रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जून। वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग में वर्षों बाद बड़े पैमाने पर 350 से अधिक अधिकारी कर्मचारियों के तबादले किये हैं। इससे पहले विगत दो-तीन वर्षों में विभाग में एकाध बार ही सीमित संख्या में (केवल 10-15 अधिकारियों के) ही तबादले हुए थे। जीएसटी विभाग के अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी एक ही पदस्थापना स्थल पर लंबे समय से कार्यरत थे। कुछ अधिकारी तो लगातार 18 वर्षों तक एक ही स्थान पर पदस्थ थे।
विभाग में स्वीकृत 35 राज्य कर उपायुक्त पदों में से 17 अधिकारियों को पदोन्नति उपरांत नवीन पदस्थापना प्रदान की गई। शेष 8 उपायुक्तों में 3 अधिकारी पिछले 10 वर्षों से, 2 अधिकारी 8 वर्षों से तथा 3 अधिकारी 4-5 वर्षों से रायपुर में पदस्थ थे। इसके अतिरिक्त 8 उपायुक्त तथा 4 सहायक आयुक्त 5 वर्षों से अपने गृह जिले में ही कार्यरत थे। 178 राज्य कर अधिकारी/राज्य कर निरीक्षक भी पिछले 4-5 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ थे, जिनमें से 34 राज्य कर अधिकारी एवं 45 राज्य कर निरीक्षक लगातार 5 वर्षों से अपने गृह जिले में ही नियुक्त थे। जिससे कामकाज पर असर पड़ता है।
पूर्व में विभाग के वृत्तों की संख्या 30 होते हुए भी विभागीय कार्यालय महज 15 जिलों में ही सीमित थे, पहली बार दंतेवाड़ा, कोंडागांव, जशपुर और नवगठित जिले सक्ती एवं सारंगढ़ में वृत्त स्थापित कर वहां अधिकारियों की पदस्थापना सुनिश्चित की गई है।
तो एसीबी से उसे मैं रंगेहाथ गिरफ्तार कराऊंगा-चौधरी
वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने जीएसटी में भ्रष्टाचार पर कहा कि जीएसटी से जुड़ा कोई भी मामला हो। अधिकारी अपने लिए पैसा मांग रहा हो, तो आप मुझे किसी भी माध्यम से जानकारी देंगे, तो एसीबी से उसे मैं रंगेहाथ गिरफ्तार कराऊंगा। वित्त मंत्री ओपी चौधरी प्रियदर्शनी नगर स्थित कंधकोट भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ के 123वें प्रसारण को सुनने पहुंचे थे।इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा नेता-कार्यकर्ता और कारोबारी आमजन मौजूद थे। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अगर जीएसटी की 10, 20, 30 परसेंट भी त्रस्ञ्ज की गलती हो तो विभाग आंख बंद करने को तैयार है, लेकिन अगर 10 से 20 लाख की चोरी हो तो उसकी गलती माफ नहीं होगी।कोई फर्जी बिल लगाकर अपना फायदा देखेगा तो उसे माफ नहीं किया जाएगा।