रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 9 अक्टूबर। जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र का आदिवासी गांव लामीदरहा के प्राथमिक शाला भवन पिछले 2 वर्ष से जर्जर स्थिति में है। वहीं पिछले वर्ष ही भवन के छत भरभराकर कर गिर गया था। इस घटना को लेकर स्कूल के प्रधान पाठक मदन पटेल, सोनिया खडिय़ा ग्राम सरपंच और ग्रामीणों ने कई बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार, कलेक्टर रायगढ़ के नाम भी ज्ञापन देकर नए भवन स्वीकृति की मांग करते आ रहे हैं। बार-बार पत्र व्यवहार के बाद भी प्रशासन मौन है।
सरपंच सोनिया खडिय़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन के बाद भी किसी तरह की कोई व्यवस्था शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की गई है। पालकों ने तो अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बन्द कर दिया था।
जिला शिक्षा अधिकारी आर पी आदित्य से जब इस जर्जर स्कूल को लेकर पक्ष जानने की कोशिश की गई है तो उन्होंने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही।
ज्ञात हो कि यह विद्यालय भवन 2003 में निर्माण किया गया था। आरोप है कि भवन बहुत ही घटिया तरीके से बना था, इस भवन में कालम भी नहीं लगी है। सीमेंट की मात्रा भी कम होने के कारण दीवारों व छतों में दरारें आ गई है।
इस विद्यालय में 37 छात्र छात्रएं अध्ययनरत हंै। प्रधान पाठक सहित 4 शिक्षक पदस्थ हैं। विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं है भवन के किनारे से ही ट्रैक्टर व अन्य वाहन गुजरते हैं । शौचालय की हालत भी दयनीय है। टूटफूट कर जर्जर हो गया है। बारिश होने की स्थिति में शौचालय भी नहीं पहुँच सकते। मध्यान्ह भोजन रसोईघर भी जीर्णशीर्ण स्थिति में है।
सरपंच द्वारा हमेशा से ही कलेक्टर व जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी को समय समय पर इन समस्याओं से रूबरू करतआयी है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत रायगढ़ ने पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ को दिनांक 31 मई 2022 को इस जर्जर हो चुके शाला भवन की लिखित जानकारी दे दी है बावजूद इसके शिक्षा विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे हुए हैं।


