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मुंबई, 22 अक्टूबर । अभिनेत्री अनसूया सेनगुप्ता को लगता है कि पिछले एक दशक से कला के क्षेत्र में महिलाएं गजब का काम कर रही हैं और अब सिनेमा की दुनिया भी उनकी आवाज सुन रही है। एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में अनसूया ने कहा, ''पिछले 10 साल में कला जगत में महिलाओं को सुना जा रहा है और इसका असर भी दिखने लगा है। लापता लेडीज जैसी बेहतरीन फिल्में इसका उदाहरण है। वहीं, ली ग्रैंड प्रिक्स जीत पायल कपाड़िया ने हमें गौरवान्वित किया।'' 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में "द शेमलेस" के लिए अन सर्टेन रिगार्ड बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री ने कहा, "इसलिए मुझे लगता है कि यह दुनिया भर में महिलाओं के लिए और भी आगे आने का समय है।
हम यहां पर लंबे समय से काम कर रहे हैं और दिग्गजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।'' उन्होंने आगे कहा, "कई वर्षों से महिलाओं ने इस दिशा में शानदार और बिना थके काम किया है। उचित पहचान के बिना भी लगातार काम किया है, इसलिए अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे आगे लेकर बढ़ें।" कोंस्टेंटिन बोजानोव द्वारा निर्देशित "शेमलेस" और पायल कपाड़िया द्वारा निर्देशित "ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट" जैसी फिल्मों के बड़े पैमाने पर सफल होने के बाद, क्या दुनिया भर में भारतीय प्रतिभाओं को देखने और समझने के तरीके में बदलाव आया है? अभिनेत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि थोड़ा बहुत, ऐसा होने में बहुत समय लग गया। मैं इससे ज्यादा खुश नहीं हो सकती।
मुझे लगता है कि कि बाकी दुनिया बैठकर बड़े आराम से सब कुछ देख रही है। ऐसा नहीं है कि हमारे पास पहले से ही शानदार फिल्म निर्माता, अभिनेता और अभिनेत्रियां और सभी प्रकार के कलाकार नहीं थे।'' अनसूया इस बात से सहमत हैं कि "सोशल मीडिया की वजह से पिछले 20 सालों में पहुंच बढ़ी है। अभिनेत्री ने कहा कि लोग भारतीय प्रतिभाओं पर ध्यान दे रहे हैं और मुझे लगता है कि हमारा हक हमें मिल रहा है और मुझे उम्मीद है कि अब ऐसा जारी रहेगा। -(आईएएनएस)