सुकमा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 9 सितंबर। भारी बारिश से शबरी नदी का जलस्तर लगातार बढऩे से सुकमा जिला मुख्यालय के कई रास्ते बंद हुए। बीते दो दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक रेड अलर्ट जारी किया है ।
जिला मुख्यालय के कई वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं। शबरी नदी के जलस्तर बढऩे से जिले के निचले स्तर पर रहने वाले गांव में रहने वाले लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
शासन प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बाढ़ आने से पहले लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। जिले के सभी दल के नेता जनप्रतिनिधि समाजसेवक बढ़ चढक़र अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं । जिला प्रशासन नगरी प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों की मदद की जा रही है। जिले में जलस्तर में वृद्धि के मद्देनजर प्रभावितों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है।
राहत शिविरों में समुचित व्यवस्था करने के निर्देश
पिछले दो दिवस से अनवरत वर्षा होने से आसपास के छोटे-बड़े नदी-नालों के जल स्तर में वृद्धि होने के कारण सडक़ और बस आवागमन भी प्रभावित हुए हैं। कलेक्टर हरिस एस. के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा जल स्तर में लगातार वृद्धि होने की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए तत्काल प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं मुनादी के माध्यम से आम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने तथा पुल-पुलिया के ऊपर पानी बहने की स्थिति में पार नहीं करने सम्बन्धी अपील की जा रही है।
शिफ्टिंग हेतु नगर पालिका परिषद सुकमा में बाढ़ प्रभावितों हेतु राहत शिविर का चिन्हांकन किया गया है। जिसमें वार्ड क्रमांक 12 हेतु शासकीय माध्यमिक शाला शबरी नगर, वार्ड क्रमांक 08 हेतु शासकीय जनपद शाला, वार्ड क्रमांक 09 हेतु शासकीय हाई स्कूल तथा वार्ड क्रमांक 2 हेतु शासकीय बापूराव कॉलेज छात्रावास में प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थल चिन्हांकित किया गया है। जहां पर प्रभावित लोगों को शिफ्ट किया जा रहा हैं।
कलेक्टर हरिस एस. ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सर्व सम्बन्धित अधिकारियों को दिए हैं। जिसके तहत पेयजल एवं भोजन की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बस यात्रियों के लिए भी भोजन पैकेट की व्यवस्था किये जाने कहा गया है। यात्रियों के ठहरने तथा भोजन की व्यवस्था के मद्देनजर बसों को बसाहटों में रोकने के निर्देश दिए गए हैं।