रायपुर
कच्चे-पक्के दस्तावेजों के साथ डिजिटल सबूत बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 नवंबर। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने रविवार को प्रदेश के 8 जिलों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की है। डीएमएफ,शराब घोटाले में ब्यूरो की एक माह के भीतर यह दूसरा बड़ी कार्रवाई है।
जांच से जुड़े सूत्रों ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि कोंडागांव,धमतरी दुर्ग,रायपुर, बिलासपुर, और अंबिकापुर, बलरामपुर में छापे की कार्रवाई चल रही है।
बताया गया कि ईओडब्ल्यू की टीमें राजधानी के ला विस्टा में हरपाल सिंह अरोरा, बिलासपुर में दयालबंद, गोलबाजार समेत 4 जगह जांच कर रही है। यहां नान और शराब घोटाले में जेल याफ़्ता पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा के भाई अशोक टुटेजा और उनके रिश्तेदार को घेरा है। वहीं कोंडागांव के सरगीपाल निवासी बर्तन कारोबारी कोणार्क जैन, धमतरी में महालक्ष्मी ग्रीन्स निवासी रियल एस्टेट कारोबारी कांग्रेस नेता केतन दोषी, जेल में बंद पूर्व आईएएस निरंजन दास के रामा ग्रीन रायपुर,मैत्री संघ जगदलपुर में भाई चितरंजन दास,भिलाई नेहरू नगर निवासी डाक्टर पुत्र, और रायपुर के अनुपम नगर, कचना निवासी रिश्तेदारों के यहां भी दबिश दी गई है। इसी तरह से अंबिकापुर में पर्राडांड में पशु चिकित्सा उप संचालक डा तनवीर अहमद, कारोबारी सप्लायर अमित अग्रवाल के रानी सती कालोनी, बलरामपुर में मनोज अग्रवाल के घर, दुकान आफिस में भी जांच की जा रही है। इनमें सबसे अंत में सुबह 9 बजे केतन दोषी की घेरेबंदी की गई। सूत्रों ने बताया कि इन ठिकानों में जांच, पूछताछ के बाद देर शाम तक अधिकृत खुलासा किया जाएगा। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है।
अब तक जिन पर जांच की आंच नहीं थी उन्हें घेरा
इन सभी के डीएमएफ, नान और शराब घोटाले में हिस्सेदारी के सबूत मिलें हैं। इनमें से सभी ऐसे हैं जिनके यहां अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। और सभी जांच की आंच से दूर थे। ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि इस वजह से बड़ी संख्या में इनके यहां से इन घोटालों से जुड़े कच्चे पक्के कागजी दस्तावेजी, डिजिटल सबूत मिले हैं। जो इन घोटालों के आगे की कार्रवाई में अहम सबूत माने जा रहे हैं।
तनवीर, अमित ने साथ में काम किया
इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि उप संचालक पशु जिला जीपीएम डा तनवीर और कारोबारी अमित अग्रवाल की जोड़ी ने डीएमएफ में सप्लाई में बड़ा काम किया था। उस वक्त अहमद, अंबिकापुर में पदस्थ थे। वे बलरामपुर में भी पदस्थ रहे। इस तरह से डा तनवीर और अमित अग्रवाल ने तीनों जिले में सप्लाई में बड़ा खेल खेला। इसी तरह से कोंडागांव के बर्तन कारोबारी कोणार्क जैन ने 2019-20 में डीएमएफ के तहत बर्तन सप्लाई किया था। कोंडागांव के साथ पड़ोस के नारायणपुर, कांकेर में भी सप्लाई किया था। वहीं अशोक टूटेजा की भी नान, शराब घोटाले में संलिप्तता के सबूत मिले हैं।
आज की छापेमारी अंतिम ?
सूत्रों ने बताया कि आज की छापेमारी को तीनों ही मामले में अंतिम मानी जा रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई में ईडी और अन्य एजेंसियों को निर्देशित किया था कि जल्द से जल्द पूरी की जाए। वैसे तीनों ही घोटालों में ईडी और ईओडब्ल्यू अब तक 4-5 आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं। कांग्रेस शासन काल में शराब घोटाले जहां 3200 करोड़ का था । सैकड़ों करोड़ का नान घोटाला और डीएमएफ घोटाला अलग अलग जिलों में अलग अलग करोड़ों रुपए में किया गया था।
सीएम ने कहा
आज ईओडब्ल्यू की कार्रवाई पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा हमारी सरकार करप्शन पर जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। जहां से भी शिकायतें आ रही हैं हमारी एजेंसियां जांच कर रही है। जो भी दोषी हैं, और आरोप सिद्ध पाए जाने पर उन्हें दंडित भी किया जाएगा।





