रायपुर, 20 मार्च। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चुनाव में पहली बार सीधे तौर पर राजनीतिक हस्तक्षेप दिखाई पड़ रहा है। व्यापारियों के चुनाव में व्यापारियों को चुनाव लड़ने से रोकने अदृश्य ताकतों के दबाव डालने की खबरें सोशल मीडिया में और व्यापार जगत में सामान्य रूप से चल रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों के संगठन में कब्जा करने के लिए जिस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जो चर्चाएं व्यापारियों के बीच से सामने आ रही है बेहद चिंताजनक है। स्पष्ट रूप से व्यापारी समुदाय में यह चर्चा है की कौन-कौन चुनाव लड़ेगा यह राजनीति से जुड़े लोग तय कर रहे हैं। उनके नाम की पर्ची बनाकर के लिफाफे भेजे गए हैं। इसीलिए अन्य कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए नामांकन तक दाखिल नहीं कर पा रहे हैं। राइस मिल एसोसिएशन का उदाहरण दिया जा रहा है। व्यापारियों के बीच चल रही चर्चा यदि सही है तो लोकतंत्र की हत्या का इससे बड़ा और कोई उदाहरण नहीं हो सकता है। इस तरह से संस्थानों में उनकी स्वायत्तता को खत्म करना व्यापार उद्योग जगत के साथ ही अन्य संस्थाओं के लिए भी खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को व्यापारी संगठनों के चुनाव में हस्तक्षेप से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
चेंबर के चुनाव में पहली बार नामांकन फॉर्म भरने के लिए नामांकन फार्म का मूल्य बेतहाशा बढ़ाया गया है। पहले जहां पांच हजार रुपए में अध्यक्ष का नामांकन भर दिया जाता था बढ़ाते बढ़ाते वह तीस हजार रुपए हो गया है, इससे छोटे-छोटे व्यापारी वैसे ही दूर होते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में जहां लाखों की संख्या में मतदाता होते हैं वहां भी इतना शुल्क नहीं लगता है।