यरूशलम, 17 जनवरी। इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने शुक्रवार को यह तय करने के लिए बैठक की कि क्या उस समझौते को मंजूरी दे दी जाए, जिससे गाजा में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों की रिहाई हो सके और 15 महीने से चल रहे युद्ध को रोका जा सके।
अगर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी, तो युद्धविराम लागू होने से पहले समझौते को अंतिम मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रमुख मध्यस्थ कतर ने बुधवार को इस सौदे की घोषणा की, जिसका उद्देश्य गाजा में बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को रिहा करना और पश्चिम एशिया को अस्थिर करने वाले युद्ध को समाप्त करना है, जिसने दुनिया भर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है।
शुक्रवार की बैठक से पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा पहले कहा गया था कि समझौते को अंतिम रूप देने में अंतिम समय में कुछ अड़चनें आईं।
इजराइल ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा कैबिनेट के मतदान में देरी की, जिसमें हमास के साथ विवाद को मंजूरी में देरी का कारण बताया गया।
हालांकि, सुबह-सुबह एक बयान के बाद सुरक्षा कैबिनेट द्वारा सौदे पर मतदान का रास्ता साफ होता दिखाई दिया।
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने गाजा से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए एक विशेष कार्य बल को तैयार करने का निर्देश दिया है, और उनके परिवारों को सूचित किया गया है कि समझौता हो गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि यदि कोई समझौता हो जाता है, तो रविवार को शुरुआती बंधकों की रिहाई के साथ युद्ध विराम शुरू हो सकता है।
इस समझौते के तहत, गाजा में बचे हुए लगभग 100 बंधकों में से 33 को अगले छह सप्ताह में रिहा किया जाना है, बदले में इजराइल द्वारा कैद किए गए सैकड़ों फलस्तीनियों को छोड़ा जाएगा।
इसके अलावा, इजराइली सेना कई क्षेत्रों से वापस आ जाएगी, सैकड़ों हजारों फलस्तीनी अपने घरों में वापस लौट सकेंगे, और मानवीय सहायता में वृद्धि होगी।
पुरुष सैनिकों सहित शेष बंधकों को दूसरे चरण में रिहा किया जाना है। इस अत्यधिक कठिन चरण पर पहले चरण के दौरान बातचीत की जाएगी।
हमास ने कहा है कि वह स्थायी युद्ध विराम और इजराइल के पूरी तरह वापसी के बिना शेष बंदियों को रिहा नहीं करेगा, जबकि इजराइल ने समूह को खत्म करने और क्षेत्र पर खुले सुरक्षा नियंत्रण को बनाए रखने तक लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है।
युद्ध के बाद की स्थिति को लेकर गाजा के बारे में दीर्घकालिक प्रश्न बने हुए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्षेत्र पर कौन शासन करेगा या पुनर्निर्माण के कठिन कार्य की देखरेख कौन करेगा।
मिस्र के एक अधिकारी और हमास के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि अंतिम समय में विवाद समझौते के पहले चरण के दौरान इजराइली जेलों से रिहा किए जाने वाले फलस्तीनी कैदियों की सूची को लेकर था, लेकिन अब यह मुद्दा सुलझ गया है।
दोनों अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर यह बात कही।
हमास के अधिकारी ने कहा कि मध्यस्थों ने समूह को इजराइल की मंजूरी दिखाई थी।
मिस्र के अधिकारी ने कहा कि इजराइल की सेना और शिन बेत आंतरिक सुरक्षा एजेंसी का एक प्रतिनिधिमंडल गाजा पट्टी को मिस्र से जोड़ने वाली रफाह क्रॉसिंग को फिर से खोलने के बारे में चर्चा के लिए शुक्रवार सुबह काहिरा पहुंचा।
इजराइल के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि प्रतिनिधिमंडल क्रॉसिंग के संबंध में बातचीत के लिए काहिरा गया।
संघर्ष विराम समझौते पर नेतन्याहू के दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है, जिन पर इजराइल के प्रधानमंत्री सत्ता में बने रहने के लिए निर्भर हैं।
इजराइल के कट्टरपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन-ग्वीर ने बृहस्पतिवार को धमकी दी कि अगर इजराइल ने युद्ध विराम को मंजूरी दे दी तो वह सरकार छोड़ देंगे।
शुक्रवार को बेन-ग्वीर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अगर यह समझौता हो जाता है, तो हम भारी मन से सरकार छोड़ देंगे’’।
बेन-ग्वीर के इस्तीफे से सरकार नहीं गिरेगी या युद्ध विराम समझौता पटरी से नहीं उतरेगा, लेकिन इस कदम से सरकार एक नाजुक क्षण में अस्थिर हो जाएगी और अगर बेन-ग्वीर के साथ नेतन्याहू के अन्य प्रमुख सहयोगी शामिल हो गए तो सरकार गिर सकती है।
इस बीच, गाजा में लड़ाई जारी है, जिसमें बृहस्पतिवार को इजराइली हमलों में कम से कम 72 लोग मारे गए। पिछले संघर्षों में, दोनों पक्षों ने ताकत दिखाने के लिए युद्ध विराम से पहले अंतिम घंटों में सैन्य अभियान बढ़ा दिए थे।
हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल में सीमा पार से हमला करके युद्ध की शुरुआत की, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजराइल ने एक विनाशकारी हमले के साथ जवाब दिया, जिसमें 46,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए। अधिकारी नागरिकों और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं करते हैं, लेकिन उनका कहना है कि मरने वालों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। (एपी)