राष्ट्रीय
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस ने खाद्य सामग्री बेचने वालों से कहा है कि वो अपनी दुकानों, ढाबों, ठेलों और होटलों पर साफ-साफ अपना नाम लिखकर रखें ताकि खाने वाले को पता रहे कि वो किसकी दुकान पर खा रहे हैं.
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र की रिपोर्ट-
हिंदू तीर्थयात्री हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. इस दौरान गंगा नदी से पानी लेने के लिए यात्री पैदल चलकर उत्तराखंड जाते हैं और फिर वहां से गंगा जल लाकर शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं. इस बार कांवड़ यात्रा आगामी 22 जुलाई से शुरू हो रही है. इस दौरान हरिद्वार से दिल्ली की ओर हजारों की संख्या में लोग कांवड़ लेकर आते हैं. इसी रास्ते पर मुजफ्फरनगर जिले का भी बड़ा हिस्सा पड़ता है. लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस के एक आदेश को लेकर काफी विवाद पैदा हो गया है.
मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने कांवड़ यात्रा मार्ग के किनारे स्थित होटल, ढाबों और खाद्य सामग्री बेचने वाली अन्य दुकानों को अपने मालिकों और कर्मचारियों के नाम अपनी-अपनी दुकानों के बाहर लिखने के लिए कहा है. एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने ठेले वालों को भी इस आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है. उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि ‘कांवड़ियों के बीच किसी तरह के भ्रम की स्थिति न हो और न ही इस वजह से कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जिससे कि बाद में कानून-व्यवस्था में कोई बाधा पैदा हो.
क्यों बना आलोचना का विषय
इस आदेश की काफी आलोचना हो रही है लेकिन बताया जा रहा है कि इस आदेश के पीछे कुछ हिन्दू संगठनों की मांग थी जिसमें कहा गया था कि रास्ते में मुसलमानों की दुकानों से उन्हें खाने-पीने की चीजें लेनी पड़ती हैं जो कि वो नहीं लेना चाहते. इन संगठनों ने इससे पहले कई बार इस बात को लेकर हंगामा भी किया है कि मुस्लिम समाज के लोग हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर फल-जूस इत्यादि की दुकानें खोलते हैं और इस भ्रम में हिन्दू ग्राहक वहां चले जाते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में मुजफ्फरनगर के बीजेपी विधायक कपिल देव अग्रवाल ने भी कहा था, "मुसलमानों को यात्रा के दौरान अपनी दुकानों का नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि जब कांवड़ियों को पता चलता है कि जिन दुकानों पर वे खाना खाते हैं वे मुस्लिमों द्वारा चलाई जाती हैं तो इस वजह से कई बार विवाद हो जाता है.”
मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश के बाद ही विवाद खड़ा हो गया और राजनीतिक दलों के अलावा अन्य लोगों ने भी इसकी आलोचना की. हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और नाजी जर्मनी में यहूदियों के खिलाफ किए जाने वाले भेदभाव से की. ओवैसी ने कहा कि ‘मुजफ्फरनगर पुलिस का यह आदेश संविधान के आर्टिकल 17 का उल्लंघन है क्योंकि ऐसा करके यूपी सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है.'
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा, "सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं, बल्कि सभी लोगों और मीडिया को भी इस राज्य प्रायोजित कट्टरता के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. हम भाजपा को देश को अंधकार युग में धकेलने की इजाजत नहीं दे सकते.”
पुलिस विभाग का क्या कहना है
सोशल मीडिया पर कई और लोगों ने भी इस कदम की आलोचना की है जबकि मुजफ्फरनगर पुलिस ने इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए इस बात से इनकार किया है कि उसके इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने का है. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसा पहले भी होता रहा है.
नोएडा में वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि यह आदेश कोई पहली बार नहीं जारी हुआ है बल्कि पहले भी ऐसा होता रहा है. उनके मुताबिक, "पुलिस कप्तान ने जल्दबाजी या जोश में कह दिया. कायदे से उन्हें डीएम के साथ बैठकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके और लोगों को बैठाकर ये बात कहनी चाहिए थी. ऐसा करते तो कोई समस्या ही न होती. ऐसा पिछले दस-बारह साल से होता आया है. रास्ते में पड़ने वाले ज्यादातर दुकानदारों ने खुद से ही अपने नाम लिख रखे हैं. यहां तक कि रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों ने भी खुद से ही अपने नाम लिख रखे हैं. आदेश तो बाद में आया है. और, ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई छोटी-मोटी बात भी किसी बड़ी घटना की वजह बन सकती है. ये लोग इन समस्याओं का दंश झेल चुके हैं. और वो खुद कोई अप्रिय स्थिति नहीं पैदा होने देना चाहते.”
पंकज पाराशर बताते हैं कि इस पूरे रास्ते में तमाम ऐसे इलाके हैं जो मुस्लिम बहुल हैं लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग खुद ही शिविर लगाकर कांवड़ियों की सेवा करते हैं. इन शिविरों पर लोग बाकायदा अपने नाम के बोर्ड लगाकर बैठे रहते हैं ताकि लोगों को ये पता रहे कि शिविर मुसलमानों के हैं. पंकज पाराशर कहते हैं, "हजारों कांवड़िये इन शिविरों में रुकते हैं, आराम करते हैं और खाते-पीते हैं. लेकिन यह भी है कि तमाम कांवड़िये मुस्लिम दुकानों और इन शिविरों पर रुककर नहीं खाना-पीना चाहते. तो उनकी सुविधा के लिए ऐसा कहा जाता है ताकि उन्हें पता रहे कि वो जहां खा रहे हैं, वो दुकान किसकी है. इन वजहों से कई बार विवाद हो चुके हैं. तो पिछले कई साल से ऐसा होता आया है ताकि स्पष्टता रहे.”
नेताओं ने जताया माहौल खराब होने का डर
डीडब्ल्यू से बातचीत में सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद कहते हैं कि कांवड़ यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आस्था का मामला है, सभी लोग इसमें सहयोग करते हैं और बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. लेकिन उनका कहना है कि इस तरह के आदेशों के जरिए माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. इमरान मसूद का कहना है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान पर तंज कसा है और इसे अस्पृश्यता को बढ़ावा देने वाला कृत्य बताया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर उन्होंने लिखा है, "कुछ अति-उत्साही अधिकारियों के आदेश हड़बड़ी में गड़बड़ी वाली स्थिति पैदा करने वाले हैं. ये अस्पृश्यता की बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं. आस्था का सम्मान होना ही चाहिए. मगर अस्पृश्यता का संरक्षण नहीं होना चाहिए.”
कांवड़ यात्रियों के लिए कैसी है प्रशासन की व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ियों की सुविधा के लिए कांवड़ यात्रा के रास्तों पर खुले में मांस की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा सीएम योगी ने अधिकारियों को तीर्थयात्रा मार्गों पर हेल्प डेस्क स्थापित करने और ठंडा पानी, शिकंजी जैसी चीजों के वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों से कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा का इंतजाम सुनिश्चित करने को भी कहा है.
वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि कुछ नाम तो ऐसे होते हैं कि उनसे हिन्दू-मुस्लिम का पता नहीं चलता, तो उन नामों का क्या होगा. वो लिखते हैं, "और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं'.” (dw.com)
उन्नाव, 19 जुलाई । उन्नाव में एक शिक्षक ने अपने चार दोस्तों के साथ दलित किशोरी के साथ दरिंदगी की और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद पीड़िता के परिवार वाले सदमे में हैं। लोग आरोपी शिक्षक को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। उन्नाव डीएम गौरांग राठी ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की बात कही है। उन्नाव डीएम गौरांग राठी ने कहा कि पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
गुरुवार को जब पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया, उस वक्त हमने कई फैसले लिए। जिसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर पीड़िता को न्याय दिलाने और परिजनों को सरकारी सहायता व सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का फैसला किया गया। इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को आर्थिक मदद और सुरक्षा दी जाएगी। बता दें कि इस पूरे मामले में पुलिस ने आरोपी शिक्षक और उसके साथियों के खिलाफ गैंगरेप, एससी/एसटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस का दावा है कि अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आरोपी शिक्षक सौरभ सिंह को सस्पेंड करते हुए दो सदस्यीय टीम गठित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं । दरअसल, आरोपी शिक्षक सौरभ सिंह ने पीड़िता को कक्षा 1 से 5 तक पढ़ाया था और उसको आत्मनिर्भर बनने का सपना दिखाया था। आरोपी ने 8 जुलाई को 6 हजार रुपये महीने का नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बुधवार को शिक्षक के घर पर छात्रा का शव खून से लथपथ मिला। आरोपी ने छात्रा के भाई को उसकी बहन की तबीयत बिगड़ने की जानकारी दी और लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल आने के लिए कहा और फिर वहां से खुद फरार हो गया। छात्रा के भाई ने आरोपी शिक्षक सौरभ सिंह और उसके चार साथियों पर गैंगरेप समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। घटना के बाद से परिजनों का हाल-बेहाल है। लोगों में हर तरफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। --(आईएएनएस)
गोपालगंज, 19 जुलाई । बिहार के गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाना क्षेत्र में शुक्रवार को शौचालय टंकी की शटरिंग खोलने के दौरान दम घुट जाने से घर के मालिक सहित दो लोगों की मौत हो गई। दोनों शवों को टंकी से जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। पुलिस के मुताबिक, फुलवरिया गांव में सुधीर दुबे ने अपने नवनिर्मित शौचालय की टंकी का शटरिंग खोलने के लिए कोटवां गांव निवासी मजदूर शमशाद मियां को बुलाया था। शमशाद मियां ने जैसे ही टंकी का स्लैब खोला तो तेज गैस रिसाव के कारण वह टंकी में ही गिर पड़ा।
शमशाद के टंकी में गिरते ही मकान मालिक सुधीर दुबे भी उसे बचाने के लिए टंकी में उतर गए। इस दौरान दम घुटने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। एक स्थानीय व्यक्ति जब बचाने गया तो वह भी बेहोश हो गया। मांझागढ़ के थाना प्रभारी संग्राम सिंह ने बताया कि शौचालय में लगे शटरिंग को खोलने के दौरान दम घुटने से एक मजदूर और घर मालिक की मौत हो गई है। जेसीबी के माध्यम से दोनों शव और बेहोश युवक को टंकी से बाहर निकाला गया।
युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। बता दें कि बिहार के मोतिहारी में गुरुवार को शौचालय की टंकी की शटरिंग खोलने के कारण जहरीली गैस से चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इस घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे भारतीय दल को शुभकामनाएं देते हुए भरोसा जताया है कि वे देश को गौरवान्वित करेंगे। पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक 2024 से पहले, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और हॉकी विश्व कप विजेता टीम के सदस्य अशोक ध्यानचंद, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व विश्व नंबर-1 डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता मुक्केबाज अखिल कुमार, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज अभिषेक वर्मा, दो बार के पैरालिंपिक भाला फेंक चैंपियन देवेंद्र झाझरिया और टोक्यो पैरालिंपिक रजत पदक विजेता डिस्कस थ्रोअर योगेश कथुनिया ने यहां मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में इस मल्टीस्पोर्ट इवेंट के लिए भारत की तैयारी पर चर्चा करने के लिए एक इंटरैक्टिव सत्र में भाग लिया।
यह कार्यक्रम दिल्ली खेल पत्रकार संघ (डीएसजेए) द्वारा भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस अवसर पर युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। उनके साथ खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक संदीप प्रधान, डीएसजेए के अध्यक्ष अभिषेक त्रिपाठी और सचिव सबी हुसैन तथा टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के सीईओ कमोडोर पीके गर्ग भी मौजूद थे। डीएसजेए की कार्यकारी समिति के सदस्य भी इस अवसर पर मौजूद थे। कार्यक्रम के बारे डॉ. मंडाविया ने कहा, “नए युग के भारत ने बहुत प्रगति की है, लेकिन यह तो बस शुरुआत है।
2047 तक, जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे, हम दुनिया में खेलों में अग्रणी बनने की आकांक्षा रखते हैं और इसलिए, इस तरह के मंचों पर विस्तृत चर्चा करना महत्वपूर्ण है। इन खेलों को कवर करने वाले पत्रकार भी उन भावनाओं को कैद करने के लिए जिम्मेदार हैं, जो एक एथलीट के मन में तब आती हैं, जब वे पदक जीतते हैं या इस स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं अपने एथलीटों को आगामी ओलंपिक और पैरालिंपिक के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे यकीन है कि वे हमारे देश को गौरवान्वित करेंगे।” झाझरिया, जो भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, "2004 में जब मैं एथेंस पैरालंपिक में गया था, तो मैंने अपनी जेब से पैसे खर्च किए थे। मैं गया और स्वर्ण पदक जीता और विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा।
तब से भारतीय खेलों में बहुत प्रगति हुई है। 2008 और 2012 के पैरालंपिक में भाग न लेने के बाद, मैं 2016 के रियो ओलंपिक में वापस आया और स्वर्ण पदक जीता। अब पीसीआई के अध्यक्ष के रूप में मुझे 100 प्रतिशत यकीन है कि हम ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हमारा लक्ष्य इस बार 25 पदकों की संख्या पार करना है। हमारा नारा है ‘अबकी बार, 25 पार’। इस अवसर पर डीएसजेए के अध्यक्ष अभिषेक ने कहा, "मैं ऐसे प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में खुश हूं क्योंकि हम पेरिस ओलंपिक से पहले हमारे एथलीटों की तैयारियों का जश्न मना रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं। दिल्ली खेल पत्रकार संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण का सहयोग विशेष है और मैं माननीय खेल मंत्री को भी इतने कम समय में हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। नीरज चोपड़ा द्वारा जीता गया स्वर्ण पदक सही दिशा में एक कदम है और अब हमें उस गति को बनाए रखना है और पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक में अपने प्रदर्शन में सुधार करना है।”
डीएसजेए सचिव सबी हुसैन ने सहमति जताते हुए कहा, “पदक जीतना न केवल एथलीटों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत सारी भावनाएँ लाता है। पेरिस की यात्रा करने वाले भारतीय एथलीट हमारे देश को गौरवान्वित करने के लिए तैयार हैं और इस आयोजन को कवर करने के लिए जिम्मेदार पत्रकारों के रूप में, हम उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के साथ पोडियम पर देखने के लिए उत्सुक हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हमारे एथलीट पेरिस में अब तक का सर्वश्रेष्ठ पदक हासिल करेंगे।" इस अवसर पर, डॉ. मंडाविया ने 'पाथवे टू पेरिस' नामक एक पुस्तिका भी लॉन्च की, जिसमें भारतीय दल के लिए ओलंपिक 2024 की राह पर प्रकाश डाला गया है। भारत से 117 एथलीट पेरिस जाएंगे, जहां ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होंगे। पैरालंपिक खेल 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होंगे। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर आई गड़बड़ी के कारण फ्लाइट्स में हुई देरी से यात्री बुरी तरह प्रभावित हुए। फ्लाइट्स को टेकऑफ में देरी के अलावा, चेक-इन तथा बुकिंग में भी लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी सिस्टम में तकनीकी खराबी का असर कई एयरलाइन्स पर पड़ा। इसकी वजह से भारत समेत दुनिया के कई देशों के विमान एयरपोर्ट पर ही खड़े रह गए। मुंबई के अंधेरी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस में गड़बड़ी के कारण ऑनलाइन चेक-इन सेवा बंद कर दी गई। इतना ही नहीं, इस गड़बड़ी के चलते हुई अव्यवस्था का असर रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दिया।
इधर नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर भी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। भोपाल एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में दिक्कत की वजह से इंडिगो के ऑनलाइन पोर्टल काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि अन्य ऑनलाइन पोर्टल पर टिकट बुक कर सकते हैं। सामान्य चेक-इन की जगह पर मैन्युअल चेक-इन कर बोर्डिंग पास ले सकते हैं। इस दौरान दिल्ली से रांची जा रहे मदन मोहन ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि वह सुबह 11 बजे से फ्लाइट के इंतजार में बैठे थे, लेकिन सर्वर ठप होने की वजह से कुछ काम नहीं हो पा रहा है। उनको 4 बजे रांची पहुंचना था, लेकिन अभी भी फ्लाइट का कोई अभी आता-पता नहीं है।
एक फंक्शन में डेढ़-दो लाख रुपये लगाया था, जहां पहुंचना था, लेकिन सब बेकार हो गया। इंदिरा गांधी टर्मिनल 3 एयरपोर्ट पर बैठे उमोद रॉय ने बताया कि वे जम्मू कश्मीर से आए थे और असम जाना था। लेकिन यहां आकर पता चला कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है, काफी देर से परेशान हैं और दूसरा कोई चारा नहीं है। वह आर्मी में जवान हैं, दो-चार दिन की छुट्टी मिली थी। वाराणसी में भी माइक्रोसॉफ्ट की खराबी के चलते इंडिगो की फ्लाइट रद्द हो गई और लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर यात्रियों को इंतजार करना पड़ा। वाराणसी से दिल्ली, कोलकाता, पुणे, मुंबई जाने वाली इंडिगो फ्लाइट रद्द हुई है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों के मालिकों के नाम लिखने के आदेश पर आक्रोश जताया है। उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है।
इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने इस आदेश को तुरंत वापस लेने और इसे जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही है। प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है। समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है। यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'' इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाली दुकानों के मालिकों के नाम लिखने के आदेश पर रोष प्रकट किया।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''यूपी व उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकॉट करने का प्रयास अति-निंदनीय।" बता दें कि 22 जुलाई से शुरू हो रही कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड में कांवड़ रूट पर आने वाली दुकानों और रेस्टोरेंट के मालिक को अपनी नाम की नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया गया है। हरिद्वार पुलिस ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। -(आईएएनएस)/
दरभंगा, 19 जुलाई । विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी काजिम अंसारी को दरभंगा पुलिस रिमांड पर लेकर दोबारा पूछताछ करेगी। इस बात की जानकारी दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी ने प्रेसवार्ता कर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि गिरफ्तार काजिम अंसारी फिलहाल जेल में है। वहीं उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस में अनुसंधान जारी है। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने कहा कि पिछले दिनों हमने जिस हथियार से हत्या किया गया उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन अभी तक वो हथियार हम लोगों के हाथ नहीं लगा है।
इसे लेकर हम लोग न्यायालय से अनुरोध करेंगे कि आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा जाए। जिसके बाद हम लोग दोबारा पूछताछ करेंगे जिसके कुछ सबूत हाथ लग जाए। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान हमलोगों ने आस-पास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले हैं और बचे हुए सीसीटीवी की भी जांच कर रहे हैं कि इससे कुछ सबूत मिल जाए। घेरे में आए हुए लोगों की भी जांच कर रहे हैं। अभियुक्त ने जिन लोगों का नाम बताया है, उनकी भी जांच कर रहे हैं। मोबाइल का विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बरामद हुए कागजात और बाइक का वेरिफिकेशन कर रहे हैं।
उन्होंने मुख्य गुनहगार काजिम के बयानों को लेकर कहा कि अभियुक्त जो भी खुलासा करते हैं, उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है ताकि कोई निर्दोष न पकड़ा जाए। इसलिए सामने आए हर पहली का क्रॉस वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है। इस मामले में अभी कई आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। जीतन सहनी की अज्ञात अपराधियों ने सोमवार देर रात निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। मंगलवार सुबह उनका शव दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के सुपौल बाजार स्थित उनके आवास से बरामद किया गया था। अगले दिन बुधवार को ही पुलिस ने काजिम अंसारी को गिरफ्तार किया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । दस्तावेजों में फर्जीवाड़े के आरोपों से घिरी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने नाम, माता-पिता का नाम, हस्ताक्षर, ईमेल, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाई। यही कारण है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की कर दी है। संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के कदाचार की विस्तृत और गहन जांच की है।
आयोग के मुताबिक इस जांच से यह पता चला है कि उसने नाम, पिता और माता का नाम, तस्वीर/हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा नियमों के तहत स्वीकार्य सीमा से अधिक प्रयास का धोखाधड़ी से लाभ उठाया। यूपीएससी का कहना है कि इसलिए, यूपीएससी ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसके अंतर्गत पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराकर आपराधिक अभियोजन शामिल है। इसके अलावा सिविल सेवा में उसकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया है।
सेवा परीक्षा-2022/ सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार उसे भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी द्वारा यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए सभी कर्तव्यों का सख्ती से पालन करता है। यूपीएससी के मुताबिक वह बिना किसी समझौते के उचित उच्चतम मानदंडों के साथ सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है। यूपीएससी का कहना है कि उसने अत्यंत निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ अपनी सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित की है। यूपीएससी का कहना है कि उसने जनता, विशेषकर उम्मीदवारों से बहुत उच्च स्तर का विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है कि विश्वसनीयता का ऐसा उच्च क्रम बरकरार रहे और समझौता न किया जाए। --(आईएएनएस)
रांची, 19 जुलाई । सेवा स्थायी करने की मांग पर झारखंड के सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन ने शुक्रवार दोपहर उग्र रूप ले लिया। राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद मोरहाबादी मैदान में पिछले दो हफ्ते से जमा हजारों सहायक पुलिसकर्मी कई बैरिकेडिंग तोड़कर कांके रोड स्थित सीएम आवास की तरफ बढ़ गए। आंदोलित सहायक पुलिसकर्मियों ने पुलिस की तीन-चार गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
रोकने की कोशिश कर रहे सुरक्षाबलों पर पथराव भी हुआ है। कई लोगों के घायल होने की सूचना है। हजारों सहायक पुलिसकर्मियों ने वेतन बढ़ाने और सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर पिछले दो हफ्ते से रांची के मोरहाबादी मैदान में डेरा डाल रखा था। इनमें महिलाओं की भी खासी तादाद है। तीन दिन पहले उन्होंने राजभवन का घेराव करने की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था। शुक्रवार को उन्होंने सीएम हाउस का घेराव करने का ऐलान कर रखा था। इसे देखते हुए राज्य सरकार के आला अफसरों ने उनके प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। वार्ता के दौरान सरकार की ओर से वेतन में 20 प्रतिशत वृद्धि और उनकी सेवा को एक साल के एक्सटेंशन का प्रस्ताव रखा गया। वार्ता के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने और पुलिस बहाली में आरक्षण देने पर सहमति बन गयी है। सहायक पुलिसकर्मियों को आश्वासन दिया गया है कि नौ अगस्त से समाप्त हो रहा उनका अनुबंध एक साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। उनके वेतन भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा रही है।
इसके अलावा झारखंड पुलिस में होने वाली बहाली में उन्हें आरक्षण दिया जाएगा। दूसरी तरफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे विवेकानंद ने वार्ता से लौटकर अपने साथियों से कहा कि हमारी मांगों को नहीं माना जा रहा है। इसके बाद मोरहाबादी मैदान में जमा सहायक पुलिसकर्मी नारेबाजी करते हुए सीएम हाउस की तरफ बढ़ने लगे। सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे उग्र हो उठे। उन्होंने तीन-चार बैरिकेडिंग तोड़ दी है। पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया गया। वज्र वाहन पर भी आंदोलित सहायक पुलिसकर्मियों ने कब्जा कर लिया और उसके टायर की हवा निकाल दी। सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया तो उन्होंने उनके डंडे छीनकर उन्हीं की पिटाई कर दी। आंदोलनकारियों का एक बड़ा जत्था सीएम आवास के पास पहुंच गया है। --(आईएएनएस)
पटना, 19 जुलाई । बिहार मंत्रिमंडल की शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल की इस बैठक में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के प्रबंधन के लिए विभिन्न कोटि के 301 पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के सुगम प्रबंधन एवं संचालन के लिए मुख्यालय एवं क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न कोटि के कुल 301 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई, जबकि नालंदा जिला अंतर्गत राजगीर में निर्माणाधीन राज्य खेल अकादमी एवं अंतर्राष्ट्रीय मानक के क्रिकेट स्टेडियम के सुगम संचालन के लिए विभिन्न कोटि के 81 पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अलावा भागलपुर में विक्रमशिला विश्वविद्यालय ऐतिहासिक स्थल के समीप केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए 87 करोड़ 99 लाख रुपए की स्वीकृति मिल गयी है।
उन्होंने कहा कि बैठक में बिहार फ़िल्म प्रोत्साहन नीति 2024 को भी मंजूरी दी गई। बिहार वेब मीडिया नियमावली, 2021 में संशोधन के लिए बिहार वेब मीडिया (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। वहीं, जल जीवन हरियाली अभियान के तहत औरंगाबाद, डेहरी और सासाराम के लिए सोन नदी से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 1347 करोड़ 32 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यकीय विकास योजना के लिए 45 करोड़ 66 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। --(आईएएनएस)
जूनागढ़ (गुजरात), 19 जुलाई । गुजरात में जूनागढ़ में शुक्रवार सुबह से हो रही भारी बारिश की वजह से दामोदर कुंड में जलभराव की स्थिति बन गई है। सोनरख नदी उफान पर है जिससे दामोदर कुंड में स्थिति भयावह हो गई है और इसके आसपास के इलाकों में जनजीवन ठप हो गया है। लगातार हो रही बारिश से जलभराव और बढ़ने की आशंका है जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। जूनागढ़ में शुक्रवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है जिसकी वजह से पूरे जिले में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग ने पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए 22 जुलाई तक बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
मानसून की वजह से पूरे प्रदेश में कई दिन से रुक-रुककर बारिश हो रही है जिसकी वजह से सोनरख नदी उफान पर है। पिछले 24 घंटे में भारी बारिश की वजह से पूरा दामोदर कुंड खतरनाक स्तर तक जलमग्न हो गया है। इस जलभराव के कारण पूरे इलाके में बाढ़ की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। इसके अलावा जिले की ही मालिया हाटिन तहसील क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बनने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मालिया हाटिन तहसील के ही सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के पास पांच फुट ऊंचे शिवलिंग के पास भी कई फीट ऊपर तक पानी भर गया।
साथ ही भाखरवाड़ डैम में ओवरफ्लो होने की वजह से निचले गांवों में चेतावनी जारी कर दी गयी है। कई राजमार्ग बंद कर दिये गये हैं। पूरे जिले में सुबह से भारी बारिश की वजह से जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर हैं। शुक्रवार सुबह से पूर्वाह्न 10 बजे तक जिले के वंथली में पांच इंच, जूनागढ़ शहर में तीन इंच, भेसन में ढाई इंच, मेंदरडा में तीन इंच, केशोद में पांच इंच, मांगरोल में एक इंच, मालिया में दो इंच बारिश हो चुकी है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब देवभूमि उत्तराखंड में कांवड़ रूट पर आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों को नेमप्लेट लगानी होगी। हरिद्वार पुलिस ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। 22 जुलाई से शुरू हो रही कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है। मुजफ्फरनगर पुलि़स ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकानों और रेस्टोरेंट के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश दिया था।
इसी तर्ज पर हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग में दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है। हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई दुकानों को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है क्योंकि उसमें प्रोपराइटर का नाम नहीं लिखा होता है। कई बार कावंड़िए इस बात को लेकर आपत्ति भी जताते हैं। इस संबंध में हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाले जितने भी होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट, रेहड़ी-पटरी वाले हैं, उन सबका सत्यापन कर उन पर प्रोपराइटर के नाम अंकित करने के लिए जोर दे रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसे नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
हरिद्वार के डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जिन होटल और ढाबे वालों ने अपने नाम और टेलीफोन नंबर प्रदर्शित नहीं किए हैं, ऐसे लोगों का हम सत्यापन करते है। जो भी श्रद्धालु हमारे यहां आ रहे हैं, उनको पता चले कि वो किसके यहां पर खाना खा रहे हैं। जिन लोगों को परमिट दिए जा रहे हैं, उसमें यह भी सुनिश्चित कराएंगे कि उसमें फूड क्वालिटी भी अच्छी हो। खाद्य विभाग इसकी लगातार चेकिंग भी करेगा। -- (आईएएनएस)
शिमला, 19 जुलाई । हिमाचल प्रदेश के ऊना में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक चल रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया गया है। दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। डॉ. सिकंदर कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कार्यसमिति का आयोजन चार सत्रों में किया गया है।
अलग-अलग सत्रों में एक राजनीतिक प्रस्ताव और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। आगामी विधानसभा चुनाव का रोड मैप इस कार्यसमिति की बैठक में तय किया जाएगा। इसके अनुरूप भाजपा प्रदेश में आगे बढ़ेगी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर भी हमला किया। सिकंदर कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए हर हथकंडा अपनाया है। उन्होंने कहा, ''बावजूद इसके हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने विधानसभा क्षेत्र में हार गए और उनके 9 मंत्रियों को भी शिकस्त झेलनी पड़ी। भाजपा ने कांग्रेस से 15 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किया है।'' उन्होंने आगे कहा, ''भाजपा एक बड़ी सफलता की ओर आगे बढ़ रही है। कार्यसमिति की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार की जा रही है।
इस दौरान उप चुनाव के परिणाम पर भी चिंतन मंथन किया जाएगा।'' बता दें कि हाल ही में हिमाचल उपचुनाव की तीनों विधानसभा सीट के नतीजे घोषित किए गए। देहरा और नालागढ़ सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को मात दी। देहरा सीट से मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की। वहीं हमीरपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार आशीष शर्मा को कामयाबी मिली। --(आईएएनएस)
रांची, 19 जुलाई । असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के झारखंड में होने वाले दौरे में उनकी सुरक्षा के प्रोटोकॉल पर होने वाला खर्च वहां (असम) की प्रदेश सरकार चुकाएगी। इसे लेकर असम पुलिस की स्पेशल ब्रांच के एडीजीपी हितेश चंद्र नाथ ने झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह को पत्र लिखा है
। इस पत्र में बताया गया है कि सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में चुनाव सह प्रभारी नियुक्त किया है। ऐसे में उन्हें राजनीतिक कार्यों से लगातार झारखंड का दौरा करना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर हिमंता बिस्वा सरमा को पूरे भारत में जेड प्लस सिक्योरिटी के साथ-साथ सीआरपीएफ का सिक्योरिटी कवर प्रदान किया जाना है। पत्र में झारखंड पुलिस से आग्रह किया गया है कि वे जब भी झारखंड दौरे पर रहें, उन्हें इसी के अनुरूप सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
एडीजीपी हितेश चंद्र नाथ ने पत्र में यह भी कहा है कि सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के दौरे पर सिक्योरिटी पर झारखंड सरकार का जितना भी खर्च हो, उसके बिल उन्हें भेज दिए जाएं ताकि असम सरकार की ओर से इसका भुगतान किया जा सके। बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हाल में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के भाजपा के चुनाव सह प्रभारी के रूप में बार-बार झारखंड दौरे पर सवाल खड़ा किया था। पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि असम के सीएम के लगातार दौरे की वजह से झारखंड सरकार को सुरक्षा मद में अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बोफा की ओर से एशिया के फंड मैनेजर का सर्वे किया गया है, जिसमें शीर्ष निवेशकों ने जापान, भारत और ताइवान को निवेश के लिए सबसे अच्छा बाजार बताया है। वहीं, चीन और थाईलैंड को अपने पोर्टफोलियो में निचला स्थान दिया है। सर्वे के मुताबिक, 51 प्रतिशत फंड मैनेजर जापान पर ओवरवेटेज हैं, जबकि भारत और ताइवान पर क्रमश: 32 प्रतिशत और 24 प्रतिशत मैनेजर ओवरवेटेज हैं।
दूसरी तरफ चीन पर 43 प्रतिशत फंड मैनेजर अंडरवेटेज हैं। बोफा ने रिपोर्ट में बताया कि सेमीकंडक्टर बड़े निवेशकों की पहली पसंद है। इसके बाद टेक हार्डवेयर का नाम है। वहीं, रियल एस्टेट में निवेश करने से निवेशक बच रहे हैं। चीन में सरकारी सेक्टर की कंपनियां वापसी कर रही हैं, जबकि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र का बोलबाला है। साथ ही बताया गया कि अमेरिका में खपत में धीमापन आया है। भारत में बड़ी संख्या में विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) निवेश कर रहे हैं।
जून में एफआईआई द्वारा 26,565 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वहीं, एफआईआई ने इस महीने की शुरुआत से लेकर अब तक 24,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। घरेलू निवेशकों के सकारात्मक रुझान और विदेशी निवेशकों के द्वारा निवेश करने के कारण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य सूचकांक निफ्टी ने पिछले 1 साल में करीब 24 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। -(आईएएनएस)
देहरादून, 19 जुलाई । उत्तराखंड देश में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने वाला पहला प्रदेश बन गया है। ऐसे में इसके अंदर शादी से लेकर जमीन-जायदाद में हिस्सेदारी और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। इस कानून में लिव-इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को लेकर यह कहा गया है कि वह ऐसी स्थिति में अपना पंजीकरण कराएं ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में शासन-प्रशासन के द्वारा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इसको लेकर खूब विरोध किया गया। इस कानून का विरोध करने वाले लोग पहले तो यह मान ही नहीं रहे थे कि लिव इन रिलेशन जैसी कोई चीज होती है और अगर होती भी है तो इसकी जानकारी शासन-प्रशासन को देना और इसको रजिस्टर्ड कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। क्योंकि किसी के साथ किसी के संबंधों की जानकारी निजी होती है ऐसे में इसे शासन-प्रसासन को मुहैया कराना राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। अब लिव इन रिलेशन में रहने वाला एक जोड़ा उत्तराखंड हाई कोर्ट के समक्ष अपनी सुरक्षा की गुहार लेकर पहुंचा। उस जोड़े ने अदालत को बताया कि वे लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं। ऐसे में उन्हें बार-बार परिवार वालों की तरफ से धमकी मिल रही है। जबकि हम दोनों ही बालिग हैं और हमें हमारे जीवन के बारे में फैसला लेने का पूरा अधिकार है।
ऐसे में उत्तराखंड हाई कोर्ट की तरफ से फैसला आया। जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि इस जोड़े को अपने आप को उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की धारा 378(1) के तहत अपना पंजीकरण कराना चाहिए। यानी इस रिलेशनशिप को रजिस्टर्ड कराना चाहिए और साथ ही प्रशासन को यह ऑर्डर किया गया कि इस जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करे। अदालत की तरफ से इस ऑर्डर में कहा गया कि आप अपने लिव इन रिलेशन को रजिस्ट्रार के पास 48 घंटे के अंदर रजिस्टर्ड करें और इसके साथ ही प्रशासन इस जोड़े की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। उत्तराखंड सरकार के द्वारा समान नागरिक संहिता की धारा 378(1) के अनुसार लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए यह अनिवार्य होगा कि चाहे वे उत्तराखंड के निवासी हों या नहीं हों, लिव-इन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए धारा 378 की उपधारा (1) के तहत संबंधित रजिस्ट्रार को जिसके अधिकार क्षेत्र में वह जोड़ा रहता है अपने लिव इन रिलेशन को रजिस्टर्ड कराएं।
ऐसे में उत्तराखंड हाई कोर्ट का यह फैसला ऐसे लोगों के लिए एक सबक है जो इस कानून का विरोध कर रहे थे। कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि इस कानून में कहीं कोई परेशानी नहीं है और इसके अंदर लिव इन रिलेशन में रहनेवाले लोगों को रजिस्टर्ड होकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करानी चाहिए। ऐसा करने पर किसी भी प्रकार से राइट टू प्राइवेसी का हनन नहीं होता है। -- (आईएएनएस)
दरभंगा, 19 जुलाई । बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी काजिम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब भी कई आरोपी फरार बताये जा रहे हैं। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी कई ऐसे सवाल हैं, जिसके जवाब पुलिस अब तक नहीं खोज पाई है। जीतन सहनी की अज्ञात अपराधियों ने सोमवार देर रात निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। मंगलवार सुबह उनका शव दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के सुपौल बाजार स्थित उनके आवास से बरामद किया गया था।
अगले दिन बुधवार को ही पुलिस ने काजिम अंसारी को गिरफ्तार किया था। पुलिस अब तक हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर पाने में सफल नहीं हो सकी है। पास के एक जलाशय के पानी को निकालकर भी हथियार की खोज की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इधर, वीआईपी का एक प्रतिनिधिमंडल भी बिहार के पुलिस महानिदेशक से मिला, जहां एक आवेदन पत्र देकर अनुसंधान की दिशा भटकने की आशंका जताई गई। मृतक के भतीजे पवन सहनी द्वारा लिखे आवेदन पत्र में कहा गया है कि इस हत्या मामले में पुलिस द्वारा मीडिया में दिए जा रहे बयान से अनुसंधान की दिशा भटकने की आशंका है। आवेदन में कई सवाल भी उठाए गए हैं। आवेदन में कहा गया है कि अपराध में उपयोग किये गए हथियार की भी बरामदगी नहीं हो पाई है। आवेदन में कहा गया है कि अनुसंधान अब तक प्रारंभिक अवस्था में है।
मीडिया में 10 जुलाई की रात का सीसीटीवी फुटेज चलाया जा रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि 10-15 लोग घटनास्थल के समीप लाठी डंडे के साथ खड़े हैं। इधर, पुलिस मुख्य आरोपी को रिमांड पर लेने की तैयारी में है। दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी ने कहा कि पुलिस मुख्य आरोपी को रिमांड पर देने का न्यायालय से आग्रह करेगी, जिससे और पूछताछ की जा सके। आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की जा रही है।
संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब तक किसी को भी क्लीन चिट नहीं दे रही है। उस क्रम में मोबाइल नंबर का भी विश्लेषण किया जा रहा है। घटनास्थल से जो कागज, बाइक और अन्य सामान बरामद हुए हैं, उनका भी वेरिफिकेशन किया जा रहा है। आरोपी द्वारा बताए गए अन्य आरोपियों का भी वेरिफिकेशन किया जा रहा है। पुलिस सावधानी बरत रही है कि कोई निर्दोष न फंसे। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 19 जुलाई । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखनऊ में शुक्रवार को प्राकृतिक खेती पर आधारित 'भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि कम से कम एक करोड़ किसानों के बीच जाकर उन्हें प्राकृतिक खेती की विशेषताओं के बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि हम कम से कम एक करोड़ किसानों तक जाएंगे और प्राकृतिक खेती की विशेषता से अवगत कराएंगे। हम कोशिश करेंगे कि उनमें से 18 लाख किसान ऐसे निकलें, जो प्राकृतिक खेती करने का संकल्प लें। अगर आपके पास 5 एकड़ खेत है तो एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करें।
अगर आपके पास दो एकड़ खेत है तो आधे एकड़ में करें, बाकी में आपको जो करना है, करते रहें। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि विश्वविद्यालय एक और प्रयोगशाला बनेगी। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बता रहे थे कि एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय के रूप में बनाएंगे। मैं उनका अभिनंदन करता हूं। हमारे कृषि महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र को हम प्रयोगशाला बनाने की दिशा में काम करेंगे। इसके अलावा प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के खेत भी प्रयोगशाला होंगें। उन्होंने कहा कि जो प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, उनको विधिवत प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को पहले और दूसरे साल तक उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन, तीसरे साल में ज्यादा होगा। इसलिए, तीन साल तक हम किसानों के खाते में कुछ पैसे डालेंगे।
केमिकल फर्टिलाइजर पर भी तो सब्सिडी दे ही रहे हैं, तो प्रोत्साहन के लिए ये भी जरूरी है। प्राकृतिक खेती से किसानों को जब लाभ होगा तो वह खुद खेती करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में अगर एक किसान सफल हो गया तो वह इस खेती को और बढ़ाएगा और दूसरे किसान भी प्रभावित होंगे। धीरे-धीरे देश में प्राकृतिक खेती होने लगेगी। आज-कल इतनी जागरूकता हो गई है कि लोगों को जब पता चलेगा कि प्राकृतिक खेती का उत्पाद है, इसमें केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं हुआ है। तो, लोग उसे डेढ़ गुना दाम पर खरीद लेंगे। मैं हर विषय का विशेषज्ञ नहीं हूं, इसलिए आप सब लोग जो तय करेंगे, उसे हम फॉलो करेंगे। कई बार मंत्री बनकर यह गुमान हो जाता है कि अपन ही सब कुछ हैं। लेकिन, मैं मानता हूं कि हर व्यक्ति, हर विषय का जानकर नहीं हो सकता, यहां विशेषज्ञ बैठे हैं, उनका मार्गदर्शन और सलाह लेंगे। --(आईएएनएस)
कैथल, 19 जुलाई । हरियाणा के कैथल में कृषि विभाग के कार्यालय पर सीएम फ्लाइंग की टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की। इस दौरान टीम ने कार्यालय में उपस्थित और अनुपस्थित कर्मचारियों की जानकारी ली और दस्तावेज खंगाले। दरअसल, बीते दिनों विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी के दस्तावेज जाली पाए जाने पर उप कृषि निदेशक ने उसे बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद कर्मचारी ने उप कृषि निदेशक पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इस आरोप के बाद राज्य सरकार ने उप कृषि निदेशक को भी सस्पेंड कर दिया गया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि कि सीएम फ्लाइंग की टीम कार्यालय में इसी मामले की जांच के लिए पहुंची थी। हालांकि, वर्तमान में कार्यरत उप कृषि निदेशक इस छापेमारी को सामान्य बता रहे हैं। सीएम फ्लाइंग की टीम ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। कैथल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने कहा करीब साढ़े नौ बजे सीएम फ्लाइंग की टीम के लोग हमारे दफ्तर में आये थे। उन्होंने सभी कर्मचारियों की हाजिरी रजिस्टर मांगी और छुट्टी पर रहने वाले कर्मचारियों की भी जानकारी मांगी।
इस दौरान सीएम फ्लाइंग टीम को कोई खामियां नहीं मिली। कैथल के अलावा करनाल में भी सीएम फ्लाइंग की टीम ने कृषि विभाग के दफ्तर में छापेमारी की। सीएम फ्लाइंग की टीम यहां भी दस्तावेजों और हाजिरी रजिस्टर को खंगालते हुए नजर आई। टीम ने इस बात की जानकारी ली कि पीएम निधि योजना के तहत किसानों को हर साल मिलने वाले 6 हजार रुपये सही लाभार्थियों को मिल रहे हैं या नहीं। -(आईएएनएस)
नोएडा, 19 जुलाई । नोएडा के फूड पैकेजिंग कंपनी में शुक्रवार को भीषण आग लग गई। जिसके चलते आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि पैकेजिंग कंपनी के फर्स्ट फ्लोर पर आग लगी थी। आग लगने का कारण एसी में ब्लास्ट बताया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर के सीएफओ प्रदीप चौबे ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे नोएडा के सेक्टर 10 में बनी एक फूड पैकेजिंग कंपनी में आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया।
शुरुआती तौर पर धुुआं ज्यादा होने की वजह से स्मोक एक्सट्रैक्शन मशीन की मदद लेनी पड़ी। उन्होंने बताया कि हमारे कर्मचारियों को बीए सेट पहनकर अंदर जाना पड़ा और आग बुझाने का काम शुरू किया गया। जिस वक्त कंपनी में आग लगी थी, उस वक्त कंपनी खुली ही थी और फर्स्ट फ्लोर के एसी में आग लगने की वजह से नीचे रखे सामान में आग फैल गई थी। कोई भी व्यक्ति अंदर नहीं फंसा था।
सभी बाहर आ चुके थे और उसके बाद आग बुझाने का कार्य शुरू किया गया था। जिसे पूरी तरीके से बुझा लिया गया। गौरतलब है कि बीते कई दिनों से कई जगहों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें एसी की वजह से ही सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। एसी में ब्लास्ट होने और उसकी तारों का कमजोर होना ही आग लगने की मुख्य वजह बनकर सामने आई है। --(आईएएनएस)
लखनऊ, 19 जुलाई । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के एक राज्य में कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र यह हुआ कि आज वहां से 'कैंसर ट्रेन' चलानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन जरूर बढ़ा, मगर ये अधूरा सच है। आज फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण एक 'धीमा जहर' हमारी धमनियों में घुस रहा है। ये दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
देश में कई इलाके ऐसे भी थे, जहां प्राकृतिक ढंग से भी कृषि उत्पादन अधिक था। हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा। हमें खेती को लेकर पिछले सौ-डेढ़ सौ वर्ष में जो पढ़ाया गया है, उसमें और पुराने समय के विज्ञान में कितना अंतर है। हमें इतिहास के पन्नों को फिर से पलटना होगा। हरित क्रांति के बाद जब खेती में फर्टिलाइजर का उपयोग हुआ तो कुछ समय तक उत्पादन तो बढ़ा, मगर आज एक स्लो प्वाइजन के रूप में वह हमारी धमनियों में घुसता जा रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। अमरोहा में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल में 12 से 14 गाय अचानक मर गईं, हमने वहां विशेषज्ञ भेजे तो ये पता लगा कि चारे में बड़े पैमाने पर फर्टिलाइजर मिला था, जिसके कारण उनकी मौत हुई। हमें समझना होगा कि जब गाय अत्यधिक फर्टिलाइजर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है तो मनुष्य की स्थिति क्या होगी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए धन की मांग करते हैं, इसमें सर्वाधिक मामले कैंसर के होते हैं। आज से कुछ साल पहले इतनी भयावह स्थिति नहीं थी। आज गांव-गांव में युवाओं में कोई किडनी, कोई हार्ट तो कोई कैंसर से पीड़ित हो गया है। इसका कारण है कि हमारा खानपान कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है। इससे बचाव का नया मंत्र पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का दिया है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । राजधानी की सड़कों की शोभा बढ़ाने के लिए, विश्व की प्रतिष्ठित वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन 2024 का 19वां संस्करण दिल्ली और उसके नागरिकों की जीवंत भावना का उदाहरण देने के लिए तैयार है जिसमें दुनिया भर से प्रतिभागी एकजुट होंगे। इसका आयोजन इस साल 20 अक्टूबर को किया जाएगा। प्रोकैम इंटरनेशनल ने गुरुवार रात को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविवार, 20 अक्टूबर को आयोजित होने वाले सबसे बड़े सहभागी खेल आयोजन के लिए पंजीकरण शुरू करने की घोषणा की।
वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन की भौतिक और आभासी दौड़ के लिए पंजीकरण शुक्रवार, 19 जुलाई को प्रातः 7:00 बजे से शुरू होंगे। 260,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि वाली विश्व एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रेस में दुनिया भर के शौकीनों के साथ कुछ सबसे तेज़ एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, संजय अरोड़ा ने कहा, "वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन एक सामुदायिक कार्यक्रम है जो पूरी दिल्ली को एकजुट करता है।
मैराथन के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि हम खुद के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं, इसलिए प्रोकैम इंटरनेशनल , वेदांता और सभी इवेंट हितधारक को बधाई।" विश्व स्तर पर विविधतापूर्ण प्राकृतिक संसाधन कंपनी, वेदांता ने अपने सहयोग के पिछले दो वर्षों में #रनफॉरजीरोहंगर के उद्देश्य को आगे बढ़ाया है। प्रत्येक किलोमीटर दौड़ के लिए, इसने अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तहत अपने सामाजिक प्रभाव पहल के माध्यम से बेहतर पोषण की आवश्यकता वाले एक बच्चे को भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया। एसोसिएशन को जारी रखने के लिए उत्साहित, प्रिया अग्रवाल हेब्बार, गैर-कार्यकारी निदेशक, वेदांता लिमिटेड और चेयरपर्सन, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने कहा, “यह वर्ष का वह समय है जब पूरा देश #रनफॉरजीरोहंगर नामक एक उद्देश्य के लिए एक साथ आता है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन में प्रत्येक किलोमीटर दौड़ के लिए, हम एक भोजन का योगदान देंगे और इस वर्ष हमारा लक्ष्य 5 मिलियन भोजन का है।
आइए एक साथ आएं और भारत के लिए एक उज्जवल, भूख-मुक्त भविष्य बनाने के लिए दौड़ें।" सभी शारीरिक दौड़ श्रेणियों के लिए पंजीकरण - हाफ मैराथन, ओपन 10के , ग्रेट दिल्ली रन (4.5 किमी), सीनियर सिटीजन रन (2.5 किमी), और चैंपियंस विद डिसेबिलिटी रन (2.5 किमी) - शुक्रवार, 19 जुलाई, 2024 को सुबह 7:00 बजे से शुरू होंगे। पंजीकरण शुक्रवार, 20 सितंबर, 2024 रात 11:59 बजे तक खुला रहेगा। प्रोकैम इंटरनेशनल के संयुक्त प्रबंध निदेशक विवेक सिंह ने कहा,“हम वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन के लिए पंजीकरण की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं, एक ऐसा आयोजन जो एथलेटिक उत्कृष्टता और सामुदायिक जुड़ाव की सीमाओं को आगे बढ़ाता है। वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार, विदेश मंत्रालय भारत सरकार, गृह मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के अथक समर्थन के लिए आभारी हैं। --(आईएएनएस)
जलगांव, 19 जुलाई । महाराष्ट्र के जलगांव जिले में हिट एंड रन का एक और मामला सामने आया है। एक कार सवार ने सड़क पर खड़े लोगों को टक्कर मार दी। कार की टक्कर से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो बच्चों सहित चार महिलाएं घायल हो गईं। घटना गुरुवार शाम की है। जिले के मेहरून इलाके की मंगलपुरी गली में कुछ महिलाएं अपने घर के बाहर सड़क पर खड़े होकर आपस में बातें कर रही थीं तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे एक महिला की मौके पर ही मौत हो गयी व अन्य महिलाएं घायल हो गईं। इसके बाद घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने कार चालक को पकड़ जमकर पीटा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
कार चालक घटनास्थल के पास की ही रामेश्वर कॉलोनी का रहने वाला है। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। गंभीर रूप से घायल कार चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक महिला की पहचान शोभा साईं प्रसाद रमेश पाटील (60) के रूप में हुयी है। वह मेहरून के मंगलपुरी कालोनी की रहने वाली है। उसके परिवार में एक दिव्यांग पति के अलावा एक बेटा और दो बेटियां हैं।
घायलों में संगीता प्रकाश महाजन (48), जयश्री जगदीश राउत (30), सुमनबाई साहेबराव पाटिल (65) और अर्चना पाटिल (40) के अलावा दो बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को एक नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला की मौत की खबर जैसे से मृतक महिला के परिवार में पहुंची तो पूरा परिवार शोक में डूब गया। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 19 जुलाई । दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली वालों के दिए टैक्स के पैसे से दिल्ली को कुछ नहीं मिलता। केंद्र सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए दिए जा रहे पैसों को भी रोक लिया है। आतिशी के मुताबिक, 23 जुलाई को केंद्र सरकार अपना बजट ला रही है। ये बजट किसके पैसे से तैयार होता है। ये जनता और राज्य सरकारों के पैसे से बनाया जाता है जिसका उनको ही लाभ नहीं मिल रहा है।
दिल्ली वालों के टैक्स का एक हिस्सा दिल्ली सरकार को आता है। जिसमें जीएसटी, वैट समेत अन्य कंपोनेंट होते हैं। आतिशी ने कहा, पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली सरकार को 35 हजार करोड़ का टैक्स मिला था, जो दिल्ली के विकास के लिए खर्च होना है। जिसमें दिल्ली वालों के लिए 24 घंटे बिजली, मोहल्ला क्लीनिक बनाने में, बच्चों के लिए स्कूल बनवाने में, पानी के लिए पाइप लाइन पहुंचाने में, दिल्ली में आ रही मोहल्ला बसों पर, नए फ्लाईओवर पर और अन्य सुविधाओं पर दिल्ली सरकार खर्च करती है। उन्होंने कहा, दिल्ली वालों ने इनकम टैक्स के रूप में केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए दिए। इसके अलावा जीएसटी का भी एक हिस्सा केंद्र सरकार को जाता है जिसके मुताबिक 25 हजार करोड़ रुपए का टैक्स केंद्र सरकार को गया है। कुल मिलाकर दिल्ली के लोगों ने 2.32 लाख करोड़ का टैक्स केंद्र सरकार को दिया है। आतिशी ने केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब दिल्ली वाले इतना ज्यादा टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं तो दिल्ली के लिए केंद्र सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है। इसका जवाब है जीरो। आतिशी ने बताया कि दिल्ली वालों के लिए एक पैसा भी इस टैक्स से केंद्र सरकार ने खर्च नहीं किया है।
अगर बड़े टैक्स पे करने वालों की बात करें तो मुंबई से भी 5 लाख करोड़ का टैक्स केंद्र सरकार को जाता है। महाराष्ट्र जब इतना टैक्स देता है तो उसे 54 हजार करोड़ रुपए दिए जाते हैं। बैंगलोर की बात करें तो यह भी दिल्ली जितना ही 2 लाख करोड रुपए टैक्स केंद्र को देता है, जिसके एवज में कर्नाटक को 33 हजार करोड़ दिया जाता है। लेकिन दिल्ली वालों को 1 रुपए भी नहीं मिलता। आतिशी ने कहा है कि इस बार दिल्ली वालों की मांग है कि उन्हें उनके हक का पैसा मिलना चाहिए। अंग्रेजों के समय में जो भारत के साथ होता था, वही अब दिल्ली वालों के साथ किया जा रहा है। इस बार केंद्र सरकार से दिल्ली वालों को 10 हजार करोड़ रुपए मिलना चाहिए ताकि विकास कार्यों में और तेजी आए। यह भारत सरकार के पूरे बजट का 0.25 प्रतिशत है। हमने कहा है कि जो दिल्ली इनकम टैक्स में कंट्रीब्यूशन देती है उसका यह मात्र 5 प्रतिशत है। --(आईएएनएस)
गोंडा, 19 जुलाई । उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के कुछ डिब्बों के पटरी से उतर जाने से मरने वालों की संख्या अब चार हो गई है। कई अन्य अभी भी जख्मी हैं जिनका इलाज चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, दुर्घटनास्थल पर कोच के नीचे से एक और शव बरामद हुआ। हालांकि उसकी अभी पहचान नहीं हो सकी है। इस प्रकार मौत का कुल आंकड़ा चार हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि वैगन कीचड़ में पलटा पड़ा था। क्रेन द्वारा वैगन को उठाने के बाद शव बरामद किया गया गया। अभी तक दो लोगों को लखनऊ में भर्ती कराया गया है। एक खतरे से बाहर है।
अभी एक मरीज गंभीर रूप से घायल है। चार लोगों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उत्तर प्रदेश के गोंडा के पास गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण बड़ा हादसा हुआ ता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेकर स्थानीय प्रशासन को प्रभावित यात्रियों की हर संभव मदद का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि घायलों को सही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। दुर्घटनास्थल राजधानी लखनऊ से करीब 150 किलोमीटर दूर है। दुर्घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीणों ने पलटे एसी कोच के शीशे तोड़कर अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। कुछ ही देर में एसडीआरएफ, पुलिस व आरपीएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया। -(आईएएनएस)