विचार / लेख

हिंदुस्तानियों के लिए ट्रम्प, और खाड़ी के देश
08-Feb-2025 2:52 PM
हिंदुस्तानियों के लिए ट्रम्प,  और खाड़ी के देश

-सत्येन्द्र पी.एस.

एक साथी ने कहा कि अमेरिका से जो लोग भगाए जा रहे हैं, उनके बारे में कुछ लिखिए। उड़ती सूचना के मुताबिक अमेरिका ने जिन 15 लाख लोगों को भगाने की योजना बनाई है, उनमें से 7 लाख लोग भारत से गए हैं और इनमें से ज्यादातर लोग पिछले 4 साल में रोजगार की तलाश में भारत से भागकर अमेरिका गए हैं। इस पर अमेरिका की एक धर्मगुरु ने जो संदेश दिया था, वह मानवता से भरा था कि जो लोग आए हैं, वे हमारी सेवाएं कर रहे हैं, हमारी गंदगी साफ कर रहे हैं, हमारा जीवन आसान कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप को इस पर विचार करना चाहिए और उनके साथ सहानुभूति के साथ पेश आना चाहिए।

लेकिन ट्रंप की मंशा के मुताबिक भारतीयों को हथकड़ी लगाकर बहुत अमानवीय तरीके से भगाया जाने लगा है।

आइए देखते हैं कि तैत्तिरीय उपनिषद के भृगु वल्ली के दशम अनुवाक में क्या कहा गया है....

न कंचन वसतौ प्रत्याचक्षीत। तद् व्रतम्। तस्माद्यद्या कद्या च विषया ब्रह्मन्न प्राप्नुयात। अराध्यस्मा अन्नमित्याचक्षते। एतद्वै मुखतोअन्नम् राद्धम। मुखतोअस्मा अन्नं राध्यते। एतद्वै मध्यतोअन्नं राद्धम। मध्यतोअस्मा अन्नं राध्यते। एतद्वा अन्ततोअन्नं राद्धम्। अन्ततोअस्मा अन्नं राध्यते।

बसने के लिए आए किसी अतिथि को मना न करें। यह व्रत कर लें। इसलिए जिस किसी विधि से पुष्कल अन्न प्राप्त करें, जो भोजन तैयार किया जाता है, अतिथि के लिए ही किया जाता है। ऐसा कहा गया है। तैयार किए गए भोजन का जो मुख का यानी ऊपर का भोजन है, वह इसी के लिए पकाया गया है। पात्र के मध्य का भोजन भी इसी के लिए पकाया गया है। पात्र के अंत का, यानी नीचे का जो अन्न है, वह भी अतिथि के लिए ही पकाया गया है।

लेकिन जब किसी देश पर उत्पीडक़ और पापी शासक का राज होता है तो वह मनुष्य को मनुष्य नहीं मानता। नागरिक को नागरिक नहीं मानता। अगर उसकी धरती पर कोई जन्म ले ले तो वह उसे ईश्वर का दिया हुआ उपहार नहीं मानता। मनुष्यों को भगाने की बात करता है।

भारत-पाकिस्तान-बांग्लदेश-अफगानिस्तान तक अखंड भारत का हिस्सा हैं। इनका एकीकरण किया जाना चाहिए। हम सभी एक हैं। लेकिन कुछ समय पहले बांग्लादेश को लेकर किस कदर उन्माद फैलाया गया कि भारत में बांग्लादेशी नागरिक समस्याएं उत्पन्न कर रहे हैं। उन्हें डिपोर्ट करने, कैदखाने में डालने की बाद होने लगी। उस समय की बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई सबूत देता है कि वह भारतीय नहीं, बांग्लादेशी नागरिक है तो हर एक व्यक्ति को मैं बांग्लादेश में लेने को तैयार हूं। तब जाकर थोड़ा सा उन्माद थमा था। वर्ना एक धर्म विशेष के मनुष्यों को निशाना बनाया जा रहा था। उपनिषद में इतनी अच्छी बात लिखे होने के बावजूद भारत में भी पाप तो हुआ था।

अमेरिका यूरोप जैसे सभ्य देशों में तो दूसरे देश के नागरिक को भी मनुष्य ही समझा जाता है। वह लोग बड़ी संख्या में दूसरे देशों के लोगों को नागरिकता देते रहे हैं। उनकी धरती पर अगर कोई बच्चा पैदा हो जाए तो वह उसे धरती का बोझ न समझकर गॉड गिफ्ट मानते हैं। लेकिन अगर उन सभ्य देशों में भी किसी पापी का शासन आ जाए तो वह डिपोर्ट की ही बात करता है। स्वाभाविक है कि अमेरिका से जो 7 लाख लोग डिपोर्ट किए जाएंगे, उसमें एक धर्म विशेष के नागरिक ही होंगे।

अगर हम विदेश में बसे भारतीयों के आंकड़े देखें तो सबसे ज्यादा लोग खाड़ी देशों यानी ईरान, इराक, सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात में बसे हैं। 90 लाख लोगों के तो आंकड़े हैं, जिनमें ज्यादातर भारत की बहुसंख्य आबादी वाले धर्म के यानी हिंदू हैं। अगर वह लोग वैध अवैध खोजकर भारतीयों को भगाने लगें तो वह कम से कम 60 लाख लोगों को भगाएंगे। लेकिन उम्मीद है कि वहां के शासक उतने पापी नहीं है कि यह कुफ्र, यह गुनाह करें।

ट्रंप की जो हालत है, पूरी दुनिया उसको पागल इंसान के रूप में जान रही है। हमें उम्मीद है कि ट्रंप ने चुनाव में लफ्फाजी की थी कि भगाएंगे, लेकिन कुछ लोगों को भगाने के बाद वह इस योजना को टाल देंगे। वर्ना यह संभव है कि बहुत सारे देश अमेरिका पर ही प्रतिबंध लगाना और उससे संबंध खत्म करना शुरू कर देंगे।

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