सुकमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 7 मार्च। सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुन्ना के आश्रित ग्राम धनीकोड़ता में एक माह के भीतर दो बच्चों समेत आठ ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। अचानक हो रही मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गांव में मेडिकल कैंप लगाया है, लेकिन गंभीर रूप से बीमार मरीजों को परिजन निजी वाहन किराए पर लेकर जिला अस्पताल ले जा रहे हैं। सभी मौत का कारण हाथ पैर में सूजन एवं सांस में दिक्कत होना बताया गया है।
ज्ञात हो कि धनीकोड़ता गांव में तीन दिनों से मेडिकल कैंप जारी है। बुधवार को एसडीएम विजय प्रताप खेस ने शिविर का निरीक्षण कर मेडिकल टीम और ग्रामीणों से जानकारी ली। स्वास्थ्य टीम गांव-गांव जाकर मरीजों की जांच कर रही है। अब तक 350 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है, जिसमें 9 मलेरिया, 37 बुखार और शरीर दर्द, 5 चेचक और 1 उल्टी के मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य जांच के बाद आगे मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ सकता है।
मरीज गंगाराम ने बताया कि वह बीते एक सप्ताह से सीने में दर्द, पेट दर्द और पेशाब में जलन की समस्या से परेशान है। 27 फरवरी को जिला अस्पताल में इलाज के बावजूद राहत नहीं मिलने पर उन्होंने दोबारा स्वास्थ्य शिविर में जांच करवाई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग द्वारा केवल खानापूर्ति के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। गांव में हो रही मौतों के पीछे का सही कारण जानने के लिए सुनियोजित जांच और प्रभावी इलाज की आवश्यकता है।
मौत के आंकड़े
मुचाकी बुधारा (32 वर्ष) - 23 जनवरी को हुई मौत, मुचाकी सुक्का (30 वर्ष) - 15 फरवरी, मुचाकी गंगा (25 वर्ष) - 15 फरवरी, माड़वी हड़मा (65 वर्ष) - 25 फरवरी, सोड़ी सोनी (38 वर्ष) - 28 फरवरी, मुचाकी वेल्ला (55 वर्ष) - 2 मार्च, मुचाकी मासे अनुष्का (09 माह) - 16 फरवरी, मुचाकी अनिल (04 माह) - 1 मार्च
एक परिवार में दो सगे भाइयों की मौत
धनीकोड़ता गांव में एक ही परिवार के मुचाकी सुक्का (30 वर्ष) और उसके छोटे भाई मुचाकी गंगा (25 वर्ष) की मौत 15 फरवरी को हो गई। दोनों भाई चेचक से पीडि़त थे और गांव में झाड़-फूंक करवा रहे थे। समय पर उचित इलाज नहीं मिलने से दोनों भाइयों ने दम तोड़ दिया।
छिंदगढ़ के एसडीएम विजय प्रताप खेस कहते हैं कि लगातार मौत के मामलों को देखते हुए गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया है। अब तक आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मेडिकल टीम गांव में घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही है। आरएमएस डॉ. राजेश सोनी का कहना है कि अब तक 350 से अधिक ग्रामीणों की जांच की जा चुकी है। 9 मरीज मलेरिया से पीडि़त हैं, जबकि गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है।