रायगढ़

पर्यावरण संरक्षण मंडल ने की कार्रवाई, उद्योगों को नोटिस भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 24 जून। रायगढ़ जिले में अवैध फ्लाई ऐश के समुचित निपटान एवं पर्याप्त व्यवस्था किये बिना परिवहन करते पाये जाने पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। जनवरी 2023 से आज तक अवैध एवं अनियंत्रित निपटान एवं समुचित व्यवस्था किये बिना परिवहन करते पाये जाने पर 1500 रूपये प्रतिटन के अनुसार 30 लाख 88 हजार 182 रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगायी गई है।
क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी अंकुश साहू ने बताया कि इसके अतिरिक्त मेसर्स आर.के.एम.पॉवरजेन प्रा.लि.ग्राम.उच्चपिण्डा, तहसील-डभरा, जिला-सक्ती पर क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने हेतु क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, बिलासपुर को पत्र प्रेषित किया गया है साथ ही मेसर्स जे.एस.डब्ल्यू इस्पात स्पेशल प्रोडक्ट्स लिमिटेड, ग्राम-नहरपाली, जिला-रायगढ़, मेसर्स जिंदल पॉवर लिमिटेड, तमनार, जिला-रायगढ़ एवं मेसर्स एन.टी.पी.सी.लिमिटेड, लारा सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट, ग्राम-लारा, तह-पुसौर, जिला-रायगढ़ को नोटिस जारी कर फ्लाई ऐश परिवहन एवं अपवहन व्यवस्था में सुधार हेतु निर्देशित किया गया।
उद्योग मेसर्स जिंदल पॉवर लिमिटेड, तमनार द्वारा सडक़ परिवहन के द्वारा कोल माईस में फ्लाई ऐश अपवहन के स्थान पर स्लरी पाईप लाईन के माध्यम से फ्लाई ऐश उद्योग से सीधे गारे पेलमा सेक्टर, कोल माईंस में अपवहन करने हेतु कार्ययोजना तैयार कर मंडल से अनुमति हेतु आवेदन किया गया है। स्लरी पाईप लाईन के माध्यम से फ्लाई ऐश के अपवहन किये जाने से अवैध अपवहन एवं समुचित व्यवस्था बिना परिवहन की समस्या का पूर्णतरू समाधान किया जा सकेगा।
फ्लाई ऐश अवैध निपटान एवं परिवहन पर निगरानी तंत्र को मजबूत करने के साथ त्वरित कार्रवाईकरने हेतु पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग रायगढ़ के साथ अंतर विभागीय आपसी तालमेल के साथ कार्रवाई की जा रही है। रायगढ़ जिले में आम जनमानस की सुविधा एवं अवैध फ्लाई ऐश निस्तारण एवं समुचित व्यवस्था किये बिना परिवहन शिकायत को सुगम बनाने फ्लाई ऐश वॉट्स ऐप हेल्प लाईन नंबर 7987033406 जारी किया गया है। जिस पर भेजे गये अवैध डंपिंग एवं परिवहन की शिकायत प्राप्ति पर मंडल द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाती है। फ्लाई ऐश वॉट्स ऐप हेल्प लाईन नंबर के प्रचार-प्रसार हेतु फ्लाई परिवहनकर्ता वाहनों पर हेल्प लाईन नंबर उल्लेखित कराना अनिवार्य किया गया है जिसका पालन करना उद्योगों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त सम्मिलित प्रयासों के द्वारा जिले में अवैध अपवहन एवं परिवहन पर पूर्णरूप से रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है।