रायगढ़

61 गांवों के ग्रामीण दाने-दाने को मोहताज, अब तक नहीं बंटा चावल
20-Nov-2022 7:21 PM
61 गांवों के ग्रामीण दाने-दाने को मोहताज, अब तक नहीं बंटा चावल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
रायगढ़, 20 नवंबर। 
एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार लोगों को मुफ्त चावल बांटने का ढिंढोरा पीट रहे हैं, दूसरी तरफ रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में इस महीने का राशन वितरण ठप है।  61 ग्राम पंचायत के हजारों घरों को राशन वितरण नहीं हो पाया है। 

सोसाइटी संचालक भंडारण नहीं होने की बात कह रहे हैं। दूसरी तरफ अफसर इस गंभीर समस्या को नजर अंदाज कर रहे हैं। सोसाइटी संचालक और प्रशासन के बीच नोकझोक के कारण ग्रामीणों को दाने- दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।

इस मामले में ‘छत्तीसगढ़’ ने अफसरों से बातचीत की तो  वे दावा कर रहे हैं कि कुछ दिनों में चावल का वितरण हो जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और  बयां कर रही है। उचित मूल्य के दुकानदारों से बाचतीत करने पर बताया कि आवश्यकतानुसार चावल नहीं भेजा गया है, इस कारण वितरण नहीं किया जा रहा है।

इस महीना मिलना है दो माह का बोनस चावल
केंद्र सरकार कोरोनाकाल के समय से राज्य सरकार के अलावा अतिरिक्त चावल दे रही है, जिसे बोनस कहा जाता है, लेकिन यह चावल भी लोगों को  नसीब नही है।

इस तरह मिलना है इस माह चावल
यदि किसी परिवार मे 5 सदस्य है तो उन्हें 35 किलो राज्यसरकार दे  केंद्र सरकार का बोनस अक्टूबर 15 किलो नवंबर 15 कुलो मतलब कुल मिलाकर 65 किलो चावल मिलना है , लेकिन अब पंचायत में मूल चावल देने के लिए चावल भी नहीं है।

सैकड़ों क्विंटल के हेराफेरी !
ग्रामीणों की माने तो यदि किसी पंचायत में 200 क्विंटल चावल का भंडारण होना है तो केवल 20 क्विंटल का भंडारण हुआ है क्योंकि 180 क्विंटल सोसाइटी में भंडारण ऑनलाइन दिखा रहा है जो कि करीब 2016-17  से  अब तक का रिकॉर्ड है । लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। सोसाइटी में 80 तो क्या 8 क्विंटल भी चावल नहीं है। चावल की हेरफेर संचालक कर चुके हैं, जिसका खामियाजा अब ग्रामीण भुगत रहे हैं।

फ्री राशन योजना में हो रही है बड़ी गड़बड़ी
केन्द्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले राशन कार्डधारियों को दिसंबर तक मुफ्त चावल दिये जाने की योजना है, बावजूद इसके जिले के कई राशन दुकान संचालक इस पूरी योजना में पलीता लगा रहे हैं, इसकी जानकारी जिले के खाद्य अधिकारी से लेकर मातहत कर्मचारियों को है, लेकिन राशन दुकानदार संचालकों से मिलीभगत के चलते इस पूरी योजना में हर महीने लाखों रूपये का राशन का गबन हो जाता है और गरीबों तक पहुंचने वाले मुफ्त चावल साहूकारों के दुकानों तक पहुंच जाते है। 

इस पूरे मामले में  ‘छत्तीसगढ़’ ने जिले के प्रभारी खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह से भी बात की और बताया कि केन्द्र सरकार की खाद्यान्न योजना के तहत मुफ्त राशन मामले में क्या कार्रवाई की गई, पहले तो वे इसकी जानकारी देने में आनाकारी करते रहे और कहा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार मिलकर इस योजना में काम कर रही है। हाल ही में 17 दुकान संचालकों पर कार्रवाई की गई है, जिसमें चार दुकान निरस्त भी हुई है। 


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