राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र महिला के अनुमान के अनुसार, गाजा में चल रहे संघर्ष में लगभग 4 लाख 93 हजार महिलाएं और लड़कियां अपने घरों से विस्थापित हो चुकी हैं।
इसके अतिरिक्त, हिंसा के कारण लगभग 900 महिलाएं विधवा हो गईं।
7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले और उसके बाद गाजा पर इजरायली हमलों के बाद, संयुक्त राष्ट्र महिला ने महिलाओं, पुरुषों, लड़कों और लड़कियों पर प्रभाव का विश्लेषण किया है।
यदि युद्धविराम नहीं हुआ तो ये संख्या बढ़ती रहेगी।
संयुक्त राष्ट्र महिला उप कार्यकारी निदेशक, सारा हेंड्रिक्स ने कहा, संयुक्त राष्ट्र महिला ने तत्काल मानवीय युद्धविराम और गाजा में भोजन, पानी, ईंधन और स्वास्थ्य आपूर्ति सहित मानवीय सहायता के लिए निर्बाध पहुंच का आह्वान किया है।
"यह जरूरी है कि हम महिलाओं और लड़कियों के लिए सेवाओं तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित करें और लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम सुनिश्चित करें। जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संकट का जवाब देना चाहता है, हमें भी पूरे दिल से महिला नेतृत्व वाले संगठनों का समर्थन और निवेश करना चाहिए।"
महिलाओं और लड़कियों की बड़े पैमाने पर विस्थापित आबादी और नए महिला प्रधान परिवारों की अद्वितीय और तत्काल आवश्यकताएं और कमजोरियां हैं जिन्हें पहचाना और उनका समाधान किया जाना चाहिए।
ये कमज़ोरियाँ संरचनात्मक लिंग भेदभाव में निहित हैं, इसमें फ़िलिस्तीन के कानून भी शामिल हैं, जो महिलाओं को पुरुषों की सुरक्षा और संरक्षकता में मानते हैं।
इसमें कहा गया है कि यह कानूनी ढांचा महिलाओं के सामने आने वाले जोखिमों को बढ़ाता है, इसमें लिंग आधारित हिंसा और खाद्य असुरक्षा शामिल है, इससे विस्थापित होने पर उन्हें पुरुषों की तुलना में घटिया अस्थायी आश्रयों में रहने की अधिक संभावना होती है, और वित्तीय संपत्तियों या दस्तावेज़ीकरण तक पहुंचने की संभावना कम हो जाती है।
वर्तमान में, महिलाएं और लड़कियां भीड़भाड़ वाले आश्रयों में शरण ले रही हैं, जिनमें भोजन, पानी और गोपनीयता जैसे आवश्यक प्रावधानों का अभाव है, इससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाता है।
एजेंसी ने कहा कि मौजूदा संकट से पहले भी, गाजा में स्थिति निराशाजनक थी, 97 प्रतिशत पुरुष और 98 प्रतिशत महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं।
बेरोजगारी और निराशा की गहरी भावना के कारण महिलाओं और पुरुषों में अवसाद का स्तर ऊंचा था और गाजा के 54 प्रतिशत पुरुषों में चिंता और अवसाद के लक्षण दिखे।
महिला शांति और मानवतावादी कोष ने फ़िलिस्तीन के लिए स्थानीय महिला संगठनों का समर्थन करने को एक आपातकालीन अपील भी शुरू की है। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 21 अक्टूबर । न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी संस्था, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू करने के बाद से कम से कम 22 पत्रकार मारे गए हैं।
शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में, सीपीजे ने कहा कि वह उग्र संघर्ष में मारे गए, घायल, हिरासत में लिए गए या लापता पत्रकारों की सभी रिपोर्टों की जांच कर रहा है, जिसमें पड़ोसी लेबनान में शत्रुता फैलने से घायल हुए लोग भी शामिल हैं।
इसमें कहा गया है, "7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से 20 अक्टूबर तक, दोनों पक्षों के 4,000 से अधिक मृतकों में कम से कम 22 पत्रकार शामिल थे, गाजा में मंगलवार के अस्पताल विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए थे।"
"गाजा में पत्रकारों को विशेष रूप से उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे इजरायली सैनिकों द्वारा जमीनी हमले, विनाशकारी इजरायली हवाई हमलों, बाधित संचार और व्यापक बिजली कटौती के सामने संघर्ष को कवर करने की कोशिश करते हैं।"
मारे गए 22 पत्रकारों में से 18 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी था।
जबकि आठ पत्रकार घायल हो गए, तीन अन्य कथित तौर पर लापता हैं या हिरासत में लिए गए हैं।
सीपीजे ने कहा कि वह अन्य पत्रकारों के मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लेने, चोट पहुंचाने या धमकाने और मीडिया कार्यालयों और पत्रकारों के घरों को नुकसान पहुंचाने की कई अपुष्ट रिपोर्टों की जांच कर रहा है।
सीपीजे के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा, "सीपीजे इस बात पर जोर देता है कि पत्रकार संकट के समय महत्वपूर्ण काम करने वाले नागरिक हैं और उन्हें युद्धरत दलों द्वारा निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।"
''इस संघर्ष को कवर करने के लिए पूरे क्षेत्र के पत्रकार बलिदान दे रहे हैं। सभी पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।''
गैर-लाभकारी संस्था ने इस बात पर जोर दिया कि यह स्पष्ट नहीं है कि मारे गए सभी पत्रकार अपनी मौत के समय संघर्ष को कवर कर रहे थे या नहीं। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 21 अक्टूबर । न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी संस्था, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला शुरू करने के बाद से कम से कम 22 पत्रकार मारे गए हैं।
शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में, सीपीजे ने कहा कि वह उग्र संघर्ष में मारे गए, घायल, हिरासत में लिए गए या लापता पत्रकारों की सभी रिपोर्टों की जांच कर रहा है, जिसमें पड़ोसी लेबनान में शत्रुता फैलने से घायल हुए लोग भी शामिल हैं।
इसमें कहा गया है, "7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से 20 अक्टूबर तक, दोनों पक्षों के 4,000 से अधिक मृतकों में कम से कम 22 पत्रकार शामिल थे, गाजा में मंगलवार के अस्पताल विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए थे।"
"गाजा में पत्रकारों को विशेष रूप से उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे इजरायली सैनिकों द्वारा जमीनी हमले, विनाशकारी इजरायली हवाई हमलों, बाधित संचार और व्यापक बिजली कटौती के सामने संघर्ष को कवर करने की कोशिश करते हैं।"
मारे गए 22 पत्रकारों में से 18 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी था।
जबकि आठ पत्रकार घायल हो गए, तीन अन्य कथित तौर पर लापता हैं या हिरासत में लिए गए हैं।
सीपीजे ने कहा कि वह अन्य पत्रकारों के मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लेने, चोट पहुंचाने या धमकाने और मीडिया कार्यालयों और पत्रकारों के घरों को नुकसान पहुंचाने की कई अपुष्ट रिपोर्टों की जांच कर रहा है।
सीपीजे के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा, "सीपीजे इस बात पर जोर देता है कि पत्रकार संकट के समय महत्वपूर्ण काम करने वाले नागरिक हैं और उन्हें युद्धरत दलों द्वारा निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।"
''इस संघर्ष को कवर करने के लिए पूरे क्षेत्र के पत्रकार बलिदान दे रहे हैं। सभी पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।''
गैर-लाभकारी संस्था ने इस बात पर जोर दिया कि यह स्पष्ट नहीं है कि मारे गए सभी पत्रकार अपनी मौत के समय संघर्ष को कवर कर रहे थे या नहीं। (आईएएनएस)।
जयपुर, 21 अक्टूबर । भाजपा आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची कुछ दिनों के भीतर घोषित कर सकती है। पार्टी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
शुक्रवार देर रात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में 70-80 उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी दी गई, इसमें कुछ सांसद भी शामिल थे।
सूत्रों ने कहा, ''सूची आज या कल जारी की जा सकती है, मूल रूप से कांग्रेस की पहली सूची के बाद, जो आज जारी होने की उम्मीद है।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने वाले अन्य लोगों में बीएस येदियुरप्पा, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, देवेंद्र फड़नवीस, ओम माथुर, नितिन पटेल, डी.के. अरुणा, सत्यनारायण जटिया और सर्बानंद सोनोवाल शामिल थे।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी, विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ और राजस्थान से जुड़े नेता भी उपस्थित थे।
सूत्रों ने बताया कि सूची में नए चेहरों के शामिल होने की संभावना है।
दो-तीन सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है।
करीब 45 विधायकों को दोबारा विधानसभा चुनाव का टिकट मिल सकता है.
दूसरी सूची पर सहमति बनाने के लिए पिछले तीन दिनों में पार्टी के कोर ग्रुप की दो बार बैठक हुई।
17 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के आवास पर प्रदेश बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई थी, इसमें अमित शाह भी शामिल हुए थे.
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के आवास पर कोर ग्रुप की एक और बैठक हुई। इसमें सीपी जोशी, वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के अलावा कोर ग्रुप में शामिल नेता शामिल हुए।
(आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर । एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) पर पिछले महीने 50 करोड़ से अधिक यूजर विजिट कम हो गए और एलन मस्क द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म अब वैश्विक रैंकिंग में इंस्टाग्राम के बाद सातवें स्थान पर आ गया है।
नए सिमिलरवेब डेटा के अनुसार, सितंबर में एक्स का ट्रैफिक 6.4 बिलियन से घटकर 5.8 बिलियन हो गया, जो 10 प्रतिशत का नुकसान है। सितंबर में ट्विटर पर विजिट करने वाले 176 देशों में से 83 प्रतिशत में महीने-दर-महीने विजिट में गिरावट देखी गई।
वेंचर स्मार्टर द्वारा डेटा के विश्लेषण से पता चला कि एक्स अब मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम के बाद वैश्विक रैंकिंग में सातवें स्थान पर आ गया है।
सितंबर में ट्विटर का उपयोग करने वाले 176 देशों में से चार-पांचवें (83 प्रतिशत) से अधिक देशों में वेबसाइट पर महीने-दर-महीने ट्रैफ़िक में गिरावट देखी गई।
गूगल डेटा से यह भी पता चला है कि पिछले साल मस्क द्वारा कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद से ट्विटर पर वैश्विक खोज में गिरावट आई है, जो 14 मिलियन मासिक खोज से घटकर एक साल बाद 11 मिलियन हो गई है, जो नवंबर 2018 के बाद से सबसे कम है।
वेंचर स्मार्टर के प्रवक्ता ने कहा, "समान वेब ट्रैफिक से पता चलता है कि ट्विटर तेजी से ट्रैफिक खो रहा है और वैश्विक रैंकिंग में पहले ही नीचे गिर चुका है। जब से मस्क ने पदभार संभाला है, इसकी लोकप्रियता में गिरावट होती दिख रही है।"
सैकड़ों देशों से ट्रैफ़िक में गिरावट देखना चौंका देने वाला है, और यह बॉट्स से निपटने के लिए ट्विटर के पर्दे के पीछे के प्रयास भी हो सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, "हालांकि, जैसा कि मस्क ने हाल ही में कहा है, 1 डॉलर का शुल्क 'बॉट्स से लड़ने का एकमात्र तरीका' हो सकता है, इससे अधिक संभावना है कि उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म से स्विच ऑफ कर रहे हैं।"
मस्क ने शुक्रवार को कहा कि एक्स जल्द ही दो नए भुगतान वाले प्रीमियम टियर लॉन्च करेगा और विज्ञापनों के साथ उस टियर में से एक की कीमत मौजूदा 8 डॉलर प्रति माह से कम होगी।
इस सप्ताह की शुरुआत में, टेक अरबपति ने कहा कि बॉट्स से निपटने के लिए, नए एक्स उपयोगकर्ताओं को प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट करने के लिए प्रति वर्ष 1 डॉलर का भुगतान करना होगा, हालांकि वे अन्य पोस्ट मुफ्त में पढ़ सकते हैं। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली,21 अक्टूबर । भाजपा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर में पूर्ण रूप से शांति स्थापित होने का दावा किया है।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस सरकार के समय जम्मू कश्मीर में आए दिन आतंकियों के समर्थन में सेना पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती थी, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हो गई है।
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पोस्ट कर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, " कांग्रेस सरकार के समय जम्मू कश्मीर में आए दिन आतंकियों के समर्थन में सेना पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती थी, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वह क्षेत्र पूर्ण रूप से शांत है और पत्थरबाजों पर भी नकेल कसी गई है। " (आईएएनएस) ।
ग्रेटर नोएडा, 21 अक्टूबर । ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे पर रबूपुरा थाना इलाके में बीती रात एक भीषण हादसा हुआ है। इसमें एक वैन सवार एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई है और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। शुक्रवार रात करीब 1 बजे किसी अज्ञात वाहन ने ईको वैन को टक्कर मारी। इसके बाद वैन पलट गई और हादसा हो गया।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात लगभग 1 बजे नोएडा से जेवर की तरफ यमुना एक्सप्रेसवे पर जीरो पॉइंट से 25 किलोमीटर के पास अज्ञात वाहन ने ईको वैन को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर के कारण इको वैन अनियंत्रित होकर पलट गई। इसमें आठ लोग सवार थे। इनमें से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे घायल हो गए हैं। उनको जेवर के कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
पुलिस ने बताया कि इको वैन में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। इनमें साउथ दिल्ली के थाना कालिंदी कुंज क्षेत्र के मदनपुर खादर स्थित जेजे कॉलोनी निवासी उपेंद्र (38), उसका भाई विजेंद्र (36), बिजेंद्र की पत्नी कांति देवी (30), बिजेंद्र की बेटी ज्योति (12) और सुरेश (45) की मोके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि हादसे में उपेन्द्र का बेटा सूरज (16), बिजेंद्र का बेटा आयुष (8) और बिजेंद्र का बेटा आर्यन (10) गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस ने मृतकों के शवों का पंचायत नामा भरकर पोस्टमाॅर्टम के लिए भेज दिया है। वही अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है। सूचना पर पहुंची रघुपुरा पुलिस ने शवों को पोस्टमाॅर्टम के लिए भेजा और घायलों को कैलाश अस्पताल पहुंचाया, जहां तीनों बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के अनुसार हादसे में शिकार सभी लोग दिल्ली से झारखंड जा रहे थे। (आईएएनएस)।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा है कि सरकारी अधिकारी सीवर सफाई के दौरान मरने वालों के परिजनों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देंगे.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत में मैन्युअल स्केवेंजिंग यानी इंसानों द्वारा सीवर की सफाई दौरान होने वाली मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश पारित किया है. 20 अक्टूबर को दिए अपने आदेश में न्यायालय ने कहा है कि जो लोग सीफर की सफाई के दौरान मारे जाते हैं उनके परिवार को सरकारी अधिकारियों को 30 लाख रुपये मुआवजा देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने साथ ही कहा कि सीवर की सफाई के दौरान स्थायी विकलांगता का शिकार होने वालों को न्यूनतम मुआवजे के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए
बेंच ने अपने आदेश में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से कहा कि सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाथ से मैला ढोने की प्रथा पूरी खत्म हो जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सफाई करते हुए कोई कर्मचारी अन्य किसी विकलांगता से ग्रस्त होता है तो उसे 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी मौतों को रोकने के लिए जरुरी कदमों से जुड़े कई निर्देश भी जारी किए हैं. जैसे-सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वय करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं ना हों और हाईकोर्ट को सीवर से होनी वाली मौतों से जुड़े मामलों की निगरानी करने से ना रोका जाए.
हाथ से सीवर की सफाई खतरनाक
कई बार मजदूर सीवर में सफाई करने के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरण के उतर जाते हैं. ना तो उनके पास जहरीली गैस से बचाव के लिए मास्क होते हैं और ना ही सुरक्षा देने वाले कपड़े और दस्ताने. भारत में इंसानों से सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई करवाना बंद करने की सालों से उठ रही मांगों के बावजूद यह अमानवीय काम जारी है.
इसी साल लोक सभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया था कि पिछले पांच सालों में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान पूरे देश में 339 लोगों की मौत के मामले दर्ज किये गए. इसका मतलब है इस काम को करने में हर साल औसत 67.8 लोगमारे गए.
सभी मामले 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं. 2019 इस मामले में सबसे भयावह साल रहा. अकेले 2019 में ही 117 लोगों की मौत हो गई. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से गुजरने वाले सालों 2020 और 2021 में भी 22 और 58 लोगों की जान गई.
सेफ्टी नियमों का पालन नहीं होता
2023 में अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक नौ लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र में तस्वीर सबसे ज्यादा खराब है, जहां सीवर की सफाई के दौरान पिछले पांच सालों में कुल 54 लोग मारे जा चुके हैं. उसके बाद बारी उत्तर प्रदेश की है जहां इन पांच सालों में 46 लोगों की मौत हुई.
सरकार का कहना है कि इन लोगों की मौत का कारण सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक तरीकों से सफाई करवाना. इसके साथ ही कानून में दी गई सुरक्षात्मक सावधानी को ना बरतना. सफाई के दौरान सीवरों से विषैली गैसें निकलती हैं जो व्यक्ति की जान ले लेती हैं.
भारत में इंसानों द्वारा नालों और सेप्टिक टैंकों की सफाई एक बड़ी समस्या है. 2013 में एक कानून के जरिए इस पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया था, लेकिन बैन अभी तक सिर्फ कागज पर ही है. देश में आज भी हजारों लोग सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने के उद्देश्य से उनमें उतरने के लिए मजबूर हैं. (dw.com)
संबलपुर, 20 अक्टूबर ओडिशा के संबलपुर जिले में पानी से भरे बर्तन में गिरने से दो साल की एक बच्ची की मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
घटना बृहस्पतिवार को रेढाखोल शहर में हुई।
मृत बच्ची की पहचान रेढाखोल के विवेकानंद बेउरा की छोटी बेटी निवेदिता बेउरा के रूप में हुई है।
बच्ची खेलते समय पानी से भरे बर्तन में गिर गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस दौरान परिवार के अन्य सदस्य घर के काम में व्यस्त थे।
जब माता-पिता को वह घर में नहीं मिली तो उसकी तलाश शुरू की गई। कुछ समय के बाद उन्होंने उसे पानी से भरे बर्तन में पाया। परिवार के लोग उसे रेढाखोल अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। (भाषा)
धर्मशाला, 20 अक्टूबर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की नवंबर-दिसंबर में होने वाली सिक्किम और कर्नाटक की यात्रा उनके स्वास्थ्य के मद्देनजर चिकित्सकों की सलाह पर रद्द कर दी गई हैं। उनके यहां स्थित कार्यालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में दलाई लामा को 'फ्लू' हो गया था।
चिकित्सकों के अनुसार, ये यात्राएं दलाई लामा के पूरी तरह से स्वस्थ होने में बाधा डाल सकती हैं।
दलाई लामा के कार्यालय ने कहा, 'दलाई लामा को हाल में हुई फ्लू की बीमारी के मद्देनजर उनके निजी चिकित्सकों ने सख्त सलाह दी है कि उनके लिए कोई भी यात्रा ठीक नहीं होगी और सबसे जरूरी बात यह है कि इससे उनके पूरी तरह स्वस्थ होने में बाधा आ सकती है।'
इसने कहा, "हमने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद नवंबर 2023 में सिक्किम की यात्रा नहीं करने का फैसला किया है। वहीं, नवंबर के दूसरे पखवाड़े से दिसंबर 2023 के मध्य तक निर्धारित धर्मगुरु की दक्षिण भारत (बायलाकुप्पे और हुनसूर) की यात्रा को भी रद्द कर दिया गया है। (भाषा)
साहिबाबाद (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड का शुक्रवार को उद्घाटन किया और इस खंड पर चलने वली ‘नमो भारत’ ट्रेन में यात्रा की।
मोदी ने साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशन को जोड़ने वाली इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और इसी के साथ भारत में ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) की शुरुआत हो गई। यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है।
प्रधानमंत्री को यात्रियों और ट्रेन के चालक दल के सदस्यों से बात करते भी देखा गया।
उद्घाटन समारोह दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के साहिबाबाद स्टेशन पर हुआ। इस गलियारे का काम पूरा हो जाने के बाद दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे।
भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा 21 अक्टूबर से यात्रियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस ट्रेन में कई उच्च-प्रौद्योगिकी सेवाएं और यात्री सुविधाएं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने पहले बताया था कि सेवाएं सुबह छह बजे शुरू होंगी और रात 11 बजे तक उपलब्ध रहेंगी।
साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच प्राथमिकता वाले खंड में पांच स्टेशन हैं - साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ‘सेमी-हाई-स्पीड’ क्षेत्रीय रेल सेवा के लिए आरआरटीएस गलियारे का निर्माण कर रहा है। एनसीआरटीसी केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है।
एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है। पूरे 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को जून 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है। (भाषा)
नोएडा, 20 अक्टूबर निठारी हत्याकांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल से रिहा कर दिया गया। इस मामले में पंढेर को तीन दिन पहले उच्च न्यायालय ने बरी किया था।
जेल से रिहा होने के बाद 65 वर्षीय कारोबारी पंढेर एक गाड़ी में बैठा और बिना किसी से बात किए चला गया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को 2006 के सनसनीखेज मामले में यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष "संदेह से परे" अपराध साबित करने में विफल रहा और इससे जांच में "गड़बड़" हुई।
इससे पहले, दिन में लुक्सर जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया था, 'आज हमें अदालत से दूसरा आदेश (पंढेर की रिहाई से संबंधित) प्राप्त हुआ है। उचित औपचारिकताओं के बाद दोपहर तक उसे रिहा कर दिया जाएगा।'
मुख्य आरोपी कोली अभी भी गाजियाबाद के डासना जेल में बंद है। वह 14 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काटेगा।
पंढेर और कोली पर बलात्कार तथा हत्या के आरोप लगाए थे। नोएडा के निठारी में हुई हत्याओं में दोनों को मौत की सजा सुनाई गयी थी। यौन उत्पीड़न, क्रूर हत्या और संभावित नरभक्षण के संकेतों वाले निठारी हत्याकांड ने पूरे देश हैरान कर दिया था।
यह सनसनीखेज मामला उस समय प्रकाश में आया था जब 29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में पंढेर के मकान के पीछे ड्रेन में कुछ कंकाल पाए गए। कोली पंढेर का नौकर था।
पंढेर के मकान के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन में तलाशी के बाद और कंकाल पाए गए। इनमें से ज्यादातर कंकाल गरीब बच्चों और युवतियों के थे जो उस इलाके से लापता थे।
दस दिनों के भीतर सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और उसे खोज के दौरान और अस्थियां मिली थीं। (भाषा)
भारत की विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर अदाणी समूह के खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों की जांच की मांग की है. ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने दावा किया है कि अदाणी समूह ने गलत तरीके से कोयले के दाम बढ़ाए हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
12 अक्टूबर को फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो सालों में अदाणी समूह ने 416 अरब रुपयों से भी ज्यादा मूल्य का कोयला, बाजार भाव से दोगुने भाव पर आयात किया.
रिपोर्ट के मुताबिक समूह ने ताइवान, दुबई और सिंगापुर स्थित कंपनियों के जरियेइस कोयले को बढ़े हुए दामों पर आयात किया. इनमें से कम से कम एक कंपनी ताइवान के एक ऐसे व्यापारी की है जिसे हाल ही में एफटी ने ही अदाणी समूह की कंपनियों में काफी बड़ी हिस्सेदारी वाला लेकिन छिपा हुआ शेयरधारक पाया था.
यात्रा में बढ़ गए दाम
एफटी ने इंडोनेशिया से भारत आयात किये गए कोयले की 30 शिपमेंट से जुड़े दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया और पाया कि आयात के कागजों में जो दाम बताया गया था वो निर्यात के कागजों से कहीं ज्यादा था.
यानी यात्रा के दौरान इन सभी शिपमेंट में लदे कुल कोयले की कीमत में 5.8 अरब रुपयों से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई. अखबार का कहना है कि यह जानकारी अदाणी समूह के खिलाफ लंबे समय से लग रहे आरोपों का समर्थन करती है कि समूह ईंधन के खर्च को बढ़ा चढ़ा कर दिखाता आया है.
एफटी की इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी पार्टियों ने अदाणी समूह पर भारतीय उपभोक्ताओं के साथ धोखे का आरोप लगाया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि अदाणी समूह ने आम लोगों से बिजली के ज्यादा दाम वसूल कर उनके साथ 12,000 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की है.
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अदाणी को बचा रहे हैं. दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी एफटी की इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार की आलोचना की है. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने 13 अक्टूबर को 'एक्स' पर लिखा था कि एफटी की रिपोर्ट "अदाणी के एक और बड़े घोटाले को सामने लाई है."
सेबी को चाहिए मदद
अदाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है. एफटी की ही रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह ने इन आरोपों को "पुराना" और "आधारहीन" बताया है और कहा है कि "सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों और जानकारी को चतुराई से रिसाइकिल किया गया है और गलत ढंग से पेश किया गया है."
इस बीच भारतीय अखबार इकनॉमिक टाइम्स (ईटी) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अदाणी समूह के खिलाफ हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच कर रही सेबी ने पत्रकारों के एक समूह से मदद मांगी है.
पत्रकारों के समूह ओसीसीआरपी ने कुछ हफ्तों पहले एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सालों से अदाणी समूह के अरबों रुपयों के स्टॉक खरीदने और बेचने वाले दो व्यक्तियों के अदाणी परिवार से करीबी रिश्ते हैं.
ईटी के मुताबिक सेबी ने इन दावों को साबित करने वाले दस्तावेज ओसीसीआरपी से मांगे हैं. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि ओसीसीआरपी ने यह दस्तावेज सेबी को देने से मना कर दिया है. (dw.com)
गूगल अपनी सर्च में एसजीई टूल का इस्तेमाल कर रहा है, जिसने कई समाचार प्रकाशकों की नींदें उड़ा दी हैं. फिलहाल यह भारत, जापान और अमेरिका में जारी हुआ है.
अगर गूगल की यह तकनीक कामयाब रही तो हो सकता है आपको कभी कोई खबर पढ़ने की जरूरत ना रहे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित गूगल का यह टूल पूरे इंटरनेट पर किसी भी विषय पर मौजूद तमाम सामग्री को पढ़कर उसे कम शब्दों में परोस सकता है.
गूगल के इस नये टूल से बड़े-बड़े मीडिया घराने और समाचार स्रोत खतरा महसूस कर रहे हैं. जेनरेटिव एआई तकनीक पर गूगल और अन्य एआई कंपनियां फिलहाल प्रयोग कर रही हैं. यह तकनीक पुरानी सामग्री और आंकड़ों से नयी सामग्री तैयार कर सकता है.
मई महीने में गूगल ने जेनरेटिव एआई पर आधारित सर्च को बाजार में उतारा था. मीडिया विश्लेषक और प्रसारक इस तकनीक पर पहले ही चिंता जता चुके हैं क्योंकि यह ओपन एआई के चैटबॉट चैटजीपीटी से भी एक कदम आगे की बात होगी. चैटजीपीटी सवालों के जवाब देने वाली एआई एप्लीकेशन है.
सब कुछ होम पेज पर
नये टूल को गूगल ने सर्च जेनरेटिव एक्सपीरियंस (एसजीई) नाम दिया है. एसजीई सर्च किये गये सवालों के जवाब में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर संक्षिप्त लेखनुमा जवाब तैयार करता है. गूगल अभी यह परीक्षण कर रहा है कि टूल कितना कारगर साबित होगा.
एसजीई द्वारा तैयार यह संक्षिप्त सामग्री गूगल सर्च के होम पेज पर नजर आती है. साथ ही ‘डिग डीपर' यानी गहराई से जानें का लिंक दिया होता है, जिस पर क्लिक करके उस विषय के बारे में और अधिक विस्तार से जाना जा सकता है.
अगर प्रकाशक अपनी सामग्री को एक्सक्लूसिव बनाना चाहें तो विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके तहत उनकी सामग्री एसजीई द्वारा तैयार संक्षिप्त में नहीं दिखेगी. लेकिन इस विकल्प का इस्तेमाल करते ही उनकी सामग्री गूगल सर्च रिजल्ट से भी हट जाएगी. यानी वे इंटरनेट पर लगभग लापता हो जाएंगे.
कैसे काम करता है एसजीई
उदाहरण के लिए अगर आप गूगल पर सर्च करें, ‘जॉन फोसे कौन हैं?' तो एसजीई इस साल साहित्य का नोबेल जीतने वाले लेखक जॉन फोसे के बारे में तीन पैराग्राफ का एक छोटा आर्टिकल दिखा देता है. उसके साथ ही विकीपीडिया, एनपीआर, न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य वेबसाइटों के लिंक नजर आते हैं, जहां फोसे के बारे में सामग्री प्रकाशित हुई है. लेकिन तीन पैराग्राफ पढ़ने के बाद इन लिंक्स पर क्लिक करने वालों की संख्या घट जाएगी.
गूगल का कहना है कि एसजीई द्वारा तैयार यह सामग्री बहुत सी वेबसाइटों से जमा करके बनायी जाती है और साथ ही उन वेबसाइटों के लिंक्स दे दिये जाते हैं. कंपनी के मुताबिक एसजीई पाठकों के लिए एक विकल्प पर प्रयोग मात्र है और समाचार प्रकाशकों व अन्य संबंधित पक्षों से इस नये टूल के बारे में फीडबैक ली जा रही है. एसजीई को फिलहाल अमेरिका, भारत और जापान में जारी किया गया है.
लेकिन प्रकाशकों के लिए यह नया टूल खतरे की घंटी जैसा है. वे पहले ही अपनी सामग्री के इस्तेमाल के अधिकार को लेकर दशकों से गूगल के साथ जूझ रहे हैं. ज्यादातर न्यूज वेबसाइट अपनी सामग्री के प्रसार के लिए गूगल सर्च पर निर्भर हैं.
चिंतित हैं प्रकाशक
कई प्रकाशकों ने एसजीई के बारे में चिंता जतायी है. इन चिंताओं में यह बात भी शामिल है कि एसजीई जो संक्षिप्त तैयार करेगा, उसमें प्रकाशकों को क्रेडिट के रूप में नाम दिया जाएगा या नहीं. इसके अलावा उस संक्षिप्त की सत्यता भी एक चिंता है.
प्रकाशक चाहते हैं कि जब भी उनकी तैयार सामग्री का इस्तेमाल हो तो गूगल इसके बदले उन्हें भुगतान करे. लेकिन चैटजीपीटी के रूप में पहले ही इन प्रकाशकों का सामना एक ऐसी चुनौती से हो रहा है.
गूगल के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "जैसे जैसे हम जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल सर्च में ला रहे हैं, हमारी प्राथमिकता रहेगी कि पाठकों को अलग-अलग स्रोतों के पास भेजा जाए, जिनमें समाचार प्रकाशक भी शामिल हैं, क्योंकि हम एक स्वस्थ और सर्वउपलब्ध वेब के समर्थक हैं.”
फॉरेस्टर रिसर्च में सीनियर विश्लेषक निखिल लाई कहते हैं, "एसजीई निश्चित तौर पर प्रकाशकों की वेबसाइटों पर जाने वाले लोगों की संख्या कम करेगा और उन्हें अपनी सामग्री की कीमत आंकने के लिए क्लिक रेट के बजाय नये उपाय खोजने पड़ेंगे.”
हालांकि लाई मानते हैं कि एसजीई में लिंक दिये जाने से प्रकाशकों की साख बढ़ेगी.
वीके/एए (रॉयटर्स)
कर्नाटक मांड्या, 20 अक्टूबर । कर्नाटक के मांड्या में एक महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर पारिवारिक विवाद के चलते अपने पति की हत्या कर दी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मृतक की पहचान मद्दूर शहर के पास चपुरडोड्डी गांव के निवासी उमेश (45) के रूप में की गई है।
पुलिस के मुताबिक, अपराध स्थल से भागे आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
मृतक उमेश की शादी 20 साल पहले सविता से हुई थी। दोनों के बीच वैवाहिक कलह होने लगी।
शहर में नौकरी मिलने के बाद सविता अपने बेटे शशांक के साथ बेंगलुरु चली गईं और वहीं बस गईं।
वह गुरुवार को एक समारोह में भाग लेने के लिए गांव आई थी और जब वह अपने घर गई, तो उमेश ने उसे अंदर आने से मना कर दिया, जिससे तीखी बहस हुई।
उमेश ने कुछ आरोप लगाए, जिससे वह नाराज हो गई और उसने अपने बेटे शशांक को गांव बुला लिया।
शशांक के आने के बाद, दोनों का उमेश के साथ झगड़ा हुआ और उन्होंने उस पर लकड़ी से हमला कर दिया।
सिर में गंभीर चोट लगने से उमेश की मौत हो गई, जिसके बाद आरोपी मां-बेटे मौके से भाग गए।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 20 अक्टूबर । बेंगलुरु की एक पोक्सो अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई है और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
वेस्ट डीसीपी डिविजन की ओर से जारी बयान के मुताबिक. श्रीनिवासनगर के पास टेलीफोन लेआउट निवासी रामू को पंचम अपर एवं सत्र पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई।
बयान में कहा गया है कि आरोपी ने जनवरी से मार्च 2022 के बीच अपनी नाबालिग बेटी के साथ कई बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती कर दिया।
एक शिकायत के बाद तत्कालीन जांच अधिकारी बी.एन. लोहित ने रामू के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया।
न्यायाधीश एन नरसम्मा ने गुरुवार को आरोपी को दोषी ठहराया।
न्यायाधीश ने कर्नाटक लीगल सेल अथॉरिटीज को पीड़िता को 7 लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।
पुलिस ने दोषी पर आईपीसी की धारा 376 (आई), (एन) और पोक्सो एक्ट की धारा 4, 6 और 8 के तहत मामला दर्ज किया था। (आईएएनएस)
अयोध्या (यूपी), 20 अक्टूबर । राम जन्मभूमि परिसर के उच्च सुरक्षा क्षेत्र में स्थित अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर में एक पुजारी की हत्या के मामले में 15 से 18 साल की उम्र के दो नाबालिग शिष्यों को हिरासत में लिया गया है।
44 वर्षीय पुजारी राम सहारे दास का शव गुरुवार तड़के राम जन्मभूमि परिसर में हनुमान गढ़ी मंदिर के बगल के एक कमरे में पाया गया।
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पुजारी की हत्या आरोपियों के साथ टकराव के बाद की गई थी, लेकिन अपराध के सटीक मकसद का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करन नैय्यर के मुताबिक, ''पुलिस को गुरुवार सुबह घटना की जानकारी मिली। पुजारी का शव दूसरे पुजारी को तब मिला, जब पुजारी सुबह की प्रार्थना के लिए नहीं आया। दास छह महीने से हनुमान गढ़ी मंदिर के चार सहायक पुजारियों में से एक थे।
“परिसर के अन्य पुजारियों के अनुसार, दास का बुधवार की रात दो शिष्यों के साथ कुछ टकराव हुआ था। दोनों शिष्य मृतक पुजारी के साथ उसके कमरे में रहते थे। टकराव के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।”
महानिरीक्षक (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार ने कहा कि पुजारी राम करण दास की शिकायत के आधार पर दोनों शिष्यों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा, "दोनों शिष्यों ने पुजारी की हत्या कर दी, लेकिन हत्या का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर । राजस्थान दौरे से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शुक्रवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की घोषणा का वादा किया था। यह एक राष्ट्रीय परियोजना है, लेकिन वादे को नजरअंदाज कर दिया, इससे लोग नाराज हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने कहा, ''राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था।''
उन्होंने कहा, ''तब से राज्य सरकार बार-बार प्रस्ताव भेजती रही, (मुख्यमंत्री) अशोक गहलोत ने उन्हें एक दर्जन पत्र लिखे, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान के लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज करती रही। राजस्थान के लोगों में इस वादाखिलाफी को लेकर गुस्सा है।'' .
उन्होंने कहा, "आज मैं दौसा जिले के सिकराय से राज्य के लोगों को संबोधित करूंगी और उनका स्नेह और आशीर्वाद मांगूंगी।"
प्रियंका गांधी ने रेगिस्तानी राज्य की अपनी यात्रा से पहले यह टिप्पणी की, जहां वह दौसा में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगी।
16 अक्टूबर को, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्य की राजधानी से लगभग 320 किलोमीटर दूर बारां जिले में ईआरसीपी को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों के दौरान दो स्थानों पर इसका उल्लेख करते हुए इस परियोजना में सहायता देने का वादा किया था।
खड़गे ने कहा था, "लेकिन अब वह इसके बारे में भूल गए हैं। किसी को नहीं पता कि सहायता का क्या हुआ। लेकिन कांग्रेस इसे 25 हजार करोड़ रुपये के साथ पूरा कर रही है।"
उन्होंने कहा, "इस राज्य से केंद्रीय मंत्री हैं और राजस्थान से 25 सांसद हैं, लेकिन किसी ने भी ईआरसीपी परियोजना के लिए कोई मांग नहीं उठाई है। इसलिए राजस्थान को न तो धन मिला और न ही पानी।"
कांग्रेस पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ईआरसीपी पीने योग्य और सिंचाई के पानी को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग कर रही है। ईसीआरपी परियोजना उन 13 जिलों में दो लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई जल की समस्या को कम करेगी।
कांग्रेस ने ईसीआरपी को एक चुनावी मुद्दा बना दिया है, क्योंकि इससे अजमेर, अलवर, भरतपुर, बारां, बूंदी, धौलपुर, दौसा, झालावाड़, जयपुर, कोटा, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों की 83 विधानसभा सीटों पर असर पड़ने की संभावना है।
200 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। (आईएएनएस)
जम्मू, 20 अक्टूबर । श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार को एक सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर से जम्मू जा रहा सेब से लदा एक ट्रक राजमार्ग पर झज्जर कोटली पुल पर डिवाइडर से टकरा गया, जिससे ट्रक के चालक सहित चार लोगों की मौत हो गई।
दुर्घटना सुबह करीब 2.30 बजे हुई।
पुलिस ने इस घटना में मामला दर्ज करने के बाद चिकित्सीय-कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए शवों को अस्पताल भेज दिया।' (आईएएनएस)
भोपाल 20 अक्टूबर । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 88 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में जहां तीन उम्मीदवारों में बदलाव किया गया है, वहीं छह दलबदलुओं को भी मैदान में उतारा गया है।
कांग्रेस ने बीती देर रात उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में 88 उम्मीदवारों के नाम है, जिनमें तीन स्थानों के उम्मीदवारों को बदल गया है । दतिया से अवधेश नायक की जगह राजेंद्र भारती को मैदान में उतारा गया है, वहीं गोटेगांव से शेखर चैधरी के स्थान पर नर्मदा प्रसाद प्रजापति और पिछोर से शैलेंद्र सिंह के स्थान पर अरविंद सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस ने पिछली सूची के जहां तीन उम्मीदवारों के नाम में बदलाव किया है, वही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए छह लोगों को मैदान में उतारा है। इनमें होशंगाबाद से गिरजा शंकर शर्मा, खातेगांव से पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी, बदनावर से भंवर सिंह शेखावत, सिमरिया से अभय मिश्रा और जावद से समंदर पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है।
इसी तरह निवाड़ी से अमित राय को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया, तो निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को भी बुरहानपुर से पार्टी ने मैदान में उतारा है। पहली सूची में शिवपुरी से केपी सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है, जिन्हें पिछोर वापस भेजने की चर्चा थी क्योंकि सिंह पिछोर से विधायक रहे है, मगर उनके टिकट में बदलाव नहीं किया गया है। (आईएएनएस)
करीमनगर (तेलंगाना), 20 अक्टूबर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को भविष्यवाणी की कि तेलंगाना में कांग्रेस की लहर होगी और पार्टी सत्ता में आएगी।
राज्य में विजयभेरी यात्रा के हिस्से के रूप में कई बैठकों को संबोधित करते हुए, उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, "इसे लिख लें। कांग्रेस तेलंगाना में सत्ता में आ रही है।" उन्होंने दोहराया कि सत्ता में आने के बाद वह राज्य में जाति जनगणना कराएगी।
उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि वह तेलंगाना के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने कहा, "जब भी तेलंगाना को राहुल गांधी की जरूरत होगी, वह यहां होंगे। आपका सिपाही दिल्ली में बैठा है और जब भी आपको मेरी जरूरत होगी, वह आ जाएंगे।"
भूपालपल्ली, पेद्दापल्ली और करीमनगर जिलों में जनसभाओं और नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना के साथ उनका रिश्ता राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक और प्रेम का है, जैसे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का राज्य के साथ रिश्ता था।
कांग्रेस सांसद ने याद दिलाया कि वह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने यह जानते हुए भी तेलंगाना का गठन किया कि इससे कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने तेलंगाना के गरीबों, किसानों और श्रमिकों के लिए ऐसा किया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में मुख्यमंत्री केसीआर ने तेलंगाना के लोगों के सपनों को चकनाचूर कर दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 'दोराला तेलंगाना और प्रजाला तेलंगाना' (सामंतों का तेलंगाना और लोगों का तेलंगाना) के बीच लड़ाई होगी।
उन्होंने कहा, "केसीआर और उनके परिवार के सदस्य भूमि, रेत और शराब से संबंधित सभी प्रमुख विभागों को नियंत्रित करते हैं। आपके मुख्यमंत्री राजा की तरह काम करते हैं, मुख्यमंत्री की तरह नहीं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर ने कालेश्वरम परियोजना की लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ा दी और लोगों की जमीनें छीन लीं।
उन्होंने कहा, "इस परियोजना से केवल बड़े ठेकेदारों को फायदा हुआ जो केसीआर के मित्र हैं।"
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार ने भूमि रिकॉर्ड में बदलाव करके धरणी पोर्टल के नाम पर जमीनें भी छीन लीं और दलितों और आदिवासियों को जमीन देने के वादे को पूरा करने में विफल रहने के लिए केसीआर की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि लोगों को डबल बेडरूम वाले घर नहीं मिले जबकि किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रायथु बंधु योजना से केवल बड़े जमींदारों को फायदा हुआ।
राहुल गांधी ने पहले राज्य के स्वामित्व वाली सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के कर्मचारियों के साथ बातचीत की, उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि कांग्रेस इसके निजीकरण की अनुमति नहीं देगी।
उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनकी रक्षा करेगी।
उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर बड़े पैमाने पर निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसका विरोध करती है और वह कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए काम करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने लोगों से हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने जैसे झूठे वादे किए। उन्होंने नोटबंदी के जरिए काले धन को खत्म करने के मोदी के वादे का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि मोदी और केसीआर की तरह वह झूठ नहीं बोलते।
उन्होंने तेलंगाना के लिए पार्टी द्वारा घोषित छह गारंटियों को दोहराते हुए कहा, "मैं झूठ बोलने नहीं आया हूं। मैं अपने परिवार के सदस्यों से झूठ नहीं बोल सकता।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोग जाकर देख सकते हैं कि कांग्रेस ने कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपने वादे कैसे पूरे किए। (आईएएनएस)
चेन्नई, 19 अक्टूबर । अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन 'गगनयान' के लिए रॉकेट के क्रू एस्केप सिस्टम को प्रदर्शित करने के लिए पहले उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) का प्रक्षेपण शनिवार को किया जायेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की इसके लिए उल्टी गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे शुरू होगी।
अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि भारत 2025 में पहली बार अपने स्वयं के रॉकेट से अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है। क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण उसी का हिस्सा है। टीवी-डी1 की उड़ान शनिवार सुबह 8 बजे होगी जबकि 24 घंटे की उल्टी गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे से होगी।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, यह चार परीक्षण उड़ानों में से पहली होगी।
इसरो के अनुसार, शनिवार की उड़ान का उद्देश्य उड़ान प्रदर्शन और परीक्षण वाहन उप प्रणालियों का मूल्यांकन करना है।
लगभग 35 मीटर लंबा और लगभग 44 टन वजन वाला परीक्षण वाहन/रॉकेट एक संशोधित विकास इंजन का उपयोग करता है जो तरल ईंधन द्वारा संचालित होता है।
क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम रॉकेट के अगले सिरे पर लगे होते हैं।
संपूर्ण उड़ान क्रम - परीक्षण रॉकेट के प्रक्षेपण से लेकर क्रू मॉड्यूल के पैराशूट के साथ समुद्र में उतरने तक - लगभग 531.8 सेकंड या लगभग नौ मिनट लगेंगे।
इसरो के अनुसार, क्रू मॉड्यूल का द्रव्यमान 4,520 किलोग्राम है और यह एकल दीवार वाली बिना दबाव वाली एल्यूमीनियम संरचना है।
उड़ान के लगभग 61 सेकंड बाद 11.9 किमी की ऊंचाई पर क्रू एस्केप प्रणाली परीक्षण वाहन से अलग हो जाएगी।
लिफ्ट ऑफ के 91 सेकंड बाद 16.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर क्रू मॉड्यूल क्रू एस्केप सिस्टम से अलग हो जायेगा।
इसरो ने कहा कि इसके बाद, पैराशूट की श्रृंखला की तैनाती के साथ शुरू होने वाले निरस्त अनुक्रम को स्वायत्त रूप से निष्पादित किया जाएगा, जो अंततः श्रीहरिकोटा के तट से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में क्रू मॉड्यूल के सुरक्षित लैंडिंग के साथ समाप्त होगा।
वास्तविक मानव अंतरिक्ष मिशन के दौरान क्रू मॉड्यूल अंतरिक्ष यात्रियों को दबावयुक्त पृथ्वी जैसी वायुमंडलीय स्थिति में रखेगा।
वर्तमान में गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल विकास के विभिन्न चरणों में है।
टीवी-डी1 एक बिना दबाव वाला संस्करण है, लेकिन इसमें वास्तविक गगनयान क्रू मॉड्यूल का समग्र आकार और द्रव्यमान है और इसमें गति कम करने और पुनर्प्राप्ति के लिए सभी सिस्टम होंगे।
क्रू मॉड्यूल में एवियोनिक्स सिस्टम नेविगेशन, सीक्वेंसिंग, टेलीमेट्री, इंस्ट्रूमेंटेशन और बिजली के लिए दोहरे निरर्थक मोड कॉन्फ़िगरेशन हैं।
इसरो के अनुसार, इस मिशन में क्रू मॉड्यूल को विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए उड़ान के आंकड़े एकत्र करने के लिए बड़े पैमाने पर उपकरण लगाये गये हैं।
क्रू मॉड्यूल की गति को पायरो सिस्टम वाले पैराशूट से कम किया जाएगा।
पैराशूट तैनाती की शुरुआत तब की जाएगी जब क्रू मॉड्यूल वापस उतरते समय लगभग 16.8 किमी की ऊंचाई पर होगा।
रॉकेट के उड़ान भरने के 531.8 सेकंड बाद क्रू मॉड्यूल श्रीहरिकोटा के लॉन्च पैड से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में गिर जाएगा और भारतीय नौसेना द्वारा इसे बरामद किए जाने तक तैरता रहेगा।
रिकवरी जहाज क्रू मॉड्यूल के पास पहुंचेंगे और गोताखोरों की एक टीम एक बोय संलग्न करेगी। एक शिप क्रेन का इस्तेमाल कर इसे किनारे पर लाया जाएगा।
क्रू एस्केप सिस्टम श्रीहरिकोटा से लगभग 14 किमी दूर समुद्र में गिरेगा। इस क्रू मॉड्यूल के साथ यह परीक्षण वाहन मिशन समग्र गगनयान कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि उड़ान परीक्षण के लिए लगभग पूर्ण प्रणाली को एकीकृत किया गया है।
इसरो ने कहा कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष योग्यता परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी, जो पहले गगनयान मिशन का मार्ग प्रशस्त करेंगे। (आईएएनएस)।
भूपालपल्ली (तेलंगाना), 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। राहुल गांधी ने गुरुवार को वादा किया कि तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी राज्य में जाति आधारित जनगणना कराएगी।
गुरुवार को भूपालपल्ली जिले में विजयभेरी यात्रा के दौरान नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना को देश का सबसे बड़ा मुद्दा बताया और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की चुप्पी पर सवाल उठाया।
तेलंगाना में दूसरे दिन प्रचार कर रहे राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक एक्स-रे की तरह होगी जो यह निर्धारित करेगी कि देश में पिछड़े वर्गों की आबादी केवल पांच प्रतिशत है या नहीं।
भारत के बजट के सिर्फ पांच फीसदी हिस्से पर ओबीसी का कब्जा है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या देश में ओबीसी आबादी केवल पांच प्रतिशत है।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पहले ही छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना का आदेश दे चुकी है। अगर हमारी पार्टी तेलंगाना में सत्ता में आती है, तो सबसे पहले हम यहां तेलंगाना का एक्स-रे करेंगे।
राहुल ने वादा किया कि कांग्रेस गरीबों, किसानों और श्रमिकों की सरकार देगी।
राहुल गांधी ने कहा कि 'एक्स-रे' से यह भी पता चल जाएगा कि मुख्यमंत्री के परिवार ने तेलंगाना के लोगों का कितना पैसा लूटा।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना में एक परिवार का शासन है। देश के सभी राज्यों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तेलंगाना में है। भ्रष्टाचार का तेलंगाना मॉडल दूसरे राज्यों में निर्यात किया जा रहा है।
तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन के दौरान लोगों को उम्मीद थी कि नए राज्य में लोगों का शासन आएगा, लेकिन राज्य के गठन के बाद मुख्यमंत्री ने खुद को लोगों से दूर कर लिया।
उन्होंने कहा, ''आपका सपना लोगों के शासन का था, लेकिन आपने पाया कि एक परिवार आप पर शासन कर रहा है।''
उन्होंने कहा कि अगर सीएम केसीआर सच में भाजपा के खिलाफ लड़ रहे थे तो उनके खिलाफ सीबीआई, ईडी या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी ने जांच क्यों नहीं की। भाजपा विपक्ष को मुकदमों से डराती है।
चूंकि मैं भाजपा से लड़ता हूं, इसलिए उन्होंने मेरे खिलाफ 24 मामले दर्ज कराए। उन्होंने मेरी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी और मेरा घर छीन लिया। इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी लड़ाई भाजपा और आरएसएस के खिलाफ एक वैचारिक लड़ाई है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगले महीने का विधानसभा चुनाव 'राजा' और 'प्रजा' के बीच की लड़ाई है, उन्होंने भविष्यवाणी की कि अगले महीने के चुनावों में बीआरएस हार जाएगी।
राहुल गांधी ने दोहराया कि बीआरएस, भाजपा और एआईएमआईएम एक साथ हैं। यह भी आरोप लगाया कि बीआरएस ने संसद में सभी मुद्दों पर भाजपा को समर्थन दिया।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर मध्य प्रदेश के 230 विधायकों में से कम से कम 93 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 52 कांग्रेस के और 39 सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने सभी 230 मौजूदा विधायकों के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों के विश्लेषण के आधार पर गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''विश्लेषण किए गए 230 मौजूदा विधायकों में से 93 (40 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 47 (20 प्रतिशत) मौजूदा विधायकों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।''
एक मौजूदा विधायक ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या से संबंधित मामले की घोषणा की है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि छह मौजूदा विधायकों ने आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित विधायकों के खिलाफ मामलों पर प्रकाश डालते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दो मौजूदा विधायकों ने आईपीसी की धारा-354 के तहत मामले घोषित किए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि भाजपा के 129 विधायकों में से 39 (30 फीसदी), कांग्रेस के 97 विधायकों में से 52 (54 फीसदी), बसपा के एकमात्र विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों में से एक (33 फीसदी) ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चलने की बात स्वीकार की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा के 129 विधायकों में से 20 (16 प्रतिशत), कांग्रेस के 97 विधायकों में से 25 (26 प्रतिशत), बसपा के एकमात्र विधायक और तीन निर्दलीय विधायकों में से एक ने खुद अपने हलफनामे में उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
230 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 17 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। (आईएएनएस)।
इंदौर, 19 अक्टूबर । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर एक विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय इन दिनों अपने बयानों के कारण चर्चाओं में हैं। अब उनका नया बयान आया है, जिसमें उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सलाह दी है कि वह सोनिया गांधी के साथ राम मंदिर पहुंचकर दर्शन करें ताकि उनका बुढ़ापा सुधर जाए।
विजयवर्गीय लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और दौरे कर रहे हैं और ऐसे बयान दे रहे हैं, जिसके चलते चर्चाओं में हैं। उनका जो ताजा बयान आया है उसमें वह सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी पर हमला बोल रहे हैं।
विजयवर्गीय का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक जनसभा में उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने का काम आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। हम कहते थे राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, जबकि, दिग्विजय सिंह कहते थे तारीख नहीं बताएंगे। अब तो भैया तारीख भी बता दी है। कांग्रेस के नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में राम को काल्पनिक व्यक्ति बताया था।
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि राम को काल्पनिक व्यक्ति बताया और रामचरितमानस को उपन्यास करार दिया, जबकि हम कहते हैं कि राम हमारे आराध्य हैं, हनुमान हमारे आराध्य हैं, रामचरित मानस हमारे समाज को मार्गदर्शन देती है। यह मर्यादा का पाठ पढाती है।
विजयवर्गीय ने कहा कि राम बहुत दयालु हैं, करुणा निधान हैं, राम जी की शरण में जो चला जाता है, उसे वह माफ कर देते हैं, इसलिए जनवरी में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, दिग्विजय सिंह और आप अपनी सोनिया आंटी को लेकर परिवार के साथ वहां राम जी की शरण में जाइए, जितने पाप किए आपने, राम जी सब माफ कर देंगे। जो राम जी की शरण में गया, वह राम जी का हो जाता है, इसलिए दिग्विजय सिंह जवानी में आपने जो गलती की हो, भूल की हो, अपना बुढ़ापा सुधारना हो, राम जी की शरण में जाना। यह जीवन तो जैसा निकला, निकला। अगला जीवन भी धन्य हो जाएगा, मैं यह दावे से कहता हूं। (आईएएनएस)।