अंतरराष्ट्रीय
उत्तराखंड के कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में आप अगली बार घूमने जाएं तो शायद आपको महिला नेचर गाइड के रूप में मिले, यही नहीं वह आपको जिप्सी पर सैर कराने वाली ड्राइवर का भी काम करते नजर आएंगी.
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक नई पहल की जा रही है, जिसके तहत भारत में पहली बार किसी टाइगर रिजर्व में 50 महिलाएं नेचर गाइड के रूप में और 50 महिलाएं जिप्सी चालक के रूप में पर्यटकों को सफारी करवाएंगी. नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी में कौशल विकास के माध्यम से पांच हजार युवकों और पांच हजार युवतियों को गाइड के रूप में तैयार किया जाएगा. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इनमें महिला जिप्सी चालक का पंजीकरण किया जाएगा, इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं की तरफ से ही किया जाएगा.
उतराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुताबिक इन महिलाओं को 'वीर चंद्र सिंह गढ़वाली' योजना के अंतर्गत जिप्सी खरीद करने के लिए जरूरी वित्तीय मदद दी जाएगी. विश्व वानिकी दिवस के मौके पर रावत ने कहा राज्य सरकार ने वन और जन की दूरी कम करने की पहल की है.
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक राज्य में वन संरक्षण और संवर्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने और इसके फलस्वरूप स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा.
वनमंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मुताबिक महिलाओं को नेचर गाइड बनाने का भारत में यह पहला प्रयोग है. वन प्रशासन के मुताबिक इसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. आज महिलाएं 25 हजार रूपए महीना कमा रही हैं. रावत ने कहा इंस्टीट्यूट में नेचर गाइड की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी और कई और लोगों को रोजगार मिलेगा.
उतराखंड के वन अधिकारियों ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के लिए इस पर्यटन सत्र में 73 नेचर गाइडों का चयन कर 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें 8 महिला नेचर गाइडों को भी शामिल किया गया. जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ईको टूरिज्म की गतिविधियों में पहली बार महिलाएं शामिल हुई हैं. हर नेचर गाइड को हर महीने करीब 25 हजार रूपए वेतन मिलेगा.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि बाइडेन सरकार अफगान युद्ध का जिम्मेदाराना अंत देखना चाहती है. सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका और कितने दिनों तक अफगानिस्तान में अपने सैनिकों को तैनात रख पाएगा.
बतौर रक्षा मंत्री ऑस्टिन की यह पहली अफगानिस्तान यात्रा है. उन्होंने कहा कि काबुल में उनके रुकने का उद्देश्य "सुनना और सीखना" और यह बताना है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के भविष्य की समीक्षा में अब वो भी शामिल हैं. उन्होंने काबुल में सैन्य कमांडरों और राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत वरिष्ठ अफगान सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की.
ऑस्टिन ने कहा कि बाइडेन सरकार अफगान युद्ध का एक जिम्मेदार अंत देखना चाहती है, लेकिन कूटनीति के "फलदायक" असर के लिए हिंसा के स्तर का कम होना जरूरी है. देश से अमेरिकी सैनिकों के निकाल लिए जाने की समय सीमा को लेकर उन्होंने कहा, "ये मेरे बॉस के अधिकार क्षेत्र में है." उन्होंने यह भी कहा, "स्थिति किसी भी दिशा में आगे बढ़े उसके बारे में चिंताएं रहेंगी ही, लेकिन मुझे लगता है कि इस समय इस बात पर काफी ऊर्जा केंद्रित की जा रही है कि बातचीत के जरिए युद्ध को जिम्मेदार रूप से खत्म करने के लिए जो भी किया जा सकता है वो किया जाए."
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले सप्ताह एबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा था अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को निकाल लेने की एक मई की जो समय सीमा है उसका पालन करना "मुश्किल" है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि समय सीमा अगर आगे बढ़ाई भी जाएगी तो वो "ज्यादा आगे" नहीं बढ़ाई जाएगी.
तालिबान ने शुक्रवार 19 मार्च को चेतावनी दी की अगर अमेरिका समय सीमा का पालन नहीं करता है तो उसके परिणाम हैं. तालिबान की वार्ताकारों की टीम के एक सदस्य सुहैल शाहीन ने पत्रकारों को बताया कि अगर अमेरिकी सैनिक एक मई समय सीमा का पालन नहीं करते हैं, "तो यह समझौते का उल्लंघन होगा. यह उल्लंघन हमारी तरफ से नहीं होगा...उनके उल्लंघन का परिणाम होगा." समय सीमा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और तालिबान के बीच हुए समझौते में लिखी हुई है.
बाइडेन सरकार इस समय इस समझौते की समीक्षा कर रही है और दोनों पक्षों पर दबाव भी डाल रही है कि वो शांति समझौते की तरफ जल्द बढ़ें. अफगान राष्ट्रपति के महल से जारी हुए एक बयान में बस इतना कहा गया कि गनी और ऑस्टिन की बैठक में दोनों नेताओं ने देश में बढ़ी हुई हिंसा की निंदा की. बयान में एक मई की समय सीमा का कोई जिक्र नहीं था.
अमेरिका ने तालिबान और अफगान सरकार दोनों को आठ पन्नों का एक शांति प्रस्ताव दिया है, जिसकी दोनों पक्ष समीक्षा कर रहे हैं. प्रस्ताव में एक अंतरिम "शांति सरकार" की बात की गई है जो देश को संवैधानिक सुधारों और चुनावों की तरफ ले जाएगी. गनी अंतरिम सरकार के इस प्रस्ताव को रोक रहे हैं जिसकी वजह से उनके आलोचक उन पर सत्ता से चिपके रहने का आरोप लगा रहे हैं.
बतौर मंत्री भले ही यह इस प्रांत में ऑस्टिन का पहला दौरा हो, लेकिन अमेरिकी सेना में एक कमांडर के रूप में उन्होंने यहां काफी वक्त बिताया है. वो एक सेवानिवृत्त चार-सितारा जनरल हैं और उन्होंने अफगानिस्तान में दसवें माउंटेन डिविजन के कमांडर के रूप में सेवा की है. 2013 से 2016 तक वो इराक और अफगानिस्तान युद्धों की देख रेख करने वाले अमेरिकी केंद्रीय कमांड के प्रमुख भी थे.
सीके/एए (एपी)
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न्यूयॉर्क, 22 मार्च : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप सोशल मीडिया पर वापसी की तैयारी में हैं. खास बात ये है कि इस बार वो खुद अपनी कंपनी लॉन्च करने वाले हैं. बता दें कि इन दिनों वे किसी भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर नहीं हैं. इस साल ट्रंप पर 6 जनवरी को अमेरिकी कैपिटल पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था. इस घटना में एक पुलिस अधिकारी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ट्विटर ने उनके अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया. इसके अलावा फेसबुक ने भी उनके अकाउंट को हटा दिया था. हालांकि बाद में अमेरिका की सीनेट में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव गिर गया था.
सोशल मीडिया पर ट्रंप की वापसी को लेकर खबर उनके एक पुराने सलाहकार और प्रवक्ता जैसन मिलर ने दी है. मिलर ने फॉक्स न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा है कि ट्रंप दो से तीन महीनों में सोशल मीडिया पर वापसी कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ये मीडिया प्लैटफॉर्म खुद ट्रंप का अपना होगा. मिलर के मुताबिक, ट्रंप का ये अपना सोशल मीडिया प्लैटफॉaर्म आने वाले दिनों में गेम चेंजर साबित हो सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि इस प्लैफॉर्म पर करोड़ों लोग जुड़ सकते हैं.
ट्रिटर ने सस्पेंड किया था अकाउंट
जनवरी में ट्विटर ने पहले ट्रंप का अकाउंट 12 घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया था और एक वीडियो समेत उनके तीन ट्वीट हटा दिए थे. लेकिन बाद में कपंनी ने उनके अकाउंट को हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया. इसके बाद उनकी टीम ट्रंप के ट्विटर हैंडल से इस कदम की आलोचना की गई और कहा गया कि हमें चुप नहीं करा सकते.
समर्थकों ने जताई थी नाराज़गी
बता दें कि समर्थकों का कहना है कि ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए निलंबित करना अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन यानी अभिव्यक्ति का आजादी पर हिंसा है. हालांकि उस वक्त एक्सपर्ट का कहना था कि ये नियम संविधान में है और सरकारी संस्थाओं पर लागू होता है. ट्विटर एक निजी कंपनी है तो ऐसे में वो इस तरह का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है.
लंदन, 22 मार्च : दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है. कई देशों में इसकी दूसरी लहर का डर बना हुआ है. हालांकि लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है, फिर भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया जा रहा है. इस बीच इंग्लैंड के पब्लिक हेल्थ विभाग के टीकाकरण प्रमुख डॉ. रैमसे ने बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि हम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क का इस्तेमाल कई सालों तक करते रहना पड़ सकता है.
डॉ. रैमसे का कहना है कि दुनियाभर में लोगों को अब निम्न स्तर के प्रतिबंधों की आदत हो गई है और अब वे इसके साथ ही रह सकते हैं. अर्थव्यवस्था भी इन प्रतिबंधों के साथ ही आगे बढ़ सकती है. सरकार को भी किसी भी प्रतिबंध को हटाने से पहले सावधानीपूर्वक देखना होगा.
डॉ. रैमसे ने कहा, 'ज्यादा दर्शकों वाले इवेंट की अधिक सावधानीपूर्वक निगरानी जरूरी है. साथ ही साफ दिशानिर्देश भी सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक हैं.' वहीं अगर भारत की बात करें तो देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति खराब है. महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं.
इनके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी लोगों से कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जरूरी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है. उनका कहना है कि लोग लोग लापरवाही बरतकर कोरोना को किसी कीमत पर नहीं बढ़ने दें. लोग सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क जेसे उपायों का पालन करना चाहिए. (news18.com)
प्योंगयांग, 22 मार्च : उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने पॉर्न फिल्मों के खिलाफ अपनी जंग को तेज कर दिया है. सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने एक उत्तर कोरियाई किशोर के पॉर्न फिल्म देखने पर उसके पूरे परिवार को देश से निकाल दिया है. रेडियो फ्री एशिया ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि किम जोंग ने पिछले साल पॉर्न फिल्मों के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया था. उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी हाई स्कूल के अंदर लड़के और लड़कियों के पॉर्न देखने के खिलाफ अभियान चला रही है.
उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाली वेबसाइट एनके न्यूज के मुताबिक किम जोंग उन ने पॉर्न देखने वालों को ऐसी सजा देने का आदेश दिया है जो दूसरों के लिए सबक हो. एक सूत्र ने कहा कि इसी आदेश के तहत नॉर्थ प्योगान प्रांत में देर रात पॉर्न वीडियो देखने वाले एक किशोर को उसके घर से पकड़ा गया. यह किशोर अपने माता-पिता के नहीं रहने पर पॉर्न फिल्म देख रहा था. इसी बीच किम जोंग उन का विशेष दस्ता वहां पहुंच गया. इस दस्ते का निर्माण लोगों को 'पथभ्रष्ट' होने से रोकने के लिए किया गया है. इस किशोर और उसके पैरंट्स को सजा के रूप में अब उत्तर कोरिया के दूरस्थ इलाके में भेज दिया गया है. सूत्र ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होने जा रही है क्योंकि अभी यह कानून पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है.
सूत्र ने कहा कि गैर समाजवादी विचार एक तरह से ट्यूमर के समान है जो एकता में बाधा डालता है. उत्तर कोरिया ने पॉर्न फिल्मों पर लगाम लगाने के लिए एक बेहद कड़ा कानून बनाया है. इसके तहत ऐसे दोषियों को 5 से लेकर 15 साल तक सजा के रूप में जबरन काम कराया जा सकता है. यही नहीं ऐसी सामग्री का आयात करने वाले लोगों को लेबर कैंप में आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा दी जा सकती है. यही नहीं बच्चे के स्कूल के प्रिसिंपल को भी जबरन काम करने के लिए लेबर कैंप में भेज दिया गया है. (news18.com)
बगदाद, 22 मार्च| इराक के आंतरिक मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा (आईएनआईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना रविवार को बगदाद के पास मंसूर में हुई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि बंदूकधारियों ने अपने एक रिश्तेदार के घर के पास बंदूक से मोहम्मद लैथ पर गोलियां चलाईं।
यह हमला इराकी सरकार और राजनीतिक दलों के देश में कुछ सशस्त्र समूहों द्वारा हथियार रखने पर रोक लगाने की अपील के बाद हुआ। इस घटना से नागरिकों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और विश्वास को खतरा पैदा हो गया है।
किसी भी समूह या व्यक्ति ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
रविवार को ही संदिग्ध इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने दीयाला प्रांत के अब्बारा क्षेत्र में बगदाद से लगभग 65 किमी दूर एक पोल्ट्री फार्म के चार श्रमिकों का अपहरण कर लिया।
बगदाद के उत्तर में स्थित इराकी प्रांतों में पिछले महीने आईएस समूह के उग्रवादियों की सैन्य गतिविधियां फिर से देखी गई हैं।
2017 के अंत में देश भर में आईएस के आतंकवादियों को पूरी तरह से खत्म कर देने के बाद से इराक में सुरक्षा स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार देखा गया था।
हालांकि, छिटपुट घातक घटनाएं अभी भी युद्ध-ग्रस्त देश में हो रही हैं। (आईएएनएस)
प्योंगयांग. उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने पॉर्न फिल्मों के खिलाफ अपनी जंग को तेज कर दिया है. सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने एक उत्तर कोरियाई किशोर के पॉर्न फिल्म देखने पर उसके पूरे परिवार को देश से निकाल दिया है. रेडियो फ्री एशिया ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि किम जोंग ने पिछले साल पॉर्न फिल्मों के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया था. उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी हाई स्कूल के अंदर लड़के और लड़कियों के पॉर्न देखने के खिलाफ अभियान चला रही है.
उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाली वेबसाइट एनके न्यूज के मुताबिक किम जोंग उन ने पॉर्न देखने वालों को ऐसी सजा देने का आदेश दिया है जो दूसरों के लिए सबक हो. एक सूत्र ने कहा कि इसी आदेश के तहत नॉर्थ प्योगान प्रांत में देर रात पॉर्न वीडियो देखने वाले एक किशोर को उसके घर से पकड़ा गया. यह किशोर अपने माता-पिता के नहीं रहने पर पॉर्न फिल्म देख रहा था. इसी बीच किम जोंग उन का विशेष दस्ता वहां पहुंच गया. इस दस्ते का निर्माण लोगों को 'पथभ्रष्ट' होने से रोकने के लिए किया गया है. इस किशोर और उसके पैरंट्स को सजा के रूप में अब उत्तर कोरिया के दूरस्थ इलाके में भेज दिया गया है. सूत्र ने कहा कि आने वाले समय में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होने जा रही है क्योंकि अभी यह कानून पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है.
सूत्र ने कहा कि गैर समाजवादी विचार एक तरह से ट्यूमर के समान है जो एकता में बाधा डालता है. उत्तर कोरिया ने पॉर्न फिल्मों पर लगाम लगाने के लिए एक बेहद कड़ा कानून बनाया है. इसके तहत ऐसे दोषियों को 5 से लेकर 15 साल तक सजा के रूप में जबरन काम कराया जा सकता है. यही नहीं ऐसी सामग्री का आयात करने वाले लोगों को लेबर कैंप में आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा दी जा सकती है. यही नहीं बच्चे के स्कूल के प्रिसिंपल को भी जबरन काम करने के लिए लेबर कैंप में भेज दिया गया है. (news18.com)
दमिश्क, 21 मार्च| सीरिया में अलेप्पो के एक अस्पताल में रविवार को छह से अधिक रॉकेटों के धमाके के बाद कम से कम पांच नागरिकों की मौत हो गई। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा, "अस्पताल अतरिब शहर में स्थित है, यह समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट है।
जबकि, हमले में 11 अन्य घायल हो गए।
मृतकों में एक बच्चा और एक मेडिकल स्टाफ का सदस्य है और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत गंभीर है। (आईएएनएस)
बैंकाक, 21 मार्च | थाईलैंड में ग्रैंड पैलेस के पास रैली निकाल रहे लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा वाटर कैनन, आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाने के बाद कम से कम 11 लोग घायल हो गए। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने शनिवार को ग्रैंड पैलेस के पास प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए शिपिंग कंटेनर और कंटीले तारों की बैरिकेड लगा दी थी।
रैली काफी हद तक शांतिपूर्ण थी। प्रदर्शनकारियों ने पहले जेल में बंद लोकतंत्र समर्थक नेताओं के चित्रों के साथ स्प्रे की हुई पतंग उड़ाई। तनाव उस समय बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने ग्रैंड पैलेस की ओर जाने वाले मार्ग में रखे कंटेनरों को हटा दिया।
पुलिस प्रवक्ता के. पट्टानाचारोएन ने कहा कि जब तक शांति और व्यवस्था बहाल नहीं हो जाती, तब तक इलाके में पुलिस अधिकारी रहेंगे।
शहर के इरावन इमरजेंसी मेडिकल सेंटर ने कहा कि झड़पों के दौरान कम से कम 11 लोग घायल हुए।
रैली का आयोजन रिस्टार्ट डेमोक्रेसी ग्रुप द्वारा किया गया था, जो युवा प्रदर्शनकारियों से बना था जो राजशाही में सुधार की मांग कर रहे थे और सैन्य-अनुमोदित संविधान को फिर से लिखने की मांग कर रहे थे।
युवा लोगों के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन देश के बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के कारण आंशिक रूप से ठप हो गए हैं। लेकिन लोकतंत्र समर्थक नेताओं पर हाल ही में बड़े पैमाने पर राष्ट्रद्रोह और राजा अथवा रानी की अवमानना का मामला दर्ज किए जाने के कारण प्रदर्शनकारी फिर से सड़कों पर उतरने लगे हैं।
अगर अपराधी राजा, रानी या उनके उत्तराधिकारी का अपमान करने का दोषी पाया जाता है तो थाईलैंड के राजा अथवा रानी की अवमानना कानून का मतलब 15 साल तक की जेल हो सकती है।
थाई लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इस कानून के तहत नवंबर से अब तक 60 लोगों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है। वर्तमान थाई सरकार 2019 में चुनी गई थी। (आईएएनएस)
लंदन, 21 मार्च | कोरोनावायरस महामारी के कारण आए चुनौतीपूर्ण समय में हजारों ब्रिटिश पब बंद हो गए हैं। अब इन पबों को इन हालातों से उबरने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है। साथ ही उन्हें फिर से पुराने मुकाम पर लौटने में कई साल लग जाएंगे। यह जानकारी इंडस्ट्री एसोसिएशन ने दी है।
समाचार एजेंसी डीपीए माउंटफोर्ड ने शनिवार को ब्रिटिश पब के फोरम के डवे माउंटफोर्ड द्वारा स्काई न्यूज को दिए गए बयान को उद्धृत करते हुए कहा, "कई पब कर्ज की बड़ी रकम के बोझ के साथ फिर से खुलेंगे।" इस रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 2,000 पब स्थायी रूप से बंद हो गए हैं।
माउंटफोर्ड ने यह भी कहा, "उन्होंने बाउंस-बैक लोन लिए लेकिन इंडस्ट्री बाउंस बैक नहीं कर पाई। हम नहीं जानते कि पब में आने वालों की संख्या क्या होगी क्योंकि यह आशंका भी है कि कहीं उन्हें अब घर पर ही पीने की आदत न हो गई हो। लिहाजा मैं यदि ईमानदार से कहूं तो भविष्य बहुत साफ नहीं है।"
पिछले कई दिनों से चल रहे लॉकडाउन और क्षेत्रीय प्रतिबंधों के कारण पब बंद रहे हैं। अब इंग्लैंड में बीयर गार्डन को अप्रैल के मध्य से फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है। (आईएएनएस)
अटलांटा, 21 मार्च | अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के मशहूर शहर अटलांटा में एशियाई-अमेरिकियों के खिलाफ हो रहे अपराधों के विरोध में हुई रैली में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। यह रैली अटलांटा और उसके आसपास के कई शहरों में 8 लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद हुई है। इन हमलों में मारे गए लोगों में 6 एशियाई महिलाएं भी शामिल हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हुए विरोध में व्रुडूफ पार्क से स्टेट कैपिटल तक मार्च निकाला गया और स्टॉप एशियन हेट यानि कि एशियाई के प्रति घृणा का भाव न रखने की बात कही गई। इस रैली को लेकर लोगों से आह्वान किया गया कि वे शोक के समय में एक साथ आएं और सपोर्ट करें। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'स्टॉप एशियन हेट' के नारे भी लगाए।
प्रदर्शनकारी अमेरिकी झंडे भी लहरा रहे थे और पोस्टर भी लेकर चल रहे थे। इन पोस्टर में लिखा था, 'हम वायरस नहीं हैं'। स्टेट कैपिटल के सामने भीड़ का नेतृत्व कर रहे जॉर्जिया के 2 नव-निर्वाचित सीनेटर राफेल वारनॉक और जॉन ओस्ऑफ ने कुछ क्षणों का मौन भी रखा।
इस मौके पर वारनॉक ने कहा, "मैं अपने एशियाई बहनों और भाइयों से कहना चाहता हूं कि हम आपके साथ खड़े हैं।" वहीं ओस्ऑफ ने कहा, "हमें एक ऐसे राज्य और एक देश का निर्माण करना चाहिए जहां कोई भी इस डर के साथ न रहे कि वे कौन हैं और उसका परिवार मूल रूप से कहां का है।"
बता दें कि 21 साल के श्वेत व्यक्ति रॉबर्ट आरोन लॉन्ग ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसने अटलांटा में 2 स्पा के अंदर 4 लोगों की हत्या कर दी थी और 4 अन्य लोगों को उपनगरीय शहर चेरोकी काउंटी के एक मसाज पार्लर में मार डाला था।
इन हिंसक हमलों के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को अटलांटा की यात्रा की और वहां के एशियाई-अमेरिकी समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने अमेरिकियों से इस नफरत के खिलाफ बोलने और खड़े होने के लिए कहा। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कोरोना वायरस संक्रमित होने की खबर के बाद अब उनकी बेगम बुशरा बीबी भी पॉजिटिव पाई गई हैं. स्वास्थ्य मामलों पर पाकिस्तानी पीएम के विशेष सहायक फैसल सुल्तान ने बताया था कि इमरान खान ने खुद को आइसोलेट कर लिया था. इमरान खान ने अभी गुरुवार को ही चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाई थी. वैक्सीन लगवाने के बाद भी इमरान खान कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए.
इमरान खान अभी अपने घर पर ही हैं और डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं. बताया जा रहा है कि जिस दिन इमरान खान ने कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाई थी, उसी दिन उनके अंदर इस महामारी के लक्षण देखे गए थे. इसके बाद भी उन्होंने खुद को अलग-थलग रखने की बजाय कोरोना वैक्सीन लगवाई. पाकिस्तान में कोरोना वायरस की तेज होती रफ्तार से डरे प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी.
इस बीच, पाकिस्तान में शनिवार को इस साल एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 3,876 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही देश में संक्रमण दर बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 6,23,135 लोग वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं. बीते 24 घंटे के दौरान 40 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 13,799 हो गई है. मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 5,79,760 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। 2,122 रोगियों की हालत गंभीर है. (news18.com)
वाशिंगटन. पेंटागन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहले से अधिक आक्रामक रुख अपना लिया है. अमेरिका की उप रक्षा मंत्री डॉ. कैथलीन हिक्स ने शुक्रवार को यहां ‘नेशन वार कॉलेज’ के शिक्षकों एवं छात्रों से कहा, ‘‘चीन ने अपनी सैन्य और जोखिम उठाने की बढ़ी हुई क्षमता का प्रदर्शन किया है तथा उसने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहले से अधिक आक्रामक रुख अपना लिया है.’’ हिक्स ने कहा कि चीन ने 2020 में ऑस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम और फिलीपीन समेत अपने कई पड़ोसियों के साथ विभिन्न मामलों को लेकर तनाव बढ़ाया.
उन्होंने कहा, ‘‘उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत के साथ सशस्त्र संघर्ष किया, जिसके कारण दोनों पक्षों के जवानों की जान गई और उसने एक दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने समेत कई कदम उठाकर हांगकाम पर अपना शिकंजा और कसा.’’ हिक्स ने कहा कि चीन के कदम क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता और उस नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए खतरा हैं, जिन पर अमेरिका के सहयोगियों की सुरक्षा एवं समृद्धि निर्भर करती है.
उन्होंने कहा कि इसी पृष्ठभूमि में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल में अपने अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा सामरिक दिशानिर्देश जारी किए, जो चीन की बढ़ती आक्रामकता को रेखांकित करते हैं. (news18.com)
टेनेसी. दुनियाभर के तमाम देशों में आज भी मौत की सजा दी जाती है, लेकिन कई देशों ने बहुत पहले ही किसी को मौत की सजा देना बंद कर दिया. बता दें कि किसी जघन्य अपराध के लिए ही अपराधी को मौत की सजा देने का प्रावधान है. आपने अब तक तमाम लोगों को फांसी की सजा देने के बारे में तो सुना होगा, लेकिन किसी जानवर को फांसी की सजा दी गई हो ऐसा आज तक नहीं सुना होगा. आज हम आपके एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं जिसमें एक जानवर को हाथी की सजा सुनाई गई थी और वह जानवर एक हाथी था. दरअसल, आज से करीब 105 साल पहले अमेरिका में एक हाथी को सरेआम फांसी पर लटका दिया गया था. हाथी की फांसी की सजा को अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने समर्थन किया था.
दरअसल, 13 सितंबर 1916 को अमेरिका के टेनेसी राज्य में मैरी नाम के एक हाथी को फांसी दी गई थी. इस दौरान दो हजार लोग मौजूद थे. हाथी को फांसी देने की सजा के पीछे बहुत अजीब कहानी है. दरअसल, चार्ली स्पार्क नाम का एक शख्स टेनेसी में 'स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो' नाम का एक सर्कस चलाता था. उस सर्कस में कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी था. उसका वजन करीब पांच टन था. बताया जाता है कि मैरी उस सर्कस का मुख्य आकर्षण था. कहा जाता है कि एक दिन मैरी के महावत ने किसी वजह से सर्कस छोड़ दिया. उसके बाद सर्कस के मालिक ने उसकी जगह पर एक दूसरे महावत को रख लिया.नए म
हावत को हाथी मैरी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. साथ ही मैरी ने भी महावत के साथ ज्यादा समय नहीं बिताया था. इसलिए मैरी को कंट्रोल करने में महावत को परेशानी होने लगी. लेकिन इसी बीच एक दिन सर्कस के प्रमोशन के लिए शहर में परेड का आयोजन किया गया, जिसमें मैरी समेत सभी जानवर और सर्कस के सभी कलाकार शामिल हुए. इस दौरान शहर के बीचों-बीच परेड निकाली गई. इस दौरान रास्ते में मैरी को कुछ खाने की चीज दिखी, जिसके लिए वह तेजी से आगे बढ़ने लगा.
उसके बाद नए महावत ने मैरी को रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं रूका. इस दौरान महावत ने उसके कान के पीछे भाला मारा, जिससे हाथी तिलमिला उठा और गुस्से में उसे नीचे पटक दिया. उसके बाद मैरी ने उसके ऊपर अपना पैर रख दिया, जिससे महावत की मौत हो गई. यह घटना देख कर लोग इधर-उधर भागने लगे. वहीं कुछ लोगों ने हाथी को मार डालने के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. हालांकि उस समय तो यह मामला शांत हो गया, लेकिन अगले दिन के अखबारों में इस घटना को प्रमुखता से छापा गया, जिसके बाद घटना पूरे शहर में तेजी से फैल गई.
शहर के लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क से हाथी मैरी को मृत्युदंड देने की मांग करने लगे. साथ ही उन्होंने धमकी भी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो शहर में फिर कभी सर्कस नहीं होने देंगे. कई लोगों ने कई तरह से हाथी को मारने की बात कही. किसी ने ट्रेन से कुचलवा कर मारने को कहा तो किसी ने हाथी को करंट देकर मारने की बात कही. आखिर में लोगों की जिद के आगे चार्ली स्पार्क को झुकना पड़ा और उन्होंने मैरी को मृत्युदंड देने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया.
Promoted Content अवसर पर बैंक बंद होंगे. लेकिन पटना में बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रहेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वेबसाइट के अनुसार, पटना में 30 मार्च को भी अपने कार्यों के लिए आप बैंक ब्रांच नहीं जा पाएंगे. 31 मार्च की छुट्टी नहीं है लेकिन इस दिन ग्राहकों की सभी सेवाओं पर बैंक ध्यान नहीं देते क्योंकि यह वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन है. बैंकों के लिए अपने सालाना अकाउंट्स क्लोज करने के लिए 1 अप्रैल का दिन तय है, लिहाजा इस दिन भी कस्टमर्स डील नहीं होंगे. इसके बाद 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे है, इसलिए देशभर में बैंक बंद रहेंगे. ऐसे में यदि बैंकों में कोई भी अधूरे काम हैं तो अगले हफ्ते के शुरुआती दिनों में निपटा लें.
यहां देखें, 27 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक की पूरी लिस्ट-
27 मार्च 2021- महीने का चौथा शनिवार
26 मार्च 2021- रविवार
29 मार्च 2021- होली
30 मार्च 2021- पटना ब्रांच में छुट्टी, बाकी ओपन रहेंगे
31 मार्च 2021- वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन की छुट्टी
1 अप्रैल 2021- अकाउंट्स क्लोजिंग का दिन
2 अप्रैल 2021- गुड फ्राइडे
3 अप्रैल 2021- सभी बैंक खुले रहेंगे
4 अप्रैल 2021- रविवार
Note: इस बात का ध्यान रहे कि इन सभी छुट्टियों में अलग - अलग राज्यों में होने वाली छुट्टियां भी शामिल हैं. इससे जुड़ी अन्य जानकारी आपको RBI की वेबसाइट पर मिल जाएगी.
सैम पीच
अलीबाबा के मालिक जैक मा चीन के सबसे अमीर व्यक्ति बनने ही वाले थे कि नवंबर 2020 में वो अचानक गायब हो गए.
मा के अपार्टमेंट में एक छोटे के ऑनलाइन स्टोर की तरह शुरू हुआ अलीबाबा अब दुनिया के सबसे बड़े टेक कंपनियों में से एक है.
कंपनी की पहुंच अब क़रीब 80 करोड़ लोगों तक है. कंपनी ऑनलाइन शॉपिंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस समेत क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी कई सर्विसेज़ देती है.
मा अपने आर्कषक इमेज और पब्लिसिटी स्टंट के लिए मशहूर हैं. वो अपने हज़ारों कर्मचारियों को पार्टी देते हैं और उनके साथ नाचते-गाते भी हैं.
उनका सबसे नया वेंचर एंट ग्रुप है जिसने अलीपे मोबाइल फ़ाइनेंस एप के साथ लचीन के डिजीटल पेमेंट मार्केट में अपना वर्चस्व बना लिया है.
विवादास्पद बयान
कंपनी चीन के बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रही है. 24 अक्टूबर को शंघाई में एंट ग्रुप स्टॉक मार्केट में दुनिया की सबसे बड़ी हिस्सेदारी लाने की तैयारी में था.
इससे पहले मा ने कई उच्च पद के लोगों के सामने एक विवादास्पद बयान दिया जिसमें चीन के आर्थिक सिस्टम की आलोचना की गई थी.
इसके बाद वो जनवरी तक लोगों को नहीं दिखे.
ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें उनके घर में ही नज़बंद कर दिया गया है या हिरासत में ले लिया गया है.
कुछ लोगों ने तो उनके जिंदा होने को लिए भी कयास लगा रहे थे.
जैक मा के बयान से नाराज़गी
इन कयासों की बीबीसी ने पड़ताल की. मा ने कहा था कि चीन के बैंक "प्य़ादे जैसी सोच के साथ" काम करते हैं.
उन्होंने दावा किया था कि जब डिजिटल फाइनेंस को चलाने की बात आती है तो अधिकारी "रेलवे स्टेशन को चलाने के तरीकों से एयरपोर्ट चलाते हैं."
इन बयानों ने बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े लोगों को तो नाराज़ किया ही, ख़बरों के मुताबिक शी जिनपिंग का भी ध्यान खींचा.
इसके तुरंत बाद मा और उनके साथ काम करने वाले करीबियों को रेग्यूलेटर ने समन भेजकर बुलाया. एंट ग्रुप की स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग की प्रक्रिया को भी रोक दिया गया.
मा की कंपनी के शेयर गिरने लगे और उन्हें क़रीब 76 मिनियन डॉलर (5 अरब रुपये) का नुकसान हुआ.
चौंकाने वाला
चीन की विश्लेषक क्रिस्टीना बुटरप जो मा का इंटरव्यू भी कर चुकी हैं, कहती हैं, "जिनपिंग के शासन में कुछ बोलने की एक नहीं दिखने वाली सीमा को शायद वो उस दिन जैक मा पार कर गए."
"मुझे लगता है ये उनके लिए चौंकाने वाला था. अगर उन्हें पता होता कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे, तो वो उस सीमा को पार नहीं करते."
फिर 20 जनवरी को मा एक चैरिटी इवेंट के वीडियो में दिखे. अगले महीने एक चीनी द्वीप पर वो गॉल्फ़ खेलते नज़र आए.
बुटरप के मुताबिक, "ऐसा लगता है, वो अभी खुद को दूर रख रहे हैं, और शायद यहीं करना सबसे सही है."
बड़े टेक सेक्टर पर नज़र
चीन की सरकार बड़ी टेक कंपनियों के रेग्यूलेशन को लेकर फिर से विचार कर रही हैं.
उन्होंने अलीबाबा के खिलाफ़ 'एंटी-मोनोपोली' नियम के अनुसार जांच भी बिठाई है.
पिछले हफ़्ते एक वॉचडॉग ने बताया था कि टेन्सेंट और बाइडू समेत 12 कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है. क़रीब 10 डील नियम के खिलाफ़ पाई गई हैं.
इसे टेक सेक्टर में बढ़ते विवाद के सिग्नल के तौर पर भी देखा जा रहा है.
अलीबाबा और चीन
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की रिसर्चर समैंथा हॉफमैन के मुताबिक, "वहां पर पार्टी (कम्यूनिस्ट) की कमेटियां हैं जो ये याद दिलाती रहती हैं कि पार्टी के पास बहुत ताकत है, जैक मा जैसे ताकतवर लोगों से भी अधिक."
वो कहती हैं, "एक कंपनी को वो तो करना ही पड़ता है जो पार्टी चाहती है, लेकिन उनके पूछा जाए, तो वो इस बात को नहीं मांनेगे."
लेकिन कई जानकार कहते हैं कि विकसित देशों को अलीबाबा और चीन की दूसरी कंपनियों को सिर्फ राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.
चीनी टेक न्यूज़लेटर चाइनीज़ कैरेक्टरेस्टिक्स की लेखक लिलियान ली कहती हैं, "चीन एक विकासशील देश है. मुझे लगता है कि विकासशील देशों को विकसित देशों के पैमाने पर नहीं तौलना चाहिए." (bbc.com)
जेनेवा, 20 मार्च | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि एस्ट्राजेनेका कोविद-19 वैक्सीन (कोविशिल्ड सहित) एक सकारात्मक लाभ-जोखिम (पॉजिटिव बेनिफिट-रिस्क) प्रोफाइल बनी हुई है, जिसमें दुनिया भर में संक्रमण को रोकने और मौतों को कम करने की जबरदस्त क्षमता है। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर समीक्षा टीम ने एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन प्राप्त करने वाले लोगों में रक्त के थक्के जमने के खतरे को बढ़ते हुए नहीं पाया है।
मालूम हो कि पिछले दिनों कई देशों से एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में कथित तौर पर खून के थक्के जमने का अधिक खतरे को लेकर संभावना जताई गई थी। अब इस पर विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य निकाय ने स्थिति स्पष्ट की है और वैक्सीन को सुरक्षित बताया है।
द ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी (जीएसीवीएस) कोविड-19 उपसमिति ने एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के साथ टीकाकरण के बाद थ्रोम्बोइम्बोलिक इवेंट्स (रक्त के थक्के) और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (कम प्लेटलेट्स) पर उपलब्ध जानकारी और डेटा की समीक्षा करने के लिए 16 से 19 मार्च के बीच वर्चुअल तरीके से बैठक की।
उपसमिति ने यूरोप, ब्रिटेन, भारत और विगिबेस से सुरक्षा डेटा के आधार पर नैदानिक परीक्षण डेटा और रिपोटरें की समीक्षा की, जो व्यक्तिगत मामले की सुरक्षा रिपोटरें के डब्ल्यूएचओ वैश्विक डेटाबेस है।
बयान के अनुसार, उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 वैक्सीन के बाद खून के थक्के जमने जैसी स्थिति को लेकर खतरे की संभावना नहीं बढ़ती है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खुराक लेने के बाद लोगों के खून में थक्का जमने की सुर्खियों के बाद यूरोपीय संघ के देशों में वैक्सीन के उपयोग पर लगाई जा रही रोक के मद्देनजर यह बयान सामने आया है।
अब तक यूरोप में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दो करोड़ से अधिक खुराक और भारत में कोविशिल्ड वैक्सीन (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन) की 2.7 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, "उप-समिति सभी कोविड-19 टीकों से सुरक्षा डेटा की समीक्षा करना और किसी भी सलाह को अपडेट करना जारी रखेगी।"
इस हफ्ते, यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी माना है।
ईएमए का बयान संभावित रक्त के थक्के जोखिम की व्यापक समीक्षा के बाद आया है।
फ्रांस, इटली, लातविया और बुल्गारिया ने घोषणा की कि वे ईएमए सलाह के बाद शुक्रवार को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग करके टीकाकरण फिर से शुरू करेंगे। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 20 मार्च | अमेरिका में हुए एक नए शोध में पाया गया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को स्ट्रोक लगने का अधिक खतरा रहता है। यह खतरा उन मरीजों की तुलना में अधिक होता है, जिनमें पहले के शोध में इन्फ्लूएंजा और सेप्सिस जैसी संक्रामक स्थितियां पाई गई थीं। अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रोक कॉन्फ्रें स 2021 में प्रस्तुत शोध के निष्कर्ष से पता चला है कि कोविड-19 कार्डियोवस्कुलर डिजीज रजिस्ट्री में 1.4 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान नैदानिक इमेजिंग द्वारा पुष्टि की गई थी।
इनमें से 52.7 प्रतिशत मरीजों ने इस्कीमिक स्ट्रोक का अनुभव किया, 2.5 प्रतिशत को क्षणिक इस्केमिक अटैक (टीआईए) आया और 45.2 प्रतिशत ने रक्तस्राव स्ट्रोक या अनिर्दिष्ट प्रकार के स्ट्रोक का अनुभव किया।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक सैटे एस. शकील ने कहा, "इन निष्कर्षो से पता चलता है कि कोविड-19 स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है, हालांकि इससे संबंधित सटीक तंत्र अभी भी अज्ञात है।"
शकील ने कहा, "जैसा कि महामारी जारी है, हम पा रहे हैं कि कोरोनावायरस सिर्फ एक श्वसन बीमारी नहीं है, बल्कि एक संवहनी बीमारी है जो कई अंग प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है।"
टीम ने अध्ययन के लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के कोविड-19 सीवीडी रजिस्ट्री का सहारा लिया, जिसमें पूरे अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के साथ 20,000 से ज्यादा मरीज शामिल थे।
विश्लेषण में यह भी पाया गया कि स्ट्रोक वाले रोगियों की तुलना में किसी भी प्रकार के स्ट्रोक वाले पुरुष और वृद्ध (औसत उम्र 65) होने की संभावना अधिक थी। अधिकांश इस्केमिक स्ट्रोक के रोगियों में बिना स्ट्रोक के रोगियों की तुलना में उच्च रक्तचाप था।
शकील ने कहा, "अपने दम पर स्ट्रोक के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं और कोविड-19 से उबरना अक्सर जीवित रहने वालों के लिए एक कठिन रास्ता होता है।"
उन्होंने कहा, "यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और व्यापक वैक्सीन वितरण के माध्यम से कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश लगा सकते हैं।" (आईएएनएस)
अमेरिका की प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के CEO एलन मस्क ने शनिवार को कहा कि, यदि टेस्ला की कार का इस्तेमाल जासूसी के लिए हुआ तो वह अपनी कंपनी बंद कर देंगे. मस्क की ये प्रतिक्रिया उस खबर के बाद आयी है जिसके अनुसार चीन की सेना ने अपने क्षेत्र में टेस्ला की कारों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
टेस्ला ने एक वर्चुअल वार्ता में कहा, "हमारे पास किसी भी सूचना को बहुत गोपनीय रखने के कई कारण मौजूद हैं. टेस्ला के CEO ने कहा कि यदि चीन या कहीं और उनकी कंपनी के वाहन का इस्तेमाल जासूसी के लिए होता है तो टेस्ला को बंद कर दिया जाएगा."
टेस्ला की कारों में लगे कैमरों पर चीनी सेना ने जताई थी आपत्ति
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी सेना ने टेस्ला की कारों में लगे कैमरों से उनके परिसर की सुरक्षा को खतरा बताते हुए इनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. टेस्ला पर प्रतिबंध से जुड़ी यह रिपोर्ट्स ऐसे समय में सामने आई हैं जब चीन और अमेरिका के अधिकारी अलास्का में बातचीत कर रहे हैं. जो बाइडन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही है.
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में विश्वास बहाल करने की जरुरत
एलन मस्क ने क्वांटम फिजिक्स से जुड़े चीनी विशेषज्ञों के एक पैनल के साथ हुई वार्ता में इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन को आपस में विश्वास बहाल करने की जरुरत है.
बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा कार बाजार है और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर यहां बड़ी प्रतिस्पर्धा है. पिछले साल टेस्ला ने चीन में 1,47,445 कारों की बिक्री की थी. जो कि विश्व भर में उसकी कारों की बिक्री का 30 प्रतिशत है. हालांकि, टेस्ला को चीन में घरेलू कार निर्माता कंपनी नियो इंक से तगड़ा कंपटीशन मिल रहा है. (abplive.com)
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में शनिवार को इस साल एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 3,876 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही देश में संक्रमण दर बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 623,135 लोग वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं.
मंत्रालय ने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान 40 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 13,799 हो गई है. देश में अब तक कुल 579,760 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं. 2,122 रोगियों की हालत गंभीर है.
एक अन्य खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.और उन्होंने खुद को घर में पृथक कर लिया है. स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के शीर्ष सलाहकार डॉक्टर फैसल सुल्तान ने यह जानकारी दी. गौरतलब है कि खान (67) ने राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के पहले चरण में बृहस्पतिवार को कोविड-19 रोधी टीका लगवाया था.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, नियमन एवं संयोजन को लेकर प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार डॉक्टर सुल्तान ने ट्विटर का रुख करते हुए खान के संक्रमित होने की पुष्टि की. उन्होंने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री इमरान खान कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं और उन्होंने अपने आवास पर खुद को पृथक कर लिया है.'' (ndtv.in)
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक ने ट्वीट कर इमरान खान के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की जानकारी दी है. इमरान खान फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं.
इमरान खान ने महज दो दिन पहले कोरोना से बचने के लिए चीन में निर्मित वैक्सीन की डोज ली थी. 18 मार्च को कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद खान ने पाकिस्तान की जनता से महामारी के मामलों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नियमों का पालन करने का आग्रह किया था.
पाकिस्तान के पीएमओ ने ट्वीट किया था, 'प्रधानमंत्री इमरान खान को आज टीका लगाया गया. इस अवसर पर उन्होंने देश के लोगों से महामारी की तीसरी लहर के मद्देनजर मानक संचालन प्रक्रिया का पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया.'
अब तक 6 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित
पाकिस्तान में शनिवार को इस साल एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 3,876 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही देश में संक्रमण दर बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है. पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 623,135 लोग वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं. बीते 24 घंटे के दौरान 40 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 13,799 हो गई है. मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 579,760 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं. 2,122 रोगियों की हालत गंभीर है.
पाकिस्तान में 10 मार्च को शुरू हो चुका है टीकाकरण
पाकिस्तान में 10 मार्च को आम जनता का टीकाकरण शुरू हुआ था. 60 साल के ऊपर के लोगों का टीकाकरण हो रहा है. फरवरी की शुरुआत में स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीकाकरण शुरू हुआ था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में टीकाकरण की गति धीमी रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में टीका लेने से लोग डर रहे हैं. (news18.com)
कोलंबो, 20 मार्च | श्रीलंका में एक पैसेंजर बस के पलटने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और 21 अन्य घायल हो गए हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। डीपीए समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 यात्रियों को लेकर कोलंबो जा रही यह बस राजधानी से पूरब की ओर 356 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पसारा में सड़क पर पलट गई।
पुलिस ने कहा कि ड्राइवर आने वाले एक दूसरे वाहन को रास्ता देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इसी दौरान वह सड़क के बिल्कुल किनारे चला गया जिससे बस 50 मीटर नीचे गड्ढे में गिर गई।
सालाना औसतन 3,000 मौतों के साथ श्रीलंका में हाल के वर्षो में दुर्घटना की दर में इजाफा हुआ है। (आईएएनएस)
हमजा अमीर
इस्लामाबाद, 20 मार्च | पाकिस्तान अगले सप्ताह नई दिल्ली में स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की आगामी बैठक के दौरान भारत के पकाल डल और लोअर कलनई पनबिजली संयंत्रों के डिजाइन पर आपत्तियां दर्ज कराएगा।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद चौधरी ने शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 23-24 मार्च को बैठक के दौरान दोनों जलविद्युत संयंत्रों पर आपत्तियों सहित सिंधु जल संधि के तहत कई मुद्दों पर चर्चा करेगा।
सिंधु जल आयुक्त मेहर अली शाह पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि संबंधित विभागों के अधिकारी उनके साथ होंगे।
बैठक सिंधु जल संधि 1960 के एक प्रावधान का हिस्सा है, जिसके तहत स्थायी सिंधु आयोग की वर्ष में कम से कम एक बार बैठक आवश्यक है।
यह 1960 संधि के तहत आने वाले पानी से संबंधित मुद्दों पर अनुसूचित चर्चा के साथ आयोग का 116वां सत्र होगा।
पाकिस्तान भारत द्वारा दो पनबिजली संयंत्रों के निर्माण पर अपने तर्क और आपत्तियों को आगे रखता रहा है, यह दावा करते हुए कि यह देश के पानी को अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान का कहना है कि संयंत्रों का निर्माण सिंधु जल संधि का उल्लंघन है। उसने भारत से निर्माण को रोकने और इस्लामाबाद को पानी का उचित हिस्सा देने का आग्रह भी किया है।
चौधरी ने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ विवादित सभी मुद्दों पर शांतिपूर्ण बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा भी शामिल है।"
सार्थक इस्लामाबाद-नई दिल्ली संवाद पर भारतीय विदेश सचिव के हालिया बयान का उल्लेख करते हुए चौधरी ने कहा कि "इस तरह के बयान उन विवादों के समाधान में सहायक नहीं थे जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता के रास्ते में बाधा थे"।
उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है और भारत और पाकिस्तान के बीच मूल मुद्दा है। पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ सभी बकाया विवादों के एक सार्थक बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया है।"
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन की पाकिस्तान की पहल, भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने और बाद में छोड़ने के प्रकरण को "क्षेत्र में स्थायी शांति की पाकिस्तान की इच्छा के संकेत" के रूप में पेश किया।
उन्होंने कहा कि सार्थक वार्ता के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करने की जिम्मेदारी अब भारत पर है। (आईएएनएस)
सुमी खान
ढाका, 20 मार्च | बांग्लादेश के सिलहट में पुलिस ने शनिवार को इस सप्ताह के शुरुआत में 87 हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ करने के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया।
डीआईजी बनज कुमार मजूमदार ने कहा, "पुलिस जांच ब्यूरो (पीबीआई) के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया शाहिदुल इस्लाम एक स्थानीय बांग्लादेश अवामी जुबो लीग इकाई का अध्यक्ष है, साथ ही केंद्रीय परिषद का एक सदस्य है।"
उसे शनिवार दोपहर 1.41 बजे मौलवीबाजार जिले के कुलौरा से गिरफ्तार किया गया।
ये हमले बुधवार को एक हिंदू युवक द्वारा सोशल मीडिया पर मौलाना मामूनुल हक की आलोचना करने के एक दिन बाद हुआ। हक इस्लामिक एडवोकेसी समूह हेफाजत-ए-इस्लामबांग्लादेश के संयुक्त महासचिव हैं।
सुनामगंज के शल्ला उपजिला में सैकड़ों हेफाजत समर्थकों ने हिंदुओं के घरों पर हमला किया। उन्होंने परिवारों से पैसे और सोने के गहने भी ले लिए।
हालांकि मुख्य आरोपी हिरासत में है, लेकिन इलाके के लोगों ने मामूनुल हक की गिरफ्तारी की मांग की है।
हमले में शामिल होने के लिए गुरुवार रात तक 22 स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)
पाकिस्तान में बलात्कारियों और यौन अपराधियों के लिए सजा के तौर पर "केमिकल कैस्ट्रेशन" पर विचार किया जा रहा है. लेकिन क्या यह तरीका प्रभावी और नैतिक है? यूरोपीय देशों में इसके अलग-अलग अनुभव हैं.
डॉयचे वैले पर इमरान वार्दा रिपोर्ट
आम भाषा में जिसे "केमिकल कैस्ट्रेशन" कहा जाता है, चिकित्सीय भाषा में उसे "एंटी-लिबिडिनल" इलाज कहते हैं. इसका मतलब है, इंजेक्शन या गोलियों के जरिये महिला हार्मोन प्रोजेस्टेरोन के जैसी दवा के इस्तेमाल से पुरुष टेस्टोस्टेरोन को कम करना. दूसरे शब्दों में कहें तो पुरुषों की यौन क्षमता को कम करके उसे नपुंसक बना देना. गोएटिंगन के रहने वाले न्यूरोलॉजिस्ट और फोरेंसिक मनोचिकित्सक युएर्गेन मुलर ने डॉयचे वेले को बताया, "इस बात के संकेत मिले हैं कि यह काम करता है. हालांकि, यह तरीका कितना प्रभावी है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है.”
आज तक कोई ऐसा अंतरराष्ट्रीय अध्ययन नहीं किया गया है जो इस इलाज की सफलता के प्रभाव को पता कर सके. हालांकि जर्मनी सहित यूरोप के कई देशों में संभावित और दोषी पाए गए यौन अपराधियों को ‘कैस्ट्रेशन' का विकल्प दिया जाता है. यह सजा के तौर पर नहीं, बल्कि इलाज के तौर पर होता है. उसमें भी यह पूरी तरह उन अपराधियों पर निर्भर करता है कि वे यह इलाज करवाना चाहते हैं या नहीं.
पाकिस्तान के लिए एक मॉडल
पाकिस्तान में अभी इस बात पर बहस चल रही है कि यौन अपराधियों के लिए सजा के तौर पर "केमिकल कैस्ट्रेशन" का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं. बलात्कारियों और बच्चों के साथ यौन हिंसा करने वाले अपराधियों के लिए, पाकिस्तान के आपराधिक कोड के तहत आजीवन कारावास और मौत की सजा देने का विकल्प मौजूद है. हालांकि, देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों को देखते हुए दूसरे कदम उठाने पर विचार किए जा रहे हैं.
साल 2018 में लाहौर के समीप कसूर जिले में 7 साल की जैनब के साथ बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद कसूर में हिंसक प्रदर्शन हुए. पूरे देश के लोगों ने सड़कों पर उतर जैनब के लिए इंसाफ की मांग की. इस मामले में गिरफ्तार किए गए संदिग्ध व्यक्ति की डीएनए जांच की गई. जांच में पता चला कि उसने करीब 5 अन्य के साथ भी बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था. दोषी पाए जाने पर आरोपी को उसी साल फांसी की सजा दी गई.
साल 2020 में लाहौर के पास सड़क पर दो बच्चों के सामने एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. इस घटना के बाद भी देश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए. इस मामले पर अभी भी अदालत में मुकदमा चल रहा है. इन मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने बलात्कारियों और बच्चों के साथ यौन हिंसा करने वाले अपराधियों को खुलेआम फांसी पर लटकाने का सुझाव दिया. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से यूरोपीय संघ के साथ पाकिस्तान के व्यापार की स्थिति को नुकसान हो सकता है.
रुक जाएंगे बलात्कार?
खान ने सुझाव दिया था, "मेरी राय है कि हमें केमिकल कैस्ट्रेशन का इस्तेमाल करना चाहिए. हमें ऐसे कानून चाहिए जो ऐसे लोगों को नपुंसक बना दें.” उस समय एक अध्यादेश का प्रस्ताव भी लाया गया था जिसके तहत दंड संहिता में ‘एंटी-लिबिडिनल' को जोड़ने की बात की गई थी.
केमिकल कैस्ट्रेशन से पुरुष में सेक्स करने की क्षमता और वीर्य कम हो जाता है. हालांकि, इससे यौन हिंसा और आक्रामक व्यवहार पर रोक नहीं लगती है. यहां तक कि टेस्टोस्टेरोन के स्तर को शून्य तक कम करने से सेक्स करने की संभावना समाप्त नहीं होती है.
डॉर्टमुंड यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्री आंद्रेय कोएनिग कहते हैं, "बच्चे को छेड़ने या किसी व्यक्ति का बलात्कार करने में सक्षम होने के लिए इरेक्शन की आवश्यकता नहीं है. अगर कोई पेनिट्रेट नहीं भी कर सकता है, तो वह आक्रामक व्यवहार कर सकता है या किसी तरह की चोट पहुंचा सकता है.”
गंभीर दुष्प्रभाव और नैतिक पहलू
‘केमिकल कैस्ट्रेशन' में समय लगता है. लंबे समय तक दवा दी जाती है. इसका काफी ज्यादा दुष्प्रभाव भी होता है. स्तन बढ़ जाते हैं. अवसाद और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. जर्मनी और यूरोप के अन्य देशों में कैस्ट्रेशन का इस्तेमाल सहमति से किया जाता है. यह स्वैच्छिक आधार पर यौन अपराधियों के साथ किया जाता है. ब्रिटेन के ब्रॉडमोर अस्पताल में फोरेंसिक मनोचिकित्सक कैलम रॉस ने डॉयचे वेले को बताया, "कुछ अपराधियों को अपने किए पर शर्मिंदगी महसूस होती है. उनके लिए यह रासायनिक उपचार प्रायश्चित की तरह है.”
युएर्गेन मुलर कहते हैं, "ड्रग का ज्यादातर इस्तेमाल व्यवहार या मनोचिकित्सा से जुड़े इलाज के लिए होता है. सिर्फ ड्राइव-केमिकल ट्रीटमेंट पर्याप्त नहीं है. यह यौन अपराधियों से निपटने के लिए अपनाए जाने वाले कई तरीकों में से एक है. सजा के तौर पर ऐसे इलाज करना जिससे कई सारी समस्याएं होती हैं, मेडिको-इथिकल नजरिए से बहुत ही ‘समस्याग्रस्त विचार' है.”
समाजशास्त्री कोएनिग का मानना है कि अपराधियों को बदलने के लिए जबरदस्ती कैस्ट्रेशन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. अगर वे खुद से इसके लिए तैयार होते हैं, तो ठीक रहेगा. उदाहरण के लिए, जर्मनी और ब्रिटेन के कुछ कैदियों ने कैस्ट्रेशन के लिए सहमति दी. उन्हें लगा कि ऐसा करने पर उनकी सजा कम हो सकती है या पेरोल मिलने में आसानी हो सकती है.
ऑक्सफोर्ड यूहिरो सेंटर फॉर एप्लाइड एथिक्स में अप्लाइड फिलॉसफी के प्रोफेसर थॉमस डगलस चेतावनी भरे लहजे में कहते हैं, "जेल प्रणाली में सुधार के लिए केमिकल कैस्ट्रेशन का विकल्प नहीं होना चाहिए.” वह अपराधियों के पुनर्वास कार्यक्रमों और समाज में उनको फिर से शामिल करने की वकालत करते हैं.
केमिकल बनाम सर्जिकल कैस्ट्रेशन
यूरोप ने सर्जिकल और केमिकल कैस्ट्रेशन, दोनों का इस्तेमाल किया है. ऐसा कुछ आक्रामक और हिंसक यौन अपराधियों के साथ किया गया था. फिलहाल, सर्जिकल तरीका सिर्फ चेक रिपब्लिक में अपनाया जाता है. इसके तहत, ऑपरेशन करके जननग्रंथि को निकाल दिया जाता है.
चेक रिपब्लिक के मसरिक यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्री कटरिना लिसकोवा कहती हैं, "यह अपराधियों के सबसे आक्रामक व्यवहार से निपटने का एकमात्र विश्वसनीय तरीका है.” सर्जिकल कैस्ट्रेशन का विकल्प चुनने वाले यौन अपराधियों की संख्या कम है. लिसकोवा ने चेक रिपब्लिक में हुए एक अध्ययन के हवाले से कहा कि 100 में से सिर्फ चार यौन अपराधियों का सर्जिकल कैस्ट्रेशन किया गया क्योंकि उन्हें फिर से अपराध करते हुए पकड़ा गया था.
2012 तक जर्मनी ने भी यौन अपराधियों को सर्जिकल कैस्ट्रेशन का विकल्प दिया. लेकिन यातना, अमानवीय व्यवहार और अपमानजनकर सजा की रोकथाम के लिए बनी यूरोप की कमिटी की आलोचना के बाद इसे समाप्त कर दिया गया. फिलहाल, जर्मनी में मानसिक बीमार, खतरनाक, और उच्च सुरक्षा वाले अस्पतालों में रखे गए यौन अपराधियों को केमिकल कैस्ट्रेशन का विकल्प दिया जाता है.
पाकिस्तान में ढांचागत सुधार की जरूरत
पाकिस्तान में यौन अपराधियों के लिए सजा के तौर पर "केमिकल कैस्ट्रेशन" का विकल्प दिए जाने के बजाए इसे अनिवार्य बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. फोरेंसिक मनोचिकित्सक कैलम रॉस कहते हैं, "कठोर तरीका अपनाकर जनता का वोट लिया जा सकता है. लेकिन केमिकल कैस्ट्रेशन एक उपचार हो सकता है, सजा नहीं.”
स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में जाव इंस्टीट्यूट ऑफ डेलिनक्वेंसी के क्रिमिनोलॉजिस्ट डिर्क बायर कहते हैं, "केमिकल कैस्ट्रेशन से कोई भी समाज सुरक्षित नहीं बन सकता है. इसके बावजूद, रूढिवादी या दक्षिणपंथी पार्टियां यौन अपराधों से निपटने के समाधान के तौर पर इसका प्रचार करती हैं. उन देशों में इसे ज्यादा समर्थन मिलता है, जहां के लोगों को लगता है कि इससे वहां का माहौल सुरक्षित हो जाएगा. हालांकि, इसके कोई सबूत नहीं हैं.
पाकिस्तान में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का आंदोलन "औरत मार्च लाहौर" इस विचार का आलोचक है. इस आंदोलन के तहत एक सुधार की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि केमिकल कैस्ट्रेशन के लिए कानूनी प्रावधान जैसे "अल्पकालिक उपायों” के बजाय पितृसत्तात्मक संरचनाओं को बदलना जरूरी है. (dw.com)
रूस और जर्मनी के बीच बाल्टिक सागर से होते हुए लगभग तैयार गैस पाइपलाइन को लेकर अमेरिका असमंजस में है. उसे रूस के दबदबे की फिक्र है तो इधर जर्मनी कूटनीतिक समाधान खोज रहा है.
जर्मनी को उम्मीद है कि अमेरिका, रूसी गैस को यूरोप पहुंचाने वाली "नॉर्ड स्ट्रीम 2" परियोजना पर व्यवहारिक रुख अपनाएगा. वैसे जर्मन अधिकारियों और राजनयिकों का कहना है कि अमेरिकी विरोध पर ध्यान न देकर, जर्मनी का जोर गैस पाइपलाइन का काम जल्द से जल्द पूरा करने पर है.
रूसी गैस एजेंसी गाजप्रोम के 11 अरब डॉलर वाले प्रोजेक्ट को रोकने के लिए एक के बाद एक अमेरिकी सरकारों ने कुछ कंपनियों पर प्रतिबंध थोप दिए हैं और प्रोजेक्ट से जुड़ी अन्य कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. व्हाइट हाउस के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बाल्टिक सागर से होते हुए जर्मनी जाने वाली इस पाइपलाइन को "यूरोप के लिए एक बुरा विचार" मानते हैं.
पाइपलाइन पर अमेरिकी खीझ और राजनीति
नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन पश्चिम के मित्र देश यूक्रेन को बाइपास करते हुए गुजरेगी. इस तरह यूक्रेन भारीभरकम ट्रांजिट शुल्क से वंचित रह जाएगा. इससे रूस पर यूरोप की ऊर्जा निर्भरता भी बढ़ेगी और अमेरिकी लिक्वीफाइड नेचुरल गैस से भरे जहाजों से प्रतिस्पर्धा भी होगी.
जर्मनी के मुताबिक सबसे सही रणनीति यही होगी कि प्रोजेक्ट के पूरा होते ही अमेरिका के साथ एक पक्का समझौता कर लिया जाए. ट्रैकिंग डाटा को मॉनीटर करने वाले विश्लेषकों का कहना है कि पाइपलाइन 95 प्रतिशत तक बन चुकी है और सितबंर तक पूरी हो सकती है.
ऐसी सूरत में बाइडेन प्रशासन को प्रोजेक्ट पर अड़ंगा लगाने का टाइम ही नहीं मिलेगा. यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ राजनयिक का कहना है, "जर्मनी थोड़ा वक्त काटते हुए सुनिश्चित करना चाहता है कि निर्माण कार्य पूरा हो जाए क्योंकि उन्हें लगता है कि एक बार पाइपलाइन चालू हो गई, तो (अमेरिका को) चीजें नए ढंग से दिखने लगेंगी."
रॉयटर्स से बात करने वाले अन्य अधिकारियों की तरह मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उक्त राजनयिक ने भी अपना नाम नहीं बताया. हालांकि अमेरिका ने कहा है कि वह इस पाइपलाइन के खिलाफ बोलता रहेगा लेकिन जर्मन अधिकारियों और यूरोपीय संघ के राजनयिकों को लगता है कि बातचीत के मौके बने हुए हैं.
यूरोपीय संघ के एक दूसरे राजनयिक ने कहा, "जर्मनी मानता है कि अमेरिका में इस बारे में बात करने और इसका हल निकालने को लेकर इच्छा नजर आती है." जर्मनी ने अमेरिका के साथ गैस पाइपलान के बारे में ठोस बातचीत शुरू नहीं की है. और वे अमेरिकी रुख के बारे में निश्चित तौर पर कुछ जानता भी नहीं है.
समस्या नहीं समाधान बनेगी पाइपलाइन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रतिबंधों से जुड़े जोखिमों के साथ अमेरिका जर्मन सरकार को बहुत सारे स्तरों पर व्यस्त भी रखना चाहता है. बाइडेन प्रोजेक्ट का विरोध करते हैं लेकिन यूरोप के साथ संबंधों को दुरुस्त करने की कोशिश भी कर रहे हैं. उक्त अधिकारी के मुताबिक, "इस मामले में अमेरिका को बातचीत के लिए विकल्पों की आड़ लेने की जरूरत नहीं हैं. यह समस्या जर्मनी की है और उसी की बनाई हुई है."
लेकिन जर्मनी भी अड़ा है. अपनी ओर से किसी पेशकश का उसका भी इरादा नहीं. एक वरिष्ठ जर्मन अधिकारी ने कहा, "हम कोई ऑफर नहीं दे रहे हैं, न ही अमेरिकी सरकार कुछ मांग रही है." जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास, अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिन्कन से अपनी सीधी मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं. जर्मन राजनयिकों का कहना है कि अगर ब्रसेल्स में नाटो विदेश मंत्रियों की इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में ब्लिन्कन आते हैं तो यह मुलाकात संभव है.
मास ने नई गैस पाइपलाइन को राजनीतिक नहीं बल्कि निजी उद्यम बताते हुए उसका बचाव किया है. और उससे जुड़ी कंपनियों का यही दावा है कि गैस लिंक का रास्ता विशुद्ध रूप से व्यवसायिक मामला है. जर्मनी का यह भी कहना है कि पाइपलाइन, यूरोप को गैस सप्लाई के अवरोधों से निजात दिलाएगी. इसकी बदौलत यूक्रेन की राजधानी कीव भी सुरक्षित हुई है क्योंकि रूस यूक्रेन के रास्ते अपने यहां उत्पादित गैस का कुछ हिस्सा निर्यात कर पा रहा है. लेकिन अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश कहते हैं कि ये परियोजना यूरोप के देशों को झांसा देने और यूक्रेन जैसे उन पड़ोसियों को नीचा दिखाने की रूसी योजना का हिस्सा है जो उसके दबदबे से पीछा छुड़ाना चाहते हैं.
मुश्किल विरासत और चौकन्ना जर्मनी
नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन पर अपना विरोध दोहराते हुए बाइडेन प्रशासन के कुछ अधिकारी कहते हैं कि अमेरिका को थोड़ा व्यवहारिकता का तकाजा भी रखना होगा कि हकीकत में क्या संभव है और क्या नहीं क्योंकि पिछली दो सरकारें तो पाइपलाइन परियोजना को रोक नहीं पाईं.
रॉयटर्स से बातचीत में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "संदर्भ भी महत्वपूर्ण है, मेरा मतलब, यह एक मुश्किल विरासत है." यह जानते हुए कि पाइपलाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है, कुछ वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने बाइडेन प्रशासन से आग्रह किया है कि जर्मनी पर खामखां दबाव न डालकर इस बात पर ध्यान दें कि भविष्य में संकट के दिनों में इस गैस पाइपलाइन का ज्यादा से ज्यादा फायदा कैसे उठाना है.
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, "अगर हम पाइपलाइन को रोक नहीं सकते हैं, तो सोचना चाहिए कि एक बार चालू हो जाने के बाद हम इससे कैसे अधिक से अधिक फायदा उठाएं." पिछले महीने अमेरिका में तैनात एक पूर्व जर्मन राजदूत ने अमेरिका और जर्मनी के बीच एक समझौते का विचार दिया जिसके तहत पाइपलाइन अधिकतम राजनीतिक फायदे की चीज बन सकती है.
इस योजना में जर्मनी के ऊर्जा नियामक को यह शक्ति दी जा सकती है कि अगर रूस कोई सीमा लांघने की कोशिश करे, तो गैस का प्रवाह रोक दे. पूर्व राजदूत वोल्फगांग आइशिंगर इसे इमरजेंसी ब्रेक कहते हैं. और इसकी जरूरत ऐसी घटनाओं के दौरान पड़ सकती है जैसी तब देखने को मिली जब यूक्रेन और रूस के बीच हिंसा भड़क उठी थी. रूस ने 2014 में क्रीमिया प्रायद्वीप को हड़प लिया था या फिर ऐसा हो कि रूस यूक्रेन के मौजूदा गैस ट्रांसिट ढांचे को बिल्कुल अनदेखा कर दे.
अमेरिकी चिंताओं को कम करने के लिए तैयार इस प्रस्ताव ने वरिष्ठ यूरोपीय अधिकारियों के अलावा जर्मनी के बाहर मौजूद राजनयिकों और जर्मन सरकार के हिस्सों में दिलचस्पी जगाई है. लेकिन यह प्रस्ताव समग्र रूप से जर्मन सरकार का ध्यान नहीं खींच पाया है. क्योंकि इसे लागू करने में व्यवहारिक दिक्कते हैं और दूसरी वजह यह है कि जर्मनी अमेरिका के साथ किसी तरह का कॉम्प्राइज करने की बहुत जरूरत महसूस नहीं करता है.
एसजे/आईबी (थॉमस रॉयटर्स फाउंडेशन)