राष्ट्रीय
वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखकर रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्णब गोस्वामी की अंतरिम ज़मानत याचिका को 'चयनित तरीक़े' से 11 नवंबर को सूचीबद्ध किये जाने को लेकर आपत्ति जताई है.
अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सुनवाई उनके याचिका दायर करने के अगले दिन ही हो रही है.
दुष्यंत दवे ने अपनी आपत्ति जताते हुए सेक्रेटरी जनरल से सवाल किया है कि हज़ारों लोग लंबे समय से जेलों में बंद हैं और उनके मामले हफ़्ते, महीने तक सूचीबद्ध नहीं होते हैं लेकिन जब अर्णब गोस्वामी याचिका दायर करते हैं तो उनका मामला कैसे और क्यों तुरंत ही सूचीबद्ध हो जाता है.
अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने उन्हें एक इंटीरियर डिज़ाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ़्तार किया था. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में अंतरिम ज़मानत के लिए अर्ज़ी दी थी, जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया. जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. (bbc)


