राष्ट्रीय
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मुंबई. साल 2020 को शायद ही लोग कभी भूल पाएंगे. कोरोना वायरस ने लोगों से न सिर्फ उनके अपनों को छीना बल्कि कई लोगों के सपनों को भी छीन लिया. लोगों के काम धंधे ऐसे चौपट हुए कि अपने सपनों को भूलकर उन्हें वापस अपने घर लौटना पड़ा. सिनेमा की चमचमाती हुई दुनिया पर भी इसकी मार पड़ी. कुछ ऐसा ही अपने सपनों को लेकर मुंबई आई फीमेल कैमरापर्सन सुचिस्मिता राउतराय के साथ हुआ. अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और वरुण धवन जैसे कई स्टार्स के साथ काम कर चुकीं, सुचिस्मिता अपने सपनों को लेकर वापस अपने घर पहुंच गई हैं, जहां आज परिवार का पेट पालने के लिए वह मोमोज बेचकर गुजारा कर रही हैं.
सुचिस्मिता राउतराय को क्या पता था, जिन सपनों को लेकर वह ओडिशा से मुंबई आईं, वह सपने पूरे होने से पहले टूट जाएंगे. कोरोना की मार फीमेल कैमरापर्सन सुचिस्मिता राउतराय के करियर पर ऐसी पड़ी कि कैमरा छोड़कर उन्हें हाथों में कढ़ाई और कल्छी पकड़नी पड़ी. दाने-दाने को मोहताज सुचिस्मिता आज मोमोज बेचकर घर चला रही हैं.
कटक में वह अपनी मां संग रहती हैं. वो अपने घर में अकेली कमाने वाली हैं और पिता का निधन हो चुका है. ऐसे में उनके पास मोमोज बेचने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा.
कभी बड़ी-बड़ी फिल्मों में कैमरे के पीछे अपना हुनर दिखाने वालीं सुचिस्मिता अब मोमोज बेच कर रोज के 300-400 रुपये कमा रही हैं. उनकी मानें तो लॉकडाउन से पहले उनकी जिंदगी पटरी पर चल रही थी. काम भी मिल रहा था और नए अवसर भी आते दिख रहे थे. लेकिन एक वायरस ने उनकी जिंदगी को रोशन होने से पहले ही अंधकार में डाल दिया.
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं ओडिया फिल्म इंडस्ट्री में काम करने लगी थी. साल 2015 में मुंबई आ गई. काम लोगों को पसंद आया तो बॉलीवुड में काम मिलने लगा. 6 साल तक असिस्टेंट कैमरा पर्सन के रूप में काम किया, लेकिन फिर कोरोना ने सब कुछ बदल दिया.
अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि एक समय वो अपने छोटे-मोटे खर्चे भी नहीं उठा पा रही थीं. धीरे-धीरे मुश्किलें बढ़ीं, मेरे पास अपने घर पर जाने के भी पैसे नहीं थे. अमिताभ बच्चन और सलमान खान ने मेरी और हमारी टीम की मदद की थी. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में वापसी करने की कोशिश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिली.