विचार / लेख

टैरिफ तनाव के बीच जयशंकर की मार्को रुबियो से मुलाकात
23-Sep-2025 12:59 PM
टैरिफ तनाव के बीच जयशंकर की मार्को रुबियो से मुलाकात

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे. भारत और अमेरिका के बीच चल रही तनातनी के मद्देनजर इस बैठक पर सबकी नजरें हैं.

 डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा- 
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय सामानों पर लगाए गए भारी-भरकम आयात शुल्क के बाद पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार (22 सितंबर) को वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात करने वाले हैं. अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के कारण 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है. इसे मिलाकर भारत पर कुल अमेरिकी टैरिफ 50 फीसदी हो गया.

अमेरिकी विदेश विभाग के सार्वजनिक कार्यक्रम के अनुसार, दोनों नेता न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (यूएनजीए) से इतर मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है.

भारत पर लगे ट्रंप के टैरिफ की चपेट में कश्मीरी कारीगर

बैठक के एजेंडे पर क्या अनुमान?

यह बैठक भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा मानी जा रही है. कई विशेषज्ञों के अनुसार, हालिया महीनों में दोनों देशों के पसरे तनाव में सुधार के संकेत दिख रहे हैं.

जयशंकर और रुबियो की पिछली मुलाकात जुलाई महीने में हुई थी. मौका था, वॉशिंगटन में हुई 10वीं क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक. इससे पहले दोनों के बीच जनवरी की शुरुआत में भी बातचीत हुई थी. हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाए जाने के कारण बढ़े तनाव के बाद यह उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी.

इकोनॉमिक टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, रुबियो के साथ जयशंकर की चर्चा व्यापार वार्ता और ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के हालिया फैसले पर केंद्रित हो सकती है. ट्रंप द्वारा कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए वीजा फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दी गई है.

एच-1बी वीजा उन कुशल विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका आकर काम करने का एक रास्ता बनाता है, जो सीमित समय (आमतौर पर तीन साल) के लिए कानूनी रूप से अमेरिका में काम करना चाहते हैं. अमेरिकी की टेक कंपनियां इस वीजा कार्यक्रम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करती हैं.

बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारी इसी वीजा के सहारे अमेरिका में जाकर काम करते हैं. हालांकि, व्हाइट हाउस ने बाद में साफ किया कि यह फीस केवल नए आवेदकों पर लागू होगी, ना कि वर्तमान वीजा धारकों पर. इस स्पष्टीकरण के बाद भी टेक कंपनियां बढ़ी हुई वीजा फीस को लेकर चिंतित हैं.

वार्ता के बीच वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी अमेरिका में

जयशंकर और रुबियो की मुलाकात उसी दिन हो रही है, जिस दिन भारत और अमेरिका के बीच अमेरिका में द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) पर वार्ता शुरू हो रही है. भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भारतीय पक्ष का नेतृत्व कर रहे हैं. वह वॉशिंगटन में व्यापार पर मंत्रिस्तरीय वार्ता करेंगे.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, 16 सितंबर को अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों की भारत यात्रा के दौरान "सकारात्मक चर्चा" हुई. दोनों पक्ष समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रयास तेज करने पर सहमत हुए. ट्रंप द्वारा अधिक सौहार्दपूर्ण लहजे में यह कहने के बाद व्यापार वार्ता दोबारा शुरू हुई कि उनकी टीम नई दिल्ली के साथ बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास जारी रखे हुए है.

भारत और अमेरिका ने इस साल मार्च में बीटीए पर बातचीत शुरू की थी. इस समझौते का पहला चरण अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. अब तक दोनों देशों के बीच पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. छठा चरण अगस्त में होना था, लेकिन ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद उसे स्थगित कर दिया गया.

भारत और चीन, रूसी तेल ना खरीदें तो क्या होगा

16 सितंबर को अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने नई दिल्ली में वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल से मुलाकात की थी. दोनों ने अगले कदमों पर चर्चा की और जल्द-से-जल्द एक पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते पर पहुंचने के लिए प्रयास तेज करने पर सहमति जताई थी.

भारत को रूस से दूर करने के लिए यूरोपीय संघ की नई रणनीति

ट्रंप दे रहे हैं नरमी के संकेत

इस महीने की शुरुआत में भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने कहा था कि अमेरिकी प्रशासन ने दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को हल करने के लिए गोयल को वॉशिंगटन में आमंत्रित किया था. गोर ने यह भी कहा था कि कुछ हफ्तों में मुद्दों का समाधान हो जाएगा.

वॉशिंगटन, भारत पर रूस से तेल खरीदकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की युद्ध मशीन को फंडिंग करने का आरोप लगाता रहा है.

जवाब में भारत का रुख यह है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूस से उत्पाद खरीद रहे हैं, लेकिन उसे अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. ट्रंप प्रशासन के अतिरिक्त टैरिफ के फैसले के बाद कुछ खबरें ऐसी भी आई थीं कि भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है. लेकिन भारतीय तेल कंपनियां अभी भी रूस से तेल खरीद रही हैं.

अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत खरीद रहा है रूस से सस्ता तेल

हालांकि, जब ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए फोन किया, तो संबंधों में सुधार आने की उम्मीद जताई गई. मोदी को अपना "घनिष्ठ मित्र" बताते हुए ट्रंप ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता हो सकता है. यह तीन महीने में दोनों नेताओं के बीच हुई पहली ज्ञात बातचीत थी.


अन्य पोस्ट