कारोबार

अनुसंधान और विकास पर 5 वर्षों में 150 करोड़ का निवेश
हैदराबाद, 19 जून। एनएमडीसी ने बताया कि भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक, एनएमडीसी ने आज खनिज प्रसंस्करण और टिकाऊ इस्पात प्रौद्योगिकी में नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए हैदराबाद के पाटनचेरू में अपने नए अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) केंद्र का उद्घाटन किया।
एनएमडीसी ने बताया कि नवरत्न कंपनी ने पिछले 5 वर्षों मेंअनुसंधान और विकास में 150 करोड़ रुपये से अधिक का रणनीतिक निवेश किया है और अनुसंधान एवं विकास केंद्र के नए भवन के निर्माण में 50 करोड़ रुपये का निवेश किया है। पाटनचेरू में आठ एकड़ में फैले इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्घाटन एनएमडीसी के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) श्री अमिताभ मुखर्जी ने किया।
एनएमडीसी ने बताया कि इस अवसर पर श्री दिलीप कुमार मोहंती, निदेशक (उत्पादन); श्री विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी); श्री बी. विश्वनाथ, मुख्य सतर्कता अधिकारी और एनएमडीसी के और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वर्ष 1970 से खनिज प्रसंस्करण के क्षेत्र में योगदान दे रहे एनएमडीसी अनुसंधान एवं विकास को यूनिडो और डीएसआईआर दोनों ने घरेलू और वैश्विक उद्योग को इसके ज्ञान और प्रौद्योगिकी अंतरण के लिए उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में मान्यता दी है।
एनएमडीसी ने बताया कि अनुसंधान एवं विकास केंद्र में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा संचालित अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं जो सुस्थिर खनिज प्रौद्योगिकी और अयस्क बेनीफिशिएशन में नवाचार को बढ़ावा देती हैं। नवनिर्मित एनएमडीसी अनुसंधान एवं विकास केंद्र में परिष्कृत उपकरणों की एक श्रृंखला है, जिसमें एक स्वचालित मिनरल एनालाइजर और स्वचालित फ्यूजन बीड आधारित एक्स-रे फ्लोरेसेंस (एक्सआरएफ) एनालाइजर शामिल हैं।