं से दम घुटने के लिए नीचे आग जला दी।
पुलिस के मुताबिक तेजा, राजू के भेड़ फार्म पर काम कर रहा था। उनकी मां एक सफाई कर्मचारी के रूप में वहां काम करती हैं।
पुलिस ने राजू और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)।
गुवाहाटी, 3 सितंबर असम के बजाली जिले में चार पुलिसकर्मियों को अवैध रूप से पैसे मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि सभी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।
एक पुलिस उप अधीक्षक और दो उप-निरीक्षकों सहित बजाली पुलिस के सात कर्मियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को अपराध जांच शाखा की ओर से दर्ज मामले के संबंध में यह गिरफ्तारियां की गई हैं।
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए कर्मियों में भवानीपुर चौकी के प्रभारी, बजाली पुलिस अधीक्षक के दो चालक और बजाली के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) का एक निजी सुरक्षा अधिकारी शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि अगस्त के पहले सप्ताह में ‘‘बजाली जिले के कुछ पुलिकर्मियों द्वारा पैसे की मांग किए जाने के संबंध में शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया था।’’
उन्होंने बताया कि ‘‘शिकायत प्रथम दृष्टया सही’’ पाए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया।
बजाली के पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि जनता के साथ दुर्व्यवहार करते पाए जाने वाले किसी भी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को पूरा अधिकार दिया गया है। (भाषा)
बेंगलुरु, 3 सितंबर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को कहा कि देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित पहली प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।
इसरो के मुताबिक, इस प्रक्रिया को यहां स्थित इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) से अंजाम दिया गया।
अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी कहा कि ‘आदित्य एल1’ उपग्रह एकदम ठीक है और यह समान्य ढंग से काम कर रहा है।
इसरो ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में बताया कि कक्षा संबंधी अगली प्रक्रिया पांच सितंबर, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग तीन बजे के लिए निर्धारित है।
इसने कहा, ‘‘आदित्य-एल1 मिशन : उपग्रह एकदम ठीक है और सामान्य ढंग से काम कर रहा है। पृथ्वी की कक्षा से संबंधित पहली प्रक्रिया (ईबीएन#1) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक निष्पादित की गई। प्राप्त की गई नयी कक्षा 245 किलोमीटर x 22,459 किलोमीटर है।’’
‘आदित्य एल1’ को शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था।
मिशन का लक्ष्य सूर्य-पृथ्वी ‘एल1’ बिंदु पर भारत की पहली सौर वेधशाला स्थापित कर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है।
एल1 का मतलब ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ है, जहां अंतरिक्ष यान को स्थापित किया जाएगा।
सौर पैनल के सक्रिय होने के बाद उपग्रह ने विद्युत ईंधन पैदा करना शुरू कर दिया।
इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर रहकर सूर्य का अध्ययन करेगा। यह दूरी पृथ्वी और सूर्य की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि यान न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के और करीब जाएगा। (भाषा)
मुंबई, 3 सितंबर महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद क्षेत्र में तनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने मराठवाड़ा के सभी जिलों में रविवार से होने वाली अपनी ‘जनसंवाद यात्रा’ स्थगित कर दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘नयी तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।’’
मराठवाड़ा में ‘जनसंवाद यात्रा’ का नेतृत्व चव्हाण को करना था। उन्होंने कहा कि पुलिस लाठीचार्ज के बाद उपजी स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों में यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।
पुलिस ने शुक्रवार को अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। स्थिति तब बिगड़ गई थी, जब चिकित्सकों की सलाह पर अधिकारियों ने हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की थी।
हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी और दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे, जबकि कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में बाद में पुलिस ने 350 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने पिछले महीने तीन से 12 सितंबर तक ‘जनसंवाद यात्रा’ आयोजित करने की घोषणा की थी।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा था कि उनकी पार्टी के नेता ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार की विफलताओं को उजागर करने और विपक्षी गठबंधन का संदेश फैलाने’’ के लिए सभी क्षेत्रों में तालुका, गांव और शहर स्तर पर ‘जनसंवाद यात्रा’ निकालेंगे।
वहीं, कांग्रेस ने कहा था कि पूर्वी विदर्भ क्षेत्र में यात्रा का नेतृत्व पटोले करेंगे, जबकि राज्य विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता सतेज पाटिल कोल्हापुर (पश्चिमी महाराष्ट्र) में यात्रा में हिस्सा लेंगे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 3 सितंबर जी-20 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं की मेजबानी करने से एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि “सबका साथ- सबका विकास” मॉडल विश्व के कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण, अब मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में बदल रहा है
मोदी ने अपने लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर पिछले सप्ताह के अंत में एक विशेष साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, “जीडीपी के आकार के बावजूद, हर आवाज मायने रखती है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, सऊदी अरब के राजा मोहम्मद बिन सलमान, 19 विकासशील और विकसित देश तथा यूरोपीय संघ के नेता, नवनिर्मित भारत मंडपम सम्मेलन हॉल में 9-10 सितंबर को प्रमुख वार्षिक बैठक के लिए एकत्र होंगे।
मोदी ने पीटीआई (प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के प्रधान संपादक विजय जोशी के साथ जी-20 और संबंधित मुद्दों पर केंद्रित 80 मिनट के साक्षात्कार में कहा “भारत की जी-20 की अध्यक्षता से कई सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं ”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि लंबे समय तक, भारत को एक अरब से अधिक भूखे पेट वाले लोगों के देश के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब, भारत को एक अरब से अधिक महत्वाकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं के देश के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा,‘‘लंबे समय तक, भारत को एक अरब से अधिक भूखे पेट वाले लोगों के देश के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब, भारत को एक अरब से अधिक महत्वाकांक्षी मस्तिष्क, दो अरब से अधिक कुशल हाथों और करोड़ों युवाओं के देश के रूप में देखा जा रहा है।’’
जी-20 का दुनिया की जीडीपी में 80 फीसदी, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 फीसदी, दुनिया की आबादी में 65 फीसदी और दुनिया के भूभाग में 60 फीसदी योगदान है।
भारत ने पिछले नवंबर में इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और दिसंबर में इसे ब्राजील को सौंप दिया जाएगा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 3 सितंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत का जी-20 सदस्य देशों को जैव ईंधन को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक गठबंधन का प्रस्ताव हरित ऊर्जा की दिशा में बदलाव को लेकर पर्यावरण अनुकूल जैव ईंधन के उपयोग में तेजी लाने में मददगार होगा।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश भारत जी-20 अध्यक्षता के दौरान जैव ईंधन गठबंधन को साकार करने का प्रयास कर रहा है। यह सभी के लिये स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने के मकसद से भारत और फ्रांस की पहल पर 2015 में शुरू हुए ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ को प्रतिबिंबित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऐसे गठबंधन (जैव ईंधन) का उद्देश्य विकासशील देशों के लिये हरित ऊर्जा बदलाव को आगे बढ़ाने को विकल्प तैयार करना है। जैव ईंधन एक चक्रीय अर्थव्यवस्था (संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था) के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। बाजार, व्यापार, प्रौद्योगिकी और नीति समेत अंतरराष्ट्रीय सहयोग से जुड़े सभी पहलू ऐसे अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण हैं।’’
जैव ईंधन स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है। अपनी कुल जरूरत के 85 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल का आयात करने वाला भारत धीरे-धीरे पराली समेत अन्य फसल अवशेष, घरों से निकलने वाले अपशिष्ट आदि का उपयोग कर स्वच्छ ईंधन उत्पादन की क्षमता का निर्माण कर रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘इस प्रकार के विकल्प ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं, घरेलू उद्योग के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं और हरित ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियां पैदा कर सकते हैं। ये चीजें एक ऐसे बदलाव को सुनिश्चित करती हैं, जिसमें सभी आगे बढ़ते हैं, कोई भी पीछे नहीं रहता।’’
भारत 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। एथनॉल का उत्पादन गन्ना और कृषि अपशिष्ट से किया जाता है। साथ ही पराली और अन्य कृषि अपशिष्ट से ईंधन प्राप्त करने के लिये कई कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
गठबंधन का उद्देश्य परिवहन समेत विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल जैव ईंधन के उपयोग में तेजी लाना है। इस कदम का मकसद मुख्य रूप से बाजार के साथ वैश्विक जैव ईंधन कारोबार को सुगम बनाने, एक-दूसरे की गतिविधियों से सीखते हुए ठोस नीति का विकास और वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिये तकनीकी समर्थन के उपाय करना है।
इस प्रकार की पहल भारत के लिये वैकल्पिक ईंधन की दिशा में बदलाव के साथ 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया एक-दूसरे से जुड़ी है और परस्पर निर्भर है। ऐसे में दुनियाभर के देशों की काबिलियत और क्षमता जितनी अधिक होगी, वैश्विक स्तर पर उतनी ही मजबूती होगी।
उन्होंने वैश्विक गठबंधन की जरूरत बताते हुए कहा, ‘‘जब किसी श्रृंखला की कड़ी कमजोर होती हैं, तो कोई भी संकट पूरी व्यवस्था को और कमजोर कर देता है। लेकिन जब कड़ियां मजबूत होती हैं, तो वैश्विक श्रृंखला एक-दूसरे की ताकत और क्षमता का उपयोग करके किसी भी संकट से निपट सकती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिये दुनिया को सुरक्षित और संरक्षित रखना सबकी जिम्मेदारी है। इसे सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के भीतर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये जो कदम उठाये गये हैं, उसमें काफी प्रगति हुई है। भारत ने कुछ ही वर्षों में अपनी सौर ऊर्जा क्षमता 20 गुना बढ़ा ली है। पवन ऊर्जा के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष चार देशों में से एक है। इलेक्ट्रिक वाहन की बात की जाए, तो उसमें क्रांति आई है। भारत नवोन्मेष और इसकी स्वीकार्यता दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हम शायद जी-20 देशों में पहले हैं, जिसने अपने जलवायु लक्ष्यों को निर्धारित समय से नौ साल पहले हासिल कर लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही, एक बार उपयोग किये जाने वाले प्लास्टिक के खिलाफ कार्रवाई को दुनियाभर में मान्यता मिली है। साफ-सफाई और स्वच्छता के मामले में भी काफी प्रगति हुई है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इन उपायों से हम आज वैश्विक प्रयासों में केवल एक सदस्य के तौर पर नहीं हैं, बल्कि कई मामलों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा-रोधी अवसंरचना के लिये गठबंधन जैसी पहल दुनिया के देशों को एक साथ ला रही है। आईएसए को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, 100 से अधिक देश इससे जुड़े हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ‘मिशन लाइफ’ पहल शुरू की है। यह पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली पर केंद्रित है। जीने का जो तरीका है, उसपर निर्णय इस आधार पर लिया जा सकता है कि लंबे समय में इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।’’
आईएसए का लक्ष्य 2030 तक 1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाने का है। यह 2030 तक व्यापक स्तर पर सौर ऊर्जा तैनात करने के लिए जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का अनुमान है कि 2050 तक दुनिया की ऊर्जा व्यवस्था को शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में लाने के लिये वैश्विक स्तर पर पर्यावरण अनुकूल जैव ईंधन उत्पादन को 2030 तक तीन गुना करने की जरूरत है।
एक अनुमान के अनुसार, 2022 में तरल जैव ईंधन का परिवहन क्षेत्र में कुल ऊर्जा आपूर्ति में चार प्रतिशत से अधिक का योगदान रहा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 3 सितंबर जी20 की अध्यक्षता से भारत को सदस्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत करने में मदद मिल रही है। विशेषज्ञों ने यह राय देते हुए कहा है कि बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में इन देशों से निवेश मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि भविष्य की वैश्विक आर्थिक वृद्धि और समृद्धि को हासिल करने में जी20 (20 देशों का समूह) की एक रणनीतिक भूमिका है। इसके सदस्य वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और विश्व की जनसंख्या का दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस बहुपक्षीय मंच की अध्यक्षता करना भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, क्योंकि वह निवेश आकर्षित करने के लिए अपनी ताकत और उपलब्धियों का प्रदर्शन कर सकता है। साथ ही इन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत किया जा सकता है।
वास्तव में जी20 में 20 नहीं बल्कि 43 देश हैं, क्योंकि यूरोपीय संघ के 24 देशों को एक भागीदार के रूप में इसमें शामिल किया गया है।
व्यापार विशेषज्ञों ने सरकार को ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत में तेजी लाने का सुझाव दिया।
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘2023 के पहले आठ महीनों में, यूरोपीय संघ ने जलवायु परिवर्तन और व्यापार पर पांच नियम पेश किए। जी20 देशों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और व्यक्तिगत देशों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में जाने से पहले इसपर चर्चा करनी चाहिए।’’
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन शार्दुल एस श्रॉफ ने कहा कि भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए वैश्विक मानक तय करने के लिए जी20 देशों के साथ एक साझा आधार तलाशना चाहिए।
उन्होंने कहा कि साथ ही देश को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और आईटी-आधारित सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपने वैश्विक ‘प्रभाव’ का उपयोग करना चाहिए।
डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां निवेश और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने के लिए वैकल्पिक स्थलों की तलाश कर रही हैं। भारत की जी20 अध्यक्षता से ऐसी कई कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। (भाषा)
पिछले साल भारत ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई थी. अब गैर-बासमती और बासमती चावल के निर्यात पर भी कई तरह की रोक लगा दी गई है. हालांकि इन कदमों से खाद्य महंगाई में आंशिक राहत ही मिली है.
डॉयचे वैले पर अविनाश द्विवेदी की रिपोर्ट-
भारत सरकार ने पिछले साल गेहूं निर्यात को बैन किया था. इसके बाद गैर-बासमती चावल का निर्यात बैन हुआ और अब बारी आई बासमती चावल के निर्यात पर कई तरह की पाबंदियों की. इन सारे कदमों के बावजूद भारत में खाद्य महंगाई नियंत्रित होने का नाम नहीं ले रही.
फिर अल नीनो के प्रभाव के चलते कमजोर होता मॉनसून, सरकार के भंडार में घटता अनाज, फ्री राशन स्कीम की जरूरतें और महंगाई के दौर में नजदीक आते चुनाव भी सरकार और जानकारों की चिंता बढ़ा रहे हैं.
जीवनस्तर ही नहीं पोषण के लिए भी चिंता
जुलाई में भारत में खाद्य महंगाई 11.5 फीसदी रही. यह तीन साल में सबसे उच्चतम स्तर था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले पांच साल में भारत में सामान्य खाने की थाली का दाम 65 फीसदी बढ़ा है, जबकि इस दौरान लोगों की कमाई सिर्फ 37 फीसदी बढ़ी है. यानी खाने पर लोगों का खर्च काफी ज्यादा बढ़ गया है.
एक ओर यह महंगाई आम लोगों के जीवनस्तर को प्रभावित कर रही है, तो दूसरी ओर वंचित समुदाय से आने वाले लोगों और खासकर बच्चों की पोषण जरूरतों के लिए भी चिंता पैदा कर रही है. दूध, दाल और अंडों की महंगाई से बच्चों का स्वास्थ्य खासकर प्रभावित होता है क्योंकि उनके लिए इन चीजों की उपलब्धता घट जाती है. ग्रामीण इलाकों में ये समुदाय ज्यादा संकट में है क्योंकि वहां लगातार लोगों की क्रय क्षमता घट रही है.
आर्थिक जानकारियां देने वाली प्रतिष्ठित कंपनी "स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल" के सम्यक पांडेय बताते हैं कि यह एक चक्रीय क्रम है और भारत में खाद्य महंगाई सिर्फ गेहूं या चावल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी खाद्य बास्केट ही महंगाई से जूझ रही है. ऐसे में सिर्फ निर्यात पर पाबंदी से इसे रोका जा सकेगा, संभव नहीं लगता.
कमजोर मॉनसून और फ्री राशन का बोझ
कोविड के बाद से अब तक वंचित समुदायों के लिए केंद्र सरकार की मुफ्त राशन स्कीम एक बड़ा सहारा रही है. इस पर भी खतरा मंडरा रहा है. अगस्त की शुरुआत में सरकार के सेंट्रल पूल में 2.8 करोड़ टन गेहूं और 2.4 करोड़ टन चावल था. कुल मिलाकर करीब 5.2 करोड़ टन अनाज. जबकि एक अक्टूबर को सामान्य बफर स्टॉक में 30.8 करोड़ टन अनाज होना चाहिए.
भारतीय खाद्य कॉर्पोरेशन को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (एनएफएसए) के तहत आवंटन के लिए एक साल में 3.6 करोड़ टन चावल और 1.8 करोड़ टन गेहूं की जरूरत होती है. वहीं दो करोड़ टन चावल और तीन करोड़ टन गेहूं रक्षा और सैन्य जरूरतों के लिए रिजर्व होता है. इसे देखें, तो अब देश के पास एक साल से भी कम का स्टॉक बचा है.
फिर सरकार यह भी कह चुकी है कि वो अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल को खुले बाजार में लाएगी. हालांकि अभी सरकार के चावल भंडार में धान की कटाई शुरू होने के बाद से बढ़ोतरी जरूर होगी. लेकिन एक अक्टूबर से शुरू हो रहे धान कटाई के मौसम पर कमजोर मॉनसून के चलते उत्पादन में कमी का ग्रहण लगा हुआ है.
कम चावल उत्पादन के दूसरे नुकसान भी
अगस्त की शुरुआत तक किसानों ने करीब 9.2 करोड़ हेक्टेयर इलाके में फसल बुआई की थी, जिसमें से 2.9 करोड़ हेक्टेयर पर धान की बुआई की गई थी. इस बार पिछले साल से धान का रकबा नौ फीसदी बढ़ा है. लेकिन इन तैयारियों को भारत में मानसून की अनियमित बारिश और फिर अल नीनो के असर प्रभावित होने का डर है. अल नीनो का असर खेती के अगले चक्र पर भी होना तय है. अगस्त की रिकॉर्ड कम बारिश के चलते देशभर में पानी के जलाशय अपने स्तर से काफी नीचे हैं. इन जलाशयों का पानी रबी की फसल के काम आता है.
इनके चलते जानकारों को इस साल चावल के अलावा गेहूं की अगली फसल का उत्पादन भी पिछली बार के मुकाबले कम रहने का अनुमान है. सरकार के चावल निर्यात के फैसलों के पीछे यह भी एक बड़ी वजह है. हालांकि इसका ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं पर भी असर होना तय है. जैसे सरकार चावल के कुछ स्टॉक एथेनॉल उत्पादन के लिए दे रही थी. अब उसे लेकर भी चिंता पैदा हो गई है. इस साल सरकार ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के स्टॉक से 34 लाख टन चावल एथेनॉल उत्पादन के लिए देने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 13 लाख टन पहले ही दिया जा चुका है. लेकिन आने वाले समय में ऐसी जरूरतों के लिए चावल देना मुश्किल होगा.
दर्द बढ़ता ही गया ज्यों-ज्यों दवा की
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक कमजोर मॉनसून का असर दालों के उत्पादन और बाद में उनकी महंगाई पर भी होगा. फरवरी 2024 तक अल नीनो का प्रभाव रह सकता है, यानी यह आने वाली फसलों को भी प्रभावित कर सकता है. भारत सरकार भी इस समस्या को समझ रही है और लगातार इसके लिए प्रयास कर रही है. लेकिन किसी एक खाद्य वस्तु की महंगाई से निजात मिलती है, तो दूसरी खाद्य वस्तु की महंगाई बढ़ जाती है.
एसएंडपी के सम्यक पिछले कई महीनों में सरकार के इस महंगाई से निपटने के कदमों के बारे में बताते हैं. वो खाद्य तेल की महंगाई, दाल की महंगाई, प्याज की महंगाई और गेहूं-चावल की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए पिछले महीनों में उठाए गए दर्जन भर प्रयासों की ओर इशारा करते हैं.
खेती के दूसरे जानकार तो यह भी कहते हैं कि खाद्यान्न की महंगाई से निपटने में सरकार का अगला कदम रूस जैसे देशों से गेहूं आयात का हो सकता है. लेकिन गेहूं की बुआई के समय ही मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में चुनाव भी होने हैं. इस वजह से सरकार शायद अभी गेहूं के आयात से बचे. (dw.com)
भोपाल, 3 सितंबर । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्य प्रतियोगी - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस मुफ्त की राजनीति की सीमाओं का परीक्षण कर रहे हैं।
जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा मतदाताओं को लुभाने के लिए राज्य में एक के बाद एक मुफ्त या नकद प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा कर रही है, वहीं कांग्रेस भी चुनाव जीतने के लिए कई आकर्षक वादे कर रही है।
कमल नाथ के नेतृत्व वाली राज्य कांग्रेस ने 'पांच गारंटियों' महिलाओं के लिए नकद हस्तांतरण (1,500 रुपये मासिक), 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन, रियायती बिजली और कृषि ऋण में छूट के साथ भाजपा के खिलाफ चुनावी लड़ाई में कदम रखा है
भाजपा, जिसे अपनी 'लाडली बहना योजना' से बहुत उम्मीदें हैं - विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले घोषित हर महीने 1000 रुपये देने की महिला-केंद्रित नकद प्रोत्साहन योजना, सब्सिडी वाली बिजली के साथ 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने की पेशकश लेकर आई है।
लाडली बहना योजना की घोषणा के ठीक तीन महीने बाद, मुख्यमंत्री चौहान ने अब अक्टूबर में योजना के तहत भुगतान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,250 रुपये करने की घोषणा की है।
पिछले हफ्ते भोपाल में राज्य भर से आई महिलाओं की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए, चौहान ने कहा, "सावन के पवित्र महीने में महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस मिलेगी", उन्होंने कहा, "अक्टूबर से, 1.25 करोड़ महिलाओं को 1,250 रुपये मिलेंगे (लाडली के तहत) बहना योजना) और राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा।
कांग्रेस अपने पांच 'वचनों' (वादों) के साथ उन परीक्षित योजनाओं पर दांव लगा रही है, जिनका उसने वादा किया था और कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने के बाद उसे लागू किया था।
मध्य प्रदेश पर वर्तमान में 23,011 करोड़ रुपये की पेंशन देनदारी है, जो एक शोध रिपोर्ट के अनुसार 2030-31 तक 69,062 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
भाजपा सरकार द्वारा महिलाओं को 1,000 रुपये देने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, कमल नाथ ने कहा, "मुझे खुशी है कि कांग्रेस द्वारा ऐसा करने के लिए मजबूर करने के बाद भाजपा ने महिलाओं को नकद प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया है। लेकिन, वे यह सब क्यों करते हैं, ये बातें तब होती हैं जब चुनाव नजदीक आते हैं? ये योजनाएं पिछले 18 वर्षों में लागू क्यों नहीं की गईं?"
व्यावसायिक विशेषज्ञों ने विभिन्न रिपोर्टों का हवाला देते हुए रेखांकित किया कि वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान सहित राज्य का प्रतिबद्ध व्यय, 2016-17 और 2021-22 के दौरान राजस्व प्राप्तियों के 32 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया।
"भाजपा और कांग्रेस मध्य प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के लिए एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, हालांकि वर्तमान में राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि इन सभी योजनाओं को लागू किया जा सके। दोनों पार्टियों ने कुल मिलाकर हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं का वादा किया है और एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, ''वे अभी तक आशाजनक स्थिति में नहीं दिख रहे हैं। राज्य में 'रेवड़ी संस्कृति' पूरे जोरों पर है।"
उन्होंने कहा कि राज्य पहले से ही 3.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ में है और आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कई मुफ्त योजनाएं लागू की जा रही हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 3 सितंबर । कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि अपने कार्यकाल के पिछले नौ साल में उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मोदी साहब कभी सवालों का जवाब नहीं देना चाहते। 9 साल में उन्होंने संसद में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया... उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।"
पोस्ट के साथ, सांसद ने आगामी सत्र के बारे में अवगत कराते हुए लोकसभा द्वारा जारी बुलेटिन की एक प्रति भी साझा की, जिसमें लिखा था, "सत्रहवीं लोकसभा के तेरहवें सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं होगा।"
टैगोर ने सत्तारूढ़ सरकार पर हमला करते हुए कहा, "अब विशेष सत्र में भी कोई प्रश्नकाल नहीं होगा। संसद केवल चीयर लीडर नहीं बन सकती।"
केंद्र ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। (आईएएनएस)।
पटना, 3 सितंबर । देश में भले ही विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर रणनीति बनाई जा रही हो, लेकिन बिहार में इसका प्रयोग सफल रहा है और महागठबंधन की सरकार चल रही है। इधर, महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अकेले पड़ चुकी भाजपा को भी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और लोजपा (रामविलास) के रूप में नए सहयोगी मिल चुके हैं, ऐसे में दोनों गठबंधन अब आगामी चुनाव को लेकर मुद्दे की तलाश कर रहे हैं।
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन जहां जातीय गणना को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा ने अपने हिंदुत्व के मुद्दे को शिक्षा विभाग द्वारा पर्व त्योहारों की छुट्टी में कटौती को सनातन संस्कृति और हिंदुओं को अपमान से जोड़कर हवा देने की कोशिश कर रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रत्येक 10 साल पर होने वाली जनगणना को नहीं कराए जाने पर केंद्र सरकार को घेरने में जुटे हैं तो जदयू और राजद के नेता भाजपा को जातीय गणना विरोधी बताकर कटघरे में खड़ा करने को लेकर व्यग्र हैं।
एनडीए के शासनकाल में ही बिहार में जातीय गणना कराने की योजना बनी थी और कैबिनेट में इसपर मुहर लगाई गई थी।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि अगर भाजपा जातीय गणना की इतनी पक्षधर है तो देश में जातीय गणना क्यों नहीं कराना चाहती।
उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक, आर्थिक गणना को तो छोड़िए, भाजपा की सरकार देश में जनगणना भी नहीं करा रही है। विश्व में अमेरिका और पाकिस्तान ने भी अपने यहां जनगणना करा ली है, ऐसे में भाजपा देश में जनगणना नहीं करने को लेकर बहाना क्यूं बना रही है?
कुमार ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि संविधान के तहत दलितों को मिलने वाले संसद और विधानमंडलों में उनकी सीटों की तादात नहीं बढ़े, इसको लेकर जनगणना नहीं करा रही?
इधर, जदयू ने जाति आधारित गणना को रोकने की साजिश तथा केंद्र सरकार की कुछ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को पोल-खोल अभियान शुरू किया है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जातीय गणना को लेकर भाजपा द्वारा उठाए गए कदमों को देख लें, आपको साफ लगेगा कि भाजपा कभी भी जातीय गणना के पक्ष में नहीं रही है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि इसकी पोल सर्वोच्च न्यायालय में खुल गई है।
इस बीच, भाजपा जहां जातीय गणना को लेकर भी सरकार पर पलटवार करती नजर आ रही है, वहीं हाल ही में सरकारी स्कूलों में पर्व त्योहार में छुट्टी कटौती को लेकर भी मोर्चा खोल दिया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कहते हैं कि नीतीश कुमार की सरकार हो या पार्टी, दोनो बिहार में सिर्फ नौटंकी कर रही है।
उन्होंने कहा कि जदयू जातीय सर्वे को लेकर आंदोलन कर रही हैं, लेकिन सवाल है कि उन्हें जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी करने से रोका किसने है। वे रिपोर्ट जारी क्यों नहीं कर रहे।
भाजपा नेता ने कहा कि ईबीसी आयोग की रिपोर्ट एक साल बाद भी जारी नही की गई, सवर्ण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कोई काम नही हुआ। चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि नीतीश जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी करना नहीं चाहते, इसलिए सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं।
इधर, भाजपा स्कूल में छुट्टी कटौती को लेकर मुखर है। विधानसभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक जनक सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पहले से तय छुट्टी में कटौती नहीं होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्मावलंबियों का अपमान है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर जब हिंदुओं के पर्व त्योहार के सीजन की शुरूआत हुई तभी सरकार को छुट्टी कटौती की याद कहां से आ गई। उन्होंने कहा कि यह तुष्टिकरण नहीं तो और क्या है?
बहरहाल, जहां सत्ताधारी गठबंधन जातीय गणना को लेकर भाजपा को कठघरे में खड़ा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं गठबंधन के इस सियासी धार को कुंद करने का एनडीए गठबंधन को स्कूलों में छुट्टी कटौती के रूप में हथियार मिल गया है। भाजपा इसके जरिए अपने हिंदुत्व के मुद्दे को हवा दे रही है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कौन अपने मकसद में कितना सफल होता है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 3 सितंबर । कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर पैनल की संरचना को लेकर भाजपा सरकार से सवाल किया और कहा कि उसने पहले ही अपनी सिफारिशें निर्धारित कर ली हैं।
रमेश का बयान लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' अवधारणा की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित पैनल का हिस्सा बनने के निमंत्रण को अस्वीकार करने के एक दिन बाद आया है।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "जिसे 'एक राष्ट्र एक चुनाव' कहा जाता है, उस पर उच्च स्तरीय समिति एक कर्मकांडीय प्रक्रिया है, जिसका समय अत्यधिक संदिग्ध है। इसके संदर्भ की शर्तों ने पहले ही इसकी सिफारिशें निर्धारित कर दी हैं।"
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, "समिति की संरचना भी पूरी तरह से बेकार है और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कल रात इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया।"
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और सदस्य के रूप में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य हैं। (आईएएनएस)।
पीलीभीत (यूपी), 3 सितम्बर । पीलीभीत-सीतापुर राजमार्ग पर एक कार और पिकअप वैन के बीच टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा रविवार सुबह हुआ और मृतकों में तीन महिलाएं शामिल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यात्री एक ही परिवार के थे और छुट्टियां मनाने के लिए नैनीताल जा रहे थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब कार के ड्राइवर अब्दुल्ला को नींद आ गई।
मृतकों की पहचान अब्दुल्ला, बतूल, मरियम और सायमा के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को जीवित बचे लोगों और परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।(आईएएनएस)।
नर्मदापुरम, 3 सितंबर । मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में शनिवार की शाम को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां दूधी नदी में नहाने गए पांच लड़के डूब गए, जिनमें से दो की तो मौत हो गई है और उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। तीन अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाशी का अभियान जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार, पिपरिया के बनखेड़ी के करीब स्थित डूमर गांव के छह लड़के दूधी नदी में नहाने गए थे। इनमें से पांच लड़के गहरे पानी में पहुॅचने के साथ पानी के बहाव में बह गए।
तभी एक साथी ने गांव वालों को जानकारी दी और गांव वाले मौके पर पहुंचे तब तक सभी लड़़े पानी में समा चुके थे।
हादसे की जानकारी गांव वालों ने पुलिस और प्रशासन को दी, जिसके बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।
गोताखोरों ने देर रात तक दो लड़कों के शव बरामद कर लिए थे, वहीं तीन अब भी लापता हैं।
रात होने के कारण अभियान रोक दिया गया था, मगर रविवार को तलाशी अभियान फिर शुरू कर दिया गया है। (आईएएनएस)।
जम्मू, 3 सितंबर । जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली।
अधिकारियों ने बताया कि बिहार का सीआरपीएफ जवान बनिहाल-काजीगुंड सुरंग पर तैनात था। उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली।
''उन्हें तुरंत बनिहाल शहर के एक उप-जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।''
अधिकारियों ने कहा, "इस घटना की एफआईआर दर्ज होने के बाद अब चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 3 सितंबर । कांग्रेस समेत सारा विपक्ष भले ही भाजपा पर आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा हर समय चुनावी मोड में रहती है लेकिन भाजपा के शीर्ष नेता आपसी बातचीत में यह कहते हैं कि मोदी सरकार का हर फैसला देश हित में होता है, इसलिए सरकार नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लेने से भी नहीं चूकती और जहां तक चुनाव का सवाल है सरकार 4 साल तक सिर्फ शासन पर ध्यान देती है और पांचवे साल चुनावी राजनीति के मैदान में उतरती है।
इस हिसाब से देखा जाए तो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवा साल यानी चुनावी वर्ष शुरू हो चुका है और इसको देखते हुए भाजपा भी चुनावी सौगातें देने के मैदान में उतर गई है।
हाल ही में मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की कीमत में 200 रुपये की कटौती करने के ऐलान ने देश में एक बार फिर से रेवड़ी पॉलिटिक्स का मुद्दा गरमा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपनी ही सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स कर कहा, "रक्षाबंधन का पर्व अपने परिवार में खुशियां बढ़ाने का दिन होता है। गैस की कीमतों में कटौती होने से मेरे परिवार की बहनों की सहूलियत बढ़ेगी और उनका जीवन और आसान होगा। मेरी हर बहन खुश रहे, स्वस्थ रहे, सुखी रहे, ईश्वर से यही कामना है।"
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महंगाई से जनता को राहत मिलने और महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिलने की बात कहते हुए कहा कि, "प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षाबंधन व ओणम के पावन अवसर पर देश की माताओं-बहनों के लिए घरेलू सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। इस फैसले से उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर की कुल सब्सिडी अब 400 रुपये हो जाएगी। इससे बदलते वैश्विक परिदृश्य के कारण बढ़ी महंगाई से जनता को राहत मिलेगी। साथ ही, कैबिनेट ने 75 लाख नये उज्ज्वला कनेक्शन को भी मंजूरी दी है, जिससे गरीब और जरूरतमंद माताओं को धुएं के अभिशाप से मुक्ति मिलेगी।"
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तो सीधे-सीधे 33 करोड़ उपभोक्ता को फायदा मिलने की बात करते हुए एक्स कर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट द्वारा रसोई गैस की क़ीमत में भारी कटौती का निर्णय लेने के लिए हृदय से आभार। अब उज्जवला लाभार्थियों को रसोई गैस 700 रुपये में और अन्य सभी उपभोक्ताओं को रसोई गैस अब 900 रुपये में मिलेगी। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हमारी नारी शक्ति को मोदी का उपहार। मोदी के इस निर्णय से देशभर में 33 करोड़ उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।"
33 करोड़ उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, यह दावा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने किया है। यहां पर आपको याद दिला दें कि 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा को 22 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वोट मिले थे और अगर 2024 के लोक सभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन मिलकर भाजपा के खिलाफ 400 या साढ़े 400 सीटों पर भी साझा उम्मीदवार खड़ा करने में कामयाब हो जाते हैं तो भाजपा को 300 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए मोटे तौर पर 6 से 8 करोड़ वोटों की जरूरत और पड़ेगी यानी उस हालात में भाजपा को अपने वोटों का कुल आंकड़ा 29 से 31 करोड़ के बीच पहुंचाना होगा।
हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों के कई नेताओं ने कटाक्ष कर यह पूछना भी शुरू कर दिया है कि क्या यह भाजपा की उसी तरह की रेवड़ी पॉलिटिक्स नहीं है जिसके खिलाफ प्रधानमंत्री और उनकी सरकार एवं पार्टी के नेता बोलते रहे हैं।
हालांकि भाजपा के नेता इसे मुफ्त की रेवड़ी मानने से इंकार करते हुए यह कह रहे हैं कि इससे देश की माताओं-बहनों के जीवन स्तर में सुधार आएगा और उनकी कठिनाईयां भी कम होगी।
लेकिन सरकार के एक बड़े मंत्री की मानें तो जनता की मुश्किलों को आसान करने के लिए उन पर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने के लिए और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए मोदी सरकार आने दिनों में कई और बड़े ऐलान कर सकती है यानी मोदी सरकार देश की जनता को और सौगतें देने की तैयारी कर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम तो पार्टी के मंच से ऑन रिकॉर्ड यह कह चुके हैं कि जिस तरह से राखी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई गैस की कीमत कम कर देश की माताओं और बहनों को तोहफा दिया है उसी तरह से प्रधानमंत्री आगे भी देश की जनता को तोहफे देते रहेंगे। मतलब साफ है कि रेवड़ी पॉलिटिक्स और रेवड़ी कल्चर को लेकर राजनीतिक घमासान आगे भी जोर-शोर से चलता रहेगा। (आईएएनएस)।
कोलकाता, 3 सितंबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को मुंबई में विपक्षी इंडिया ब्लॉक की तीसरी बैठक के दौरान मंच साझा किया। वहीं सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम व बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ने पांच सितंबर को धुपगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला।
राहुल गांधी, ममता बनर्जी और येचुरी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्ष को मजबूत बनाने के लिए एक ही लाइन अपना रहे हैं, जबकि चौधरी और सलीम ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस उनकी मुख्य "दुश्मन" है। सलीम और चौधरी दोनों ने तृणमूल कांग्रेस को भाजपा का गुप्त लाभार्थी बताया।
रैली में सलीम और चौधरी ने कहाा," नरेंद्र मोदी पूरे देश को लूट रहे हैं, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को लूट रही हैं।" कांग्रेस धुपगुड़ी में सीपीआई (एम) उम्मीदवार ईश्वर चंद्र रॉय का समर्थन कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने सलीम और चौधरी के तीखे हमलों का खंडन किया है और दोनों को भाजपा का गुप्त एजेंट बताया है। पार्टी प्रवक्ता रिजु दत्ता ने मांग की है कि कांग्रेस आलाकमान को चौधरी को अपनी ही पार्टी की राष्ट्रीय नीति की अनदेखी करने के लिए सावधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब ममता बनर्जी, राहुल गांधी और सीताराम येचुरी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से लड़ने के लिए एक साथ हैं, सलीम और चौधरी भाजपा के गुप्त एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी वजह से है कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियां शून्य पर आ गईं, क्योंकि उन्होंने विपक्षी वोटों को विभाजित करके भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश की।”
इस बीच, राज्य कांग्रेस में असंतोष की सुगबुगाहट शुरू हो गई है, क्योंकि पार्टी आलाकमान के निर्देश के बाद राज्य कांग्रेस के बागी नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची, जो हमेशा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस साझेदारी के खिलाफ मुखर रहे थे, को पश्चिम बंगाल में पार्टी की प्रवक्ता सूची से हटा दिया गया।
बागची पर आरोप है कि वह तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ तो मुखर थे, लेकिन सार्वजनिक मंचों पर भाजपा के बारे में आश्चर्यजनक रूप से चुप थे। उन पर सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेताओं के लिए कानूनी जानकारी देने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी और पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस नेताओं और अधिवक्ताओं की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने का भी आरोप है।
लेकिन, पार्टी प्रवक्ताओं की सूची से हटाने का पार्टी आलाकमान का फैसला बागची को चुप नहीं करा सका और उन्होंने दावा किया है कि कोई भी सजा राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ उनकी आवाज को दबा नहीं सकती है या उन्हें तृणमूल कांग्रेस को "चोरों की पार्टी" कहने से नहीं रोक सकती है।
बागची की टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर राज्य के आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बड़े पैमाने पर समर्थन मिला है, जिन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में संपन्न राज्य पंचायत चुनावों के दौरान कई कार्यकर्ताओं के मारे जाने और टीएमसी के कांग्रेस नेताओं को लुभाने की कोशिश के कारण तृणमूल कांग्रेस के साथ समझौता अकल्पनीय है।
बागची की बढ़ती लोकप्रियता ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदरूनी सूत्रों को चिंतित कर दिया है कि अगर यह जारी रहा तो कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में एक और पलायन का सामना करना पड़ सकता है।
इस बीच, भाजपा का राज्य नेतृत्व, खासकर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, इस मुद्दे पर कांग्रेस में बढ़ती अशांति का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। अधिकारी ने बागची को भाजपा में शामिल होने का खुला आह्वान करते हुए तृणमूल विरोधी लोगों से भी अपील की है कि वे या तो भाजपा में शामिल हों या एक स्वतंत्र तृणमूल विरोधी मंच बनाएं। (आईएएनएस)।