रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 नवंबर। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएस?ओ) की सितंबर में आई रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में 9 दवाएं फेल और अमानक घोषित किया था। और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड ने तीन दवाओं को अमानक पाए जाने के बाद आगामी तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। कॉरपोरेशन के अनुसार, संबंधित आपूर्तिकर्ता अब ब्लैकलिस्टिंग अवधि समाप्त होने तक किसी भी नई निविदा में भाग लेने के लिए अयोग्य रहेंगे।
ये दवाएं पाई गईं अमानक
मेसर्स एजी पैरेंटेरल्स, विलेज गुग्गरवाला, बद्दी (हिमाचल प्रदेश) द्वारा आपूर्ति की गई। कैल्शियम (एलिमेंटल) विद विटामिन ष्ठ3 टैबलेट्स, ऑर्निडाजोल टैबलेट्स ये सभी एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं सरकारी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमानक पाए गए।
इसी तरह, मेसर्स डिवाइन लेबोरेट्रीज प्रा. लि., वडोदरा (गुजरात) द्वारा आपूर्ति की गई
हेपारिन सोडियम 1000 ढ्ढ/द्वद्य इंजेक्शन ढ्ढक्क भी हृ्रक्चरु मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं एवं सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेट्री , कोलकाता में परीक्षण के दौरान अमानक पाए गए।इन तीनों उत्पादों को तत्काल तीन वर्षों की अवधि तक ब्लैकलिस्ट किया गया है। कॉरपोरेशन द्वारा सभी कार्रवाई ष्टष्ठस्ष्टह्र, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 एवं नियम 1945 के प्रावधानों के अनुसार की गई है । स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा भविष्य में भी दवा गुणवत्ता से जुड़ी किसी भी चूक पर कार्रवाई जारी रहेगी।
दो वर्ष में 50 दवाएं अमानक, कार्रवाई केवल 3 पर
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक और वरिष्ठ चिकित्सक डा राकेश गुप्ता ने कहा कि सीजीएमएससी ने बैन लगाने में भी भाई भतीजावाद किया है। बीते दो वर्ष में कार्पोरेशन ने 10 कंपनियों की 50 दवाओं को अमानक घोषित कर ड्रग स्टोर वापस मंगाया। इनमें से कुछ कंपनियां कार्टेल बना कर सप्लाई करती हैं। इन सभी को भी ब्लैक लिस्ट कर एफआईआर कराई जाए।
डॉ. गुप्ता ने कहा सरकार उन सभी कंपनियों की सूची सार्वजनिक करे जिनकी दवाएं पूर्व में अमानक घोषित कर उपयोग पर रोक लगाई थी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कार्रवाई पारदर्शी है या नहीं। सरकार अपने नजदीकी आपूर्तिकर्ताओं को बचा रही है।


