अंतरराष्ट्रीय
न्यूयॉर्क, 29 नवंबर | न्यूयॉर्क राज्य के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर बिल डे ब्लासियो ने छोटे व्यवसायियों को सपोर्ट करने के लिए राज्य के लोगों से आग्रह किया है कि वे स्थानीय दुकानों से ही खरीददारी करें। कोविड-19 महामारी के कारण इन छोटे व्यापारियों को थैंक्सगिविंग की छुट्टियों के दौरान घर पर रहने को मजबूर कर दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, दोनों ने नागरिकों को बार-बार थैंक्सगिविंग से लेकर नए साल तक की महीने भर की छुट्टियों के दौरान यात्रा नहीं करने की चेतावनी दी है। परिवारों या दोस्तों से मिलने जाने से कोरोना वायरस का प्रसार होगा। इस बीमारी के कारण देश में 2.65 लाख लोगों की जान जा चुकी है और 90 हजार मरीज देश के अस्पतालों में भर्ती हैं।
गवर्नर ने शनिवार को ट्वीट किया, "छोटे व्यवसाय न्यूयॉर्क की अर्थव्यवस्था को चलाते हैं और हमारे समुदायों, आस-पड़ोस को अद्वितीय बनाते हैं। स्थानीय स्वामित्व वाले छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करें। इस शनिवार को और रोजाना स्थानीय दुकानों से खरीददारी करें और सुरक्षित रहें।"
मेयर डे ब्लासियो ने भी एक ट्वीट में कहा, "इन छुट्टियों के मौसम में स्थानीय दुकानदारों से खरीददारी करना सुनिश्चित करें। हमारे छोटे व्यवसायों का बेहतर होना हमारे और उनके लिए जरूरी है।"
छोटे व्यवसायों के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा गया है, "आज 11 वां वार्षिक 'स्मॉल बिजनेस सैटरडे' है और इस अवकाश के मौसम में छोटे व्यवसायों को हमारे सपोर्ट की सबसे ज्यादा जरूरत है। लिहाजा ऑनलाइन खरीददारी करने की बजाय स्थानीय स्टोर में सुरक्षित तरीके से खरीददारी करें। यह छोटे व्यवसायों को बहुत मदद देगा।"
स्मॉल बिजनेस सैटरडे देश भर के छोटे व्यवसायों और समुदायों को समर्थन देने के लिए समर्पित है। यह हर साल थैंक्सगिविंग के बाद के शनिवार को मनाया जाता है।
--आईएएनएस
काराकास, 28 नवंबरवेनेजुएला की नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) ने घोषणा की है कि 6 दिसंबर को देश के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सीएनई अध्यक्ष इंदिरा अल्फोन्जो द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा, "हमने मतदान सामग्री के आखिरी बॉक्स को इकट्ठा कर भेज दिया है, जो यहां दिन रात करीब तीन महीने तक 500 महिला एवं पुरुषों के प्रयासों का प्रतिनिधित्व करता है।"
अल्फोन्जो ने आगे कहा, 6 दिसंबर के लिए सब कुछ तैयार है, सिर्फ एक चीज बाकी है, वह यह कि आपको 2021-2026 की अवधि के लिए अपने नेशनल असेंबली के उम्मीदवारों का चयन करना है।
वेनेजुएला के 2 करोड़ से अधिक लोग 2021-2026 की अवधि के दौरान विधानसभा बनाने वाले 277 विधायकों के चुनाव में मतदान करने के लिए पात्र हैं। (आईएएनएस)
तेहरान, 28 नवंबर | ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने थाईलैंड में कैद तीन ईरानी और तेहरान में जेल में बंद एक ऑस्ट्रेलियाई-ब्रिटिश नागरिक की रिहाई के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अरागची ने शुक्रवार को मीडिया से कहा, "मुझे रिहा किए गए तीन हमवतनों का स्वागत करने का सम्मान मिला और उनके आगमन और अच्छे स्वास्थ्य के आश्वासन पर, ऑस्ट्रेलियाई कैदी को रिहा करने का आदेश दिया गया था।"
मंत्री ने कहा कि कैदियों की अदला-बदली एक घंटे से अधिक समय तक ईरान, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच गहन कूटनीतिक वार्ता का परिणाम है, जिसमें सैकड़ों घंटे के परामर्श शामिल है।
अगराची ने आगे कहा कि तेहरान हवाईअड्डे पर अदला-बदली हुई, जहां तीनों ईरानी एक निजी ऑस्ट्रेलियाई विमान से पहुंचे।(आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 28 नवंबर| पाकिस्तान में कोविड-19 महामारी की चल रही दूसरी लहर के मद्देनजर प्रधानमंत्री इमरान खान ने दोहराया है कि उनकी सरकार पीडीएम विपक्षी गठबंधन को अब सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी। डॉन न्यूज ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर अपने प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए खान के हवाले से कहा, "कोरोनावायरस खतरनाक रूप से फैल रहा है, इसलिए विपक्ष को पीडीएम की सार्वजनिक बैठकें स्थगित कर देनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए, बैठक के एक प्रतिभागी ने कहा, "सरकार मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को सख्ती से लागू करेगी और विपक्ष को रैलियों को आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी, क्योंकि स्वास्थ्य दिशानिर्देशों ने बड़े समारोहों की अनुमति नहीं दी थी।"
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) देश के 11 विपक्षी दलों का गठबंधन है, जिसने ने अब तक गुजरांवाला (16 अक्टूबर), कराची (19 अक्टूबर), क्वेटा (25 अक्टूबर) और पेशावर (22 नवंबर) में चार सरकारी विरोधी प्रदर्शन किए हैं। वहीं दो प्रदर्शन मुल्तान और लाहौर में क्रमश: 30 नवंबर और 13 दिसंबर को होने वाले हैं।
वहीं पीडीएम की पांचवीं सार्वजनिक रैली को रोकने के प्रयास में मुल्तान पुलिस और जिला प्रशासन के पास कार्यक्रम स्थल के आसपास 30 कंटेनर उपलब्ध हैं और शहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए और अधिक लाए जा रहे हैं।
डॉन न्यूज ने अपने रिपोर्ट में बताया कि पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीडीएम के घटक दलों के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, "फासीवादी शासन मुल्तान में डेमोक्रेटिक कार्यकर्ताओं को लगातार गिरफ्तार कर रहा है। ये कठपुतलियां जियालों से डरती हैं। कोशिश करें कि वे 30 नवंबर को पीडीपी नेताओं के साथ हमारे स्थापना दिवस को पीपीपी के रूप में चिह्न्ति करने से न रोक सकें।"
वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पंजाब के अध्यक्ष राणा सनाउल्लाह ने घोषणा की कि मुल्तान रैली हर कीमत पर आयोजित की जाएगी। (आईएएनएस)
दुबई, 28 नवंबर | एक भारतीय शख्स टूरिस्ट वीजा पर दुबई पहुंचने के एक दिन बाद 9 नवंबर से लापता है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे उसके रिश्तेदारों ने यह जानकारी दी।
तमिलनाडु के 46 वर्षीय अमृतलिंगम साम्यमुथु दुबई में नौकरी करने के लिए आए थे। उनके भतीजे दुरई मनीराजा ने गुरुवार को गल्फ न्यूज को यह बताया।
दुरई ने कहा, "वह तमिलनाडु से तीन अन्य लोगों के साथ 8 नवंबर को आए थे। वे होर अल अंज में एक आवास में रहे। उनके कमरे के सदस्यों ने कहा कि अगली सुबह वह कार्यस्थल पर गए थे। वापस आने के बाद उनके साथ के दो अन्य लोग रात में काम के लिए चले गए।"
उन्होंने कहा कि अमृतलिंगम परेशान थे, क्योंकि वह कमरे में अकेला थे और वह भी जाना चाहते थे। लेकिन उनके साथ के दोनों लोगों ने उनसे ऐसा नहीं करने के लिए कहा। बाद में उनके बारे में कोई खबर नहीं है।
इस बीच, उनके बहनोई कन्नन नागूकानी ने कहा कि उन्होंने 16 नवंबर को शिकायत दर्ज करने के लिए अल मुराकबत पुलिस स्टेशन से संपर्क किया।
दो सप्ताह से अधिक समय से लापता व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं होने से परिवार ने दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास से अपील की है।
वाणिज्य दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि मिशन ने गुरुवार को एक ट्वीट के माध्यम से शिकायत प्राप्त करने के बाद मामले में हस्तक्षेप किया था।
उन्होंने गल्फ न्यूज को बताया, "हम रिश्तेदारों और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।" (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 28 नवंबर| एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने ऐलान किया है कि इसने व्यापार व्यवस्था में सुधार करने के माध्यम से पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर आर्थिक स्थिरता लाने के लिए 30 करोड़ डॉलर के पॉलिसी-आधारित ऋण को मंजूरी दी है। एडीबी द्वारा दिए गए एक बयान के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ऋण का मकसद वर्तमान में पाकिस्तान में घाटे की अवस्था को एक स्थायी रूप से ढंग ठीक करना है और साथ ही निर्यात विविधीकरण को भी सुविधाजनक बनाना है।
एडीबी ने आगे कहा कि उनकी तरफ से पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सुधार लाने और प्रमुख संस्थानों को और मजबूत करने के लिए टैरिफ और कर-संबंधी नीतिगत सुधारों को पेश किया जाएगा।
यह नया वित्तपोषण व्यापार और प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम के सबप्रोग्राम-2 के अंतर्गत आता है।
बयान के मुताबिक, पहले चरण के अंतर्गत एडीबी ने कुछ प्रमुख सुधारों में सरकार की मदद की है, जिसमें कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं पर एक बड़े पैमाने पर टैरिफ और तदर्थ कर्तव्यों को हटाना है। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 28 नवंबर| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीन नवंबर के चुनाव परिणाम पर सवाल पूछने वाले एक रिपोर्टर पर जमकर भड़ास निकाली और उन्हें 'लाइटवेट' कहा। द हिल न्यूज वेबसाइट ने शुक्रवार को बताया कि रायटर वाइट हाउस के संवाददाता जेफ मेसन ने एक ब्रीफिंग में राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा कि अगर दिसंबर में इलेक्टोरल कॉलेज वोट के जरिए जो बाइडन को राष्ट्रपति चुना जाता है तो क्या वह मान जाएंगे।
इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, "मुझसे इस तरह बात मत करो।"
इसके बाद जैसे ही रिपोर्टर ने इस पर माफी मांगने की कोशिश की तो राष्ट्रपति ने उन्हें बीच में ही रोकते हुए कहा, "मैं संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति हूं। कभी भी राष्ट्रपति से इस तरह से बात न करें।"
इससे पहले गुरुवार को ट्रंप ने कहा था कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज वोट उनके खिलाफ रहते हैं तो वह व्हाइट हाउस छोड़ देंगे।
द कुक पॉलिटिकल रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के 73,947,962 की तुलना में अब तक बाइडन ने 80,218,808 लोकप्रिय वोट जीते हैं।
अमेरिकी मीडिया ने अनुमान लगाया है कि बाइडन ने राष्ट्रपति पद हासिल करने के लिए जरूरी 270-वोट की सीमा को पार करते हुए 306 चुनावी वोट जीते हैं।
बाइडन ने जीत की घोषणा की है और इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के अधिकारियों सहित अपने मंत्रिमंडल के शुरूआती नामों की घोषणा भी कर दी है।
जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन ने हालांकि बाइडन के व्हाइट हाउस पहुंचने की पुष्टि की है, लेकिन ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। उनका आरोप है कि चुनावी गिनती में धांधली हुई है। इसलिए वह इसे लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं।(आईएएनएस)
हितेश टीकू
लंदन, 28 नवंबर | ऐसी आशंकाएं हैं कि ब्रिटेन में विंस्टन चर्चिल और महात्मा गांधी की मूर्तियों को गिराया जा सकता है। ऐसा उनका नाम उपनिवेशवाद और गुलामी में शामिल होने की समीक्षा करने वाली वेल्श सरकार की रिपोर्ट में आने के कारण हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "कई प्रतिष्ठित लोगों पर सवाल उठाए गए हैं और उनके दोषों का आंकलन करने की जरूरत है।"
यह रिपोर्ट ब्लैक लाइव्स मैटर के विरोध के बीच आई और इसने पूर्व प्रधानमंत्री चर्चिल और नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले गांधी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चर्चिल के नाम पर 2 इमारतें और 15 स्ट्रीट्स हैं, उन्हें दक्षिण वेल्स के खनन समुदायों में व्यापक रूप से नापसंद किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चर्चिल ने 'एंग्लो-सैक्सन जाति की श्रेष्ठता में विश्वास व्यक्त किया', 'ब्रिटिश साम्राज्य को खत्म करने का विरोध किया', और वे 'बंगाल को राहत देने के लिए पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल' रहे थे।
रिपोर्ट में भारत की स्वतंत्रता में अहम रोल निभाने वाले महात्मा गांधी का भी नाम है, जिनकी मूर्ति वेल्श की राजधानी में स्थित है। गांधी को 'अश्वेत दक्षिण अफ्रीकियों के खिलाफ नस्लवाद' को लेकर फंसाया गया है।
ऑडिटर का नेतृत्व करने वाले ग्योर लेगेल ने द गार्जियन को बताया कि कुछ विवादास्पद स्मारक "संग्रहालयों में स्थानांतरित किए जा सकते हैं ताकि लोग इन्हें देख सकें। मुझे चीजों को नष्ट करने का मामला नहीं दिख रहा है।" (आईएएनएस)
पेरिस, 28 नवंबर | फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि कई पुलिस अधिकारियों द्वारा एक अश्वेत संगीत निमार्ता की पिटाई का फुटेज देश के लिए 'अस्वीकार्य' और 'शर्मनाक' है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को एक फेसबुक पोस्ट में राष्ट्रपति ने लिखा, "मिशेल जेकलर के पिटाई की हम सभी ने जो तस्वीरें देखी हैं, वे अस्वीकार्य हैं, वे हमारे लिए शर्मनाक हैं।"
उन्होंने कहा, "फ्रांस को कभी भी हिंसा या क्रूरता की अनुमति नहीं देनी चाहिए। फ्रांस को कभी भी नफरत या नस्लवाद को पनपने नहीं देना चाहिए।"
पेरिस प्रॉसीक्यूटर के कार्यालय के अनुसार, वीडियो में पहचाने गए तीन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और आगे की जांच के लिए हिरासत में लिया गया है।
मैक्रों ने शुक्रवार को ट्वीट में कहा, कहा कि सभी प्रकार के भेदभाव के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए प्रस्तावों की भी आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, "जो लोग कानून लागू करते हैं, उन्हें कानून का सम्मान करना चाहिए। मैं यह कभी स्वीकार नहीं करूंगा कि कुछ हिंसात्मक आचरण उन पुरुषों और महिलाओं के व्यावसायिकता पर दाग लगाए जो हमारे दैनिक जीवन में हमारी रक्षा के लिए साहसपूर्वक काम करते हैं।"
जेकलर ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि वह फेस मास्क पहने बिना जा रहे थे, जो देश के कोविड-19 सुरक्षा उपायों के खिलाफ था, और पुलिस की कार दिखाई देने पर जुमार्ना से बचने के लिए अपने स्टूडियो में छिप गए।
पुलिस ने कथित रूप से उनका पीछा किया और उन पर हमला किया।
बीबीसी के मुताबिक, जेकलर ने कहा कि उन्हें पांच मिनट की पिटाई के दौरान नस्लीय दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ा।
एक सिक्योरिटी कैमरे का वीडियो गुरुवार को ऑनलाइन समाचार साइट लूपपाइडर द्वारा पब्लिश किया गया था, जिसमें तीनों अधिकारी जेकलर के स्टूडियो में प्रवेश करने के बाद उन्हें बुरी तरह से पिटते नजर आ रहे हैं। (आईएएनएस)
जिनेवा, 28 नवंबर| ऐसे देश जहां कोविड -19 मामलों की संख्या में कमी आ रही है, उन्हें अभी भी 'सतर्क' रहने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम की टेक्निकल हेड मारिया वान केरखोव के हवाले से बताया, "यहां तक कि जैसे-जैसे मामलों की संख्या कम हो रही है, सभी देशों को सतर्क रहने की जरूरत है। आपने ऐसा पहले भी सुना है लेकिन हमें वास्तव में इस पर फिर से जोर देने की जरूरत है। यह अच्छा है कि लागू किए गए उपाय प्रभावी साबित हो रहे हैं। लेकिन हम वो नहीं देखना चाहते कि आप फिर से लॉकडाउन करने जैसी स्थिति में जाएं। लिहाजा सतर्क रहना बहुत जरूरी है।"
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, दुनिया में कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 6.15 करोड़ और मृत्यु संख्या 14 लाख से अधिक हो गई है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) के शनिवार के अपडेट के मुताबिक दुनिया में 6,15,85,651 मामले और 14,41,875 मौतें हो चुकीं थी।
दुनिया में सबसे ज्यादा 1,30,86,367 मामले और 2,64,842 मौतें अमेरिका में दर्ज हुई हैं। इसके बाद 93,09,787 मामलों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है जबकि देश में अब तक 1,35,715 जानें जा चुकीं हैं। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 28 नवंबर | अमेरिकी राज्य पेन्सिलवेनिया की एक संघीय अपील अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान की अपील के खिलाफ निचली अदालत द्वारा पूर्व के फैसले को बरकरार रखा है। यह ट्रंप के लिए 3 नवंबर के परिणामों को पलटने के प्रयासों को करारा झटका है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को फिलाडेल्फिया में थर्ड यूएस स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट कोर्ट ऑफ अपील्स के 3-जजों के पैनल ने कहा कि ट्रंप अभियान के उस दावे में दम नहीं है जिसमें कहा गया है कि व्यापक तौर पर मतदाता धोखाधड़ी हुई है।
ट्रंप द्वारा ही नियुक्त किए गए जज स्टेफानोस बिबास ने कहा, "स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव हमारे लोकतंत्र की जान हैं। अन्याय, अनुचितता के आरोप गंभीर हैं। लेकिन किसी चुनाव को अनुचित कहने से वे ऐसे नहीं हो जाते हैं। इसके लिए सबूत की आवश्यकता होती है, जो यहां नहीं हैं।"
तीन रिपब्लिकन-नियुक्त न्यायाधीशों ने निर्धारित किया कि पिछले सप्ताह अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज मैथ्यू ब्रैन का फैसला उचित था।
कैंपेन ने दावा किया था कि अहम राज्यों की कुछ काउंटियों के मेल से मतपत्र भेजने वाले मतदाताओं के मामले में धोखाधड़ी हुई है। अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज मैथ्यू ब्रैन ने तीखी राय देते हुए कहा, मुकदमे में "बिना आधार के कानूनी तर्क दिए गए, जिनके कोई सबूत भी नहीं हैं।"
ट्रंप ने ट्विटर पर कहा कि ब्रैन हमें अपना मामला या सबूत पेश करने की भी अनुमति नहीं देगा। कथित तौर पर ट्रंप कैंपेन अब इस मामले की अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहा है।
बता दें कि पेन्सिल्वेनिया ने मंगलवार को नतीजे घोषित किए और बाइडेन को यहां से 20 इलेक्टोरल वोट मिले।
द कुक पॉलिटिकल रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के 7,39,47,962 मतों की तुलना में अब तक बाइडेन 8,02,18,808 लोकप्रिय वोट जीत चुके हैं। वहीं अमेरिकी मीडिया ने अनुमान लगाया है कि बाइडेन ने राष्ट्रपति पद हासिल करने के लिए 270-वोट की सीमा को पार करते हुए 306 इलेक्टोरल वोट जीते हैं।
--आईएएनएस
ढाका, 28 नवंबर | कट्टरपंथी इस्लामिक समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के नए प्रमुख जुनैद बाबूनगरी ने धमकी दी है कि वह सभी मूर्तियों को तोड़ देंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें किन पार्टियों ने लगाया है। कट्टरपंथी नेता ने चेतावनी दी है, "मूर्ति लगाना शरिया के खिलाफ हैं, चाहे वह किसी की भी हो। मैं किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लूंगा। लेकिन मैं अल्लाह की कसम खाता हूं, अगर कोई मेरे पिता की भी प्रतिमा बनवाता है, तो उसे हटवाने वाला मैं पहला व्यक्ति होऊंगा। मैं सभी प्रतिमाओं को तोड़ दूंगा, चाहे उन्हें किसी भी पार्टी ने बनाया या लगाया हो।"
बाबूनगरी ने शुक्रवार की रात चटग्राम के हत्जारी में जमात-ए-इस्लाम द्वारा आयोजित कट्टरपंथी समूहों की महफिल में यह बयान देते हुए सरकार से 4 और मांगें कीं। उन्होंने बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों को रोकने, आधिकारिक तौर पर अहम्दिया को 'गैर-मुस्लिम' घोषित करने, फ्रांस के दूतावास और फ्रांसीसी राजदूत को हटाने और संसद में फ्रांस की निंदा का प्रस्ताव पारित करने की मांग की है।
बाबूनगरी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को चेतावनी देते हुए कहा, "मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आपकी गर्दन पर बैठे नास्तिक आपको नुकसान पहुंचाएंगे। वे आपको मार देंगे। हम आपके दुश्मन नहीं हैं। हम देश में 'शांति और व्यवस्था' चाहते हैं।"
3 दिन के इस कार्यक्रम के आखिरी दिन हिफाजत के संयुक्त महासचिव मामुनुल हक को इसमें शामिल होना था लेकिन सत्ताधारी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा ढाका में स्वतंत्रता नायक शेख मुजीबुर रहमान बंगबंधु की प्रतिमा के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणी पर चल रहे विरोध के कारण वे नहीं आ सके।
बाबूनगरी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा है कि बांग्लादेश को मदीना के चार्टर के अनुरूप चलाया जाएगा। अगर यह सच है तो इस देश में इस्लाम के खिलाफ कुछ भी नहीं किया जा सकता। मदीना के चार्टर के अनुसार देश में कोई प्रतिमा नहीं हो सकती है।"
बता दें कि 13 नवंबर को मुजीब वर्ष के मौके पर बंगबंधू की मूर्ति की स्थापना का विरोध ढाका में 'तौहीदी जनता ओइक्या परिषद' के बैनर तले कट्टरपंथियों की एक रैली आयोजित की गई थी। इसका कई नेताओं ने विरोध किया था।
बाद में 15 नवंबर को चटगांव में एक समारोह में उप शिक्षा मंत्री और चटगांव -9 के सांसद महिबुल हसन चौधरी नवाफेल ने कहा, "अगर बंगबंधु की मूर्ति स्थापित करने का विरोध करने वालों ने माफी नहीं मांगी तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने 'कट्टरपंथी समूह' को बहुत दूर तक न जाने की चेतावनी भी दी।
--आईएएनएस
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइकल फ्लिन को माफी देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. फ्लिन पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप के अभियान दल और रूस के बीच संभावित मिलीभगत को लेकर एफबीआई के समक्ष गलत बयान देने का आरोप लगाया गया था.
ट्रंप ने बुधवार को कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि जनरल माइकल टी. फ्लिन को पूरी तरह माफ कर दिया गया है. जनरल फ्लिन और उनके परिवार को बधाई. मुझे पता है यकीनन अब आप अच्छे से ‘थैंकसगिविंग’ मना पाएंगे.’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने कहा, ‘ राष्ट्रपति ने जनरल फ्लिन को माफी दे दी है क्योंकि उन पर कभी मुकदमा चलाया ही नहीं जाना चाहिए था. न्याय विभाग द्वारा जनरल फ्लिन के मामले की एक स्वतंत्र समीक्षा की गई और वह इस निष्कर्ष का समर्थन करता है.’
उन्होंने कहा कि वास्तव में, न्याय विभाग दृढ़ता से इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि फ्लिन के खिलाफ आरोप हटाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘यह पूर्ण क्षमा, अंतत: एक निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ पक्षपातपूर्ण मुकदमे को खत्म करती है.’
एक स्विस कंपनी पहली बार अंतरिक्ष में सफाई अभियान चलाएगी. यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा है कि वो स्विस स्टार्टअप के प्रतिनिधियों के साथ इस काम के लिए 8.6 करोड़ यूरो की डील पर दस्तखत कर रही है.
डॉयचे वैले पर डार्को यानयेविच का लिखा -
क्लियरस्पेस नाम की इस कंपनी को उम्मीद है कि वह 2025 में एक खास सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगी जो पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे कचरे के टुकड़ों को जमा करेगा. फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में बेकार हो चुके सेटेलाइट और दूसरी तरह के कचरे के हजारों टुकड़े पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं. इनके फिलहाल वहां काम कर रहे सेटेलाइटों और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से टकराने का खतरा भी है.
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) के महानिदेशक यान वोएर्नर ने बीते दिसंबर में इस मिशन का एलान करते हुए कहा था, "कल्पना कीजिए, समंदर में चलना कितना खतरनाक होगा अगर इतिहास में गुम हुए सारे जहाज पानी में अब भी मंडरा रहे हों."
क्लियरस्पेस के संस्थापक और सीईओ ने भी चेतावनी दी है कि खतरा और बढ़ेगा क्योंकि आने वाले सालों में "सैकड़ों यहां तक कि हजारों सेटेलाइट" भेजने की योजना है. उनके मुताबिक यह जरूरी है कि नाकाम हुए सेटेलाइटों को बेहद भीड़ वाले इलाके से हटा कर बाहर निकाला जाए.
कैसे होगी सफाई?
अंतरिक्ष की सफाई का पहला मिशन क्लियरस्पेस-1 अंतरिक्ष में 112 किलो के एक बेकार हो चुके रॉकेट के टुकड़े से निश्चित जगह पर मिलेगा. रॉकेट के इस टुकड़े को वेस्पा कहा जा रहा है. 2013 में एक सेटेलाइट को अंतरिक्ष तक पहुंचाने में इसने मदद की थी. ईएसए का कहना है कि इसकी मजबूत संरचना के कारण शुरुआत के लिए यह अच्छा साबित होगा. इसके बाद की मिशनों में ज्यादा मुश्किल चीजों और फिर कचरे के ढेर को साफ किया जाएगा.
वेस्पा तक पहुंचने के बाद क्लियर स्पेस-1 इसे पृथ्वी की कक्षा से खींच कर बाहर ले जाएगा ताकि वातावरण में पहुंचने के बाद यह खुद ही जल कर खत्म हो जाए.
यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि अंतरिक्ष से कचरा खुद साफ करने के लिए तरीका विकसित करने की बजाए क्लियरस्पेस को भुगतान करने से ईएसए काम का नया तरीका निकालेगा. एजेंसी अपनी विशेषज्ञता और पहले मिशन के लिए भुगतान करेगी. स्विस कंपनी बाकी का खर्च कारोबारी निवेशकों से हासिल करेगी. dw.com
ईरान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसके एक शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या कर दी गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक़ उन पर राजधानी तेहरान से सटे शहर अबसार्ड में हमला किया गया.
हमले के बाद फ़ख़रीज़ादेह स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या की निंदा करते हुए इसे 'राज्य प्रायोजित आतंक की घटना क़रार दिया है.'
पश्चिमी देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि ईरान के ख़ुफ़िया परमाणु हथियार कार्यक्रम के पीछे मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह का ही हाथ था.
विदेशी राजनयिक उन्हें 'ईरानी परमाणु बम के पिता' कहते थे. ईरान कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मक़सद के लिए है.
साल 2010 और 2012 के बीच ईरान के चार परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की गई थी और ईरान ने इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था.
कैसे हुई हत्या?
ईरान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "हथियारबंद आतंकवादियों ने रक्षा मंत्रालय के शोध और नवोत्पाद विभाग के प्रमुख मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह को ले जा रही कार को निशाना बनाया.''
मंत्रालय के मुताबिक़ आतंकवादियों और फ़ख़रीज़ादेह के अंगरक्षकों के बीच हुई झड़प में वो बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन दुर्भाग्य से उनको बचाने की मेडिकल टीम की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं."
ईरान की समाचार एजेंसी फ़ारस के अनुसार चश्मदीदों ने पहले धमाके और फिर मशीनगन से फ़ायरिंग की आवाज़ सुनी थी.
एजेंसी के अनुसार चश्मदीदों ने तीन-चार चरमपंथियों के भी मारे जाने की बात कही है.
इसराइल का हाथ?
ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर कहा, "आतंकवादियों ने आज ईरान के एक प्रमुख वैज्ञानिक की हत्या कर दी है. ये बुज़दिल कार्रवाई, जिसमें इसराइल के हाथ होने के गंभीर संकेत हैं, हत्यारों की जंग करने के इरादे को दर्शाता है."
ज़रीफ़ ने कहा, ''ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदायों, ख़ासकर यूरोपीय संघ से गुज़ारिश करता है कि वो अपने शर्मनाक दोहरे रवैये को ख़त्म करके इस आतंकी कदम की निंदा करें.''
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "ईरान एक बार फिर आतंकवाद का शिकार हुआ है. आतंकवादियों ने ईरान के एक महान विद्वान की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी है. हमारे नायकों ने दुनिया और हमारे इलाके में स्थिरता और सुरक्षा के लिए हमेशा आतंकवाद का सामना किया है. ग़लत काम करने वालों की सज़ा अल्लाह का क़ानून है."
ईरानी सेना के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा है कि ईरान अपने वैज्ञानिक की हत्या का बदला ज़रूर लेगा.
इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा, "परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या करके हमें आधुनिक विज्ञान तक पहुँचने से रोकने की स्पष्ट कोशिश की जा रही है."
मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह कौन थे?
मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह ईरान के सबसे प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक थे और आईआरजीसी के वरिष्ठ अधिकारी थे. पश्चिमी देशों के सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार वो ईरान में बहुत ही ताक़तवर थे और ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में उनकी प्रमुख भूमिका थी.
इसराइल ने साल 2018 में कुछ ख़ुफ़िया दस्तावेज़ हासिल करने का दावा किया था जिनके अनुसार मोहसिन ने ही ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम की शुरुआत की थी.
उस समय नेतन्याहू ने प्रेसवार्ता में मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख वैज्ञानिक क़रार देते हए कहा था, "उस नाम को याद रखें."
साल 2015 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की तुलना जे रॉबर्ट ओपनहाइमर से की थी. ओपनहाइमर वो वैज्ञानिक थे जिन्होंने मैनहट्टन परियोजना की अगुवाई की थी जिसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम बनाया था.
इसराइल ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
एफ़पीटीवी का एक वीडियो ग्रैब, जिसमें नेतन्याहू फ़ख़रीज़ादेह की तस्वीर दिखाते नज़र आ रहे हैं.
फ़ख़रीज़ादेह को निशाना क्यों बनाया गया?
बीबीसी कूटनीतिक संवाददाता पॉल ऐडम्स का विश्लेषण
ईरानी रक्षा मंत्रालय में रिसर्च ऐंड इनोवेंशन विभाग के प्रमुख के तौर पर मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह निश्चित तौर पर एक अहम शख़्सियत थे. यही वजह है कि इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने दो साल पहले चेतावनी भरे लहजे में कहा था 'उनका नाम याद रखिए'.
ईरान ने जबसे 2015 के परमाणु समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन शुरू किया, वो तेज़ी से आगे बढ़ा है. ईरान ने कम संवर्धन वाले यूरेनियम का भंडार इकट्ठा किया है और समझौते में तय हुए स्तर से ज़्यादा यूरेनियम का संवर्धन किया है.
ईरानी अधिकारी शुरू से ये कहते आए हैं कि संवर्धित यूरेनियम को नष्ट किया जा सकता है लेकिन शोध और विकास की दिशा में हुए कामों को मिटाना बेहद मुश्किल है.
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) में ईरान के पूर्व राजदूत अली असग़र सुत्लानिया ने हाल ही में कहा था, "हम वापस पीछे नहीं लौट सकते."
अगर फ़ख़रीज़ादेह वाक़ई ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए वाक़ई उतने महत्वपूर्ण थे जितना कि इसराइल अपने आरोपों में बताया आया है, तो उनकी हत्या शायद ये बताती है कि कोई ईरान के आगे बढ़ने की गति पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है.
अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वो ईरान परमाणु समझौते में वापसी करेंगे. फ़ख़रीज़ादेह की हत्या ऐसी किसी संभावना को मुश्किल बनाने की एक कोशिश भी हो सकती है. (bbc)
चीन , 27 नवम्बर | कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती दिनों में चीन के शहर वुहान के हालात अपने लेखन से ज़ाहिर करने के चलते उन्हें देशद्रोही बना दिया गया, उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलीं और उनकी किताबें छपनी बंद हो गईं.
लेकिन, फिर भी चीनी लेखिका फांग फांग कहती हैं कि वो चुप नहीं रहेंगी.
फांग फांग ने बीबीसी से कहा, ''जब आप तबाही का सामना कर रहे हों तो अपने विचार और सलाह ज़ाहिर करना ज़रूरी होता है.''
जनवरी के आख़िर में वुहान दुनिया का पहला ऐसा जगह बन गया था जहां पूरी तरह लॉकडाउन था. उस समय इस शहर के एक करोड़ दस लाख लोगों को फांग फांग की ऑनलाइन डायरी से ढांढस मिल रहा था.
उन्हें फांग फांग की लेखनी से सबसे पहले वायरस का कहर झेलने वाले शहर की झलक मिल रही थी.
65 साल की फांग फांग का असली नाम वांग फांग है.
वह अपने वीबो अकाउंट (चीन में ट्विटर के समकक्ष) पर लॉकडाउन के दौरान अकेले बिताए हर दिन को शब्दों में उकेरती थीं. वह अपने कुत्ते के साथ अकेले रहती थीं और उस मुश्किल दौर को डायरी के ज़रिए लोगों तक पहुँचा रही थीं.
साथ ही उन्होंने अपने लेखन से प्रशासन की कमियों को भी उभारा.
शुरुआत में अपनी पहल के लिए उन्हें काफ़ी सराहना मिली लेकिन बाद में कई लोगों को उनकी बातें देशद्रोह लगने लगीं और लोग उनकी आलोचना करने लगे.
बीबीसी 100 वीमन सीज़न के तहत फांग फांग ने बीबीसी को बताया कि क्यों इतने विरोध के बावजूद भी उन्हें अपनी आवाज़ उठाने का कोई अफ़सोस नहीं है.
पहले सराहना फिर आलोचना
फांग फांग कहती हैं कि उन्होंने डायरी इसलिए लिखी ताकि वो अपने दिमाग़ को सक्रिय रख सकें और लॉकडाउन में आसपास जो हो रहा है उसे दर्शा सकें.
उन्होंने अपनी डायरी के ज़रिए बताया कि पूरी दुनिया से कटकर अकेले रहना कैसा होता है. लोगों को मरते देखने का सामूहिक दर्द और तकलीफ़ कैसी होती है और जब स्थानीय अधिकारी संकट की स्थिति को ठीक से ना संभाले तो कितना ग़ुस्सा आता है.
शुरुआत में उनकी डायरी की काफ़ी तारीफ़ की गई. सरकारी मीडिया 'चाइना न्यूज़ सर्विस' ने उनकी पोस्ट को ''ज्वलंत कहानी, वास्तविक भावनाओं और एक स्पष्ट शैली के साथ'' प्रेरणादायक बताया.
लेकिन, स्थितियां पूरी तरह तब बदल गईं जब फांग फांग की डायरी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया.
लोग उनके लेखन का विरोध करने लगे. ये विरोध तब चरम पर पहुँच गया जब पता चला कि उनकी डायरी का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया जाएगा और अमेरिकी प्रकाशक हार्परकोलिन्स ने इसमें रुचि दिखाई है.
किताबें छापने पर लगी पाबंदी
फांग फांग कहती हैं, ''मैंने महामारी के दौरान जो 60 डायरियां लिखीं उसके कारण प्रशासन मुझे दुश्मन की तरह देखने लगा.''
उन्होंने बताया कि चीनी मीडिया को उनका कोई लेख प्रकाशित ना करने के आदेश दिए गए. चीन में प्रकाशकों ने उनकी नई और पुरानी किताबों को छापना बंद कर दिया.
फांग फांग ने बीबीसी से कहा, ''एक लेखक के साथ ये बहुत ही क्रूर व्यवहार है. हो सकता है कि ये इसलिए किया गया क्योंकि मैंने सरकार की तारीफ़ करने की बजाय आम लोगों के लिए सहानुभूति ज़ाहिर की. मैंने सरकार की चापलूसी या प्रशंसा नहीं की इसलिए मैं दोषी हूं.''
धमकियों की बौछार
फांग फांग कहती हैं कि उनका विरोध सरकारी स्तर तक सीमित नहीं रहा बल्कि उन पर गालियों और धमकियों की बौछार होने लगी.
वह कहती हैं कि उन्हें अपशब्दों से भरे हज़ारों मैसेज आए जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकियां भी थीं. उन्हें सोशल मीडिया पर देशद्रोही क़रार दे दिया गया, पश्चिमी देशों के साथ मिलकर चीन के ख़िलाफ़ साज़िश रचने का आरोप लगाया गया और कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि उन्होंने अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए से पैसे लेकर डायरी लिखी है.
फांग फांग ने बताया कि इन भयानक हमलों को देखकर वो हैरान हो गईं और उलझन में पड़ गईं.
वह कहती हैं, ''अपने लिए उनकी नफ़रत को समझना मेरे लिए बहुत मुश्किल था. जबकि मेरी लिखी बातें बहुत निष्पक्ष और हल्की-फुल्की थीं.''
वह कहती हैं कि इन हमलों ने उन्हें 1966-1976 की सांस्कृतिक क्रांति की याद दिला दी. जब हिंसक भीड़ ने बुद्धिजीवियों और दुश्मनों का सफ़ाया कर दिया था जिनमें पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोग भी शामिल थे.
उन्होंने बताया, ''सांस्कृतिक क्रांति के दौरान ख़ासतौर पर ये शब्द इस्तेमाल किए जाते थे, जैसे 'वर्ग संघर्ष' और 'सर्वहारा वर्ग की तानाशाही' फिर से आ गई है. इसका मतलब है कि चीन में हुए सुधार विफलता के रास्ते पर हैं.''
लॉकडाउन की ज़रूरत
दुनिया के हर कोने तक कोरोना वायरस के पहुँचने के बाद फांग फांग कहती हैं कि वुहान में 76 दिनों तक लॉकडाउन लगाने का चीन का फ़ैसला सही था. उनकी डायरी में भी यही विचार व्यक्त किया गया था.
वह कहती हैं, ''वुहान में बिना वायरस के आज़ादी से घूमने के एवज़ में हमने लॉकडाउन के तौर पर एक भारी क़ीमत चुकाई थी.''
वुहान में अप्रैल के बाद से कोरोना वायरस का कोई स्थानीय मामला सामने नहीं आया है.
फांग फांग ने कहा, ''अगर कड़े क़दम ना उठाए गए होते तो वुहान के हालात क़ाबू से बाहर हो जाते. इसलिए मैं बीमारी को नियंत्रित करने के लिए अपनाए गए लगभग सभी तरीक़ों का समर्थन करती हूं.''
वह कहती हैं कि दूसरे देश भी चीन के नज़रिए से सीख ले सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''महामारी के दौरान सभी तरह के समारोहों और सभाओं पर रोक लगा दी गई थी. सभी के लिए मास्क पहनना ज़रूरी था और हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में प्रवेश करने के लिए एक हेल्थ क्यूआर कोड की ज़रूरत होती थी. मुझे लगता है कि इन सभी उपायों से चीन को वायरस को नियंत्रित करने में मदद मिली.''
क्या मिली सीख
लेकिन, वह कहती हैं कि भले ही वायरस पर क़ाबू पाने में चीन को अंत में सफलता मिली हो लेकिन इससे शुरुआत में महामारी से निपटने के प्रशासन के तरीक़ों की जाँच करने की ज़रूरत ख़त्म नहीं हो जाती.
फांग फांग ने कहा, ''इस बात की गहन जाँच की ही नहीं गई कि महामारी पर क़ाबू पाने में इतना लंबा समय क्यों लग गया.''
वह सवाल करती हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने पहले ये क्यों कहा था कि वायरस को 'रोका और नियंत्रित' किया जा सकता है.
लेकिन, फांग फांग का ये भी कहना है कि चीन ही नहीं पूरी दुनिया को महामारी से सीखने की ज़रूरत है.
फांग फांग की डायरी का अंग्रेज़ी में अनुवाद करने वाले प्रोफ़ेसर माइकल बेरी का मानना है कि ''उनकी दृढ़ता की वजह ये है कि उन्हें पता है कि वो सही हैं.''
वह कहते हैं, ''वह विरोधी नहीं हैं. वह सरकार को उखाड़ फेंकने की बात नहीं करतीं. वह मात्र एक व्यक्ति हैं जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान जो देखा, महसूस और अनुभव किया उसे बस दर्ज कर दिया.''
प्रोफ़ेसर माइकल बेरी फांग फांग को लेकर कहते हैं कि अपनी बात कहते हुए वो कुछ बड़े सवाल भी उठाती हैं. ये सवाल सिर्फ़ ''महामारी से निपटने को लेकर नहीं हैं बल्कि ये भी हैं कि चीन के लोग अपने लिए किस तरह के समाज का निर्माण करना चाहते हैं.''
फांग फांग के जीवन में एक दुख भरी घड़ी वो भी आई जब लॉकडाउन में उनके साथी रहे उनके 16 साल के कुत्ते की अप्रैल में मौत हो गई.
इन सभी घटनाओं से फांग फांग बिखरी नहीं बल्कि फिर उठ खड़ी हुईं.
वह इस उम्मीद के साथ अब भी लिख रही हैं कि उनके विचार उनके अपने देश में फिर से छपेंगे और वो कहती हैं कि उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है.
फांग फांग ने कहा, ''ये तय है कि मैं कोई समझौता नहीं करूंगी और मुझे चुप रहने की भी कोई ज़रूरत नहीं है.''(https://www.bbc.com/hindi)
बीजिंग, 27 नवंबर | विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने 23 नवंबर को न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस संभवत: बहुत पहले ही दुनिया के विभिन्न स्थलों में फैल चुका था और बहुत से लोग शायद विभिन्न समय पर संक्रमित भी हो चुके थे। डॉ. रयान ने कहा कि और अधिक सूचना से जाहिर है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में मौजूद है। शोधकतार्ओं ने हाल में चमगादड़ के शरीर में यह वायरस पाया है। अन्य जगहों पर वायरस के संभावित स्रोत भी पाये गये हैं। अब तय नहीं कर सकते हैं कि मनुष्य या फिर जानवर, किसने कोरोनावायरस का प्रसार किया है, बस वायरस वुहान के समुद्री भोजन बाजार में पाया गया है।
महामारी फैलने की शुरूआत में वुहान और हूपेई प्रांत की आलोचना काफी तीव्र थी। यहां तक कि कुछ देशों ने कोरोना वायरस को वुहान वायरस भी करार दिया और बारंबार चीन पर हमला बोला। लेकिन चाहे वह इटली, स्पेन या फ्रांस हो, वायरस सितंबर 2019 से पहले के रक्त, अपशिष्ट जल या रोग के मामलों में पाया गया है। इन निर्णायक सबूतों को देखने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतत: पुष्टि की कि कोरोनावायरस वुहान से नहीं आया है।
अब डब्ल्यूएचओ का फैसला आ चुका है। वुहान ने बस सबसे पहले वायरस का पता लगाया और सबसे पहले रिपोर्ट की। इससे न सिर्फ साबित हुआ है कि वुहान निर्दोष है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि कुछ देशों ने बुरी मंशा के साथ चीन पर कालिख पोती और महामारी का राजनीतिकरण किया।
वास्तव में हुपेई प्रांत और वुहान शहर के लोगों ने सरकार के निर्देशन में और सभी चीनी लोगों की सहायता में महामारी की रोकथाम के लिए भरसक प्रयास किया और भारी कीमत चुकायी। यह मानव जाति के लिए चीनी लोगों का महान योगदान है, नहीं तो अब पूरी दुनिया में महामारी की स्थिति और खराब होगी।
बहुत सारे अध्ययनों से साबित हुआ है कि कोरोना वायरस प्रयोगशाला में नहीं बनाया गया है और कृत्रिम वायरस कतई नहीं है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के अध्ययन से जाहिर है कि कोरोना वायरस प्रकृति में पैदा हुआ है। अमेरिका के तूलेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रॉबर्ट गैरी ने विज्ञान जर्नल प्राकृतिक चिकित्सा पर थीसिस जारी कर कहा कि वुहान में कोविड-19 मामले हैं, लेकिन यह पक्का है कि वहां महामारी का स्रोत नहीं है।
-- आईएएनएस
वाशिंगटन, 27 नवंबर | कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसार वर्तमान में घातक कोरोनावायरस से प्रभावित लगभग 90,000 अमेरिकी देश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने अपने नवीनतम अपडेट में बताया कि देश में कोरोनावायरस मामलों की संख्या बढ़कर 12,879,861 हो गई है, जबकि इस वायरस से मरने वालों की संख्या 263,413 हो गई है।
बुधवार को अमेरिका में कोरोनावायरस से मरने 2,284 लोगों की मौत हो गई थी, जोकि 7 मई के बाद सबसे अधिक है।
--आईएएनएस
वाशिंगटन, 27 नवंबर | वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 6.1 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि संक्रमण से होने वाली मौतें 1,432,817 हो गई हैं। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को दी। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने खुलासा किया कि शुक्रवार की सुबह तक वर्तमान वैश्विक मामले और मृत्यु दर क्रमश: 61,026,993 और 1,432,817 हो गए थे।
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका है। यहां संक्रमण के 12,883,846 मामले और 263,455 मौतें दर्ज की गई हैं।
कोविड-19 के मामलों के हिसाब से भारत 9,309,787 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में मृत्यु का आंकड़ा बढ़कर 135,715 हो गया है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, दस लाख से अधिक मामलों वाले अन्य देश ब्राजील (6,204,220), फ्रांस (2,235,537), रूस (2,196,691), स्पेन (1,617,355), ब्रिटेन (1,578,429), इटली (1,509,875), अर्जेंटीना (1,399,431), कोलम्बिया (1,280,487), मेक्सिको (1,078,594) और जर्मनी (1,017,830) है।
कोविड-19 से हुई मौतों के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील का स्थान है, जहां 171,460 मौतें दर्ज की गई हैं।
वहीं 20,000 से अधिक मृत्यु दर्ज करने वाले देश मेक्सिको (104,242), ब्रिटेन (57,128), इटली (52,850), फ्रांस (51,041), ईरान (46,689), स्पेन (44,374), अर्जेंटीना (37,941), रूस (38,175), कोलंबिया (36,019), पेरू (35,685) और दक्षिण अफ्रीका (21,289) हैं। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 27 नवंबर | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आंतकियों ने एक वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। घटना गुरुवार को उत्तरी वजीरिस्तान जिले में हुई।
प्रांत के खुफिया सूत्रों ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि सरकारी स्वामित्व वाली नेशनल इंजीनियरिंग सर्विस पाकिस्तान के कर्मचारी कुछ काम से संबंधित असाइनमेंट के लिए जा रहे थे तभी उनके वाहन पर अज्ञात आतंकवादियों ने हमला कर दिया।
शवों को पास के अस्पताल में भेजा गया, जहां से उन्हें वापस उनके गृहनगर भेज दिया जाएगा।
फिलहाल किसी भी समूह या व्यक्ति ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। (आईएएनएस)
काठमांडू, 27 नवंबर| नेपाल और भारत सीमा मुद्दों को सुलझाने पर सहमत हो गए हैं, लेकिन दोनों देशों ने ये नहीं बताया कि सीमा का कौन सा हिस्सा। शुक्रवार सुबह काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला की काठमांडू यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों के उच्च अधिकारियों ने सीमा मुद्दों पर चर्चा की और विवाद सुलझाने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया।
नेपाल और भारत के बीच सुस्ता और कालापानी में कुछ पुराने सीमा विवाद हैं और सीमा कार्यसमूह नामक एक तंत्र इसे 2014 से सुलझाने की कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली द्वारा नवंबर 2019 में अपने क्षेत्र के तहत विवादित क्षेत्रों को शामिल करने के बाद एक नया नक्शा पब्लिश किया जिसके बाद दोनों पड़ोसियों के बीच एक ताजा सीमा विवाद सामने आया।
भारतीय फैसले का विरोध करते हुए, नेपाल ने इस साल मई में अपने क्षेत्र के तहत उसी विवादित भूमि को शामिल करते हुए एक नया राजनीतिक मानचित्र पेश किया। इससे द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ गई।
अपनी बैठक में दोनों विदेश सचिवों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा और समीक्षा की, भारतीय दूतावास के बयान में कहा गया है कि राजनयिकों ने चल रहे कोरोना महामारी के बावजूद सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
नेपाली पक्ष ने सीमा पार सुचारू रूप से व्यापार और वाणिज्य को सुनिश्चित करने और विकास परियोजनाओं के सक्रिय कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में भारत सरकार की सहायता की सराहना की।
बयान में कहा गया है कि दोनों विदेश सचिव उच्च स्तरीय द्विपक्षीय सहयोग में नए सिरे से गति बनाए रखने और दोनों देशों के बीच पारंपरिक रूप से करीबी, मैत्रीपूर्ण और बहुपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के लिए सहमत हुए हैं।
काठमांडू यात्रा केदौरान, श्रंगला ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की और भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से बधाई दी।
उन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों और इसे और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
नेपाल के प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के साथ मुलाकात के दौरान, श्रंगला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनका अभिवादन किया।
उन्होंने ओली को विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली और विदेश सचिव भारत राज पौडयाल के साथ अपनी मुलाकातों से अवगत कराया।
दूतावास की ओर से कहा गया, "विदेश सचिव श्रंगला ने दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बनाए रखने के लिए आम सहमति को रेखांकित किया, लोगों से लोगों को जोड़ने, ठोस और रणनीतिक द्विपक्षीय पहल और पारस्परिक हित के मुद्दों पर ठोस प्रगति पर जोर दिया।"
विदेश सचिव ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर से ग्यावली को अगले संयुक्त आयोग की बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया।
बैठक के बाद एक अलग समारोह में, श्रंगला ने कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए ग्यावाली को रेमेडिसविर इंजेक्शन की 2,000 शीशी सौंपी।
उन्होंने कोविड से संबंधित सहायता प्रदान करने में नेपाल को भारत के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
भारतीय विदेश सचिव ने विपक्षी दल के नेता और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा से भी मुलाकात की और नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
श्रंगला नेपाल में दो भारत-वित्त पोषित परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करके शुक्रवार दोपहर नई दिल्ली लौट आएंगे।(आईएएनएस)
तेहरान, 27 नवंबर| ईरान के वेटलिफ्टर नवाब नासिरसेलाल को आठ साल के बाद ओलंपिक स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। नासिर को 2012 के लंदन ओलंपिक के लिए स्वर्ण मिला। उस साल वह दूसरे स्थान पर रहे थे लेकिन यूक्रेन के ओलेकसी टोरोखटी को आईओसी द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब उन्हें सोने का तमगा मिल गया है।
यह सब यूं हुआ कि लंदन 2012 में लिए गए ओलेकसी के सैंपल में प्रतिबंधित दवा का अंश मिला। डोप की सम्भावना को देखते हुए 105 किग्रा के इवेंट का पहले से चौथे स्थान तक का परिणाम होल्ड पर रखा गाय था।
अब जबकि आईओसी ने साफ कर दिया है कि ओलेकसी के सैंपल में प्रतिबंधित दवा का अंश मिला है, तो स्वर्ण पदक नवाब को दिया जाएगा।
रजत पोलैंड के बार्थोमेज बोंक को मिला जबकि कांस्य उजबेकिस्तान के इवान एफरेमोव को दिया गया। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 27 नवंबर | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज जो बाइडन के अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने की आधिकारिक पुष्टि कर देता है तो वो व्हाइट हाउस छोड़ देंगे.
राष्ट्रपति ट्रंप ने तीन नवंबर के मतदान में मिली हार के स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि ये स्वीकार करना "कठिन" होगा. उन्होंने एक बार फिर मतदान में धांधली के निराधार दावों को दोहराया.अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए अपनाई जाने वाली पद्धति के तहत बाइडन को अब तक 306 वोट जबकि ट्रंप को उनसे कम 232 मिले हैं. जीत के लिए 270 मतों की ज़रूरत होती है. कुल मतों के हिसाब से भी बाइडन 60 लाख मतों से आगे हैं.
इलेक्टोरल कॉलेज मतों पर आख़िरी फ़ैसला करने के लिए अगले महीने बैठक करेगा. 14 दिसंबर को अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज बाइडन की जीत की पुष्टि कर देगा.
उनकी पुष्टि के बाद जो बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
राष्ट्रपति ट्रंप और उनके समर्थकों ने चुनाव को लेकर कई मुक़दमे भी दर्ज कराए हैं, लेकिन इनमें से ज़्यादातर को ख़ारिज कर दिया गया.
इस हफ़्ते की शुरुआत में, ट्रंप ने अनिश्चितता के कई हफ्तों के बाद अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम को औपचारिक रूप से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की.इस फ़ैसले का मतलब है कि 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने जा रहे बाइडन अब शीर्ष स्तर पर सुरक्षा अधिकारियों से जानकारी ले सकेंगे और प्रमुख सरकारी अधिकारियों और लाखों डॉलर के फंड के मामले में भी उनकी पहुंच होगी. ट्रंप ने क्या कहा?
गुरुवार को जब ट्रंप से पूछा गया कि अगर 14 दिसंबर के इलेक्टोरल कॉलेज के वोट में वो हारते हैं तो व्हाइट हाउस छोड़ने पर राज़ी होंगे? इसपर ट्रंप ने जवाब दिया, "निश्चित रूप से मैं करूंगा, निश्चित रूप से मैं करूंगा और आप ये जानते हैं."
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि "अगर वो करते हैं (जो बाइडन का चुनाव), तो वो ग़लती करेंगे."
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, "ये चीज़ स्वीकार करना बहुत मुश्किल होगा."उन्होंने बिना कोई सबूत दिए फिर से चुनाव के दौरान "बड़ी धांधली" होने के दावों को दोहराया.अमरीका के इलेक्टोरल सिस्टम के तहत मतदाता अगले राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करते हैं. इसके बजाए वो 538 उम्मीदवारों के लिए मतदान करते हैं. इन उम्मीदवारों की संख्या अमरीकी राज्यों की आबादी के आधार पर अलग-अलग होती है. ये इलेक्टोरल तक़रीबन हमेशा उस उम्मीदवार को वोट देते हैं जिसने उनके राज्यों के ज़्यादातर वोट जीते होते हैं. हालांकि संभव है कि कुछ मतदाताओं के चुनाव की अनदेखी करे. लेकिन इस तरह से आज तक नतीजे में उलटफेर नहीं हुआ है. (bbc)
पूरी दुनिया में कहर बरपा रही कोरोना वायरस महामारी की सबसे बड़ी मार दुनिया की दिग्गज एंटरटेनमेंट कंपनी वॉल्ट डिज्नी के कर्मचारियों पर पड़ी है। वॉल्ट डिजनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 2021 की पहली छमाही में 32 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला लिया है। वॉल्ट डिजनी ने अपनी मजबूरी दिखाते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के चलते ग्राहकों की भारी कमी हुई है। ऐसे में कर्मचारियों की छंटनी करना जरूरी हो गया है।
दुनिया की दिग्गज कंपनी वॉल्ट डिजनी ने सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज को भेजी गई जानकारी में साफ कहा है कि उसने 2021 की पहली छमाही में यह छंटनी करने का फैसला लिया है। इससे पहले कंपनी ने 28 हजार लोगों की ही छंटनी करने की बात कही थी। हालांकि कंपनी ने आधिकारिक रूप से नहीं बताया है कि ताजा छंटनी का शिकार होने वाले 32 हजार कर्मचारियों में पूर्व में हटाए गए 28 हजार कर्मचारी भी शामिल है या नहीं। हालांकि कंपनी के सूत्रों ने पुष्टि की है कि पूर्व में हटाए गए लोग भी इस आंकड़े में शामिल हैं।
इसी महीने कंपनी ने कहा था कि वह दक्षिणी कैलिफॉर्निया स्थित अपने थीम पार्क से कुछ और वर्कर्स को हटाने की तैयारी में है। कंपनी का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए लागू पाबंदियों के चलते उसके अधिकतर थीम पार्क बंद हैं, जिसके चलते कंपनी का बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते महीने पेरिस में भी डिज्नीलैंड पेरिस को बंद करना पड़ा, क्योंकि फ्रांस की सरकार ने कोरोना संकट से निपटने के लिए फिर से लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। हालांकि फ्लोरिडा और अमेरिका से बाहर अन्य थीम पार्कों को खोल दिया गया है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, टेस्टिंग और मास्क पहनने के नियमों का सख्ती से पालन होने के कारण कारोबार पर प्रभाव पड़ा है।
बता दें कि कोरोना संकट के चलते दुनिया भर में अब तक करोड़ों लोगों को अपनी नौकरियां या रोजगार गंवाना पड़ा है। इस अभूतपूर्व संकट की मार भारत पर भी पड़ी है। अकेले भारत में मार्च से सितंबर के बीच करीब 4 करोड़ लोगों को असंगठित क्षेत्र में नौकरियां खोनी पड़ी हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर पैदा होने के डर के कारण एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल छा गया है। (navjivan)
काठमांडू, 26 नवंबर | भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को अपनी दो दिवसीय नेपाल यात्रा की शुरुआत करने के तुरंत बाद काठमांडू में उच्चस्तरीय बैठकें शुरू की हैं। ऐसे समय में, जब नेपाल-भारत के संबंधों में सीमा विवाद की वजह से खटास पैदा हो गई, श्रृंगला की दो-दिवसीय नेपाल यात्रा से दोनों देशों के बीच के संबंधों के साथ-साथ भविष्य में होने वाली उच्च-स्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त होगा।
नेपाल और भारत के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता काठमांडू में संपन्न हुई, जहां दोनों पक्षों ने आपसी हितों के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
नेपाल के विदेश सचिव भरत राज ने नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि श्रृंगला ने द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया। दोनों पक्षों ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।
हिमालयी राष्ट्र के साथ सीमा संबंध बहाल करने के उद्देश्य से गुरुवार को काठमांडू पहुंचे श्रृंगला ने कहा कि उनके समकक्ष के साथ उनकी बैठक बहुत सकारात्मक रही।
श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा, "हमने बहुत सकारात्मक चर्चा के साथ शुरुआत की। हमने चर्चा की कि हमारे बीच की समस्याओं को कैसे हल किया जाए।"
भारतीय दूतावास के एक ट्वीट में कहा गया, "श्रृंगला ने पौड्याल के साथ एक प्रोडक्टिव बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लिया और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की।"
दूतावास ने कहा कि दोनों पक्षों ने नेपाल में भारत द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं पर चर्चा की और उनकी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
भारतीय दूतावास ने कहा, "दोनों पक्षों ने कई द्विपक्षीय पहलों और परियोजनाओं पर हुई प्रगति की सराहना की। आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए और कदम उठाने पर सहमति हुई।"
इसके बाद श्रृंगला नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली से भी मुलाकात करेंगे। शुक्रवार को वह नेपाल-भारत संबंधों पर व्याख्यान देंगे और अपनी यात्रा से पहले नेपाल में दो भारत-वित्त पोषित परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
नेपाल में 50,000 घरों के निर्माण के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के साथ काठमांडू में उतरने के बाद उन्होंने कहा, "मैं यह देखने के लिए गोरखा जिले जा रहा हूं कि पुनर्निर्माण कार्य कैसे हो रहा है।"
श्रृंगला ने कहा, "मैं लोगों से मिलने जा रहा हूं और तीन स्कूल भवनों का उद्घाटन करने जा रहा हूं।"
--आईएएनएस