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सुबह 7 बजे की बीबीसी की रिपोर्ट
पराली जलाने और पटाखे जलाने के कारण पैदा हुए धुंए की वजह से राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर शनिवार शाम को वायु प्रदूषण ख़तरनाक़ स्तर तक पहुंच गया.
दिल्ली में दिवाली के मौक़े पर पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर रोक लगाई गई थी लेकिन शनिवार शाम इसका जम कर उल्लंघन हुआ और लोगों ने देर रात तक पटाखे जलाए.
दिल्ली के आनंद विहार, आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास के इलाक़ों, आईटीओ और लोधी रोड के इलाक़े में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स ख़राब स्तर पर पहुंच गया.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के हवाले से समाचार एजेंसी एनएनआई ने कहा है कि शनिवार रात 11 बजे जहां आनंद विहार में वायु में ख़तरनाक पीएम 2.5 पार्टिकल की मात्रा 481 मापी गई, वहीं आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास के इलाक़ों में पीएम 2.5 का स्तर 444 रहा. आईटीओ में पीएम 2.5 का स्तर 457 और लोधी रोड इलाक़े में 414 रहा.
वहीं आनंद विहार में वायु में पीएम 10 पार्टिकल की मात्रा 460 मापी गई, आईजीआई एयरपोर्ट के इलाक़े में पीएम 10 का स्तर 382, आईटीओ में 415 और लोधी रोड इलाक़े में 322 रहा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार दिल्ली की हवा में ख़तरनाक स्तर तक पीएम 2.5 पहुंचने में 32 फीसदी योगदान पराली जलाने से पैदा हुए धुंए का था. दिवाली के कारण जलाए गए पटाखों ने स्थिति और ख़राब कर दी.
शनिवार रात 10 बजे के आसपास दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 454 रहा.
शनिवार रात दिवाली का जश्न ख़त्म होने के बाद राजधानी के कई इलाक़ों में धुंए की एक मोटी परत देखी गई.
दिल्ली से सटे इला़कों में पराली जलाने के कारण पैदा हुए धुंए की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गिरता जा रहा था. ऐसे में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए दिवाली से ठीक पहले प्रदेश सरकार और नेशनल ग्रीन यहां पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली समेत पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और कई और केंद्र शासित प्रदेशों में भी पटाखों की बिक्री और पटाखे जलाने पर पूर्ण या आंशिक तौर पर रोक लगा दी गई थी.