खेल

कुरूद की बेटी ने राज्य-राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार जीते
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 29 अगस्त। नगरपंचायत कुरुद निवासी शहनाज बानो अपने खेल प्रतिभा के दम पर राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपना लोहा मनवा रही हैं।
मनिहारी में चूड़ी-बाला बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले शेख ताजुद्दीन एवं शाहिदा ने बताया कि बेटी शहनाज़ का रुझान बचपन से खेलकूद में था। आर्थिक अभाव के बावजूद शहनाज ने कभी हार नहीं मानी । जुनून और सकारात्मक सोच के साथ रग्बी फुटबॉल जैसे जोखिम भरे खेल की प्रैक्टिस करते वक्त शहनाज ने कभी यह नहीं देखा कि उसके पैरों में जूते-मोजे तक नहीं होते थे। तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ती रहीं।
राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर धमतरी जिला अंतर्गत संत गुरु घासीदास शासकीय महाविद्यालय कुरूद की छात्रा रहीं शहनाज ने बताया कि बचपन से ही उसकी रुचि खेल में थी। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने और स्पोर्ट्स के पर्याप्त साधन नहीं होने के बाद भी वह अभ्यास करती रहीं। कॉलेज के कोच ने प्रशिक्षण से लेकर आर्थिक मदद कर मुझे हमेशा आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया है। फलस्वरूप मैंने 2014 में भोपाल में आयोजित 39वीं नेशनल महिला स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में एथलेटिक्स के तौर पर भाग लिया और कामयाबी हासिल की। इसी साल उडुपी कर्नाटक में आयोजित एथलेटिक्स में कामयाब रही। 2015 में यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स रायपुर में ऑल इंटरसिटी फुटबॉल की महिला टीम में अपना लोहा मनवाया। सन 2017 में भी इंडियन रग्बी फुटबॉल के राष्ट्रीय स्नो रग्बी सेवेन चेम्पियनशिप जीत दर्ज की।
यही वजह है कि शहनाज को राज्य स्तर पर बेस्ट एथलेटिक्स का अवॉर्ड भी मिला। फिलहाल शहनाज मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री प्राप्त कर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स में आवेदन कर चयन का इंतजार कर रही हैं।
खेल जगत के इस मुकाम तक पहुंचने वाली शहनाज़ ने इसका श्रेय माता-पिता, टीचर और अपने कोच को दिया है। उसे इस बात का मलाल भी है कि समय पर उचित प्लेटफॉर्म और कोच नहीं मिल पाया नहीं तो वह इंटरनेशनल स्तर पर पहुंच सकती थीं। शहनाज भविष्य में कोच बनने की चाहत रखती हैं ताकि अपने जैसे बच्चों की मदद कर उनका कैरियर संवार सकें।