सरगुजा

फर्जी तरीके से जन्म-मृत्यु सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाए, अज्ञात चॉइस सेंटर पर अपराध दर्ज
22-Mar-2025 9:47 PM
फर्जी तरीके से जन्म-मृत्यु सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाए, अज्ञात चॉइस सेंटर पर अपराध दर्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 22 मार्च। सरगुजा क्षेत्र में फर्जी तरीके से जन्म मृत्यु सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने के खेल के सामने आने के बाद प्रशासन में इसे गंभीरता से लिया है। कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय के द्वारा मणिपुर थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है।

शिकायत में बताया गया था कि अज्ञात चॉइस सेंटर  के द्वारा अवैधानिक रूप से आफलाइन जारी जन्म प्रमाण पत्र को आनलाईन कर रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर का हस्ताक्षर प्रस्थापित कर जारी किया गया है। उपरोक्त विषयांर्तगत पंजीयन ईकाई शासकीय चिकित्सा महा. संबंद्ध चिकित्सालय, अम्बिकापुर में मैनुअल जन्म-मृत्यु पंजीयन अप्रेल 2013 से किया गया है। विभिन्न चॉइस सेंटर के द्वारा 2013 से पूर्व अन्यत्र से बने जन्म प्रमाण पत्र में रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर का असंवैधनिक रूप से रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर का हस्ताक्षर को फर्जी तरीके से स्केन कर प्रमाण पत्र को डिजिटल किया जा रहा है। हितग्राही द्वारा उक्त फर्जी प्रमाण पत्र में कार्यालय का सील लगवाने आने एवं हितग्राही से पूछनें पर आनलाईन प्रमाण पत्र विभिन्न च्वाईस सेंटरो से बनाना बताया जा रहा है, जो वर्ष 2006, 1970, 1984, 2011 का जन्म है, विदित हो कि 2013 से पूर्व इस कार्यालय द्वारा प्रमाण पत्र जारी ही नहीं किया गया है, और न ही कोई रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया था। विभिन्न च्वाईस सेटरों के द्वारा फर्जी तरीके से जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कुटरचित प्रमाण पत्र हितग्राहियों को वितरित किया जा रहा है। जिसका प्रमाण स्वरूप जब्त किये गये 6 जन्म प्रमाण पत्र भी पुलिस को दिए गए थे। उक्त मामले में मणिपुर पुलिस ने अज्ञात चॉइस सेंटर पर अपराध दर्ज किया है। मामले में जांच की जा रही है।

1100 रुपए में बनवाने की शिकायत

सामने आने के मचा था हडक़ंप

लखनपुर के चुकनडांड़ निवासी कामेश्वर राजवाड़े ने बताया था कि वे पीएचई विभाग में भृत्य हैं और जशपुर जिले में उनकी ड्यूटी है। उन्होंने केवल पांचवी तक की पढ़ाई की है।

बैंकिंग कार्यों के लिए आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि को 1950 से सुधरवा 1965 कराने जब लोकसेवा केन्द्र में पहुंचे तो जन्म प्रमाण पत्र सहित अन्य वांछित दस्तावेज मांगा गया। उनके पास जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने पर वे अपने भतीजे के माध्यम से लखनपुर के एक युवक को 1100 रूपए दिए। इसके एक सप्ताह बाद उन्हें एक मई 1965 में जन्म होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया। जिसमें रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु और जिला अस्पताल का सील लगा हस्ताक्षर किया गया था। वे इस प्रमाण पत्र को सही मान रहे थे, मगर जब लोकसेवा केन्द्र में पहुंचे तो पता चला यह जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। ऑनलाइन सेंटर संचालक के द्वारा फर्जी दस्तावेज में जन्म तिथि एक जनवरी 1950 को मिटा एक मई 1965 करते हुए प्रमाण पत्र में यह उल्लेख किया गया कि कामेश्वर राजवाड़े की जन्म पंजीकरण की तारीख सात मई 1965 है, जबकि उस दौरान ऑनलाइन कामकाज ही नहीं होता था। प्रमाण पत्र में बकायदा छत्तीसगढ़ शासन का लोगो भी लगा हुआ है।

 

तीन माह में साढ़े तीन सौ फर्जी प्रमाण पत्र पहुंचे

लोकसेवा केन्द्र के जिला प्रबंधक वैभव सिंह ने खुलासा किया था कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार च्वाइस और ऑनलाइन सेंटरों के पास नहीं है। यह प्रमाण पत्र लोकसेवा केन्द्र में बन सकता है अथवा निगम, पंचायत या स्वास्थ्य विभाग से जारी हो सकता है। आधार कार्ड में जन्म तिथि सुधरवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, सर्विस आईडी, पेंशन आईडी अथवा दसवीं की अंकसूची अनिवार्य है। इन दस्तावेजों के नहीं होने पर आधार कार्ड में जन्म तिथि अपडेट नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीने में लोकसेवा केन्द्र में ढाई सौ से तीन सौ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र आ चुके हैं।

भाजपा पार्षद ने की निगम आयुक्त से शिकायत

फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने नगर निगम आयुक्त को भी नगर निगम से दो फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने की शिकायत की है, जिसको निगम आयुक्त ने जांच कर फर्जी पाया है। उक्त मामले पर भी पार्षद ने एफआईआर कराए जाने की मांग की है।

फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का खेल लंबे समय से चल रहा

ज्ञात हो कि सरगुजा जिले के अधिकांश ऑनलाइन सेंटरों में फर्जी तरीके से जन्म-मृत्यु सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने का खेल लंबे समय से चल रहा है। आधार कार्ड में जन्म तिथि बदलवाने के लिए वांछित दस्तावेज दसवीं का प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं रहनेके बावजूद ऑनलाइन सेंटरों में फर्जी वेबसाइट पर फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। इस तरह का मामला सामने आने के साथ ही लिखित शिकायत मिलने पर लोकसेवा केन्द्र के जिला प्रबंधक के द्वारा उच्चाधिकारियों को ऑनलाइन सेंटरों की जांच और कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया।

संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के भी कई ऑनलाइन सेंटरों में भी फर्जी तरीके से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। यह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार च्वाइस सेंटरों को भी नहीं है। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग अथवा नगर निगम या पंचायत के माध्यम से जारी हो सकता है। जिसका ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है, मगर ऑनलाइन सेंटर यह दस्तावेज नहीं बना सकते। मौजूदा समय में कई फर्जी वेबसाइट में ऑनलाइन प्रमाण पत्र बना जरूरतमंदों से भारी भरकम रूपए भी वसूल किया जा रहा है।


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