राष्ट्रीय
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मंडी. महामारी के इस दौर में सरकार ने शादियों पर पाबंदी तो नहीं लगाई है, लेकिन उसमें जुटने वाली भीड़ को कम करने की बंदिशें जरूर लगाई हैं. बावजूद इसके लोग भीड़ जुटाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे में मंडी शहर निवासी परस राम सैनी और उनके परिवार ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है.
सीनियर सेकेंडरी स्कूल (मंडी) के प्रधानाचार्य पारस राम सैनी के इकलौते बेटे प्रांशुल सैनी की शादी की तारीख फरवरी महीने में ही तय हो गई थी. पिता के अपने बेटे की शादी को लेकर कई अरमान थे, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाना शुरू किया कि शादियां सूक्ष्म रूप में होने लगीं. बारात मंडी से गुजरात के अहमदाबाद जानी थी.
ऐसे में परिवार ने दुल्हन लाने के लिए सिर्फ दुल्हे को ही भेजना उचित समझा. दुल्हा प्रांशुल हवाई यात्रा से अहमदाबाद पहुंचा और मनोवी के साथ सात फेरे लिए. प्रांशुल के माता-पिता ने अपने बेटे की शादी में वर्चुअली भाग लिया और घर बैठे अहमदाबाद में जारी शादी समारोह को देखा और उसमें भाग लिया.
यहीं से उन्होंने वर-वधु को वर्चुअली आशीर्वाद भी दिया. पारस राम सैनी ने बताया कि उन्हें बेटे की शादी में शामिल न होने का मलाल तो है, लेकिन शादी का जो मूल महत्व है उसके पूरा होने की खुशी भी है. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि भीड़ इकट्ठी करके ही शादियां की जाएं, जब समाज पर आफत हो तो ऐसे समारोह को टालना ही बेहतर है.
प्रांशुल अपने माता-पिता का इकलौता चिराग है. बड़ी बहन की शादी वर्ष 2012 में हो चुकी है. प्रांशुल सैनी ने आईआईटी गांधीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद जर्मनी और अमेरिका में रिसर्च की. गुजरात के अहमदाबाद में नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात मनोवी से हुई और दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. वहीं उनके पिता पारस राम सैनी और माता नीरा सैनी ने अपने घर पर वर्चुअली माध्यम से शादी समारोह में भाग लिया और अन्य रिश्तेदार भी इस शादी में अपने घरों से वर्चुअली ही जुड़े और वर-वधु को आशीष दिए.