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एशिया कप फ़ाइनल में टीम की परफॉर्मेंस देख भडक़े पूर्व पाक क्रिकेटर क्या कह रहे हैं
29-Sep-2025 9:01 PM
एशिया कप फ़ाइनल में टीम की परफॉर्मेंस देख भडक़े पूर्व पाक क्रिकेटर क्या कह रहे हैं

एशिया कप फ़ाइनल में भारत से मिली हार और उसके बाद ट्रॉफ़ी विवाद पर पाकिस्तान के कई पूर्व खिलाडिय़ों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं।

किसी ने पाकिस्तानी टीम की बल्लेबाज़ी और कप्तानी पर सवाल उठाए तो किसी ने भारतीय टीम के ट्रॉफ़ी न लेने के फ़ैसले को क्रिकेट की असली भावना के ख़िलाफ़ बताया।

दुबई में खेले गए इस फ़ाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया।

पाकिस्तान के दिए 147 रनों के लक्ष्य को भारत ने 19।4 ओवर में हासिल कर लिया।

तिलक वर्मा ने नाबाद 69 रन बनाए जबकि शिवम दुबे ने 33 रन जोड़े।

लेकिन मैच के बाद ट्रॉफ़ी को लेकर जो कुछ हुआ, वैसा क्रिकेट के मैदान पर पहले कभी नहीं देखा गया।

भारतीय टीम ने एसीसी अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी लेने से इंकार कर दिया। नक़वी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भी प्रमुख हैं।

पाकिस्तान की परफ़ॉर्मेंस पर सवाल

पूर्व विकेटकीपर कामरान अकमल ने बल्लेबाज़ी को टूर्नामेंट की सबसे बड़ी कमजोरी बताया। उनका कहना था कि टीम सिफऱ् ‘मॉडर्न क्रिकेट’ का नारा लगा रही है, लेकिन तैयारी और चयन में गंभीरता नहीं है।

कामरान अकमल ने ‘द गेम प्लान’ यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘सिफऱ् मॉडर्न क्रिकेट का नारा लगाने से टीम अच्छी नहीं बनती। उसके लिए खिलाडिय़ों को सही तरीके से तैयार करना पड़ता है, उन्हें चुनना पड़ता है और दुनिया की क्रिकेट को देखकर खेलना पड़ता है। पूरे टूर्नामेंट में बैटिंग लगातार संघर्ष करती रही।।। यह साफ़ है कि बैटिंग में तालमेल नहीं है। हर बार एक्सपेरिमेंट करने से कुछ हासिल नहीं होगा। जिस नंबर का खिलाड़ी है, उसे वहीं खेलना चाहिए। वरना बड़ी टीमों के खिलाफ यही हाल होगा।’

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शोएब मलिक ने भी हालात को समझने में ग़लती और ‘गेम अवेयरनेस’ की कमी पर सवाल उठाए।

पाकिस्तानी स्ट्रीमिंग सर्विस टैपमैड के कार्यक्रम में शोएब मलिक ने कहा, ‘सबसे पहले देखें कि आपने कंडीशंस को समझा ही नहीं। बैटिंग में भी ग़लती हुई और गेंदबाज़ी में भी। ऊपर से फील्डिंग भी गड़बड़ थी। जब तीन विकेट गिर चुके थे, तब मैच बदलना था लेकिन आपने वही ग़लतियां दोहराईं। गेम अवेयरनेस जीरो था। और ऊपर से आपने क्या किया? भाई, खुद मत जाओ, उन बल्लेबाज़ों को भेजो जो फॉर्म में हैं। अगर आपसे रन नहीं बन रहे तो इनफॉर्म बल्लेबाज़ों को ऊपर भेजना चाहिए था। 120 गेंदें खेलने हैं तो वो खिलाड़ी खेलें जो लय में हैं।’

कप्तानी और मैनेजमेंट पर निशाना

पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर ने सीधा टीम मैनेजमेंट और कप्तानी को जि़म्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि फ़ैसले ग़लत लिए गए और कोचिंग में दूरदर्शिता नहीं दिखी।

टैपमैड के कार्यक्रम में शोएब अख़्तर ने कहा, ‘आज 175 रन बन जाते तो काफी होते, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ। यह सिफऱ् खिलाडिय़ों का नहीं, बल्कि मैनेजमेंट का मसला है। सही सोच ही नहीं दिख रही। मैं कहना नहीं चाहता लेकिन ये सेंसलेस कोचिंग है। हमारा मिडिल ऑर्डर पहले से ही समस्या रहा है।’

उन्होंने कप्तानी पर भी सवाल उठाए और कहा, ‘बदलाव ठीक से नहीं हुए। स्पिनर की गेंद असर नहीं कर रही थी तो हारिस रऊफ़ को लाने की ज़रूरत नहीं थी। ग़लतियों की लिस्ट लंबी है और अब तुरंत सुधार की ज़रूरत है।’

टीम के भविष्य पर अख़्तर का कहना था, ‘मेरी बस यही राय है कि टीम की प्रोग्रेशन और ग्रोथ पर तुरंत काम करने की ज़रूरत है। वरना हालात बदलना मुश्किल होगा। लेकिन मैं खिलाडिय़ों पर ज़्यादा सख़्त नहीं होना चाहता। उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की, और वही उनकी बेस्ट थी। और बस, बात इतनी ही है।’

शोएब मलिक ने भी कप्तानी को लेकर कहा, ‘बैटिंग में भी कंडीशंस नहीं समझीं, गेंदबाज़ी में भी कंडीशंस का सही आकलन नहीं किया। ऊपर से आपकी फील्ड प्लेसमेंट भी सही नहीं थी।’

भारतीय खिलाडिय़ों की तारीफ़, पाकिस्तानी टीम को नसीहत

भारत की जीत के बाद कई पूर्व पाकिस्तानी खिलाडिय़ों ने भारतीय टीम की तारीफ़ की। उनका कहना था कि पाकिस्तान को अब अपनी कमज़ोरियों पर काम करना होगा।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रमीज़ राजा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,

‘पावरप्ले में पाकिस्तान ने मैच अपने हाथ में ले लिया था। रन रेट 10 प्रति ओवर चल रहा था और भारत के गेंदबाज़ दबाव में थे। लेकिन इसके बाद हालात अचानक बदले और पाकिस्तान मज़बूत स्थिति से कमज़ोर हो गया।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘सवाल है कि पाकिस्तान कब तक जीता हुआ मैच विपक्ष को सौंपता रहेगा। यही पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या है। भारत ने दिखा दिया कि मुश्किल हालात में भी वापसी कैसे की जाती है। कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज़ मैच को हाथ से निकलने के बाद भी पलटने की क्षमता रखते हैं, जबकि पाकिस्तान के पास यह हुनर अभी नहीं है।’

रमीज़ का मानना था कि भारत ने पूरे टूर्नामेंट में पाकिस्तान को लगातार तीन बार हराकर यह साबित कर दिया कि उनकी तकनीक, समझ और मानसिक मज़बूती पाकिस्तान से आगे है।

भारतीय टीम के ट्रॉफ़ी न लेने पर राय

ट्रॉफ़ी विवाद पर कामरान अकमल ने नाराजग़ी जताई। उनका कहना था कि यह क्रिकेट की असली भावना के खिलाफ है और इससे टूर्नामेंट का मज़ा बिगड़ गया।

अकमल ने कहा, ‘अगर आपको हैंडशेक या ट्रॉफी नहीं लेनी थी तो पहले ही साफ़ कर देना चाहिए था। एशिया कप की मीटिंग में ये बात रख देते। आपने मैच जीता, नंबर वन टीम हैं, तो ट्रॉफ़ी लेना चाहिए था। लेकिन जब खिलाड़ी ट्रॉफ़ी लेने नहीं आए तो पूरा मज़ा किरकिरा हो गया। क्रिकेट की असली स्पिरिट यही है कि आप ट्रॉफ़ी लें, ग्रुप फोटो खिंचवाएँ और चैंपियन की तरह एंजॉय करें। लेकिन इस बार ट्रॉफ़ी न लेने से सब खराब हो गया।’

अकमल ने कहा कि अब इस पर बीसीसीआई और आईसीसी को भी सोचना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे विवाद न हों।

बता दें कि भारतीय टीम ने एसीसी अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी लेने से इनकार किया था। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि खिलाडिय़ों ने यह फ़ैसला पहले से कर रखा था। कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्ऱेंस में कहा कि यह टीम का सामूहिक निर्णय था।

पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा ने कहा, ‘अगर आप क्रिकेट को देखें तो उनका हैंडशेक न करना या इस तरह का बर्ताव हमारा नहीं, बल्कि क्रिकेट का अनादर है। और जो क्रिकेट का अपमान करता है, वो कहीं न कहीं सामने आ ही जाता है। आज भी उन्होंने जो किया, मेरे ख़्याल से कोई अच्छी टीम ऐसा नहीं करती। अच्छी टीम वही करती है जो हमने किया, अकेले जाकर ट्रॉफ़ी के साथ तस्वीर खिंचवाई और अपने मेडल्स लिए।’

एशिया कप के पहले भारत-पाकिस्तान फाइनल का इंतज़ार पूरे पाकिस्तान में बड़े जोश से किया गया। राजधानी इस्लामाबाद समेत कई शहरों में लोग घरों, पार्कों और रेस्टोरेंट्स में बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने जुटे।

बीबीसी संवाददाता फरहत जावेद ने मैच के बाद इस्लामाबाद में मौजूद क्रिकेट फ़ैंस से बात की।

उनकी राय मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने टीम की शुरुआती बल्लेबाज़ी और गेंदबाजी की तारीफ की, लेकिन ज़्यादातर ने मिडिल ऑर्डर के लगातार फ्लॉप होने पर नाराजग़ी जताई। उनका कहना था कि भारत की टीम का मिडिल ऑर्डर मज़बूत रहा, जबकि पाकिस्तान के बल्लेबाज़ निर्णायक मौकों पर विफल हो गए।

फ़ैंस ने कप्तानी पर भी सवाल उठाए और कहा कि बेहतर रणनीति होती तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था। हारिस रऊफ़ और स्पिनर्स की गेंदबाज़ी को लेकर भी चर्चा रही, लेकिन समर्थकों का मानना था कि बल्लेबाज़ी की वजह से मैच हाथ से निकल गया।

इसके बावजूद कई फ़ैंस ने टीम की कोशिशों की तारीफ़ की और कहा कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, हार-जीत चलती रहती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बार पाकिस्तान बेहतर प्रदर्शन करेगा।

इस पूरे टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने आए और हर बार मुकाबला सुर्खियों में रहा। मैचों से पहले और बाद में खिलाडिय़ों के बीच हैंडशेक विवाद, बयानबाज़ी और छोटी-छोटी तनातनी भी चर्चा का विषय बनी रही, जिसका असर फाइनल तक देखने को मिला। (bbc.com/hindi)


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