रायपुर

पुलिस ने फेरी नजर, सडक़ पर बाइक चोरों की पेट्रोलिंग, महीनेभर में 25 से ज्यादा ठिकानों से दोपहिया ले उड़े
20-Jan-2022 5:18 PM
पुलिस ने फेरी नजर, सडक़ पर बाइक चोरों की पेट्रोलिंग, महीनेभर में 25 से ज्यादा ठिकानों से दोपहिया ले उड़े

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 जनवरी। शहर के भीड़ भाड़ वाले हिस्सों में बाइक चोर गैंग एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बीते 20 दिनों में ही 25 से ज्यादा ठिकानों में बाइक चोरी हुई है।  बाइक चोरों की तलाश में सायबर यूनिट से भी हर बीट में पुलिसकर्मी सडक़ों पर है लेकिन वाहन चोर गैंग उनसे भी आगे है। हाल के एक हफ्ते के अंदर ही सभी थानों में रोजाना एक न एक बाइक केस पर एफआईआर दर्ज की गई है। बैंक, बाजार और रिहायशी कॉलोनियों में बाइक चोर गैंग लगातार पेट्रोलिंग कर रहा है। शहर के अनलॉक होने के कई दिनों बाद कोचिंग सेंटर और दूसरे व्यवसायिक कांप्लेक्सों में चहलकदमी बढऩे के बाद चोर गैंग ने भी इस तरफ अपना रूख अपनाया है।

सिविल लाइंस, सरस्तवी नगर, आजाद चौक, गुढिय़ारी, आमानाका, कबीर नगर, उरला क्षेत्र से बाइक चोरी के केस रजिस्टर्ड किए गए हैं। दोपहिया उड़ाने वालों में ज्यादातर हिस्सों में मास्टर चाबी से बाइक चोरी को अंजाम दिया है। थाना में दर्ज रिपोर्ट की जांच करने वाले पुलिसकर्मी सीसीटीवी फुटेज के भरोसे है। जिन जगहों में फुटेज नहीं है वहां पर जांच आगे डंप कर दिया गया है। बाइक चोरी हो जाने के बाद फरियादी बरामदगी के मामले में लंबी वेटिंग लिस्ट में है। इक्के-दुक्के बाइक चोरी के दर्ज होने के बाद पखवाड़ेभर में आकड़ा बढ़ चुका है। पहले बाइक चोरी के केस में खुलासे हो चुके हैं कि शातिर गैंग वाहनों को रायपुर के बाहर भिलाई, महासमुंद और बलौदाबाजार की तरफ ठिका चुके हैं। बाइक बरामदगी के लिए दूसरे जिले की लोकल पुलिस की मदद लेनी पड़ी है। शहर के कई चुनिंदा ठिकाने ऐसे भी हैं जहां ऑटोमोबाइल सेक्टर में सेकंड हेंड सामानों की खपत है। चोरी किए गए वाहनों के पार्ट्स बेचने भी चोर गैंग काम कर रहा है।

मोपेड चुराना आसान

अभी तक सामने आए चोरी के केस में गिरोह ने सबसे ज्यादा मोपेड-स्कूटर चोरी की है। इन वाहनों में लॉक खोलना आसान है। कई बार दूसरे गाडिय़ों की चाबी से भी लॉक खोलकर गिरोह अपने लिए रास्ता आसान करने में लगे हैं। मोपेड के लिए बनी चाबियां दूसरे मोपेड में कई बार कारगर है, इसका फायदा उठाकर गैंग भीड़ भाड़ वाले हिस्सों में सक्रिय है।

पार्किंग पर पुलिस की नजर नहीं

शहर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल और फिर बाजारों में बनाए गए पार्किंग स्थलों में वाहनों की जांच नहीं होती। पहले वाहनों के वेरीफिकेशन करने रूटीन चेकिंग का सिस्टम था लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं होती। ऑन लाइन पर्ची सिस्टम के बगैर सादे पर्ची के भरोसे भी स्टैंड संभाले जा रहे हैं। चोरी की दोपहिया वाहन स्टैंड लाकर खड़े करना आसान है। चोरी के बाद गाडिय़ों को स्टैंड में रख देते हैं। सौदा होने के बाद बाहर लाकर बेच देते हैं।

लोकल इनपुट

पड़ा कमजोर

लॉक डाउन के बाद से पुलिस का लोकल इनपुट काफी कमजोर पड़ गया है। हाईटेक प्रणाली से सायबर जांच पर पुलिस का फोकस है लेकिन पुराने समय में बनाए गए गुप्तचर शहर से गायब होने के बाद लोकल किस्म के अपराधों पर लगाम ढीला पड़ गया है। लोकल पाकिटमार से लेकर बाइक चोर गैंग अलग-अलग जगहों में निशाना साध रहे।


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