राष्ट्रीय
रांची, 19 अक्टूबर । धनुष को किसने तोड़ा? किसने तोड़ा धनुष को? बताओ... जल्दी बताओ! रामलीला मंचन के दौरान क्रोधित भाव से यह डायलॉग बोलते हुए महर्षि परशुराम का किरदार निभा रहा शख्स मंच पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। यह स्तब्धकारी घटना झारखंड के गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड की है।
बताया गया कि “करके” नामक गांव में रामलीला का मंचन हो रहा था। इसमें गांव का 40 वर्षीय युवक विनोद प्रजापति परशुराम की भूमिका निभा रहा था। बुधवार की रात सीता स्वयंवर और धनुषभंग प्रसंग का मंचन हो रहा था।
पटकथा के अनुसार श्रीराम ने धनुष तोड़ा तो इसकी खबर पाकर मंच पर महर्षि परशुराम का क्रोधित मुद्रा में प्रवेश हुआ। उन्होंने अपना डायलॉग बोला और मंच पर गिर पड़े।
दर्शकों ने पहले इसे पटकथा का ही हिस्सा समझा, लेकिन अगले दो-तीन मिनट तक वह नहीं उठे तो उन्हें उठाया गया। उन्हें इलाज के लिए तत्काल निकट के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
डॉक्टर ने मृत्यु की वजह हार्ट अटैक बताई है। इस घटना से गांव में शोक पसर गया। विनोद कई सालों से रामलीला में यह किरदार निभाते थे। वह सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुटे। (आईएएनएस)।
जमुई, 19 अक्तूबर । बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र में गुरुवार को रिश्ते को कलंकित करने वाली घटना प्रकाश में आई है जहां छोटे भाई ने बड़े भाई और भाभी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी और फरार हो गया।
दोनों भाइयों के बीच काफी दिनों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। पुलिस के मुताबिक, सिकंदरा थाना क्षेत्र के लहिला गांव निवासी देवेंद्र मिश्र का अपने ही छोटे भाई रविंद्र मिश्र के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
बताया जाता है कि गुरुवार की सुबह करीब नौ बजे भी दोनों भाइयों के बीच विवाद हुआ और रविंद्र ने अपने भईया और भाभी मीरा देवी पर गुस्से में कुल्हाड़ी से वार कर दिया। इस घटना में दोनों की मौत हो गई।
सिकंदरा के थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि गंभीर स्थिति में मीरा देवी को जमुई सदर अस्पताल भेजा गया था, लेकिन रास्ते में उनकी भी मौत हो गई। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। फिलहाल पुलिस सभी तथ्यों को इकठ्ठा कर रही है।
पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए जमुई सदर अस्पताल भेज दिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और लोहे के रॉड को बरामद कर लिया है। (आईएएनएस)।
रांची, 19 अक्टूबर । झारखंड के धनबाद और गिरिडीह में 12 घंटे के अंदर अलग-अलग स्थानों से तीन महिलाओं के शव मिलने से सनसनी फैल गई। इनमें से किसी भी शव की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस जांच में जुटी है।
धनबाद के सुदामडीह थाना क्षेत्र में बुधवार रात दामोदर नदी के पास सीता नाला में दो महिलाओं के शव पाए गए। शौच के लिए गए ग्रामीणों की नजर इन शवों पर पड़ी। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गयी। पुलिस ने दोनों शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इनमें से एक की उम्र 45 साल और दूसरे की उम्र 55 साल के करीब है।
आशंका जतायी जा रही है कि दोनों की हत्या कर शवों को पुल के नीचे फेंका गया है। इस बाबत सुदामडीह थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि दो शव दामोदर नदी के किनारे मिले हैं। दोनों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
गिरिडीह जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में जंगल से गुरुवार की सुबह एक महिला की अर्धनग्न लाश मिली। इस बाबत स्थानीय ग्राम प्रधान अर्जुन मरांडी ने बताया कि जंगल में मवेशी चराने गये ग्रामीणों ने अर्धनग्न महिला का शव देखा। शव पलमो-पचरुखी मुख्य मार्ग से तीन सौ फीट दूर पेड़ के नीचे पड़ा था।
मुफस्सिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने बताया कि जिस महिला का शव मिला है उसकी उम्र 35 साल होगी। प्रथमदृष्टया मामला हत्या का लग रहा है। शव की पहचान नहीं हो सकी है। आशंका जताई जा रही है कि हत्या के पहले महिला से दुष्कर्म हुआ है। पुलिस हर बिन्दु पर जांच कर रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। (आईएएनएस)।
मोतिहारी, 19 अक्टूबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक सदी पहले महात्मा गांधी द्वारा पेश की गई सामाजिक समानता और एकता की दृष्टि देश के आधुनिक और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अब भी प्रासंगिक है।
मुर्मू ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में यह टिप्पणी की।
राष्ट्रपति ने 15 मिनट से भी कम समय के अपने भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ‘‘चंपारण सत्याग्रह’’ को समर्पित किया जिसमें गांधी ने क्षेत्र में नील बागान मालिकों के प्रतिरोध का नेतृत्व किया था।
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं अन्य लोगों की मौजूदगी में मुर्मू ने कहा, ‘‘चंपारण सत्याग्रह के दौरान लोगों ने खासकर खानपान के संबंध में जातिगत बाधाओं को त्याग दिया। उन्होंने साथ मिलकर खाना पकाया एवं खाया। 106 साल पहले गांधी ने जिस सामाजिक समानता और एकता की प्रेरणा दी थी उसने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को झुकने के लिए मजबूर कर दिया।’’
उन्होंने कहा , ‘‘सामाजिक समानता और एकता का दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक बना हुआ है। आधुनिक समय में इसे उस नींव के रूप में अपनाया जाना चाहिए जिस पर हम एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को साकार कर सकेंगे।’’
इस शीर्ष संवैधानिक पद पर चुने जाने वाले अनुसूचित जनजाति की पहली शख्स ने यह भी कहा कि गांधी ‘‘जनजातियों’’ पर केंद्रित शैक्षणिक कार्यों को प्रोत्साहित करते थे।
उन्होंने भारत आकर यहीं बस गए और राष्ट्रीय आंदोलन का समर्थन करने एवं मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का अध्ययन करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले ब्रिटिश मूल के नृवंशविज्ञानी और मानवविज्ञानी वेरियर एल्विन के साथ गांधी की घनिष्ठ मित्रता को भी याद किया ।
मुर्मू ने भारत-नेपाल सीमा के साथ तराई क्षेत्र में रहने वाले थारू जनजाति के सदस्यों पर अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए इस केंद्रीय विश्वविद्यालय की सराहना भी की।
उन्होंने सम्राट अशोक के कई स्तंभ शिलालेखों का गढ रहे चंपारण के समृद्ध इतिहास को भी श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आने वाले सभी आगंतुक रामपुरवा बुल कैपिटल को ध्यान से देखते हैं, जो पश्चिम चंपारण जिले में पाया गया था और जिसे दरबार हॉल के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया गया है।’’
राष्ट्रपति ने पास में स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व और क्षेत्र में उगाई जाने वाली प्रसिद्ध लीची का भी उल्लेख किया जो दूर-दराज के देशों में निर्यात की जाती है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में शीर्ष रैंक पाने वालों में छात्राओं की संख्या करीब 60 प्रतिशत है। जब मैं लड़कियों को आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हुई पाती हूं तो मुझे देश का उज्ज्वल भविष्य दिखाई देता है। गांधी भी बालिका शिक्षा के एक महान समर्थक थे ।’’ (भाषा)
येम्मिगनूर (आंध्र प्रदेश) 19 अक्टूबर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने बृहस्पतिवार को राज्य में अगले विधानसभा चुनाव को गरीबों और प्रमुख पूंजीपति वर्ग के बीच की लड़ाई करार दिया।
उन्होंने यह बात कुरनूल जिले के येम्मिगनूर में एक जन सभा में कही और लड़ाई को ‘वर्ग युद्ध’ कहा। सभा में उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना ‘जगन्ना चेदोडु’ के तहत वित्तीय सहायता का विरतण किया।
रेड्डी ने कहा, ‘‘लड़ाई जातियों के बीच नहीं है, यह एक वर्ग युद्ध है जिसमें एक तरफ गरीब वर्ग है और दूसरी तरफ प्रमुख पूंजीपति वर्ग है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लड़ाई में उनके पास तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू या जनसेना प्रमुख पवन कल्याण की तरह आधा दर्जन मीडिया घरानों का समर्थन नहीं है।
उन्होंने हालांकि कहा कि ईश्वर उनके साथ हैं और उन्हें लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि अगले चुनाव में वोट डालने के लिए जाते समय एक बात याद रखें कि इससे (योजना) उनके परिवार को फायदा हुआ या नहीं। उन्होंने लोगों से कहा अगर उन्हें लाभ हुआ है तो उनके साथ सैनिकों की तरह खड़े रहें।
मुख्यमंत्री ने पात्र लाभार्थियों को ‘जगन्ना चेदोडु’ योजना के तहत लगभग 325 करोड़ रुपये वितरित किए। पात्र लाभार्थियों में दर्जी, नाई और अन्य लोग शामिल हैं। प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। (भाषा)
नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि अलाकमान का फैसला जो भी होगा वह सबको स्वीकार होगा।
गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा कि उन्होंने 'भूलो और माफ करो' की नीति पर अमल किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, " मैंने पहले भी कहा था....मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है... शायद छोड़ेगा भी नहीं। " इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा।
टिकटों के बंटवारे के संदर्भ में गहलोत ने कहा कि जीत की संभावना ही उम्मीदवारी का मुख्य आधार होगा।
गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष को अपना शत्रु समझते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया कि वह देश में सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाएं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 अक्टूबर की सामान्य तारीख के चार दिन बाद बृहस्पतिवार को भारत से पूरी तरह लौट गया है।
मानसून की वापसी की प्रक्रिया सामान्य तिथि से आठ दिन बाद 25 सितंबर को शुरू हुई थी। आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। उत्तर-पश्चिम भारत से 17 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक यह पूरी तरह लौट जाता है।
आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 अक्टूबर को देश के बाकी हिस्सों से लौट चुका है।’’
बयान में कहा गया है कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में पूर्वी/उत्तरपूर्वी हवाएं चलने के साथ अगले तीन दिन में इस क्षेत्र में उत्तर-पूर्वी मानसून वर्षा गतिविधि शुरू होने का अनुमान है। हालांकि, सामान्य तौर पर उत्तर-पूर्वी मानसून का शुरुआती चरण कमजोर रहने की संभावना है।
भारत में अल नीनो की मजबूत स्थिति के बीच चार महीने (जून-सितंबर) के मानसून के दौरान लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 868.6 मिमी की तुलना में इस बार ‘‘औसत से कम’’ 820 मिमी बारिश दर्ज की गई।
आईएमडी ने कहा कि मुख्य रूप से हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) और मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (एमजेओ) जैसे अनुकूल कारकों ने अल नीनो स्थितियों के कारण हुई कुछ कमी की भरपाई की और ‘‘लगभग सामान्य’’ वर्षा हुई।
वर्ष 2023 से पहले, भारत में लगातार चार वर्षों तक मानसून के मौसम में ‘‘सामान्य’’ और ‘‘सामान्य से अधिक’’ वर्षा दर्ज की गई थी। एलपीए के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य माना जाता है।
दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के गर्म होने से संबंधित अल नीनो परिघटना भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी हैं।
आईओडी को अफ्रीका के पास हिंद महासागर के पश्चिमी हिस्सों और इंडोनेशिया के पास महासागर के पूर्वी हिस्सों के बीच समुद्र की सतह के तापमान में अंतर से परिभाषित किया जाता है।
एमजेओ बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय विक्षोभ है जो उष्णकटिबंधीय अफ्रीका में उत्पन्न होता है और पूर्व की ओर बढ़ता है। हवा का यह प्रवाह आमतौर पर 30 से 60 दिनों तक का होता है। यह बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में गर्म हवा का प्रवाह बढ़ाने के लिए जाना जाता है। (भाषा)
हैदराबाद, 19 अक्टूबर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए बीआरएस नेता के. कविता ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस नेता को “परिवारवाद की राजनीति” के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है।
यहां से करीब 180 किलोमीटर दूर आर्मूर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी ने लोकप्रिय कहावत “जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें पत्थर नहीं फेंकना चाहिए” का हवाला देते हुए प्रियंका पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें अपने अंदर झांकना चाहिए।
बुधवार को मुलुगु में एक सार्वजनिक रैली में प्रियंका ने केसीआर सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि तेलंगाना के लोगों ने सपना देखा था कि सामाजिक न्याय होगा, लेकिन राज्य में तीन-तीन मंत्री मुख्यमंत्री के परिवार से ही हैं।
विधान परिषद सदस्य कविता ने कहा, “मोतीलाल नेहरू जी की पर-प्रपौत्री, जवाहर लाल नेहरू जी की प्रपौत्री, इंदिरा गांधी जी की पोती और राजीव गांधी जी की बेटी प्रियंका गांधी जी परिवार की राजनीति के बारे में बात कर रही हैं। यह सबसे मजेदार बात है जो मैंने पूरे चुनाव अभियान में सुनी है।”
एमएलसी और निजामाबाद से पूर्व सांसद कल्वाकुंतला कविता लोगों के साथ बथुकम्मा पर्व मनाने के लिए संसदीय क्षेत्र में हैं। (भाषा)
गोंदिया (महाराष्ट्र), 19 अक्टूबर महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से एक काले हिरण की मौत हो गयी।
एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि गोंदिया-गोरेगांव पर करांजा के समीप बुधवार रात को एक हिरण एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गया।
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने वन अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तबतक घायल काले हिरण की मौत हो चुकी थी।
उन्होंने बताया कि मृत काले हिरण को गोंदिया में वन विभाग के ‘वन भवन’ में लाया गया तथा वहां पोस्टमार्टम एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे दफना दिया गया।
इस जिले में 10 अगस्त को भी एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से एक नर बाघ की भी मौत हो गई थी।
वन्यजीव एवं वन संरक्षण के लिए काम करने करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ता रूपेश निभार्ते ने कहा कि गोंदिया का आधा से अधिक हिस्सा वनाच्छादित है तथा यह जिला कई वन्यजीवों का पर्यावास है।
उन्होंने कहा कि एक सचल उपचार केंद्र से ऐसी स्थिति में समय से इलाज प्रदान किया जा सकता है तथा वाहनों से घायल होने वाले जानवरों की जान बच सकती है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल गंभीर रूप से घायल जानवरों को इलाज के लिए नागपुर ले जाया जाता है। (भाषा)
बेंगलुरु, 19 अक्टूबर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति के नटराजन ने इस मामले में पहले सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था और उन्होंने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया।
उच्च न्यायालय ने इस मामले में सीबीआई को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने और रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति नटराजन ने तर्क दिया कि चूंकि सीबीआई ने इस मामले में अधिकांश जांच पूरी कर ली है, इसलिए अदालत इस समय इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
सीबीआई आरोपियों के बयान दर्ज करने का काम पूरा करने के बाद आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने 2013 और 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की। वह इस अवधि के दौरान पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
सीबीआई ने इस मामले में तीन सितंबर, 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। शिवकुमार ने 2021 में एफआईआर को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। आयकर विभाग ने 2017 में शिवकुमार के कार्यालयों और आवास पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था, जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच के आधार पर, सीबीआई ने शिवकुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी थी।
राज्य सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2019 को मंजूरी दी गई थी और एक साल बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिवकुमार ने एक अलग याचिका में राज्य द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी, जिसे पहले उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। (भाषा)
अमरावती, 19 अक्टूबर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को अंतरिम जमानत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत देने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि नायडू की याचिका पर उच्चतम न्यायालय का भी समान रुख है।
उच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय लेने की उम्मीद है कि नायडू को स्वास्थ्य आधार पर चिकित्सकों को दिखाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।
इस बीच, विजयवाड़ा की एक अदालत ने नायडू की न्यायिक हिरासत एक नवंबर तक बढ़ा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री नायडू को विशेष अदालत में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश किया गया था और न्यायाधीश बी एस वी एच बिंदु ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 19 अक्टूबर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इजराइल-हमास संघर्ष पर केंद्र सरकार के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए इसे बेहद निराशाजनक बताया है।
उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही संघर्ष पर भारत का दृष्टिकोण अलग रहता था।
कांग्रेस नेता ने मलयालम में एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भारत फलस्तीनी हितों को समर्थन देता था और उनके अधिकारों की वकालत करता था।
उन्होंने कहा, हालांकि, जब किसी आक्रामकता या जवाबी हमले की बात आती है तो भारत इसकी कड़ी निंदा करता है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “दुर्भाग्य से, भारत का मौजूदा रुख युद्ध को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है।”
उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर पहले की तरह गरिमा और सम्मान के साथ अपने विचार व्यक्त करने का आग्रह किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने युद्ध में आम लोगों की जान जाने और गाजा में एक अस्पताल पर हमले की भी निंदा की। अस्पताल पर हुए हमले में 500 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे।
वेणुगोपाल ने कहा, “जब निर्दोष और असहाय महिलाएं और बच्चे गोलीबारी में फंस जाते हैं, तो भारत इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाए बिना कैसे खड़ा रह सकता है?”
कांग्रेस नेता ने कहा, “इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार का रुख बेहद निराशाजनक है।”
उन्होंने कहा कि चाहे इजराइल हो या फलस्तीन, दोनों अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों से बंधे हैं।
वेणुगोपाल ने कहा कि इजराइल में महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों के खिलाफ हमास द्वारा किए गए अत्याचारों को किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, लेकिन उस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखना भी जरूरी है जिसने उन्हें ऐसी परिस्थितियों तक पहुंचाया।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि कुछ देश इजराइल द्वारा “गाजा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए किए जा रहे क्रूर हमले” का समर्थन कर रहे हैं और उन्होंने भारत से इसके पीछे नहीं खड़े होने का आग्रह किया।
वेणुगोपाल ने कहा कि इस युद्ध के भयावह परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल ध्यान देने की मांग है और भारत को शांति लाने और प्रभावितों को राहत प्रदान करने के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यह वह परिपक्व और सम्मानजनक रुख है जिसकी दुनिया भारत से अपेक्षा करती है।” (भाषा)
भारत में पुरुषों के लिए लंबी अवधि तक असर बनाए रखने वाले गर्भनिरोधक इंजेक्शन का सात साल लंबा परीक्षण पूरा हो गया है. आईसीएमआर द्वारा विकसित इस इंजेक्शन को पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावशाली पाया गया है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
बायोमेडिकल शोध करने वाली भारत सरकार की अग्रणी संस्था आईसीएमआर ने कहा है कि उसने इस दवा के परीक्षण को पूरा कर लिया है. दावा किया जा रहा है कि एक इंजेक्शन 13 साल तक गर्भनिरोधक का काम कर सकता है और उसके बाद इसके असर को पूरी तरह से पलटा भी जा सकता है.
दवा का नाम रिवर्स इन्हिबीशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस (रिसुग) है और इसे आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर डॉक्टर सुजॉय कुमार गुहा ने विकसित किया है.
कैसे काम करती है दवा
टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गुहा द्वारा लिखा रिसुग पर पहला वैज्ञानिक पेपर 1979 में छपा था. यानी इसका परीक्षण पूरा होते होते 40 साल से भी ज्यादा लग गए.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय ओपन एक्सेस जर्नल एंड्रोलॉजी में इस परीक्षण के नतीजे छपे हैं, जिनमें बताया गया है कि रिसुग को शुक्राणु नलियों में इंजेक्शन के जरिये डाला जाता है. इसके बाद इसमें मौजूद पॉलीमर नली की अंदरूनी दीवार से चिपक जाता है.
यह पॉलीमर जब शुक्राणुओं से संपर्क में आता है तो यह उनकी पूंछ को नष्ट कर देता है, जिससे शुक्राणु अण्डों को गर्भाधान करने की अपनी क्षमता खो देते हैं. रिसुग का परीक्षण 303 पुरुषों पर किया गया और सात सालों तक उनके और उनकी पत्नियों के स्वास्थ्य की निगरानी की गई.
यह सभी पुरुष स्वस्थ, विवाहित और यौन संबंधी रूप से सक्रिय थे और इनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच थी. इन्हें 60 मिलीलीटर रिसुग दिया गया था. परीक्षण नई दिल्ली, जयपुर, उधमपुर, खड़गपुर और लुधियाना स्थित अस्पतालों में किया गया.
बाजार में लाने की चुनौती
इसकी फंडिंग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की. अध्ययन के दौरान रिसुग की गर्भनिरोधक क्षमता 99.02 प्रतिशत पाई गई और इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम भी नहीं पाए गए. इसकी असफलता दर भी कंडोम के टूटने की दर से कम पायी गई.
कुछ पुरुषों में बुखार, सूजन, मूत्र प्रणाली संक्रमण जैसे दुष्परिणाम पाए गए, लेकिन इन पर भी कुछ हफ्तों से लेकर करीब तीन महीनों में काबू पा लिया गया. रिसुग हार्मोन संबंधी नहीं है, इसलिए शरीर के दूसरे अंगों पर इसके किसी तरह का कोई असर नहीं पाया गया.
अध्ययन के लेखक डॉक्टर आरएस शर्मा का कहना है कि दवा को बाजार में लाने के लिए नियामक से अनुमति मिलने के बाद इसके लिए उत्पादक खोजना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कोई भी दवा कंपनी इतनी असरदार दवा को बेचना नहीं चाहेगी, विशेष रूप से पुरुषों के लिए, जो परिवार नियोजन में हिस्सा लेने से बचते रहते हैं.
ऐसे में देखना होगा कि रिसुग को नियामक से कब अनुमति मिलती है और दवा कब और कैसे बाजार में आ पाती है. कितने पुरुष इसका इस्तेमाल करने में रुचि दिखाएंगे यह भी एक बड़ा सवाल है. (dw.com)
मुजफ्फरपुर, 19 अक्तूबर । बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर से अपहृत छात्र श्लोक (10) को पुलिस ने अपहरण के 72 घंटे के बाद सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र से सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के रूप में 50 लाख रुपए की मांग की थी।
मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि 16 अक्तूबर को श्लोक को स्कूल बस से उतरने के बाद अगवा कर लिया गया था। इसकी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद नगर पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार दीक्षित के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीम ने 72 घंटे के अंदर अपहृत श्लोक कुमार सिंह की सकुशल बरामदगी कर ली।
उन्होंने बताया कि उक्त घटना को अंजाम रुन्नीसैदपुर के गरगद्धा अथरी के रहने वाले दो सगे भाईयों द्वारा दिया गया था। इसमें से कुमार सौरव को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि कुमार गौरव उर्फ मोइज की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
बताया जाता है कि आरोपी कुमार गौरव उर्फ मोइज जो आईटीबीपी (हेड कॉस्टेबल टेलिकॉम) का जवान है एवं प्रयागराज में पदस्थापित है। ये अपना घर बनाने के लिए पैसा लोन पर लिया था, इन्हें पैसा की अत्यधिक आवश्यकता थी और इसीलिए बच्चे को अगवा किया था।
वरीय पुलिस अधीक्षक कुमार ने बताया कि अपहरणकर्ताओं द्वारा पांच बार अन्य व्यक्तियों के फोन से श्लोक के परिजनों को फोन कर फिरौती के रूप में 50 लाख रुपये की मांग की जा रही थी तथा विभिन्न-विभिन्न स्थानों का पता बताकर पैसा लेकर बुलाया जा रहा था। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी पिछले साल 25 सितंबर की घटना को नहीं भूले हैं, जब राजस्थान में पार्टी विधायकों के एक गुट की बगावत के कारण पार्टी के पर्यवेक्षकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक किए बिना राष्ट्रीय राजधानी लौटना पड़ा था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार सुबह जब कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई, तो गांधी परिवार के साथ-साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
सूत्र ने बताया कि जैसे ही शांति धारीवाल का नाम चर्चा में आया, सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पूछा कि उनका नाम सूची में कैसे है।
सूत्र ने कहा कि जैसा कि गहलोत ने सोनिया गांधी को यह बताना चाहा कि धारीवाल साफ छवि वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री की बात टाल दी और कहा कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान धारीवाल के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं।
सूत्र ने दावा किया कि इसके बाद उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई से भी पूछा कि क्या उन्हें धारीवाल और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा कोई नाम नहीं मिला है।
गोगोई ने जवाब दिया, "आप ठीक कह रहे हैं।"
सूत्र ने बताया कि धारीवाल के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व की कड़ी आपत्ति के बाद कमरे में पूरी तरह सन्नाटा छा गया।
पिछले साल 25 सितंबर को धालीवाल ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था।
सोनिया गांधी, जो उस समय पार्टी की अंतरिम प्रमुख थीं, ने खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के रूप में राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा था, इन खबरों के बीच कि गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है।
हालांकि, पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो पाने के बाद पर्यवेक्षक दिल्ली लौट गए। बैठक से पहले, गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने धारीवाल के नेतृत्व में मुलाकात की, जिसे गहलोत के वफादार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनने के लिए आलाकमान को एक संदेश के रूप में देखा गया।
धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक से खड़गे और माकन को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और वरिष्ठ नेतृत्व के लिए चुनौती खड़ी हो गई थी।
कांग्रेस ने विधायकों की समानांतर बैठक आयोजित करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले राज्य के तीन कांग्रेस नेताओं धारीवाल, विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी और राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सूत्र ने कहा, स्क्रीनिंग कमेटी ने राठौड़ और जोशी का नाम भी हटा दिया। हालांकि, धारीवाल का नाम बुधवार को सीईसी के पास पहुंचा, जब इसे गांधी परिवार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा।
सूत्र ने आगे कहा कि कम से कम 50 से 55 मौजूदा विधायकों के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए मतदान 25 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। कांग्रेस राजस्थान में लगातार दूसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है और उसने रेगिस्तानी राज्य में कई जन-समर्थक योजनाएं शुरू की हैं।
हैदराबाद, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। हैदराबाद के बाहरी इलाके में बिहार के रहने वाले 60 वर्षीय एक प्रवासी मजदूर ने पांच साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। जघन्य अपराध करने वाले इस शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह चौंकाने वाली वीभत्स घटना हैदराबाद के पास संगारेड्डी जिले के भानुर में हुई।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने बच्ची को बहला-फुसलाकर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह रोने लगी तो उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
लड़की का शव सोमवार रात बीडीएल भनूर पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत कपास के खेतों में पाया गया।
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने ठंडा पेय पिलाकर लड़की को बहलाया-फुसलाया। वह उसे कपास के खेतों में ले गया, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ एक निर्माण स्थल पर रह रही थी। उसके माता-पिता हाल ही में अपनी बेटी को उसके दादा-दादी के पास छोड़कर अपने पैतृक स्थान गए थे। सोमवार को दादा-दादी बच्ची को वहीं पर छोड़कर काम पर चले गए थे।
शाम को लौटने पर उन्होंने उसे गायब पाया। निर्माण स्थल पर एक चौकीदार ने उन्हें बताया कि उसने लड़की को प्रवासी मजदूर के साथ देखा था। चौकीदार और अन्य कर्मचारी उस संदिग्ध से भिड़ गए और उसके साथ मारपीट की।
उन्होंने पुलिस को सूचित किया और बाद में आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 302, अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम यानी पोक्सो के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
श्रीनगर, 19 अक्टूबर । जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान ने यह जानने के बाद खुद को गोली मार ली कि उसकी पत्नी ने राजस्थान में घर पर आत्महत्या कर ली है।
अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के हेड कांस्टेबल राजेंद्र यादव घाटी के कुपवाड़ा जिले में तैनात थे। उन्हें जब पता चला कि उनकी पत्नी, अंशू यादव ने मंगलवार को राजस्थान के धीरपुर गांव में अपने घर में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है, तो बीएसएफ जवान ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली।
अधिकारियों ने कहा कि पत्नी द्वारा चरम कदम उठाने से पहले दंपति के बीच फोन पर झगड़ा हुआ था। आठ माह पहले उनकी शादी हुई थी।
अधिकारियों ने कहा, "बीएसएफ जवान का शव गुरुवार को उनके घर पहुंचेगा।" (आईएएनएस)।
मैसूर (कर्नाटक), 19 अक्टूबर । एक चौंकाने वाले मामले में, एक व्यक्ति ने अपने बेटे को मैसुरू के एक झील में फेंककर मार डाला। पुलिस ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि घटना पेरियापटना पुलिस स्टेशन की सीमा में हुई और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी की पहचान पेरियापटना शहर के पास मकोडू गांव के निवासी गणेश के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी और उसकी पत्नी लक्ष्मी से तीन बच्चे हैं। पहले दो बेटियां हैं और तीसरे बच्चे की डिलीवरी के दौरान लक्ष्मी की मौत हो गई।
गणेश ने अपनी दो बेटियों को अपनी मां अंजनम्मा के पास गांव में छोड़ दिया था और अपने बेटे को बेंगलुरु ले गया था। बाद में, वह गांव लौट आया और अपनी मां के साथ रहने लगा। चार दिन पहले वह अपनी मां से झगड़ा कर डेढ़ साल के बेटे को घर से ले गया।
बाद में उसने बच्चे को झील में फेंक दिया और गायब हो गया।
ग्रामीणों ने झील में बच्चे का शव देखा और पुलिस को सूचना दी।
घटनाक्रम के बारे में पता चलने के बाद आरोपी की सास ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और संदेह जताया कि उसने बच्चे की हत्या कर दी होगी।
पुलिस ने बुधवार को गणेश को पकड़ लिया, जिसने अपराध कबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह बच्चे की देखभाल करने में सक्षम नहीं था, इसलिए उसने उसे लेक में फेंक दिया।
आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)।
लखनऊ, 19 अक्टूबर । रोड रेज के एक चौंकाने वाले मामले में एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) को उनकी कार से बाहर खींच लिया गया और लखनऊ के व्यस्त जॉपलिंग रोड पर सबके सामने उनके साथ मारपीट की गई।
घटना मंगलवार शाम की है जब आरोपियों की कार एडीजे आशुतोष कुमार सिंह की गाड़ी को रौंदते हुए आगे निकल गयी।
पुलिस ने बुधवार शाम जज की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जज पर हमला करने के बाद अपनी कार में भागे आरोपी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
डीसीपी (सेंट्रल) अपर्णा रजत कौशिक ने कहा कि पुलिस आरोपियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
अपनी शिकायत में, एडीजे ने कहा कि वह अपनी कार चला रहे थे और उनका अदालत का अर्दली भी वाहन में था।
उन्होंने कहा, “मैं शाम करीब 7.40 बजे जॉपलिंग रोड से गुजर रहा था। जब एक कार ने मेरे वाहन के सामने बाएं दरवाजे पर टक्कर मार दी। कार कुछ मीटर आगे धड़धड़ाते हुए रुकी और लगभग 20 साल का एक आदमी उसमें से बाहर निकला। वह मेरे पास आया, मेरा कॉलर पकड़ा, गालियां दीं और मुझे मेरी कार से बाहर खींच लिया। उसने मुझे धक्का देकर गिरा दिया और मेरा गला दबाने की कोशिश की। मेरे अर्दली गौरव ने हस्तक्षेप किया और मुझे उससे बचाया। फिर वह अपनी कार में वापस आया और तेजी से चला गया।" (आईएएनएस)।
भोपाल, 19 अक्टूबर । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 17 नवंबर को मतदान होना है, इसके लिए 21 अक्टूबर से नामांकन भरे जाने का सिलसिला शुरु होगा। निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है।
राज्य में 230 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होना है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने तमाम निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों से कहा कि कोई भी अभ्यर्थी ऑफलाइन रिटर्निग अधिकारी के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर या सुविधा एप के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन भी दाखिल कर सकता है। निक्षेप (जमानत) राशि का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से कर सकता है।
नामांकन फॉर्म के साथ अभ्यर्थी को फॉर्म दो बी नामांकन फार्म, फॉर्म 26, शपथ पत्र व बैंक खाते की जानकारी सहित अन्य सभी जरूरी दस्तावेज अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने होंगे।
नामांकन भरने की अंतिम तिथि आगामी 30 अक्टूबर है। किसी भी अभ्यर्थी को उसके आपराधिक रिकॉर्ड के प्रकाशन के लिये प्रारूप सी एक एवं सी चार देना होगा।
राजन ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि उनके जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र में 1550 से अधिक मतदाता दर्ज हैं तो वहां उसी परिसर में या उसके समीप ही सहायक मतदान केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव शीघ्र उपलब्ध कराएं। साथ ही मतगणना केंद्र के प्रस्ताव भी शीघ्रता से दे। अभियान चलाकर शस्त्र जमा कराएं। आदर्श चुनाव आचरण संहिता का सख्ती से पालन कराएं। अवैध धन, जेवरात, अवैध शराब का परिवहन, आपराधिक तत्वों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करें। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर । भाजपा ने सोशल मीडिया पर विपक्षी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के खिलाफ चलाए जा रहे प्रचार अभियान के तहत गुरुवार को देश के वामपंथी (लेफ्ट) दलों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि भारत में वामपंथ का इतिहास सदैव संस्कृति विरोधी, सनातन विरोधी और देश विरोधी रहा है।
दरअसल भाजपा, विपक्षी दलों के 'इंडिया' गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों पर प्रहार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 'घमंडिया फाइल्स' की एक पूरी सीरीज चला रहा है और इसी सीरीज के तहत भाजपा ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आठवां एपिसोड जारी कर वामपंथी दलों पर जमकर निशाना साधा है।
भाजपा ने घमंडिया फाइल्स के आठवें एपिसोड में 3 मिनट 28 सेकन्ड का एक वीडियो जारी कर कहा, "घमंडिया फाइल्स के आठवें एपिसोड में देखिए। भारत में वामपंथ का इतिहास सदैव संस्कृति विरोधी, सनातन विरोधी और देश विरोधी रहा है।"
भाजपा ने वीडियो में, लेफ्ट पर आजादी से पहले महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध करने, सुभाष चंद्र बोस का अपमान करने, 1962 में चीन के साथ लड़ाई के दौरान चीन का समर्थन करने, लड़ाई के दौरान भारतीय जवानों को खून देने का विरोध करने, कश्मीरी अलगाववादी नेताओं का गुणगान करने और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का विरोध करने जैसे कई कामो का जिक्र करते हुए सीपीआई और सीपीएम सहित वामपंथी इतिहासकारों पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इनकी वजह से देश को कई बार नुकसान झेलना पड़ा है। सीपीएम और सीपीआई ने सत्ता के लिए हिंसा तक का सहारा लिया। केरल में राजनीतिक हिंसा का दौर आज भी जारी है। पश्चिम बंगाल में भी सीपीएम का रक्त चरित्र देखने को मिलता है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि देश विरोधी, संस्कृति विरोधी और सनातन विरोधी कम्युनिस्ट पार्टियां आज घमंडिया गठबंधन में शामिल होकर देश को फिर से कई दशक पीछे ले जाने का षड्यंत्र रच रहे हैं और भारत के गौरवशाली इतिहास को फिर से बदलने का सपना पाल रहे हैं। (आईएएनएस)।
मैसूर, 19 अक्टूबर । कर्नाटक के मैसूर जिले के बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के पास गुरुवार को जंगली हाथी के हमले में एक किसान की मौत हो गई।
घटना के बाद भी मौके पर जाने की जहमत नहीं उठाने पर भयभीत ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों की निंदा की।
मृतक किसान की पहचान 65 वर्षीय चिक्के गौड़ा के रूप में हुई है। यह घटना राष्ट्रीय उद्यान में मोलेयुरु वन रेंज की सीमा में नादहादी गांव में हुई।
पुलिस विभाग से पुलिस उपाधीक्षक गोपालकृष्ण, सर्किल इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने लापरवाही के लिए वन विभाग के अधिकारियों की आलोचना की और मांग की कि वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाकर कार्रवाई का आश्वासन देना चाहिए।
मैसूरु, हासन, चिक्कमगलुरु और कोडागु जिलों में जंगली हाथियों के हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। 4 सितंबर को कोडागु जिले के अनेकाडु जंगल में एक जंगली हाथी ने एक व्यक्ति को मार डाला था। (आईएएनएस)।
रामपुर, 18 अक्टूबर । समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बुधवार को आजम खान, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फात्मा को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे जेल भेजा जाएगा।
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई।
पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा।
दरअसल, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं। मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी। दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था।
आरोप था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं, जिनमें एक रामपुर नगरपालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बनवाया।
ज्ञात हो कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट गए, जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई। (आईएएनएस)।
रामपुर, 18 अक्टूबर । समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में रामपुर की एक अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बुधवार को आजम खान, अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फात्मा को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर तीनों को सीधे जेल भेजा जाएगा।
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की कोर्ट ने दो जन्म प्रमाणपत्र के 2019 के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई।
पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा।
दरअसल, भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में गंज थाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था, जिसमें सपा नेता आजम खान और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तीनों ही लोग इस समय जमानत पर चल रहे हैं। मामला एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में चल रहा है।
आरोप पत्र के मुताबिक, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी। दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था।
आरोप था कि अब्दुल्ला ने अपने दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं, जिनमें एक रामपुर नगरपालिका परिषद से, जबकि दूसरा प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से बनवाया।
ज्ञात हो कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008 के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को यूपी विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट गए, जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई। (आईएएनएस)।
अमरावती, 18 अक्टूबर । टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू की पत्नी एन. भुवनेश्वरी ने पुलिस की ज्यादती की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने पूर्व मंत्री कोल्लू रवींद्र के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की आलोचना की।
उन्होंने पूछा, “देश में और कहां एक पूर्व मंत्री को अपनी मां की बरसी समारोह में जाने से रोका जाएगा? यह कैसा कानून और न्याय है?''
उन्होंने कहा कि इस घटना से समझा जा सकता है कि चंद्रबाबू नायडू व्यवस्थाओं की विफलता पर चिंता क्यों व्यक्त करते थे।
इस बीच, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को कोल्लू रवींद्र की हिरासत के बारे में सभी विवरण के साथ एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने निर्देश उनकी पत्नी नीलिमा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोल्लू रवींद्र को पुलिस ने कुछ घंटों के लिए अवैध रूप से हिरासत में रखा था।
पुलिस ने अदालत को बताया कि रवींद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें नोटिस देने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने पुलिस को सारी जानकारी पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। अगली सुनवाई दशहरे की छुट्टियों के बाद होगी।
टीडीपी पोलित ब्यूरो के सदस्य रवींद्र को जेल में बंद चंद्रबाबू नायडू के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राजमुंदरी जाने से रोकने के लिए सोमवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
कथित तौर पर पूरे दिन उन्हें हिरासत में रखने के बाद शाम को रिहा कर दिया गया।
मंगलवार को उन्हें दूसरे दिन भी नजरबंद रखा गया। पुलिस ने रवींद्र को उनकी मां के बरसी कार्यक्रम में शामिल होने की भी अनुुुुमति नहीं दी। (आईएएनएस)।